Book Title: Prachin Jain Itihas 01
Author(s): Surajmal Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 120
________________ ११२ पाठ चोवीसवाँ । नारायण तृपृष्ठ और बलदेव - विजय ( प्रथम नारायण और प्रथम बलदेव ) (१) पोदनपुर के राजा प्रजापति और महारानी भगवती पुत्र पृष्ठ इप युगके पहिले नारायण ये । (२) नारायण नृपृष्ठ भगवान् श्रेयास नाथके समयमें उत्पन्न हुए थे । इनका ही जीव पूर्व भवनें मारीचकी पर्याय में था जिसका वर्णन पाठ दशवे आया है । प्राचीन जैन इतिहास | (३) इनकी द्वितीय माताने उत्पन्न बड़े भाईका नाम विजय था जो कि चलदेव था । प्रथम बलदेव यही हुआ है । विजयकी माताका नाम जयावती था । (४) नारायण तृष्ट (९) तृष्ट और प्रेमा माकि तुम आयु चौरासी लाख वर्षकी थी । उन दोनों भाईयोंमें बहा भारी नहीं था । (६) नारायण तु पनि नारायण अचग्रोव (जिसका वर्णन पत्र २१ में किया गया है) को युद्धमे हराया तीन - दक्षिण भारती बने । (५) नारायण पान ती प्राय राज्य आदि विवृति अत्री हुलाकी है मलये नारायण को भी बदलने मनके अनुमान भी (८,१६ १७

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