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वाशिंगटन, सन् 1933 ई.। 50. कुन्दकुन्द प्राभृत संग्रह- सं.पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री, जीवराज जैन ग्रन्थमाला,
सोलापुर, सन् 1960 ई.। 51. कुमारपालचरित- हेमचन्द्र, सं. डॉ. पी. एल. वैद्य, भण्डारकर ओरियण्टल
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सीरीज, बड़ौदा, सन् 1920 ई.। . 53. कुम्मापुत्तचरियं = अनन्तहंस, सं.प्रो. के. बी. अभ्यंकर, गुजरात कालेज,
अहमदाबाद सन् 1933 ई.। 54. कुवलयमाला- उद्योतनसूरि, सं.ए. एन. उपाध्ये, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय
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31, निर्णयसागर प्रेस, बम्बई । बेबर द्वारा जर्मन अनुवाद, 1881 58. गोम्मटसार (जीवकाण्ड और कर्मकाण्ड)- आचार्य नेमिचन्द्र, सं. जे. एल.
जैनी, सेक्रेड बुक्स ऑफ जैन्स, आरा, ग्रन्थ-5, 6, 7 तथा हिन्दी अनुवाद,
रामचन्द्रशास्त्रमाला, बम्बई, सन् 1927-28 ई.। 59. चंदप्पहचरियं-जिनेश्वरसूरि, महावीर ग्रन्थमाला, वि. सं. 1992 । 60. चंदलेहा- रुद्रदास,सं.डॉ.ए. एन. उपाध्ये, भारतीय विद्याभवन, बम्बई, सन् 1945ई.।
प्राकृत रत्नाकर 0 389