Book Title: Prakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Author(s): Kapurchand Jain
Publisher: Kailashchandra Jain Smruti Nyas

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Page 208
________________ 200 Bibliography of Prakrit and Jaina Research प्रका०- सिद्धश्री प्रकाशन, सी 235-ए, दयानन्द मार्ग, तिलक नगर, जयपुर-203004 प्रथम : 1990/200.00/344 अ०- (1) सांस्कृतिक चेतना और जैन धर्म, (2) जैन पत्रकारिता : उद्भव और विकास, (3) सामाजिक चेतना और जैन पत्रकारिता, (4) राजनैतिक चेतना और जैन पत्रकारिता, (5) धार्मिक-आध्यात्मिक चेतना और जैन पत्रकारिता, (6) साहित्यिक चेतना और जैन पत्रकारिता, (7) कला एवं पुरातात्त्विक परम्परा और पत्रकारिता, (8) उपसंहार, परिशिष्ट- (क) (ख)। अन्य + अपूर्ण + अज्ञात JAINA PSYCHOLOGY AND GEOGRAPHY 1095. जैन, मीना (श्रीमती) जैन महिलाओं में सामाजिक धार्मिक एवं आर्थिक चेतना का स्वरुप सहा० प्राध्यापिका-शा० कन्या महाविद्यालय, खण्डवा (म०प्र०) 1096. Mishra, Yugal Kishore Asceticism in Ancient India Bihar,............, Published. Pub.- Vaishali First: 1987/38.00/18+ 120 Chap.- (1) Introduction, (2) The Ascetic Ideals and Practices, (3) The Relation of Asceticism to Religion and Philosophy, (4) A Critique of the Ascetic Tradition, (5) Asceticism and society. 1097. मुनिश्री, राजेन्द्र जी महाराज (साहित्य महोपाध्याय) जैन साहित्य में कृष्ण का चरित्र सम्मेलन, 1984, प्रकाशित (प्राकृत भारती, जयपुर) C/o श्री कुन्दनमल सुराणा, 8 सत्यनारायण मार्ग, पाली (राज०) 1098. सिंह, रीता (श्रीमती) जैन साहित्य में कृष्ण कथा वाराणसी, 1989, अप्रकाशित नि०- डा० सागरमल जैन, वाराणसी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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