Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 147
________________ आगम संबंधी साहित्य नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [भ-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्राक यहां ३ SCOR+C+CR देखीए ३ दीप क्रमांक के लिए देखीए भरहो पसमचंदो भरहो बाहुबलीवि भरुयच्छमि य विजए भरुयच्छे जिणदेवो भवणवइ वाणमंतर भवष्णबइ बाणमंतर भवणवइ प्राणमंतर मवणवइ बाणमंतर भवणवई जोइसिया भवणवणजोइवेमा० भवतण्हा लया बुत्ता भवसिद्धिओ उ जीवो भवसिद्धिया उ जीवा भंडगपासवळग्गा ११६२ भाइयपुणाणियाणं . ५८५ भावसुअ सहकरणे ३१०३८ ५३६ भाणू अ इति के वुत्ते ७ ९०८* भावसुधे पुण दुविई १४१३ भायरा मे महाराय !. ___७२४* भावस्स मणं गहणं । ७ १२४३॥ १४०१ भारिया मे महाराय! ७२६* भावस्सुबमारिता २४१ ६४+ भारेण वेयणाए न १९१ भावगंपि य दुविहं १५४ ९०+ भारे वैयग खमणगुण्ह०४ १५४+ भावमि विभत्ती .११५+ भावकरणं तु दुविहं. ७ २०१ भावाऽऽगरिसे कालं ४२७ ३४६ भावगई कम्मगई ५ १२० भावावयारमाहेशमप्पगे ६ ५६० भावचलं गंतुमणे २०६+ भावासन्नो समण्णुन०४ ४१८ +३७ भावपर्यपि य दुविहं ५ १७० भावुग अभाबुगाणि ८७९% भावापमाय पगर्न । ५२५ भाबुग अभावुम्मणि र भावबहुएण बहुगा . ३११ भावे उ वस्थिनिग्गहु ३८२ भावमभावा हेऊमहेउ १ ८५* भावे खओवसमिए ३१०४ १९+ 'भावसघेणं भंते ! ६४ भावे पसत्य इयरी. ६ ४०७ Mar ४ 'सवृत्तिक आगम 16 सुत्ताणि ~147~

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