Book Title: Padmurtimayam Stotra panchakam Author(s): Amrut Patel Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 3
________________ जान्युआरी-2007 13 देवसुन्दरसूरि अने रत्नसिंहसूरिनो शिष्यगण विद्वान छे. बन्नेनो समय जोके लगभग समान शतकमां छे, परंतु प्रस्तुत स्तोत्रना कर्ता ज्ञानसागरसूरि ओ देवसुन्दरसूरिनां शिष्य होवा वधु सम्भव छे. कारण के रत्नसिंह-शिष्य करतां देवसुन्दरसूरि-शिष्य वधु प्राचीन छे. तथा स्तोत्र, अवचूर्णि वगेरे ग्रन्थो एमनी रचनाओ छे. रत्नसिंहसूरिशिष्य ज्ञानसागरसूरिजीना नामे मात्र विमलनाथ चरित्र छे. छतां 'विमलनाथ चरित्र' जोईने निर्णय करवो योग्य छे. संसारदावा.अने वीतरागस्तोत्र आ बने स्तोत्रोमा मात्र कर्तानां सांकेतिकनामो - 'ज्ञानाम्भःसागराभः' तथा 'श्रीज्ञानसिन्धुः' छे. साक्षात् नामो नथी अने गुरुनाम पण नथी. तथा बन्ने स्तोत्रोना कर्ता कोण ? एक ज झानसागरसूरि के अलग अलग ज्ञानसागरसूरि ? आ बाबतमा बन्ने स्तोत्रोना आन्तरसम्बन्ध खास करीने स्त्रग्धराछन्दना पद्यमां केटलीक समानता बन्ने स्तोत्रोना कर्ता एक ज होवा विषे संकेत करे छे. जेमके बन्ने स्तोत्रोमां रचना प्रौढ छे. तथा संसार०पा.स्तोत्रनुं १३९ पद्य तथा आनन्दा०पा.स्तोत्र, १५मुं पद्य, संसार०पा.स्तोत्र, १४ मुं पद्य तथा आनन्दा०पा.स्तोत्रनुं ४धुं पद्य, रचनानी केटलीक समानता धरावे छे. पोतानां उपजीव्य मुजब 'आनन्दा' पा.स्तोत्रमा ओजसगुणनी प्रौढि छे. तो 'संसारदावा'. पा. स्तोत्रमा प्रासादिकता छे. बन्नेमां तीर्थंकरनां शरीरनी उंचाई माटे एक ज शब्द 'प्रमिततनुः' छे. लाञ्छन माटे पण 'एक ज शब्द 'अङ्कः' छे, अन्तिम पद्योमां एवं शब्द छे, पोतानुं नाम संकेतमां अपायुं छे. माटे बन्ने स्तोत्रोना कर्ता एक ज होवा वधु सम्भव छे. अने ते देवसुन्दरसूरिशिष्य होवा जोईअ. टिप्पणी : १. (४) 'संसारदावा. पूर्ति-- आना कर्ता ज्ञानसागर छे' (ही.र.कापडिया जैन संस्कृत साहित्यनो इतिहास. खंड २, पृष्ठ २५८, सम्पा. आ. श्री मुनिचन्द्र सूरिजी ई.स. २००४) (४) नेमिभक्तामर, एजन, पृ. २६४ ३. भक्तामरपादपूर्तिरूप काव्यो, एजन, पृ. २५३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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