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पाठ चोवीसवाँ ।
नारायण तृपृष्ठ और बलदेव - विजय
( प्रथम नारायण और प्रथम बलदेव ) (१) पोदनपुर के राजा प्रजापति और महारानी भगवती पुत्र पृष्ठ इप युगके पहिले नारायण ये ।
(२) नारायण नृपृष्ठ भगवान् श्रेयास नाथके समयमें उत्पन्न हुए थे । इनका ही जीव पूर्व भवनें मारीचकी पर्याय में था जिसका वर्णन पाठ दशवे आया है ।
प्राचीन जैन इतिहास |
(३) इनकी द्वितीय माताने उत्पन्न बड़े भाईका नाम विजय था जो कि चलदेव था । प्रथम बलदेव यही हुआ है । विजयकी माताका नाम जयावती था ।
(४) नारायण तृष्ट
(९) तृष्ट और
प्रेमा माकि तुम
आयु चौरासी लाख वर्षकी थी ।
उन दोनों भाईयोंमें बहा भारी
नहीं था ।
(६) नारायण तु पनि नारायण अचग्रोव (जिसका वर्णन पत्र २१ में किया गया है) को युद्धमे हराया तीन
- दक्षिण भारती बने ।
(५) नारायण पान ती प्राय राज्य आदि विवृति अत्री हुलाकी है मलये नारायण को भी बदलने
मनके अनुमान भी
(८,१६
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