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________________ 113. प्राकृत शब्दानुशासन- जीवराज ग्रन्थमाला, सोलापुर, 1954 । 114. प्राकृतसर्वस्व - प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, 1968 ई. । 115. प्राकृत हिन्दीकोश - पार्श्वनाथ विद्यालय, वाराणसी, 1987 ई. । 116. बंभदत्तचरियं - गुजरात ग्रन्थमाला कार्यालय, गांधरोड, अहमदाबाद, सन् 1937 ई. । 117. बंधसामित्त (बन्धस्वामित्व - कर्मग्रन्थ 3) - हिन्दी अनुवाद सहित, आगरा, सन् 1927 ई. । 118. बृहत्कल्पभाष्य-श्वेताम्बर सभा, रतलाम। 119. बृहत्क्षेत्रसमास-जिनभद्र, जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, वि. सं. 1977 । 120. भगवती आराधना - शिवार्य, अनंतकीर्त्ति ग्रंथमाला, बम्बई, वि.सं. 1989 । 121. भगवतीसूत्रशतक 1-20- मदनकुमार मेहता, कलकत्ता, वि.सं. 2011 यह ग्रंथ अभयदेव की टीकासहित आगमोदय समिति बम्बई द्वारा सन् 1921 ई. में प्रकाशित है और पं. बेचरदास तथा पं. भगवानदास के गुजराती अनुवाद सहित सं. 1979-1988 में चार भागों में प्रकाशित है। 122. भवभावना- म. हेमचन्द, सं. ऋषभदेव, जैन श्वेताम्बर संस्था, रतलाम, वि. सं. 1992 । 123. मलयसुन्दरीकथा - हर्टेल द्वारा जर्मन में अनुवाद, जेना, 1919 124. महाबन्ध 1-7 - हिन्दी अनुवाद सहित, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 194758 125. महावीरचरियं- नेमिचन्द्र सूरि, सं. मुनि चतुरविजय, आत्मानन्द सभा, भावनगर, वि. सं. 1973। 126. महावीरचरियं- नेमिचन्द्र सूरि, सं. मुनि चतुरविजय, आत्मानन्द सभा, भावनगर, वि. सं. 1973। 127. महिवालकहा- वीरदेवगणि, सं. हीरलाल पोपटलाल, शिहोर, वि. सं. 1998 । 128. मूलाचार - वट्टकेर, मा. दि. जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, वि. सं. 1977, 1180 1 भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, 1995 129. मूलसुद्धिप्रकरण- प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद, 1971 ई. । 130. यतिलक्षण-यशेविजय, जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, वि. स. 1965 प्राकृत रत्नाकर 393
SR No.002287
Book TitlePrakrit Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
Publication Year2012
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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