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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ
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505. जैन, हरीन्द्र भूषण (स्व०)
जैनागम के अनुसार मानव व्यक्तित्व का विकास सागर, 1957, प्रकाशित प्रका०- सन्मति ज्ञानपीठ, लोहामण्डी, आगरा प्रथम : 1974/15.00/15 + 256 अ०- (1) अंगशास्त्र का परिचय (2) आदर्श महापुरुष (3) जैन तत्त्व-ज्ञान (4) मानव व्यक्तित्व का विकास, (5) उपासक जीवन (6) श्रमण जीवन (7) ब्राह्मण तथा
श्रमण संस्कृति (8) उपसंहार । 506. पियूष, प्रभा
आचार्य कालू एवं निशीथ : एक आलोचनात्मक अध्ययन लाडनूं, 2004, अप्रकाशित नि०- डा० हरिशंकर पाण्डेय
507. Patel, Kanjebhai
The Anuyogadvarasutra : A Study Gujrat (L.D. Institute),
Sup.-Pt. Bechardas Ji Doshi & Pt. D.D. Malvania 508. श्रीवास्तव, महेश प्रसाद
उत्तराध्ययन : एक अध्ययन गोरखपुर, 1988, प्रकाशित नि०- डा० सच्चिदानन्द श्रीवास्तव, गोरखपुर (उ०प्र०) संग्रहाध्यक्ष- प्राचीन इतिहास विभाग, अवधेश प्रताप सिंह वि० वि०, रीवां (म०प्र०) 'जैन धर्म एवं दर्शन (उत्तराध्ययन सूत्र के विशेष सन्दर्भ में) नाम से प्रकाशित प्रका०- शब्दपीठ, 743 मोती लाल नेहरु नगर, इलाहबाद-211002 प्रथम : 1991/125.00/238 अ०- (1) जैन साहित्य, (2) उत्तराध्ययन सूत्र, (3) जैनधर्म, (4) संघीय जीवन
(5) जैन आचार, (6) जैन दर्शन, (7) संस्कृति, (8) उपसंहार। 509. शर्मा, अजीत शुकदेव
आगम साहित्य में जैनाचार वाराणसी, 1969, अप्रकाशित
रीडर, दर्शन विभाग, विश्वभारती, शान्तिनिकेतन (पश्चिम बंगाल) 510. शर्मा, जगदीश नारायण
नियुक्ति चूर्णि और टीका के आधार पर आचारांग का परिशीलनात्मक अध्ययन
बिहार, 1914, अप्रकाशित Jain Education International For Private & Personal Use Only
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