Book Title: Prakrit Ratnakar
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
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17. आरामसोहाकहा- संघतिलकाचार्य, श्रीसंघ सूरत, वि. सं. 1997। 18. आवश्यकसूत्र - जैन शास्त्रोद्धार समिति राजकोट, 1958 ई. क्लास ब्रह्ल, ___आवश्यक स्टडीज 1, 1981 ई. जर्मनी, जैन आगम ग्रन्थमाला, बम्बई, 1977 ई. 19. आवस्सचुण्णि- श्वेताम्बर सभा, रतलाम, सन् 1928 ई.। 20. आवस्सकवित्ति टिप्पण- हरिभद्राचार्य, देवचन्द्र लालभई, अहमदाबाद। 21. इसिमंडलथोत्त-सं. यशोविजल, बड़ौदा, वि.सं. 2012। 22. इसिभासियाई- ऋषभदेव केशरीमल संस्था स्तलाम 1927 ई.प्राकृत अकादमी जयपुर,
2003, जैन विश्वभारती लाडनूं, 2011 23. उत्तराज्झयण- सं.आर. डी. वेदकर और एन. वी. वैद्य, फर्गुसन कालेज, पूना
तथा अंग्रेजी प्रस्तावना, टिप्पण आदि सहित-जार्ज चापेंटियर, उपसाला,
सन् 1914 ई.। आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर। 24. उत्तराज्झयण (सुखबोधटीका)- सं. विजयोमंगसूरि, पुष्पचन्द्र क्षेमचन्द्र, बलाद
(अहमदाबाद) सन् 1937 ई.। 25. उपासकदशांगसूत्र - आगमोदय समिति, बम्बई, 1920 ई., हार्नेल, बिब्लोभिका
इंडिका, कलकत्ता 1885-88 (अंग्रेजी अनुवाद), पी. एल. वैद्या, पूना, 1930 ई. 26. उवसग्गहर- भद्रबाहु, देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार ग्रन्थमाला, बम्बई,
सन् 1933 ई.। 27. उवदेसपद महाग्रन्थ- हरिभद्र सूरि, लालचन्द नन्दलाल, मुक्तिकमल जैन
मोहनमाला, कोठीपोल, बड़ौदा, सन् 1923-25 ई.। 28. उवदेसमाला प्रकरण- स. हेमसागर सूरि, धनजी भाई देवचन्द जवेरी, 50. 54 मीरझा स्ट्रीट, बम्बई-3, सन् 1958 ई. तथा ऋषभदेव केसरीमल
संस्था, इन्दौर सन् 1936 ई.। 29. उवएसरण्णायर (उपदेशरत्नाकर) - मुनिसुन्दर, जैन ध. दि. प्र. वर्ग पालीताना
(गुजरात), वि. सं. 19641 30. उवासगदसाओ- सं. एन.ए. गोरे, ओरियन्टल बुक एजेंसी, शुक्रवार पेठ, पूना-2, सन् 1953 ई.।
प्राकृतरत्नाकर0387
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