Book Title: Prayaschitt Avashyak Tap evam Padaropan Vidhi
Author(s): Mokshratnashreejiji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 445
________________ आचारदिनकर (खण्ड- -४) 401 प्रायश्चित्त, आवश्यक एवं तपविधि करना आवश्यक है । पुनः, ब्रह्ममुद्रा ( ब्रह्मचारी के वेश) का परित्याग करने पर भी उसके द्वारा व्रत आदि आचार का पालन करना आवश्यक है, सूत्र उसका सूचक है। आशातना के भय से ब्रह्ममुद्रा को चिरकाल तक धारण नहीं किया जा सकता है, अतः मात्र उपवीत और शिखा के धारण करने से ही उसका सद्भाव माना जाता है । पुनः, उसमें गोदान का जो उल्लेख है, उसे दानवृत्ति का प्रारम्भ कहा जा सकता है । वर्ण में प्रवेश करने वाले के लिए ज्ञानपूर्वक दिया गया दान ही सफल माना जाता है। अज्ञानतापूर्वक दिए गए दान आदि सत्कर्म भी विपरीत फल प्रदान करते हैं । गोदान प्रथमदान क्यों कहा गया है, इसका कारण बताते हैं सभी प्रकार से उपकार करने वाली होने से आप्त पुरुषों ने गाय को सर्वोत्तम कहा है। अन्य वस्तुएँ समग्र रूप से उपकारक नहीं होती । जैसे धर्म-प्रबोध, वर्णाचार की शिक्षा, उत्तरीय, आदि रत्नत्रय से विवर्जित शूद्रों के लिए उपकारक नहीं हैं। शास्त्र के अनुसार जो आचार जिसके लिए कहा गया है, उसे ही उसका पालन करना चाहिए। ब्राह्मणत्व पूज्य रूप होने से वे दूसरों द्वारा कमदेश देने, अर्थात् आज्ञापित के योग्य नहीं होते। इसी प्रकार वे दूसरों द्वारा अपमान के योग्य भी नहीं होते हैं, निम्न कार्यों को आज्ञापित करने के योग्य नहीं मानते हैं और न कुप्रतिग्रह के योग्य होते हैं । इसी प्रकार वे अन्य व्यक्तियों की स्तुति करने के भी योग्य नहीं होते हैं । अतः इन स्थूल क्रियाओं को करने के लिए भट्टादि का बटुकरण किया जाता है । वे नाममात्र से ही रत्नत्रय की मुद्रा को धारण करते हैं । यह उपनयन संस्कार का सार है । 1 1 पाठारम्भ - संस्कार उपनयन संस्कार से दीक्षित एवं वर्णत्व को प्राप्त व्यक्ति को ही शास्त्रों का अध्ययन कराया जाता है अदीक्षित वर्णरहित व्यक्ति को शास्त्र का अध्ययन नहीं करवाया जाता है । अवर्ण वाले व्यक्ति को किसी उत्तम दिन अक्षरज्ञान करवाया जा सकता है। यह पाठारम्भ - संस्कार का सार है । - विवाह-संस्कार दम्पत्ति का जन-समुदाय की उपस्थिति में पति-पत्नी के रूप में प्रत्यक्ष मिलन को विवाह कहा जाता है । यह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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