Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
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146. विधेयमंजरी- आषाढ़, बालचन्द्र-टीका, विविध साहित्यशास्त्र माला, . बनारस, वि.सं. 1975। 147. विशेषावश्यकभाष्य-ऋषभदेव केशरीमल संस्था, रतलाम, 1936-37। 148. वृत्तजाति समुच्चय- राजस्थान ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, जोधपुर, 1962। 149. व्यवहारसूत्र-शूबिंग द्वारा सम्पादित, हम्बर्ग, 1966। 150. व्यवहारभाष्य- आगमोदय समिति, बम्बई। 151. व्याख्याप्रज्ञप्ति (भगवतीसूत्र)- आगम प्रकाशन, व्यावर, जे. डेलु द्वारा
वियाहपण्णत्ति, बेल्जियम, 1970 ई.। 152. शतक (कर्मग्रन्थ-5)- सं.पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री, लोहामण्डी, आगरा,
सन् 1942 ई.। 153. श्रीकृष्णचरितम्- देवेन्द्रसूरि, ऋषभदेव केशरीमल श्वेताम्बर, रत्नपुर
(मालवा), सन् 1938 ई.। 154. षडशीति (कर्मग्रन्थ-4)-हिन्दी अनुवाद सहित, लोहामण्डी, आगरा, सन् 1927 ई.। 155. षड्भाषाचन्द्रिका- के. पी. त्रिवेदी, बम्बई, 1916 ई. 156. स्वयम्भूछन्द- राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर, 1962। 157. समयसार-कुन्दकुन्द, सं.प्रो. चक्रवर्ती, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, सन् 1950 ई.। 158. समराइच्चकहा-हरिभद्रसूरि, सं.डॉ. हर्मन याकोबी, बंगाल एशियाटिक
सोसायटी, कलकत्ता, सन् 1926 ई.।, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली। 159. समाचारी-तिलकाचार्य, डाह्याभाई मोकमचन्द्र, अहमदाबाद, वि.सं. 1990। 160. सावयपण्णत्ति-हरिभद्र, ज्ञानप्रसारक मण्डल, बम्बई, वि.सं. 1961। 161. सन्मतिप्रकरण- श्वेताम्बर एज्युकेशन बोर्ड, 1939। 162. सिद्धपाहुड- आत्मनन्द जैनसभा, भावनगर, सन् 1921 ई.। 163. सिद्धहेमशब्दानुशासन- पी. एल. वैद्या, पूना 1936, 1958 ई., प्यारचन्द
महाराज, व्याबर (दो भाग), आगम-समता-प्राकृत संस्थान, उदयपुर,
20021
प्राकृत रत्नाकर 0395
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