Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
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164. सिरिपासनाहचरियं- गुणभद्र, सं. आचार्य विजयकुमुद सूरि, मणिविजय
गणिवर ग्रन्थमाला, मु. लींच, अहमदाबाद, सन् 1945 । 165. सिरिविजयचंद केवलीचरियं-चन्द्रप्रभ महत्तरि, केशवलाल प्रेमचन्द्र केसरा,
खंभात वाया आणंद, वि.सं. 2007। 166. सिरिवालकहा-स्नशेखर सूरि, देवचन्द्रलाल भाई, जैन पुस्तकोद्धारक ग्रन्थमाला,
भावनगर, सन् 1923 ई.। 167. सीलोवदेसमाला-जयकीर्ति, हीरालाल हन्सराज, जामनगर, सन् 1909 ई.। 168. सुदंसणाचरियं-देवेन्द्र, आत्मवल्ल्भ ग्रन्थमाला वलाद (अहमदाबाद), सन्
1932 ई.। 169. सुपासनाहचरियं-लक्ष्मण गणि, सं. हरगोविन्ददास, जैन विविध शास्त्रमाला,
वाराणसी, वीर निर्वाण संवत् 2445। 170. सुरसुन्दरीचरियं-घनेश्वर सूरि, सं. हरगोविन्ददास, प्र. जैन विविध शास्त्रमाला,
वाराणसी, 1916 ई.। 171. सूत्रकृतांगसूत्र-आगमोदय समिति, बम्बई, 1917 ई., सेक्रेड बुक्स आफदईस्ट,
जिल्द 45, (अंग्रेजी अनुवाद),1895 ई., प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद
1975 ई.। 172. सूत्रकृतांग (नियुक्ति सहित)- सं.डॉ. पी. एल. वैद्य, पूना, सन् 1928 ई.। 173. सूत्रकृतांग चूर्णि- डॉ. पी. एल. वैद्य पूना, सन् 1928 ई.। 174. सेतुबंध-प्रवरसेन, निर्णयसागर प्रेस, काव्यमाला ग्रन्थांक 47, बम्बई। 175. संखित्ततरंगाई (तरंगलोला)- नेमिचन्द्र, जीवन भाई छोटा भाई झवेरी,
अहमदाबाद, वि.सं. 200। 176. संवेगरंगशाला-जिनचन्द्र, निर्णयसागर, बम्बई, सन् 1924 ई.। 177. स्थानांगसूत्र- आगमोदय समिति, बम्बई, 1918-20 ई. आगम प्रकाशन
समिति, व्याबर।
3960 प्राकृत रत्नाकर
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