Book Title: Pratikraman Sutra
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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४१६
अनुक्रमणिका. अनुक्रमांक. ग्रंथोनां नाम.
पृष्ठांक. ३ बीजं पांच प्रकारना अनिगमनुं स्वरूप तेनुं द्वार ... ३७६ ४त्रीजुं बे दिशिनुं छार, तथा चोथु त्रण अवग्रह छार.३ए तथा ३७६ ५ पांचमुंत्रण प्रकारें चैत्यवंदन करवानुं छार. .... .... ३ए ६ बहुं प्रणिपात हार तथा सातमुं नमस्कार द्वार....... .... ३एए ७ देव वंदनाधिकारें जे नवकारप्रमुख नव सूत्रां आवे बे,
तेमना हलवा नारी अदरोनी संख्या, श्रापमुं हार, तथा पदसंख्यानुं नवमुं छार अने संपदानुं दशमुं हार कडं बे. ४०० अगीयारमुं पांच दंगकनुं हार अने बारमुं पांच दमकने विषे देव वांदवाना बार अधिकार आवे , तेनुं छार. .... ए तेरमुं चार वांदवा योग्यतुं छार, .... १० चौदमं सम्यग्दृष्टि देवोने स्मरवा योग्यतुं द्वार. .... ४१६ ११ पन्नरमुं नाम स्थापनादिक चार जिननुं छार. .... १५ शोलमुं चार थोयो, छार. ___.... .... ....४१ए १३ सतरमुं देव वांदवाना आठ निमित्तोनुं हार. .... .... ४२० १४ अढारमुं देव वांदवाना बार हेतु, छार. .... १५ उंगणीशमुं अन्नबससिएणादिक शोल गारनुं हार. .... १६ वीशमुं काउस्सग्गना उंगणीश दोषनुं छार. .... १७ एकवीशम काउस्सग्गना प्रमाण- हार. .... .... ४२४ २७ बावीशमुं श्रीवीतरागर्नु स्तवन केवे प्रकारे करवू ? तेनुं हार. ४२४ रए त्रेवीशमुं एक दिवसमां चैत्यवंदन केटली वार करवू?तेनुं छार. ४२५ २० चोवीशमुं सर्वबोल सफल करवामाटे दशथी मांसीने
चोराशी पर्यंत श्राशातनाना परिहार करवानुं छार. .... ४२६ १ देव वांदवानो विधि कह्यो बे. ११० अथगुरुवंदन जाण्यानुक्रमणिका.
१ फेटा वंदनादि कहीने वांदणां देवानुं कारण. .... ..... ४३१ २ वांदणांनां पांच नाम कह्यां बे. ....
.... ४३२ ३ वांदणानां बावीश छारनां नाम कह्यां बे..
..... ४३३ ४ पहेलुं वांदणांना पांच नामनुं हार कडं बे.
..... ४३५
४२१
.... ४२२
प्रश्६
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