Book Title: Paniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 06
Author(s): Sudarshanacharya
Publisher: Bramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar

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Page 16
________________ ५९९ ६०३ ६०९ षष्ठभागस्य प्रतिपादितविषयाणां सूचीपत्रम् १५ सं० विषयाः पृष्ठाङ्काः | सं० विषयाः पृष्ठाङ्काः २. कु-आदेशविकल्प: ५४८/२. विसर्जनीयादेश: ५९६ ३. न-आदेश: ५४९ | ३. य-आदेश: ५९७ {रु-आदेशप्रकरणम् | ४. लघुप्रयत्नतरादेश: १. रु-आदेश: ५५० | ५. लोपादेश: ६०० २. निपातनम् ५५१ ६. अनुस्वारादेश: ३. रु-आदेश: ५५२|७. म-आदेश: ६०४ ४. र-आदेश: ५५३ ८. मकारादेशविकल्प: ६०५ ५. उभयथा (रु:+र:) ५५३ ९. नकारादेशविकल्प: ६. द-आदेश: ५५६ | {आगमप्रकरणम्) ७. रु-आदेशविकल्प: ५५७ | १. कुकटुगागमविकल्प: ६०६ {आदेशप्रकरणम्} २. धुडागमविकल्प: ६०७ १. दीघदिश: ५५८ | ३. तुक्-आगम: २. दीघदिशप्रतिषेधः ५६१ | ४. डमुट्-आगम: ६०९ ३. उकारमकारादेशी | {आदेशप्रकरणम्) ४. ईत्-आदेश: ५६३ | १. वकारादेशविकल्प: ६१० {प्लुतादेशप्रकरणम्} | २. स-आदेश: १. अधिकार: ५६४ | ३. विसर्जनीयादेश: ६१२ २. प्लुत: (उदात्त:) ५६४|४. विसर्जनीयादेशविकल्प: ३. प्लुत: (अनुदात्त:) ५६६ ५. ४क " पावादेशौ ४. प्लुत: (स्वरित:) ५७८ / ६. स-आदेश: ६१४ ५. प्लुतविधिमाह ५८१ ७. ष-आदेश: ६. यवावादेशौ ५८३ | ८. स-आदेशविकल्प: ६१८ अष्टमाध्यायस्य तृतीयः पादः | ९. ष-आदेशविकल्प: पूर्वसंहिताप्रकरणम् | १०. नित्यं षकारादेश: {रु-आदेशप्रकरणम्) ११. नित्यं सकारादेश: ६२१ १. रु-आदेश: ५८५ | १२. स-आदेश: ६२२ २. अनुनासिकादेशाधिकारः ५८६ | १३. षकार: सकारो वाऽऽदेश: ३. नित्यमनुनासिक: ५८७ | १४. सकारादेशविकल्प: ४. अनुस्वारादेश: ५८७ | १५. सकारादेश: ६२५ ५. रु-आदेश: ५८८ | १६. बहुलं सकारादेश: ६. ऋक्षु उभयथा (रु+न्) ५९१ १७. सकारादेश: ६२८ ७. रु-आदेश: ५९२ | १८. सकारादेशविकल्प: ६२९ ___ आदेशप्रकरणम् मूर्धन्यादेशप्रकरणम्) १. लोपादेश: ५९४ | १. अधिकार: ६३० ai sm ६११ ६१२ ६१३ ६१७ ६१९ ६२० ६२३ ६२४ ६२७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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