Book Title: Paiavinnankaha Part 02
Author(s): Kastursuri, Somchandrasuri
Publisher: Rander Road Jain Sangh
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________________ 194 शब्द शब्दार्थ कथा पृष्ठ पंक्ति 81 75 9 81 77 8 81 77 81 77 21 81 77 81 77 25 81 77 81 78 6 81 75 11 81 75 12 सद्दकोसो-२ (कथानुक्रमेण) कथा पृष्ठ पंक्ति शब्द शब्दार्थ __ 80 74 4 गीजणीसुलत्ताणो जनी सुखतान पत्तापत्तवियारं मनो विया२ 1 गुणंतरलाहजणगं पी0 गुना दामन न तरेइरे समर्थ नहाती नियपारद्ध- पोतानु // 20 // विवत्तीए विपत्तिमा मणिमइयमुद्दिगं भए।उत भुद्रिा -वीट सहलं સફળ 81 75 11 कहा-८२ सोयरा સહોદર ભાઈઓ महिड्डिओ महाद्धिवान 81 75 14 तिणकट्ठभारं - લાકડાનો ભારો 81 75 14 कवद्दी जक्खो पट्टा यक्ष 81 75 14 |-गतउमझे સીસામાં 81 75 14 | रसकूविगाओ રસની કૂપિકાથી तुंबयत्तयं ત્રણ તુંબડી 81 75 15 सत्तखेत्तीए સાત ક્ષેત્રમાં कहा-८३ अव्वयं पयं અવ્યયપદ-મોક્ષને 81 75 26 नायमग्गेण ન્યાયમાર્ગ 81 75 26 26 भंजिया ભગ્ન થઈ 4 कोहारुणलोयणो अधथी दार नोवाको अच्चमाणेण अत्यंत बहुमान पूर्व कहा-८१ अणुकंपापयाणम्मि मनु महान थेण्णकारगा ચોરી કરનારા जाणपत्तं વાહણ मयणं મીણ पावनिबंधणं पार्नु // 29 // मयणिट्टिगाओटो गिहंगणम्मि ઘરના આંગણમાં मियं कलिं પરસ્પર ઝઘડો सीयालो શીયાળો तावणटुं તાપણા માટે वन्ही साग्नि पयडीकओ पेटवायो, प्रायो / तिणाईणि ઘાસ વગેરે बालचवलत्तणेण बाणपानी यंयणताथी छूढा નખાઈ आगारिज्जति પધારે છે वाहरिया બોલાવ્યો उवस्सयम्मि ઉપાશ્રયમાં मयणभंतीए મીણના ભ્રમથી महासत्तागारा મહાદાનશાળા 81 75 14 82 78 15 82 78 15 82 78 25 82 78 25 82 79 2 82 79 4 82 79 5 82 79 5 81 75 21 83 80 3 83 80 83 80 83 80

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