Book Title: Prakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Author(s): Kapurchand Jain
Publisher: Kailashchandra Jain Smruti Nyas

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Page 200
________________ 192 1047. शर्मा, एम० एल० तिवाक्यामृत में राजनीतिक आदर्श एवं संस्थायें लखनऊ, 1965, प्रकाशित नि०- डा० राजकुमार दीक्षित 'नीतिवाक्यामृत में राजनीति' नाम से प्रकाशित प्रका० भा० ज्ञा०, नई दिल्ली प्रथम : 1971 / 15.00/8 + 248 अ०- (1) भारत में राजनीतिशास्त्र के अध्ययन की परम्परा, (2) सोमदेव सूरि और उनका नीतिवाक्यामृत, (3) राज्य (4) राजा, (5) मन्त्रिपरिषद्, (6) दुर्ग (7) कोष, (8) सेना अथवा बल, (9) राष्ट्र (10) अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध, ( 11 ) न्याय-व्यवस्था, (12) निष्कर्ष (13) नीतिवाक्यामृत का मूल सूत्रपाठ । 1048. साध्वी, मधुस्मिता जी भारतीय राजनीति : जैन पुराण साहित्य के सन्दर्भ में प्रकाशित, गुजरात, नि०- डा० प्रवीण न० सेठ प्रका० - श्रीमती दुर्गादेवी नाहटा, चैरिटी ट्रस्ट, 21 आनन्दलोक, नई दिल्ली प्रथम 1991 / सदुपयोग / 232 अ०- (1) भारत में राजनीति शास्त्र की प्राचीन परम्परा, (2) जैन पुराण साहित्य का परिचय, (3) जैन पुराण साहित्य में राजनीति (4) राज्य एवं राजा, (5) शासन व्यवस्था, (6) न्याय व्यवस्था, ( 7 ) नगरादि व्यवस्था, (8) अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध । 1049. सिंह, फतेहसिंह Bibliography of Prakrit and Jaina Research बौद्ध तथा जैन साहित्य में वर्णित राजतन्त्र का तुलनात्मक अध्ययन वाराणसी, 1974, अप्रकाशित जैन मनोविज्ञान एवं भूगोल JAINA PSYCHOLOGY AND GEOGRAPHY 1050. अजय कुमार जैन आगम साहित्य का मनोवैज्ञानिक अध्ययन बिहार, 1993, अप्रकाशित नि०- डा० लालचन्द जैन 1051. ईश्वर दयाल प्राचीन जैन प्राकृत वाङ्मय में वर्णित भूगोल मगध, 1988, अप्रकाशित एशियायी अध्ययन विभाग, सूर्योदय महाविद्यालय गंज, भडसरा (रोहतास), बिहार- 802218 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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