Book Title: Prakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Author(s): Kapurchand Jain
Publisher: Kailashchandra Jain Smruti Nyas

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Page 199
________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ 191 1040. जैन, कृष्णा जैन आगम साहित्य में प्रतिबिम्बित राजनीतिक सामाजिक जीवन राजस्थान, 1990, अप्रकाशित नि०- डा० सुशीला अग्रवाल, राजनीति विभाग, राज० वि० वि०, जयपुर (राज०) 1041. Jain, Chaman Lal Political Philosophy of Acharya Hemchandra Agra, 1973, Unpublished. 1042. जैन, फेरुमल या पुष्यमित्र सोमदेव : एक राजनीतिक विचारक आगरा, 1964, अप्रकाशित 1043. जैन,विजयलक्ष्मी जैन साहित्य में निर्दिष्ट राजनैतिक सिद्धान्त (छठी से ग्यारहवीं शती तक) आगरा, 1978, प्रकाशित प्राचार्या-मूर्ति देवी जैन इन्टर कालेज, नजीबाबाद (उ०प्र०) 'जैन राजनैतिक चिन्तन धारा' नाम से प्रकाशित प्रका०- आ० ज्ञा० केन्द्र, व्यावर (राज०) प्रथम : 1995/75.00/176 अ०- (1) सातवीं शताब्दी से पूर्व की भारतीय राजनीति, (2) सातवीं से दसवीं शताब्दी तक के प्रमुख जैन राजनीतिक विचारक और उनका योगदान, (3) राज्य, (4) राजा, (5) राजकुमार, (6) मन्त्रिपरिषद और अन्य अधिकारी, (7) द्वीप एवं दुर्ग, (8) बल अथवा सेना, (9) न्याय एवं प्रशासन व्यवस्था, (10) अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध, (11) उपसंहार। 1044. Jain, S.S. (Shyam Singh) Nature of Polity in Jaina Literature Lucknow, 1954, Unpublished. 1045. जैन, सरोज (ब्र०). प्रमुख जैन पुराणों में प्रतिपादित राजनीति : एक समीक्षात्मक अध्ययन इन्दौर, 2002, अप्रकाशित नि०- सुश्री डा० उषा तिवारी 1046. Moharill, B.V. A Critical Study of the Monastic and Ascetic Life in Jainism together with social and political life based upon Nayadhammakahao Nagpur, 1972, Unpublished. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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