Book Title: Pravachan Sudha
Author(s): Mishrimalmuni
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ उनके प्रवचनों मे सामयिक समस्याओं पर और जीवन की पेचीदी गुत्थियों पर बड़ा ही विचारपूर्ण समाधान छिपा रहता है, साथ ही उनमें बड़ा चुटीलापन और रोचकता भी रहती है, जो श्रोता और पाठक को चुम्बक की भांति अपनी और खींचे रखते है। इसलिए हमें विश्वास है कि यह प्रवचन साहित्य पाठकों को रुचिकर और मनोहर लगेगा। ___ श्री मरुधरकेसरी साहित्य-प्रकाशन समिति के द्वारा मुनिश्री जी का कुछ महत्वपूर्ण साहित्य प्रकाशित किया गया है, और अभी बहुत सा साहित्य, कविताएं, प्रवचन आदि अप्रकाशित ही पडा है। हम इस दिशा में प्रयत्नशील हैं कि यह जनोपयोगी साहित्य शीघ्र ही सुन्दर और मनभावने रूप में प्रकाशित होकर पाठकों के हाथों में पहुंचे । इन प्रवचनो का संपादन मुनिश्री के विद्याविनोदी शिष्य श्री सुकन मुनि जी के निर्देशन मे किया गया है । अतः मुनिश्री का तथा अन्य सहयोगी विद्वानो का हम हृदय से आभार मानते है । पुस्तक को मुद्रण आदि की दृष्टि से आधुनिक साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत करने मे श्रीचन्दजी सुराना 'सरस' का हार्दिक सहयोग हमे प्राप्त हुआ है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। अव यह पुस्तक पाठको के हाथो में प्रस्तुत है- इसी आशा के साथ कि वे इसके स्वाध्याय से अधिकाधिक लाभ उठायेंगे । -पुखराज सिशोदिया अध्यक्ष श्री मरुधर केसरी साहित्य प्रकाशन समिति

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 414