Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan

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Page 397
________________ 47. कप्पूरमंजरी-राजशेखर, सं. मनमोहन घोष, यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, सन् 1939 ई. तथा स्टेन कोनो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज, सन् 1901 ई.। प्राकृत शोध संस्थान, वैशाली, 1975। 48. कार्तिकेयानुप्रेक्षा- रायचन्द्र ग्रन्थमाला, आगास, 1960। 49. कालकाचार्यकथा- प्रो. एन. डब्ल्यू ब्राउन कृत स्टोरी ऑफ कालक के अन्तर्गत, वाशिंगटन, सन् 1933 ई.। 50. कुन्दकुन्द प्राभृत संग्रह- सं.पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री, जीवराज जैन ग्रन्थमाला, सोलापुर, सन् 1960 ई.। 51. कुमारपालचरित- हेमचन्द्र, सं. डॉ. पी. एल. वैद्य, भण्डारकर ओरियण्टल इन्स्टीट्यूट, पूना सन् 1936 ई.। 52. कुमारपाल प्रतिबोध- सोमप्रभाचार्य, सं.मुनि जिनविजय, गायकवाड़ओरियन्टल सीरीज, बड़ौदा, सन् 1920 ई.। . 53. कुम्मापुत्तचरियं = अनन्तहंस, सं.प्रो. के. बी. अभ्यंकर, गुजरात कालेज, अहमदाबाद सन् 1933 ई.। 54. कुवलयमाला- उद्योतनसूरि, सं.ए. एन. उपाध्ये, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्या भवन, बम्बई 1959 ई.। 55. गउडवहो-हरिपाल टीका सहित, सं.शंकर पाण्डुरंग, भाण्डारकर ओरियन्टल ___इन्स्टीट्यूट, पूना, सन् 1927 ई., प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, 1969। 56. गाथासहस्री- प्राचीन पुस्तकोद्धारक फण्ड, सूरत, 1940 ई.। 57. गाहासत्तसई- कवि हाल, गंगाधर भट्ट टीका सहित, काव्यमालाग्रन्थांक 31, निर्णयसागर प्रेस, बम्बई । बेबर द्वारा जर्मन अनुवाद, 1881 58. गोम्मटसार (जीवकाण्ड और कर्मकाण्ड)- आचार्य नेमिचन्द्र, सं. जे. एल. जैनी, सेक्रेड बुक्स ऑफ जैन्स, आरा, ग्रन्थ-5, 6, 7 तथा हिन्दी अनुवाद, रामचन्द्रशास्त्रमाला, बम्बई, सन् 1927-28 ई.। 59. चंदप्पहचरियं-जिनेश्वरसूरि, महावीर ग्रन्थमाला, वि. सं. 1992 । 60. चंदलेहा- रुद्रदास,सं.डॉ.ए. एन. उपाध्ये, भारतीय विद्याभवन, बम्बई, सन् 1945ई.। प्राकृत रत्नाकर 0 389

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