Book Title: Navtattva Samvedan Prakaranam Author(s): Buddhisagar Publisher: Kisanlal Sampatlal Lunavat View full book textPage 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नवतत्त्वसं० प्रकरणम् स्वोपनवृत्तिः । मुद्रका-शाह गुलाबचंद लल्लुभाइ महोदय प्रिं.प्रेस-भावनगर. BEFFER SREEED 24.14 पादायन्ताक्षरेः प्रतीयमानकविनामगर्मितस्या न्त्यपद्यस्येदं चक्रम् । EFER0 444 अगत्यनी सूचना-आ ग्रंथना मुद्रणमां फलोदी(मारवाड)निवासी दानवीर शेठ श्रीमान् लूणावत किसनलालजी संपतलालजीए रु. २०२), तेमज श्रीमान् मंगळचंदजी ढड्डाए रु. २०१)नी मदद आपी छे, ते बदल आ बन्ने भाग्यशाळीओने अनेकशः धन्यवाद आपवा साथे अन्य धनिकोने पण एमर्नु अनुकरण करीने ज्ञान आराधनानो अमूल्य लाभ लेवा अभ्यर्थना छे. तेम उपर जणाव्या मुजब मदद मळेल होवाथी लागत करतां अल्प किंमत राखी छे. ते आगत रकम पण बीजा अन्थोना मुद्रणादि ज्ञानखातामा ज वापरवानी छे. इति. ++RACTERRORAN tate S AAAAAE सा। लि. प्रकाशक. For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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