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सन् 1938 ई.। 135. रिट्ठसमुच्चय- सिंघी जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, 1945 ई. 136. लघुक्षेत्रसमास-रत्नशेखर, मुक्तिकमल जैन मोहनमाला, बड़ौदा, 1934। 137. लीलावई-कौतूहल, सं. डॉ. ए. एन. उपाध्ये, सिंघी जैन ग्रन्थमाला भारतीय
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1990। 140. वसुदेवहिण्डी- संघदास गणि, सं. मुनि चतुरविजय पुण्यविजय, आत्मानन्द
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जैन स्थानक, लुधियाना (पंजाब)। पी. एल. वैद्य, पूना, 1933 ई. ।
3940 प्राकृत रत्नाकर