Book Title: Padmaparag Author(s): Padmasagarsuri Publisher: Shantilal Mohanlal Shah View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निवेदन परम पूज्य प्रातःस्मरणीय, शांत मूर्ति आचार्य भगवन्त श्री कैलाससागरसूरीश्वरजीना शिष्य परम पूज्य आचार्य महाराज श्री कल्याणसागरसूरीश्वरजी महाराजश्रीना प्रखर व्याख्याता शिष्यरत्न आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेबना निपाणि (कर्णाटक) चातुर्मासमां नियमित अपाता प्रवचनोमांथी अवतरण करीने पंडितजी श्री लालचंदजी ओर श्री वर्धमानभाईए. संकलन करेल छे. आ पुस्तक- सुंदर छापकाम बहु टुंक समयमां करी आपवा बदल अमो नवप्रभात प्रेसना संचालकोनो तेमज डिझाईन ब्लाक टुंक समयमा करी आपवा बदल ग्राफोक स्टुडिओना संचालकोनो अने टाईटल सुंदर रीते छापी आपवा बदल साधना प्रिन्टींग प्रेसना संचालकोनो आभार मानीओ छीए. ___ आ प्रकाशनमां कदाच काई स्खलना रही गयी होय तथा वीतराग परमात्मानी आज्ञा विरुद्ध कंई पण लखा येळू होय, ते बदल अमो “मिच्छामि दुक्कडं' आपी श्री संघनी तथा सुज्ञ वाचकोनी क्षमा याचीओ छीओ. अहमदाबाद कार्तिक शुद १ २०३६ २२-१०-७९ संघ सेवको शान्तिलाल शाह अमृतलाल शाह For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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