Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
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118. शर्मा, गोवर्धनदास - प्राकृत और अपभ्रंश का डिंगल साहित्य पर प्रभाव, 119. शास्त्री, इन्द्रचन्द - जैन इपिस्टोमोलाजी, वाराणसी, 1990 120. शास्त्री, धर्मेन्द्र - तिलोयपण्णत्ति का सांस्कृतिक मूल्यांकन, वैशाली, 2009 121. शास्त्री, कैलाशचन्द्र - कार्तिकेयानुप्रेक्षा, आगास, 1960 122. शास्त्री, देवेन्द्रकुमार - सम्मइसुत्तं, इन्दौर, 2000 123. शास्त्री, देवेन्द्रकुमार - पाहुडदोहा, दिल्ली 2001 124. शास्त्री, नेमिचन्द्र - हरिभद्र के प्राकृत कथा साहित्य का आलोचनात्मक
परिशीलन, वैशाली, 1965 125. शास्त्री, नेमिचन्द्र - प्राकृतभाषा एवं साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास,
वाराणसी, 1966 126. शास्त्री, नेमिचन्द्र - अभिनव प्राकृत व्याकरण, वाराणसी, 1970 127. शास्त्री, नेमिचन्द्र - प्राकृत प्रबोध, वाराणसी, 1969 128. शास्त्री, देवेन्द्रमुनि - प्राकृतआगम साहित्य परिशीलन, उदयपुर, 1984 129. शास्त्री, लालबहादुर - आचार्य कुन्दकुन्द और उनका समयसार, गोहाटी,1976 130. शास्त्री, हीरालाल - वसुनंदिश्रावकाचार, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, 1952 131. साध्वी प्रियदर्शना - आचारांगसूत्र का नीतिशास्त्रीय अध्ययन, वाराणसी1995 132. साध्वी, राजश्री - आचारांग-शीलांकवृत्ति- एक अध्ययन, जयपुर, 2005 133. शाह, रमणकलाल - विलासवईकहा, अहमदाबाद, 1972 134. सिन्हा, मनीषा - जैन एवं बौद्ध आगमों में लोकधर्म, दिल्ली, 2004 135. साध्वी, विद्युत प्रभा - जीव समास, वाराणसी, 1998 136. सिकदर, जे.सी.- स्टडीज इन द भगवतीसूत्र, प्राकृत शोध संस्थान, वैशाली,1964 137. सिंह गदाधर - प्राकृत-अपभ्रंश छन्द कोश, वैशाली, 1995 138. सूरिदेव, श्रीरंजन - वसुदेवहिण्डी-भारतीय जीवन और संस्कृति की वृहत्कथा,
वैशाली, 1993 139. सूरिदेव, श्रीरंजन - अगडदत्तकहा, (सम्पादन-अनुवाद), वैशाली, 1994 140. सूरिदेव, श्रीरंजन - उपासकदशांगसूत्र, वैशाली, 2002
402 0 प्राकृत रत्नाकर
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