Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan

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Page 399
________________ 78. धम्मरसायण - माणिकचन्द्र जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, 1909, दिग. जैन परिषद्, कलकत्ता, 1990 1 79. धर्मोपदेशमालाविवरण - जयसिंह सूरि, सं. मुनि जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्या भवन, बम्बई, 1949 ई. । 80. धूर्ताख्यान - हरिभद्रसूरि, सं. डॉ. एन. उपाध्ये, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्याभवन, बम्बई, 1944 ई., डॉ. रंजन सूरिदेव द्वारा हिन्दी अनुवाद, 2006 | 81. नन्दिसूत्र - अनु. हस्तिमल्ल मुनि, रायबहादुर मोतीलालजी मूथा, सतारा, सन् 1942 ई., जैन विश्वभारती, लाडनूँ, 1976 ई. 1 82. नन्दीसूत्र (मलयागिरि टीका सहित) - आगमोदय समिति, 426 जवेरी बाजार, बम्बई, सन् 1924 ई. । 83. नन्दीसूत्रस्य चूर्णि :- हारिभद्रीया वृत्ति, श्वेताम्बर सभा, रतलाम। 84. नरविक्रमचरित-गुणचन्द्रसूरि, झवेरी अजितकुमार नन्दलाल राजनगर, वि.सं. 2008। 85. नर्मदासुन्दरीकथा - सिंघी जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, 1990 ई. । 86. नाणपंचमीकहा- महेश्वरसूरि, सं. डॉ. अमृतलाल रूपचंद गोपाणी, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्या भवन, बम्बई, सन् 1949 ई. । 87. नायाधम्मकहाओ - एन. वी. वैद्य, फर्गुसन कालेज, पूना-4, सन् 1940 ई . ।, जैन विश्वभारती, लाडनूँ, 1974 ई. । 88. ज्ञाताकर्मकथासूत्र- आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, 89. नियमसार - कुन्दकुन्दाचार्य, उग्रसेनकृत अंग्रेजी अनुवाद सहित, अजिताश्रम, लखनऊ, सन् 1931 ई.। कुन्दकुन्द भारती, नई दिल्ली, 2005 90. निमित्तशास्त्र-वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री, सोलापुर, 1941 ई. । 91. निरयावलिओ (अन्तिम पाँच उपांग) - सं. पी. एल. वैद्य, पूना, सन् 1932 ई. । 92. निरयावलिया (कल्पिका) - प्रो. गोपाणी और चौकसी द्वारा अहमदाबाद से प्रकाशित, 1934 ई., जे. डेलु - निरयावलियाओ, 1967, लाइडैन, 1969 I 93. निशीथचूर्णि - आगमोदय समिति, बम्बई, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, 957-60 । 94. पंचसंग्रह (चन्द्रर्षि) स्वोपज्ञवृत्ति - आगमोदय समिति, बम्बई 1927 ई. और मलयगिरि टीका सहित, जामनगर, 1909 ई., अहमदाबाद, 1935, 1941 ई. । प्राकृत रत्नाकर 391

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