Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan

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Page 418
________________ णायाधम्मकहाओ णायकुमारचरि तत्वसार, तच्चसार तरंगवा तरंगलोला तिलोयपण्णत्त त्रिलोकसार दषरुपक दशवैकालिकं, दसवैयालिय दंसणसत्तरि दिनसुद्धि दिव्यध्वनि और अर्धमागधी दिव्यध्वनि एवं कम्प्युटर दुर्गदेव दृष्टिवाद, दिट्टिवायो देवभद्र, पासणाहचरियं देवभद्र (गुणचन्द्र) देवर्द्धि क्षमाश्रमण देवसेन देवेन्द्रसूरि, सुदंसणचरियं देशीनाममाला द्रव्यपरीक्षा द्वादशकुलक धनपाल धम्मकहाण धम्मपद की प्राकृत धनेश्वरसूरि सुरसुंदरीचरियं 410 प्राकृत रत्नाकर 158.126 159.127 160.128 161.129 162.130 163.131 164.133 165.133 166.133 167.135 168.135 169.135 170.136 171.137 172.138 173.138 174.139 175.139 176.139 177.140 178.140 179.141 180.142 181.142 182.142 183.142 184.142

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