Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 19
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' २ नंया० नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ अकार ] संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) मुनि दीपरत्नसागरेण सूत्राचादि 'आगमाङ्कः अरिहत० धन्नाणं भवक्खयं ३ अरिहंतमग्गगामी ५ अरिहंत० सव्वपावप्पणासणी ३ अरिहंत सिद्धपवयण० अरिहंत सिद्धपवयण० अरिहंताणं आसायणाए अरिहंत बंदणनमंसणाई अरिहो उनमुकारस्स अरूविणो जीवघणा अलसं घसिरं सुविरं अलसो चिरं न हिंडइ अलं पासायखंभाणं अलाभरोगतणफासा ३ ३ ३ ३ ३ の ४ ४ ५ ३ पुनः सूत्राच सूत्राचादि ९२४ अलियमुपायजणये १४७ अलोए पडिहया सिद्धा ९२६ अलोए पहिया सिद्धा १७९ अलोलुप अकुहए ४५१ - अलोलुयं मुहाजीवि १९ अलोले भिक्खू न रसेसु ९२१ अठोटो न रसे गिद्धो ९०८ अवउज्झिऊण माहणरूवं १४३९* अवउन्झिय मित्रावंघवं १३३ + अवणय गिव्ह य एत्तो २२५+ अवणामा दुन्नऽहाजायं ३०४७ अवणेइ तवेण तमं आगमाईः सूत्रार्थह इ ८८१ ९५९ १४२९* ~ 19 ~ ३ ५ ७ ५ ७ ७ सूत्राचादि अवत्तमपहू धेरे पंडे अबदाली उत्तसओ ४४८* अववास भाणभेदो अवयासभाण (घाव) अवरनुयस्स तत्तो ९७५* अवरद्विग विसबंधे ४७७* अवरद्धिगविसबंचे १३६९७ अवरविदेद्दे ग्रामस्स २८२* अवरविदेद्दे दो वणिया ३१९* अवरेण भवणवासी ७ २ ३ ६१* अवरोप्परसझिलगा १२१५ अवसेसं भंडगं गिझा ५ ३२० अवसो लोहरहे जुते + ३५ अवण्यवायं च परम्मुहस्स ५ ४४७५ अवसोहिय कंटगापहं आगमाङ्कः सूत्रांचं ४६८ ४९२ २४४+ ५८१ १३४८ ३४२ ४ ७ ४ ६ ३ ४ ६ ३ ३ ३ ६ ७ ७ १४ १+ १५३ ११८+ ३२४ १०२६* ६५६* ३२१*

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