Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya

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Page 14
________________ 13 -xvI.111] नायाधम्मकहाओ ॥सोलसमं अज्झयणं । (111) जइ णं भंते ! समणेणं ३ जाव संपत्तेणं पन्नरसमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते सोलसमस्स णं भंते ! नायज्झयणस्स के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ चंपा नामं नयरी होत्था । तीसे णं चंपाए नयरीए बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए सुभूमिभागे नामं उजाणे होत्था । तत्थ णं चंपाए नयरीए तओ माहणा भायरो परिवसंति तंजहा-सोमे सोमदत्ते सोमभूई अड्डा जाव अपरिभूया रिउव्वेयजउब्वेयसामवेयअथव्वणवेय जाव सुपरिनिट्ठिया । तेसिं माहणाणं तओ भारियाओ होत्था तंजहा - नागसिरी भूयासिरी जखसिरी सुकुमाला जाव तेसि णं माहणाणं इट्ठाओ विउले माणुस्सए कामभोए भुंजमाणा विहरति । तए णं तेसिं माहणाणं अनया कयाइ एगयओ समुवागयाणं जाव इमेयासवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था - एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमे विउले धणे जाव सावएजे अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउं । तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! अन्नमन्नस्स गिहेसु कल्लाकल्लिं विपुलं असणपाणखाइमसाइमं उवक्खडेउं परिभुजेमाणाणं विहरित्तए । अन्नमन्नस्स एयमढे पडिसुणेति कलाकल्लिं अन्नमन्नस्स गिहेसु विपुलं असणं ४ उवक्खडावेंति २ परिभुंजेमाणा विहरति । तए णं तीसे नागसिरीए माहणीए अनया कयाइ भोयणवारंए जाए यावि होत्था । तए णं सा नागसिरी माहणी विपुलं असणं ४ उवक्खडावेइ २ एगं महं सालइयं तित्तलाउयं बहुसंभारसंजुत्तं नेहावगाढं उवक्खडावेइ एगं बिंदुयं करयलंसि आसाएइ २ तं खारं कडवं अखब्बं विसभूयं जाणित्ता एवं वयासी-घिरत्थु णं मम नागसिरीए अर्धनाए अपुण्णाए दूभगाए दूभगसत्ताए दुभगनिंबोलियाए जाए णं मए सालइए बहुसंभारसंभिए नेहावगाढे उवक्खडिए सुबहुदम्बक्खए नेहक्खए य कए। तं जइ णं ममं जाउयाओ जाणिस्संति तो गं मम खिसिस्संति । तं जावतीव ममं जाउयाओ न जाणंति ताव मम सेयं एवं सालझ्यं वित्तलाउयं बहुसंभारनेहकयं एगंते गोवित्तए अनं सालाइ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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