Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan

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Page 426
________________ 373.318 374.318 विक्कमसेणचरियं विचारसार प्रकरण विदेशों में प्राकत अध्ययन विदेशों में अपभ्रंश अध्ययन विपाकसूत्र, विवागसुयं विमलसूरि विवाहपडल विविध तीर्थकल्प विवेकमंजरी विशेषावश्यक भाष्य वीरदेवगणि वीरसेनाचार्य वैदिक भाषा एव प्राकृत वैदिक युगीन बोलियां वैराग्यरसायनप्रकरण वैराग्यशतक व्यवहारभाष्य व्यवहारसूत्र व्याख्याप्रज्ञप्ति (भगवतीसूत्र) वृत्तिजाति समुच्चय शांतिसूरि पाइय टीका शांतिसूरि शास्त्री , नेमिचन्द्र शास्त्री , फूलचन्द्र शास्त्री , बालचन्द्र शिलालेखीय प्राकृत शिवार्य 418 0 प्राकृत रत्नाकर 375.318 376.320 377.322 378.323 379.323 380.323 381.324 382.324 383.326 384.327 385.327 386.331 387.333 388.334 389.334 390.335 391.335 392.336 393.337 394.337 395.338 396.339 397.339 398.340 399.341

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