Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan

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Page 400
________________ 95. पंचसंग्रह (प्राकृत वृत्ति टीका और संस्कृत टीका)- भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1960 ई.। 96. पंचाथिकाय-कुन्दकुन्दाचार्य, प्रो. चक्रवर्तीकृत अंग्रेजी अनुवाद सहित, जैनपब्लिसिंग हाउस, आरा, 1920 ई. तथा हिन्दी अनुवाद सहित रामचन्द्र शास्त्रमाला, बम्बई 1904 ई.। 97. पंचवस्तुक-हरिभद्र, देवचन्द लालभाई पुस्तकोद्धारकफंडग्रन्थमाला, सन् 1927 ई.। 98. पंचसूत्र- लब्धि सूरिश्वरग्रन्थमाला, 1939 ई.। 99. पंडिअ धणवालकहा- संघतिलकसूरि, श्रीसंघ सूरत, वि.सं. 1997। 100. पउमचरियं- विमलसूरि, जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, सन् 1994 । प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद, 1962, 1968। 101. पवयणसार- कुन्कुन्दाचार्य (अमृचन्द्र और जयसेन संस्कृत टीका सहित) सं.डॉ. ए.एन. उपाध्ये, रामचन्द्र शास्त्रमाला, बम्बई, सन् 1935 ई.। 102. पाइअकहासंगहो- विजयदान सूरीश्वर ग्रन्थमाला गोपीपुरा, सूरत, 1952 ई.। 103. पाइअ- लच्छी नाममाला- धनपाल, अहमदाबाद, सन् 1945 ई.। 104. पाइयसद्दमहण्णवो- प्राकृत टेक्टस सोसायटी, वाराणसी, 1963 105. पासनाहचरियं- गुणचन्द्र, अहमदाबाद, सन् 1945 ई.। 106. प्रज्ञापना- महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, 1969, 1971 ई.। 107. प्रश्नव्याकरण- आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, अमूल्यचन्द्रसेन, ए क्रिटीकल एण्ट्रोडक्शन टू द पण्हवागरणं, वुर्जबुर्ग, 1936 ई.। 108. प्राकृतनुशासन- एल नित्ती डोल्ची द्वारा पेरिस से 1938 में प्रकाशित। 109. प्राकृतगलम्-सं. डॉ. भोलाशंकर व्यास, प्राकृतग्रन्थपरिषद्, वाराणसी तथा द एशियाटिक सोसायटी आँव बङ्गाल, कलकत्ता सन् 1902 ई.। 110. प्राकृत प्रकाश- अडयार लाइब्रेरी, मद्रास, 1946 ई., चौखम्बा वाराणसी, 1959, नया संस्करण 19701 111. प्राकृतरूपावतार- रायल एशियाटिक सोसायटी, 1909 ई.। 112. प्राकृतलक्षण- होएनले द्वारा कलकत्ता से 1880 में प्रकाशित, अहमदाबाद से 1929 ई.में प्रकाशित। 392 0 प्राकृत रत्नाकर

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