Book Title: Ravisagarji Jivan Charitra Shok Vinashak Granth Author(s): Buddhisagar Publisher: Buddhisagar View full book textPage 8
________________ पोताना मातापीताजीनी साथे. अमदावाद वेपार करवा सारु आव्या. बुद्धि अनुसारे पोते पार करता हतो अने आजीवीका चलावता हता. सद्गुरु मेळाप. खचंदजी संतोपथी आजीवीका चलावता हता अने धर्म साबन करता हता. पूर्व पुण्ययोगे तेमने वैरागी त्यागी श्रीमन् नेमसागरजी महाराजनो मेळाप थयो. श्रीनेमसागरजी कोण हता. अने तेमना गुरुन नाम { हतुं ते हकीफत कहुंछं. सागर शाखा. श्री चोवीसमा तीर्थकर श्री महावीर स्वामीनी वाट परंपर अट्टावनी पाटपर श्री हीरविजयसूरि प्र. ख्यात अकबर बादशाह प्रतिबोधक थया. तेमनाPage Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 128