Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan

View full book text
Previous | Next

Page 420
________________ पउमचरिउ पउमचरियं पउमनाहचरियं पद्मनन्दि मुनि परमात्मप्रकाश पंचकल्प पंचसंग्रह पंचसंग्रह चन्दर्षि पंचास्तिकाय पाइअकहासंगहो पाइअलच्छीनाममाला पाइअसद्दमहण्णवो पालि प्राकृत भाषा पासनाहचरियं, गुणचंद्रगणि पासनाहचरियं, देवभद्र पालि- प्राकृत के ज्ञाता जे जे बूल्हर पिण्डनिर्युक्ति पुफ्पचूलकहा, पुफ्पिया पिशेल रिचर्ड पुहवीचंदचरियं, सत्याचार्य पुष्पदन्ताचार्य एवं भूतवली पैशाची प्राकृत प्रकीर्णक, पइण्णय प्रकीर्णक ग्रन्थ प्रज्ञापना प्रथम प्राकृत प्रत्येकबुद्धचरित 412 0 प्राकृत रत्नाकर 212.159 213.161 214.165 215.165 216.166 217.167 218.167 219.168 220.168 221.169 222.169 223.170 224.170 225.172 226.172 227.172 228.173 229.174 230.174 231.175 232.175 233.176 234.177 235.178 236.183 237.185 238.186

Loading...

Page Navigation
1 ... 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430