Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 156
________________ आगम संबंधी साहित्य नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [र-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत B सूत्रांक सूत्राधनु नं.अ.आ. ओ. देखीए द.पि.उ. ॥७५॥ ४४५ दीप क्रमांक के लिए देखीए क+5555 रकार रनाइचाओऽवि य रज्जाणि उ अवहाया रणो गिहबईणं च रण्णो तणघरकरणं रणो तहिं कोसलियस्स रतिं न चेव कप्पड़ रतिपि चउरो भाए रतुण्डा उ इत्यी अट्ठ रत्तो वा दुट्ठो वा रमए पंडिए सासं रयणाणि चउब्वीसं रयण पईवे जोई रयणुप्पया य विजओ रयताण भाण धरणा ३ २१३ रयमादिरक्खणड्डा ४७९ रयहरण पट्टमेत्ता ७५* रसओ अंबिले जे उ ४४+ रसओ कडुए जे उ ७ ३७८* रसओ कसाए जे उ ४ ९२+ रसओ तिचओ जे उ ७ १००८० रसओ परिणया जे ३ १४५३ रसओ महुरए जेउ ७५८ रस कक्कच पिंडगुला ७ ३७* रसमायणहे वा ५ २५६ रसवइ पविसण पासण ६ २९९ रसस्स जीहं गहणं ७ ३५२ रसहेर्ड पडिसिद्धो १७५+|रसंतो कंदुकुंभीसु ४ ६९६ रसा पगामं न हु सेवियब्वा . ४ ७२६ रसेसु जो गेहि०(१३) ७ १२१८* ७ १४०५% रहकारपरसुमाई ७ १४०३* रहनेमिनामगो . . १४०४० रहनेमिस्स भगवओ ४४९ ७ १४०२ रहनेमी अहं भरे! ८१९ . १३९१% रहनेमीनिक्लेवो चढ०७ १४०६७ रहपडण उत्तिमंगाई १९३+ २८३ रहवीरपुर नवरं १४६४ ६ २३८ रहवीरपुर नयरं १७८ ४ ५४+ राइणियं वजेत्ता ६७१ . १२१७* राईमई विचितेइ ८११२ ६४१ राईयं च अईयारं ३ 5A5% 258 ॥७५॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ३८ ६ ~156~


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