Book Title: Padmaparag
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Shantilal Mohanlal Shah

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Page 33
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org -- २७ गौतम बुद्ध रथ में बैठकर रास्ते से जा रहे थे। रास्तें में न वृद्ध को देखा और सारथि से कहा - "यह क्या है ? " सारथि ने जवाब दिया यह वृद्ध है- हर आदमी वृद्ध बनता हैं, और बादमें इस संसार से चला जाता है । मौत का शिकार बन जाता है Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आगे गये। वहां एक दृश्य देखा और सारथी से पूछा “यह क्या है ?" सारथी ने कहा -: " महाराज यह मुडदा है । हर इन्सान अन्त में मुडदा बनता है । इस निमित्त से बुद्ध के मन में वैराग्य भाव आया और संसार छोडकर सन्यास ग्रहण किया । बुद्ध के जीवन का यह Turninp-Point है । परमात्मा के वचन का जब सुषुप्त आत्मा पर प्रहार होता है तब वह जागृत बनती है । I भगवान के सामने हमारी पुकार यह होनी चाहिये कि - हे भगवन् । मुझे संसार नहीं चाहिए । मैं तेरे द्वार संसार की आशा लेकर नहीं आया हूँ | जन्म, जरा, मृत्यु से मुक्त होने की भावना से मैं तेरे पास आया हूँ। मेरी साधना में मुझे शक्ति दे । परमात्मा के द्वार पर जो भीकारी बनके जाता है वह कभी भी सम्राट बन के नहीं आता । अगर समर्पण की भावना से जाओगे, तो सम्राट बन के आओगे । इराण का बादशहा एक दिन मसजोद में नमाज पढ रहा For Private And Personal Use Only

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