Book Title: Prakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Author(s): Kapurchand Jain
Publisher: Kailashchandra Jain Smruti Nyas

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Page 206
________________ 198 Bibliography of Prakrit and Jaina Research 1084. जैन, नीलम जिनेन्द्र वर्णी के साहित्य में निहित मानवीय मूल्यों का विवेचनात्मक अध्ययन सागर, 2002, अप्रकाशित नि०- डा० रमेश दत्त मिश्र, सेवानिवृत्त प्राचार्य D/o श्री जिनेन्द्र कुमार जैन, (हटावाले) दमोह (म०प्र०) आयुर्वेद/चिकित्सा AYURVEDA 1085. Jain, Rekha Contribution of Jainism to Ayurveda .... , ..............., Published. 1086. जैन, शकुन्तला आयुर्वेद के विकास में जैनाचार्यों का योगदान : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में (वैदिक काल से सत्रहवीं शती तक) विक्रम, 2000, अप्रकाशित नि०- डा० एस० पी० उपाध्याय, इतिहास विभाग, वि० वि० वि०, उज्जैन 1087. Betal, Chintaharan Effects of the Preksha Meditation on Drug Abuser's Personality Ladnun, 1999, Unpublished. Sup.-Dr. B.P. Goud संगीत MUSIC 1088. अग्रवाल, लक्ष्मीवाला (श्रीमती) आचार्य पार्श्वदेवकृत संगीतसमयसार का आलोचनात्मक अध्ययन आगरा, 1989, अप्रकाशित नि०- डा जयकिशन खण्डेलवाल, आगरा 1089. Jain, Asita References to Indian Music in Jain Works. Delhi, 1993, Unpublished. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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