Book Title: Prakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Author(s): Kapurchand Jain
Publisher: Kailashchandra Jain Smruti Nyas

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Page 204
________________ 196 Bibliography of Prakrit and Jaina Research - 1073. गोदीका, निर्मला (श्रीमती) पर्यावरण सन्तुलन : जैन धर्म व संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में राजस्थान, 2002, अप्रकाशित नि०- डा० पी० सी० जैन, जयपुर W/o श्री वी० के० गोदीका, उपमहानिरीक्षक (पुलिस), जयपुर 1074. जैन, मीना महाकवि ज्ञानसागर के साहित्य में पर्यावरण संरक्षण बरेली, 2000, अप्रकाशित नि०- डा० रमेशचंद जैन, बिजनौर C/o श्री प्रसन्न कुमार जैन, 63 सरायपुरा, ललितपुर (उ०प्र०) शाकाहार विज्ञान VEGETARIAN SCIENCE 1075. जेटमल, जय सिंह प्रेक्षाध्यान और आहार : एक अनुशीलन लाडनूं, 2004, अप्रकाशित नि०- डा० समणी शान्ति प्रज्ञा 1076. चौहान, नीरजा (श्रीमती) आचार्य महाप्रज्ञ साहित्य के सन्दर्भ में जीवन विज्ञान : एक अनुशीलन लाडनूं, 2004, अप्रकाशित नि०-- डा० समणी स्थित प्रज्ञा 1077. जैन, अर्चना सामिष और निरामिष आहार का बच्चों के संवेगात्मक विकास पर प्रभाव सागर, 1996. प्रकाशित 'संवेग और आहार' नाम से प्रकाशित प्रका०- ज्ञानोदय विद्यापीठ, भोपाल (म०प्र०) प्रथम : 1998/25.00/120 अ०- (1) संवेग का स्वरूप एवं संवेगात्मक विकास (2) मानव आहार : तुलनात्मक परिचय (3) आहार और मानव व्यवहार : पूर्व शोधकार्य (4) अध्ययन की विधि एवं प्रक्रिया (5) परिणामों का विश्लेषण एवं विवेचना (6) परिशिष्ट। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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