Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan

View full book text
Previous | Next

Page 428
________________ संतिनाहचरियं संवेरंगशाला संक्षिप्तसार संबोधसप्ततिका साहित्यदर्पण सिद्धसेनसूरि और उनकी रचनाएं सिरिपासनाहचरियं सिरिविजयचंद केवलीचरियं सिरिसिरिवालकहा सीयाचरियं सुदंसणाचरियं, देवप्रभसूरि सुदंसणाचरियं, देवेन्द्रसूरि सुपासनाहचरियं, लक्ष्मणगणि सुमतिनाथचरित, सुमइणाहचरियं सुरसुन्दरीचरियं सुसढचरित सूत्रकृतांग, सूयगडो सूर्यप्रज्ञप्ति चन्द्रप्रज्ञप्ति सेतुबन्ध, रावणवहो सेयंसचरियं सोमप्रभसूरि स्वयंभू छंद हरिभद्रसूरि आचार्य हाथीगुंफा शिलालेख हालकवि हीरालाल जैन, प्रो हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्र मलधारी 4200 प्राकृत रत्नाकर 426.359 427.360 428.360 429.361 430.361 431.361 432.362 433.363 434.364 435.365 436.365 437.365 438.366 439.368 440.368 441.371 442.371 443.372 444.373 445.376 446.376 447.377 448.377 449.378 450.380 451.381 452.382 453.384

Loading...

Page Navigation
1 ... 426 427 428 429 430