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शूरसेन में हुआ था और ये शौरसेनी प्राकृत में ही अपना वाक्-व्यवहार करते थे। डॉ.सुदीपजी के शब्दों में, 'इन दोनों महापुरुषों के प्रभावक व्यक्तित्व के महाप्रभाव से शूरसेन जनपद में जन्मीं शौरसेनी प्राकृत भाषा को सम्पूर्ण आर्यावर्त में प्रसारित होने का सुअवसर मिला था।' (प्राकृतविद्या, जुलाई सितम्बर 1996, पृ.6)
यदि हम एक बार उनके इस कथन को मान भी लें, तो प्रश्न यह उठता है कि अरिष्टनेमि के पूर्व नमि मिथिला में जन्मे थे, वासुपूज्य चम्पा में जन्मे थे, सुपार्श्व, चन्द्रप्रभ
और श्रेयांस काशी जनपद में जन्मे थे, यही नहीं, प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव और मर्यादा पुरुषोत्तम राम अयोध्या में जन्मे थे। यह सभी क्षेत्र तो मगध का ही निकटवर्ती क्षेत्र है। अतः इनकी मातृभाषा तो अर्धमागधी रही होगी या और कोई दूसरी भाषा। भाई सुदीपजी के अनुसार यदि, शौरसेनी अरिष्टनेमि जितनी प्राचीन है, तो फिर अर्धमागधी तो ऋषभ जितनी प्राचीन सिद्ध होती है, अतः शौरसेनी से अर्धमागधी प्राचीन ही साबित होती है।
यदि शौरसेनी प्राचीन होती, तो सभी प्राचीन अभिलेख और प्राचीन आगमिक ग्रन्थ शौरसेनी में मिलते; किन्तु ईसा की चौथी-पाँचवीं शती से पूर्व का कोई भी जैन ग्रन्थ और अभिलेख शौरसेनी में उपलब्ध क्यों नहीं होता है? पुनः, नाटकों में भी भास के समय से अर्थात् ईसा की दूसरी शती से ही शौरसेनी के प्रयोग (वाक्यांश) उपलब्ध होते हैं।
जब नाटकों में शौरसेनी प्राकृत की उपलब्धता के आधार पर उसकी प्राचीनता का गुणगान किया जाता है, तब मैं विनम्रतापूर्वक पूछना चाहूँगा कि क्या इन उपलब्ध नाटकों में कोई भी नाटक ईसा की दूसरी-तीसरी शती से पूर्व का है? यदि नहीं, तो फिर उन्हें शौरसेनी की प्राचीनता का आधार कैसे माना जा सकता है? मात्र नाटक ही नहीं, वे शौरसेनी प्राकृत का एक भी ऐसा ग्रन्थ या अभिलेख दिखा दें, जो अर्धमागधी आगमों और मागधी प्रधान अशोक, खारवेल आदि के अभिलेखों से प्राचीन हो। अर्धमागधी के अतिरिक्त जिस महाराष्ट्री प्राकृत को वे शौरसेनी से परवर्ती बता रहे हैं, उसमें हाल की 'गाथासप्तशती' ई.सन् की लगभग प्रारंभिक शतियों में रचित है और शौरसेनी के किसी भी ग्रन्थ से वह लगभग प्राचीन है।
पुनः, मैं डॉ.सुदीपजी के निम्न कथन की ओर पाठकों का ध्यान दिलाना चाहूँगा- वे प्राकृतविद्या, जुलाई-सितम्बर 1996 में लिखते हैं कि दिगम्बरों के ग्रन्थ उस शौरसेनी प्राकृत में हैं, जिससे 'मागधी' आदि प्राकृतों का जन्म हुआ। इस सम्बन्ध में मेरा उनसे