Book Title: Prakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Author(s): Kapurchand Jain
Publisher: Kailashchandra Jain Smruti Nyas

Previous | Next

Page 148
________________ 140 719. जैन, ममता आर्यिका ज्ञानमती माता विरचित कल्पद्रुम विधान : एक अध्ययन मेरठ, 2000, अप्रकाशित नि०- डा० सुशीला शर्मा, हिन्दी विभाग, विद्यावती मुकन्दलाल गर्ल्स कालेज, गाजियाबाद (उ०प्र०) 720. जैन, योगेशचन्द Bibliography of Prakrit and Jaina Research (लघु प्रबन्ध ) जैन श्रमण : स्वरूप और समीक्षा राजस्थान, 1988, प्रकाशित प्रका०- मुक्ति प्रकाशन, अलीगंज (एटा) उ०प्र० प्रथम : 1990 / 30.00/22 + 319 अ०- (1) जैन श्रमण : विभिन्न धार्मिक, ऐतिहासिक, साहित्यिक परिप्रेक्ष्य में तथा संघ और सम्प्रदाय, ( 2 ) श्रमण का स्वरूप / अट्ठाइस मूलगुण (3) जैन श्रमण की आचार संहिता, (4) जैन श्रमण के भेद-प्रभेद और उनका अवदान, (5) उपसंहार । 721. Jain, Shiv Kumar (Muni) The Doctrine of Liberation in Indian Religion with special reference to Jainism. Patiyala, 1978, Published. Sup.- Dr. Lalmani Joshi, Patiyala ( हिन्दी अनुवाद भी 'भारतीय धर्मों में मुक्ति विचार' नाम से प्रकाशित ) प्रका० - अ० भा० जैन विद्वत्परिषद् - 235 ए, दयानन्द मार्ग, तिलक नगर, जयपुर (राज0) प्रथम : 1988/ 80.00/ 16 + 212 अ० - (1) जैन परम्परा : एक सिंहावलोकन, ( 2 ) आत्मा का सिद्धान्त, (3) कर्म और पुनर्जन्म (4) मुक्ति का जैन सिद्धान्त, ( 5 ) मुक्ति का वैदिक सिद्धान्त, ( 6 ) बौद्ध निर्वाण सिद्धान्त, ( 7 ) मुक्ति का सिख सिद्धान्त, (8) उपसंहार, ( 9 ) परिशिष्ट । 722. जैन, शैलेष (श्रीमती) जैन आचार संहिता का समीक्षात्मक अध्ययन आगरा, 1993-94 अप्रकाशित नि०- डा० सन्तोष शर्मा, प्राचार्या, महात्मागांधी महाविद्यालय, फिरोजाबाद (उ०प्र०) W/o डा० पी० के जैन, आई सर्जन, आम्रपाली के सामने, गढ़ रोड़, मेरठ 723. जैन, सन्ध्या (श्रीमती) जैन गृहस्थ चर्या सागर, 1995, अप्रकाशित नि०- प्रो० श्रीधर मिश्र, इतिहास विभाग, सागर (म०प्र०) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244