Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
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131. रंभामंजरी- नयचन्द्र, सं. डॉ. पीटर्सन और रामचन्द्र दीनानाथ, निर्णयसार
प्रेस, बम्बई, 1889 ई.। 132. रयणचूडरायचरियं- नेमिचन्द्र सूरि, सं. आचार्य विजयकुमुद सूरि, प्र. मणि
विजयगणिवर ग्रन्थमाला, सन् 1942 ई.। 133. रयणसेहरनिवकहा- जिनहर्ष सूरि, सं. हरगोविन्ददास, जैन विविध शास्त्रमाला,
बनारस, सन् 1918 ई.।, प्राकृत शोध संस्थान, वैशाली, 1990 134. रायपसेणिय-सं. एन. बी. वैद्य, खादयात बुकडिपो, गाँधीरोड, अहमदाबाद,
सन् 1938 ई.। 135. रिट्ठसमुच्चय- सिंघी जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, 1945 ई. 136. लघुक्षेत्रसमास-रत्नशेखर, मुक्तिकमल जैन मोहनमाला, बड़ौदा, 1934। 137. लीलावई-कौतूहल, सं. डॉ. ए. एन. उपाध्ये, सिंघी जैन ग्रन्थमाला भारतीय
विद्या भवन, बम्बई, 1949 ई., अंग्रेजी अनुवाद, अहमदाबाद, 1985 । 138. वड्डमाणदेसना-शुभवर्द्धन, जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर। 139. वज्जालग्गं- प्रो. जूलियसलेवर, कलकत्ता, सन् 1914, 22, 44 । प्राकृत
टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद, 1969, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी,
1990। 140. वसुदेवहिण्डी- संघदास गणि, सं. मुनि चतुरविजय पुण्यविजय, आत्मानन्द
सभा, भावनगर 1930-31 ई., एल. डी. इन्स्टीट्यूट, अहमदाबाद, 1977। 141. वसुदेवहिण्डीसार-सं.वीरचन्द प्रभुदास, हेमचन्द सभा, पाटन, सन् 1917ई.। 142. वसुनन्दिश्रावकाचार- वसुनन्दि, सं.पं.हीरालाल सिद्धान्तशास्त्री, भारतीय
ज्ञानपीठ, काशी, सन् 1952 ई.। 143. विचारसार-प्रद्युम्नसूरि, आगमोदय समिति, सूरत, सन् 1923 ई.। 144. विविधमार्गप्रिपा- जिनप्रभ सूरि, सं. मुनि जिनविजय, निर्णयसागर प्रेस,
बम्बई, सन् 1941 ई.। 145. विपाकश्रुतम्- सं. मुनि ज्ञानचन्दजी महाराज, जैन शास्त्रमाला कार्यालय,
जैन स्थानक, लुधियाना (पंजाब)। पी. एल. वैद्य, पूना, 1933 ई. ।
3940 प्राकृत रत्नाकर
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