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नन्दयादिगाथादयकारादि
नमो नमो निम्मलदसणस्स
पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित- सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
नन्दी - आदि गाथादि-अकारादिः
[आगम-संबंधी-साहित्य]
[आद्य संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह )
पुनः संकलनकर्ता मुनि दीपरत्नसागर
(M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि)
28/07/2017 शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५
jain_e_library's Net Publications
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलिता उपांग- प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
~1~
Page #2
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
POSM
देखीए
MANARWAANAANANJARNARNAWARNARNARWARIANNAANAANANAS
श्री-आगमोदयसमिति अन्थोद्धारे ग्रन्थाकः ५५. श्रीनन्दी-अनुयोगद्वार-आवश्यक-ओपनियुक्ति-दशवकालिक-पिण्डनियुक्ति-उत्तराध्ययनानां सूत्रपत्रगाथानियुक्तिमूलभाष्यभाष्याणामकारादिक्रमः अंकशुद्धिः लघुर्वृहंश्च विषयानुक्रमः ।
दीप क्रमांक के लिए देखीए
नन्द्यादिगाथाद्यकारादि
ONIANANHAANANAND
'सवृत्तिक आगम
ANAND
प्रकाशक:-श्री आगमोदयसमितेः कार्यवाहका जीवनचन्द्र साकरचन्द्र झवेरी। इदं पुस्तकं मुम्बग्यो निर्णयसागरमुद्रणालये कोलभाटवीथ्या २६-२८ तमे गृहे रामचंद्र येसु शेडगेद्वारा मुद्रयित्वा प्रकाशितम् ।
प्रतयः १२५०] बौरसंवत् १४५४, विक्रमसंवत् १९८४, सन १९२८. [वेतनं रु० २-०-.. UMUMUMNYAMUUUUUNUUMUMANUNUNUNU
सुत्ताणि
~2~
Page #3
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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप क्रमांक
के लिए देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
प्रस्तावः
श्री औपपातिकादीनां द्वादशानामुपांगानां चतुःशरणादिकानां दशानां प्रकीर्णकानां च गाथाद्यनुक्रमः भोः परमपुरुषपरमेश्वरम गीताव्याबाधाविरुद्ध हितोपदेश मात्रप्रवचनप्रवणागमामृतपानपुष्टान्तः करणाः कृतिनः ! सफलचन्त्येतस्य शास्त्रस्य साचरणश्रद्धानवृद्धि क्रियाद्वारा ग्रहणेन मे परिश्रमलेशं, प्राक्तावत् १ नन्दी २ अनुयोगद्वार ३ आवश्यक४ ओघनियुक्ति ५ दशवेकालिक ६ पिण्डनियुक्ति ७ उत्तराध्ययनसूत्राणां गाथाकारादिक्रमविषयानुक्रमयुगलान्युन्मुद्राप्य निर्णयसागरमुद्रणालये श्रीमत्याऽऽगमोदय समित्या प्रतीनां सार्धद्वादशशती प्रचारिता, पण्यं च रूप्यकद्वयं स्थापितं पश्चात्तु श्रीमालवदेशान्तर्गतश्री ऋषभदेव जी केशरीमलेत्यमिधया श्वेतांवरसंस्थया ८ आचारांग ९ सूत्रकृतांग १० स्थानांग ११ समवायांग १२ श्रीभगवत्यपराभिधव्याख्याप्रज्ञप्ति १३ ज्ञातधर्मकथा १४ उपासक १५ अन्तकृद्दशा १६ अनुत्तरोपपातिकदशा १७ विपाकश्रुत १८ प्रश्नव्याकरणांगसूत्राणां गाथाकारादिविषयानुक्रमयुगलानि श्रीइंद्रपुरीयश्रीजैनबंधुमुद्रणालयश्रीभावनगरीय महोदयमुद्रणालयद्वारा मुद्रापयित्वा पंचशती पुस्तकानां प्रचारिता, पण्यं च चतुष्टयं रूप्यकाणां धृतं ततः शेषाणां गाथाकारादिविषयानुक्रमयुगलानामुन्मुद्रणायायमुपक्रम श्रीसुरतनं गीयंजनपुस्तकप्रचाराख्यसंस्थया क्रियते । प्रत्यचात्र सार्धद्विशतीमात्राः पण्यं च सार्धं रुप्यकचतुष्टयं प्रियते । एतच्च वर्तमानयुगस्थितिप्रेक्षिणां सुशानामवभासिष्यतेऽल्पतममेव । अत्र च १९ श्री औपपातिक २० श्रीराजप्रशीय २१ जीवाजीवाभिगम २२ प्रशापना २३-२४ सूर्यचंद्रप्रशतियुग्म २५ जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति २६ उपांगपंचकमयनिरयावलिका २७ चतु णादिप्रकीर्णकदशकानां गाथाकाराद्यनुक्रमो लघुषृहन् विषयानुक्रमश्च समुन्मुद्रिताः, तत एतत्प्रयोगं यथाई कृत्वा सफलयन्तु सज्जना मे ज्ञानाभ्याससहाय मनोरथमित्याशासे । २००५ कार्तिकशुक्ला पूर्णिमा, सुरत.
श्रीभ्रमण संघसेवक आनन्दसागरः
मूल संपादकेन दत्त नंदद्यादि- आगम क्रमांक- संकेत
१. नन्दी, २. अनुयोगद्वार ३ आवश्यक ४. ओघनियुक्ति, ५. दशवैकालिक, ६. पिंडनिर्युक्ति, ७. उत्तराध्ययन.
3
~3~
Page #4
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नन्दी-आदि गाथादि-अकारादि-वर्णानुक्रम । पृष्ठांक:
वर्ण:
क्रमाक:
वर्ण:
क्रमांक:
पृष्ठांक:
०१
واهه
१५
१०८
अ-कार क-कार
| | ०५५ ।
।
१०९
०६४
१६ १७ १८
०६६
ख-कार ग-कार घ-कार च-कार छ-कार
११७ ११८ १२७
०७०
०७०
२०
१४२
|
واواه
२१
१४३
थ-कार द-कार ध-कार न-कार प-कार फ़-कार ब-कार भ-कार म-कार र-कार ल-कार व-कार स-कार ह-कार
ज-कार
گواه
२२
१४५
०९२
२३
झ-कार ट-कार ठ-कार ड-कार ण-कार त-कार
१४९ १५६ १५८ १६०
|
ર૪ २५ २६ २७ २८
०९२ ०९२ | ०९३ । ०९५ ।
__
१३ १४
१६७
। । ।
। ।
१९४
Page #5
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[नन्दी आदि गाथादि-अकारादि] इस प्रकाशन की विकास-गाथा
* यह प्रत “श्री नन्द्यादिगाथाद्यकारादि के नामसे सन १९२८ (विक्रम संवत १९८४) में 'श्री आगमोदय समिति' द्वारा प्रकाशित हुई, इस
के संपादक-महोदय थे पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी (सागरानंदसूरिजी महाराज साहेब |
* पूज्यपाद् आगमोद्धारक आचार्यदेवश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेबने 'नन्दी, अनुयोगद्वार, पिंदनिर्युक्ति, ओघनिर्युक्ति, आवश्यक, | दशवैकालिक, उत्तराध्ययन ये सात आगमसूत्रो के मूलसूत्र एवं उस पे पूर्वाचार्य रचित वृत्ति आदि का संपादन किया था । उन प्रतोमे जो मूलसूत्र, गाथा आदि थे उन सभी के 'अकारादि' क्रमांकन किये थे । वे 'नन्दी आदि सात सूत्रो के अकारादि' को इस प्रतमे प्रकाशित करवाया है । अर्थात् नन्दिसूत्र आदि सप्त सूत्रो के गाथादि-अकारादि के रचयिता, संपादक और प्रकाशक श्री आगमोद्धारक आनन्दसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब ही है ।
* पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यदेवश्रीने इसी तरह अंगसूत्रो और उपांग तथा प्रकीर्णक आदि अन्य आगमसूत्रो के सूत्रादि - अकारादि की भी रचना, संपादन और प्रकाशन किया है ।
* हमारा ये प्रयास क्यों?* आगम की सेवा करने के हमें तो बहोत अवसर मिले, अब तक मेरे प्रकाशित किये हुए पुस्तको के १,००,००० से ज्यादा पृष्ठ हो चुके है, किन्तु लोगो की पूज्यश्री सागरानंदसूरीश्वरजी के प्रति श्रद्धा तथा प्रत स्वरुप प्राचीन प्रथा का आदर देखकर हमने इसी प्रत को स्केन करवाई, उसके बाद एक स्पेशियल फोरमेट बनवाया, जिसके बीचमे पूज्यश्री संपादित प्रत ज्यों की त्यों रख दी, ऊपर शीर्षस्थान प्रत संबंधी उपयोगी माहिती लिख दी है, ताँकि पढ़नेवाले को प्रत्येक पेज पर कौनसे वर्ण का क्रम चल रहा है उसका सरलतासे ज्ञान हो शके |
* पूज्यपाद आगमोद्धारकश्री ने आगम संबंधी ५२ विषयो को वर्गीकृत किया था, आज भी उनमे से ऐसी कई प्रते मिलती है, जिसमे ये विभाजन-क्रमांक देखने को मिलते है, उनमे से थोडे विषयो का काम हुआ भी है, जो मुद्रित स्थितिमे भी प्राप्त है ।
* अभी तो ये jain_e_library.org का 'इंटरनेट पब्लिकेशन' है, क्योंकि विश्वभरमें अनेक लोगो तक पहुँचने का यहीं सरल, सस्ता और आधुनिक रास्ता है, आगे जाकर ईसिको मुद्रण करवाने की हमारी मनीषा है।
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www.
मुनि दीपरत्नसागर.
Page #6
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहा
सत्रादीनां
देखीए
१५२
उयोगवायणि
(५४
दीप क्रमांक के लिए देखीए
AAAAAACK
नन्यादिसप्तसूच्या अकारादिक्रमः लध्वी बृहती च अङ्कसूचा लघुवृहद्विषयानुक्रमौ च, तत्र
४/चिहावली. सूत्रादीनां चिढावली ॥ सूत्रम् १
२१ । एतैश्चिकैः सूत्रादीनि शास्त्रक्रमञ्च २ अनुयोगद्वाराणि १४२.५ वशवकालिकसू. ५१५ सूत्रगावा *
यः, यथाऽकारादिक्रमे 'आमि१३७३ णियोहियणाण' ३-१ एवमस्ति, ६३+
तथा च तृतीयशास्त्रस्य श्रीमद्रावमूलभाष्यं १४
२१.६ पिण्डनियुक्तिः। ६६७१ श्यकस्य नियुक्तेरियं प्रथमा गाथेति, भाष्यं + ३ आवश्यकसूत्रम् ।
2 ३७+ एवं तत्तत्सूत्रभाष्यादिषु ज्ञेयं । य
२५७+x ध्यानशतकम् । १
काराकारणकारनकारसंयोगपरक
इस्वदीर्घावेशकाविलुप्साळुप्ततादिन सपहाणिः +१
+७१
भेदभागत्र ।
८८ ओपनियुक्तिः। २८१२७ उत्तराध्ययनानि। १६४०* 1३२२+
। २१२
४५+1
१०५
'सवृत्तिक आगम
५९
१ नन्दीसूत्रम
सुत्ताणि
... जहा १ लिखा है वहा 'नंदीसूत्र' आगम समझना, इसी तरह जहा ७ लिखा है वहा 'उत्तराध्ययन' आगम समझना. ... अ-कारादि अनुक्रममे जो सूत्रांक दिये है वे सब सूत्र या गाथा इत्यादि को आगमोद्धारश्री संपादित प्रतमे दिये गये क्रमांक अनुसार समझना ... जहा '' ऐसी निशानी है वहा 'सूत्र-गाथा' समझना, जहा - निशानी है वहा मूलभाष्य समझना इस तरह उपर दिये हुए सब संकेत-चिह्नो . को स्वयम् समझ लेना चाहिए |
Page #7
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
नन्द्यादि-आगम-सप्तकस्य सूत्रादीनामकाराद्यनुक्रमणिका
सूत्राक यहां देखीए
नन्यायागमसप्तकस्य सूत्रादीनामकारायनुक्रमणिका ।
आगमाकः सूत्रायः
दीप क्रमांक के लिए देखीए
4MALANGACASSOSORRES
७ ३ ५
१०९३* १९६+ १६४*
सूत्राचादि अइतिक्खकंटयाइण्णे
अइदूरगमणफिडिओ 8| अइदूरजलंतरिया
अइबहुयं अइबहुसो | अइभारचुडणपणए अइभारचुडणपणए अइभारेण उ इरिअं अइभूमि न गच्छेज्जा अइरं फलाइपिहितं आइरित्त अहिगमासा अइरुग्गयए य सूरिए
भागमाङ्क: सूत्रायः सूत्राचादि
६५२* अइरेगगहणउग्गाहिएण
२१८+ अइरेगोवहिपडिलेहणा ६ ३३७ अइसेसइडियायरिय . ६४६
अइसेस देवया वा ___३५० अइसेसिओ व सेहं
२५ अइसेसे उप्पण्णे
१८८ अईअंमि अकालंमि० ५ ८३* अईअंमि० जत्थ संका
५६१ अईअमि० निस्संकियं ५ ३६३ अउणापण्णं जुअले ७ १३४ अकरंडुगम्मि भाणे
5000m
भागमाङ्कः सूत्राम। सूत्राचादि
४ ३११ अकलेवरसेणिमूसिया ४ १३२ अकसायाक्खायं ५ १८५ अकसिगपवत्तगाणं
१६+ अकाले चरसी भिक्खू ३०+ अकंतर्धतघाणे २५९ अक्ोसवई विदित्तु धीरे २८५* अक्कोसेज परो भिक्खं २८६* अक्खर सण्णी सम्म २८७* अक्खर सन्नी सम्म
अक्खर सन्नी सम्म ४ ६९१ अक्खरसमं पदसमं
३
'सवृत्तिक आगम
३
सुत्ताणि
५०*
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
यहां
सत्राबनुक्रमः
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
, आगमाङ्कः सूत्रायकः। सूत्राचादि भागमाङ्कः सूत्रायः। सूत्राचाहि
सूत्राः अक्खलिअसंहिआई ३ १०२७ अम्गलं फलिई दारं ५ १६८* अचणं रयणं चैव
१३७०%2 काअक्खाणेयाणि पर ५ १८+ अग्गिपयावइसोमे । २. ८९ अचंतकालस्स समूल० ७ ११५६७ ल अक्खेवणीअक्खित्ता ५ २०७ अग्गिम्मि हवी हूयह ५ १०१ अञ्चतनियाणखमा
५९९० अक्खे वराडए वा ३ १५२९ अग्गियए पव्वयए ३ १३८९ अञ्चासन्ननिरोहे दुक्खं ४ ૨૨૭ अक्खे बराडए वा ४ ३३५ अग्गिहुत्तमुहा वेया ७ ९६३* अचाहारो न सहे ३ १२८० | अक्खे बराडए वा
अग्गी अ इइ के बुत्ते ७ ८८३% अञ्चित्तमक्खियमि अगणिणिव्वावणे चेव ४५६ अग्गेणीअंमि य जरा. ३ १०३४ अथेइ कालो तूरंति
४३६* अगणिस्स य उट्ठाणं
१०x अघणघणचारिगगणे ६ १७५ अचेमु ते महाभाग! ३९२४ अगणीओ छिदिज व १६१३ अचियत्तमंतरावं ६ ३७३ अच्छिजंपि य तिविहं ६ ३६६ अगणीण व तेणेहि व ४ ४३९ अचिरोववनगाणं ३ १५७९ अच्छिमुह मजमाणो अगविट्ठस्स उ गहणं
७८ अचेलओ अ जो धम्मो . ८६० अच्छिरे माहले अच्छि० ७ १५२१* अगारिसामाइयंगाई ७ १५०* अचेलगस्स लूहस्स .. ८२९ अच्छेरगमन्भुदए । ७ २७८ | अगुत्ती बंभचेरस्स ५ २६७* अचेलगो अ जो धम्मो ७ ८४४* अच्छोडपिट्टणासु
ॐ1945454-%
'सवृत्तिक आगम
॥१॥
सुत्ताणि
~8~
Page #9
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
सूत्राचादि
अच्छोड पिट्टणासु अजयं आसमाणो य अजयं चरमाणो अ- (उ)
अजयं चिद्रुमाणो अ अजयं भासमाणो अ
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
अजयं भुंजमाणो अ
अजयं सयमाणो अ
अजराड तिनि पोरिसि अजद्दनमणुको सं
अजाणगा जन्नवाई
अजिअस्स कुमारतं
अजिइंदिय सोबहिया अजियप्पओगकरणं
६
५
५
५
आगमाङ्कः सूत्राचङ्कः
५.
५.
५
३
७
७
पुनः
३
५
1७
सूत्राचादि ३४ अजीवकम्मनोदव्वलेसा ३४* अजीवं परिणयं नचा
३२* अजुगलिआ अतुरंता
३३* अन आहं गणी हुंतो
३७* अजए पज्जए वावि ३६* अज्जवयाए णं भंते! ३५* अजिए पजिए बावि
२२४ + अभिलाभे गिद्धा १६१६ अनुणसुवन्नगमई ९६५* अजेव धम्मं पडिवन ० २७८ अजेवाहं ण उन्भामि
१४५ अज्झत्थविसोहीए
१९५ अज्झप्प विसोहीए
~9~
आगमाइ: सूत्राचः सूत्रायादि ७ ५४० अज्झप्पस्साणवणं
५
१३६* अज्झप्परसाणवणं
४
३१३ अज्झप्पस्साणवणं
५
४९०* अज्झयणगुणी भिक्खू
५
२९५* अझयपि य तिविहं
७
६२ अन्झयणे निक्खेवो
५
२९२* अावसाणनिमित्ते ३ ११९४ अच्झावयाणं पडिकू० १४३३* अज्झायाणं वयणं ४६८* अञ्झाविओमि एएहिं
७
७
७९* अज्झोयरओ तिविहो
७४६ अहं० पसंतचित्ते ०
७४८ अट्टहाणि वज्जित्ता
७
४
४
आगमाडः सूत्रा
५
२
७
५
३
७
३
७
७
३
६
७
७
२९
१२५*
६
३५२
१५०+
५४६
७२४
३७४*
३७७*
१२९९
३८८
१३२२#
११३२*
Page #10
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक यहां देखीए
नं.अ.आ.
ओ. द.पि. उ.
आगमानः सूत्राशकः
१०३
सूत्राघनुक्रमः
CARROR
१७८
SAOSADANGANA
दीप
४४४४
खूषाचादि भागमाता सूचाङ्गः । सूत्राधादि मागमा सूत्रायः । सूधाधादि ठाअर्ट कर च० जो ठिो ३ १५८६ अहविहकम्ममहण. . २८७ अह्राए अणवाए,
अट्टै कई प० जो निवन्नो ३ १५९२ अढविहकम्मरोगा५ ३६७ अडाणवाहिसाऽकम्हा अट्ट रुई प० जो निसन्नो ३ १५८९ अट्ठविहगोयग्गं तु . ११२२७ अट्ठारस र सहस्सा अट्ट रुई धर्म सुकं ३ ५ अट्ठविहं कम्मचर्य ५ ३१९ अट्ठारस ठाणाई. अट्ठ कम्माई बुच्छामि ७ १२६७* अट्ठविहं कम्मरयं ३ १०७९ अट्ठारस पुरिसेसैं अट्ठगहेउ लेवाहियं ४ ३९८ अट्ठविहं कम्मरयं
३३ अट्ठारस सागराई अट्ठजोयणवाहल्ला ७ १४३२* अट्टविहं कम्मरयं ५, ३०६ अट्ठावए य नालीए अहण्हं पबडीर्ण ३ १०५ अविहं कम्मरयं
११ अट्ठावयचंपुजित अत्तरिं च वासा
६५६ अट्ठविहंपिय कम्म ३ ९२० अट्ठावयंमि सेले : अट्ठ निमित्तंगाई . ३ +४९ अट्ठविहंपिय कम्म ३ १५५३ अट्ठावीसा दोवास अपव्वा असंपत्ती ४ ७३५ अट्ठसुवि समिईसु ७ ४६२ अट्टेव गया मोक्खं अट्टप्पवयणमायाओ
७ ९२१* अट्ट सुहुमाइ पेहाए ५ ३४७* अडविं सपचवायं ३ २५५ अटुंतगडा रामा ३ ४१४ अडवीइ देसिअत्
क्रमांक के लिए देखीए
'सवृत्तिक आगम
४३४ १३३+ ४०१
३
सुत्ताणि
अट्ठमभत्ततमी
३
९०४
~10~
Page #11
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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
सूत्राचादि अमरप्पहाणे
अड्डाइजा [अडट्ठा उ]लक्खा ३ अड्डाइजा हत्था दीहा अड्डाइजेसु दीवसमु०
४
अड्डाइजेहिं राईदिएहिं
अड्डोरुगो उ ते दोवि अणगारगुणेहिं च अणगारे निक्खेवो
अणचाविअं अवलिअं
अणचावियं अवलियं
अणणुपुब्बीए क
अणत्थदंडे चढव्विद्दे
अणयोवं वणथोवं
आगमाः सूजाय
३
३
४
19
ها
४
७
पुनः
19
३
३
सूत्राचादि
३८* अणदंसनपुंसित्यी २८४ अणभिग्गहिआ भासा ७०२ अणभिग्ाहिए बावा ० अणभिग्गद्दियकुदिट्ठी
२५
८७५ अणभोगकारण व ३१५+ अणभोगेण भरण य
११५२* अणमिच्छमीससम्म
५४९ अणसणमूणोअरिमा
२६६ अणसणमूणोअरिआ
१०१६* अणसायणा य भत्ती
+ ३६ अनंतकालमुकोसं
४५
अनंतकालमुको सं
१२० अनंत० कायठिई पणग.
आगमाहः सूत्राच
~ 11~
३
५
४
ه
३.
४.
३
५
७
५
७
सूत्राचाद अनंत ० जलयराणं
११६
२७९
अनंत ० तेइंदियदीवार्ण
१४१ अनंत० ते जीवाण अंतरं
७
७
आगमाडः सूत्राच
०
१०८६* अनंत देवाणं हुज अंतरं १२९६ अनंत नेरइयाणं तु
४८२ अनंत पणगजीवाण
१२१ अनंत बेइंदियजीवाण
अनंत बाउजीवाण अं०
०
४७ ११०५* अनंत ० विजढंमि० काए
३२८ अनंत बिजढंमि सए
O
१३८७* अणाइकालप्पभवस्स
१४५५* अणागयमइर्शतं
१४७६* अणाढियं च यद्धं च
V
७.
ی
ی
७
9
७
७
७
७
७
爱
१५५०*
१५१६*
१४८८*
१६१८*
१५४१*
१४७७*
१५०७*
१४९७*
१५२६*
१४६३०
१२६६*
१६६०
१२१९
Page #12
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
सूत्राद्यनु
ओ.
देखीए
द.पि.उ.
5453
00:00
दीप क्रमांक के लिए देखीए
545555755ॐॐ15
सूत्राधादि आगमाङ्कः सूत्राधः । सूत्राचादि . आगमाङ्गः सूत्रायः सूत्राधादि । आगमा: अणायणे चरंतस्स ५ ६९४ अणिमूहियबलविरिओ ५ १८९ अणुकंपावेयड्डे मणि०३ अणायारं परकम्म ५ ३६६७ अणिमिसिणो सब्बसुरा ३ १८७+ अणुकसाई अप्पिच्छे .. ८७* अणावाय०परस्सऽणुव० ५ ९३७* अणिलस्स समारंभ ५ २४५* अणुगामिओ उ ओही है अणावायमर्सलोए २९७ अणिसिट्ठमणुनायं ३८६ अणुचियदेसं दवं
२०४ अणावायमसंलोए
३१४ अणिसिटुं पडिकुटुं ६ ३१७ अणुजाणह संथारं , अणावायमसंलोए
९३६* अणिस्सिओ इह लोए ७ ६९२* अणुणाइरित्तपडिलेहा ७ १०१९* अणावायमसंलोग
६२० आणिदियगुणं जीवं५ .३४+ अणुअए नावणए । अणावायमसंलोयं ३०८+ अणुओगो य नियोगो
अणुन्नए नावणए - ७७८* अणसवा थूलवया १३* अणुकंपऽकामणिजर
अणुन्नवित्तु मेहावी अणाहो मि महारावं ७०७* अणुकंपभगिणिगेहे
३२५ अणुप्पेहा एणं भंते ! अणिआणकडा रामा ४१५ अणुकंपापडिणीयट्ठया
५९६ अणुबद्धरोसपसरो अणिएवं पईरिक ३७१ अणुकंपापडिसेहो
४१६ अणुभासह गुरुवयणं अणिगृहंतो विरियं
१९८१ अणुकंपायरियाई दोसा ४ ३५१ अणुमाणहेउदिटुंत.
memur
१६३८* *
'सवृत्तिक आगम
॥३॥
'.30
२५३+
७१७
सुत्ताणि
~12~
Page #13
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
सूबाथक ४०+
66 com
१९१% २७३ २५५ ३५
दीप क्रमांक के लिए देखीए
सूत्राचादि ... आगमाः सूत्रायक - सूत्राचादि आगमाहा सूत्राथङ्क सूत्राचादि मागमाङ्गः अणुमाणहेउदिटुंत० . ३ ९४८ अण्णत्तममुत्तत्तं
३६+ अत्तअणंतरपारंपरे य . अणुमित्तोऽवि न कस्सई ४ ५८ अण्णवंसि महोहंसि
१२८* अत्तउवन्नासंमि
अ ५ अणुवकयपराणुग्गह
।४९ अण्णं गामं च वए
२४४ अत्तट्ठा गुरुओ लुद्धो ५ अणुवटुंते तहबिहु ४४०२ अण्ण अण्णं च वए गाम
अत्तट्ठा रचते अणुसमयनिरंतर अण्णाणमारुएरिय०
अत्तट्ठिय आयाणे अणुसासणमोवार्य
अण्णायया अलोहे य २८*
१३७२
अत्तवयणं तु सत्थं अण्णेण विसेसेणं ७ ११२०* अणुसासिओन कुपिज्जा . १. अतरंतबालबडा
अत्ताहिद्वियजोगी
४ ५५४ अणुसोअपट्टिअबहु०
अत्तीकरेइ कम अणुसोअसुहो लोओ ५०२* अतरंतस्स उ पासा
अत्थकरो अहियकरो अणूणाइरित्तपडिलेहा
२६९ अतरंतो उ निसन्नो ३ १५९३ अत्थकहा कामकहा अणेगर्छदामिह माणवेहि ७ ७७४* अतरंतो व निवजे ।
२१. अत्थबहुलं महत्थं अणेगवासा नउवा ७ १९०* अतिहिसंविभागो नाम ३ ४९, अत्वमहत्यक्खाणि अणेगाण सहस्साणं ७ ८६६ अतितिणे०अपभासी . ५ ३६३ अस्थमहंतीवि कहा .५
6.m.
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
५०१* अतरतबालबुड्डा सेहा०
33
२९०
'सवृत्तिक आगम
२१६
सुत्ताणि
~13~
Page #14
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
द.पि. उ.
118 11
मुनि दीपरत्नसागरेण
सूत्राचादि अत्थस्स ऊह बुद्धी
अत्यहिगारो इत्थं
अत्यंगयंमि आइबे
अत्थं च धम्मं च विया ०
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
अत्यंडिलसंकमणे अत्यंतंमि य सूरंभि
अत्यं भासइ अरहा अस्थाणं उग्गहणम्मि अत्थाणं ओगद्दणंमि अत्थाहगाहपंका मगरो
अत्थि एगं धुवं ठाणं
अत्थि एगो महादीवो
अत्थित्ति जा वियका
आगमात्रः
4
10
५
७
४
७
4
१
३
६
७
पुनः
सूत्राचादि अत्वित्तिदारमहुणा
सूत्राचङ्कः
२० +
४२+ अत्थिति निव्विगप्पो
३६२० अत्थि बहुगामनगरा
३९१* अत्थि बहूवणसंडा
१४
अत्वि सरीरविहाया ५४२* अधिररस पुव्वगहियस्स
१२
| अधिरासणे कुकुए
७६ * अंदसणं चैव अपत्यणं च
R
अदीणो वित्तिमेसिज्जा
३३२ अहागमंगलं वा
९१२ अधिट्टे किं वेला तेसि
८९७* अद्धमलक्खाई 'अट्टमा सहस्सा
७७
आगमाः
V ~14~
4
५
५
5
५
३
1
७
५
४
४
३
३
सूत्राघ्रङ्गः
सूचाचादि
२२+ अट्टमा सहस्सा
२६+ अचेरसकोडी
११४ अरसलक्खा
१०७ अद्धद्धं अहिवइणो
३२ + अद्भभरहमन्झिल्लु ति०
७०१ अद्धमसणस्स सब्बं ०
५३९* अद्धाइ अवद्वाणं
११७०* अद्वाणपरिस्संतो
१८५७ अद्धा जो महंत तु
२१५+ अद्धार्ण सपाखो
६०+ अद्धामि पवेसिचा
२९० अद्धाणे परिमंथो
२७६ अद्धा पासाए
आगमाः सूत्राच
3
2
★
३
३
5
३. ५८
४
२९६
३३२
२८०
५८७
१५१
६५०
१५६+
६१८७
६२०*
७.
३ +६१
३
१३०९
१२४५
सूत्राधनु
क्रमः
॥ ४ ॥
Page #15
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
सूत्राचादि आगमाः सूत्रायः । सूत्राचादि मागमाः सूत्रायक। सूत्राचावि बागमाः सूत्राय: अज्ञापचक्खाणं ३ १६७५ अन्नबसि महोहंसि७ ९०१* अन्नोऽविय अणगारो
१०५ अदिइ विडिपण्हव ६ ४८७ अन्नं इमं सरीरं ३. १६४९ अपडिबद्धयाए णं भंते! . ४४ अधिई पुच्छा आसन्न ६ ५०६ अन्नं पाणं च ण्हाणं च ७ ७२७* अपडिहणतो आगंतु ४ १९० अधुवं जीवि नया ५३६८ अनंपिय से नामं५ १६७ अपराजिअविस्मसेणे
३२९ अधुंवे असासयंमि ७ २०८* अन्नायउंछं चरद ५ ४४२* अपरिणयपि य दुविहं अनिअयवासं सिद्धत्थ० ३ ४९२ अमावएसओ नाहियवाई ५ ८० अपरिमियनेहवुड्डी
३१८ अनिएअनासो समु० ५०४* अन्नाविट्ठसरीरे पंता ३ १३२६ अपरिमियपरिग्गहं ३ अनिलेण न वीएन ४६३ अन्निभो रायसहस्सेहिं ५९०* अपसत्थो य असंजम०
६३ अन्नहाउडिया बा ३६+ अनियपुत्तायरिमो
११९५ अपस्समाणो पस्सामि ३ अब पगडं व्यणं ३८६* अन्नेणाहाकम ११४ अपहुप्पंते काले
६४+ अन्नचिदारमहुणा ५३+ अन्ने भणति वसमुवि ६५९२ अपुच्छिओ न भासिज्जा ५ ३८१* अन्नत्य निवडिए ३ १९८८ अन्नेसि विजमाणे
४३ अपहृत्तपुहचाई अनयरपमायजुयं ३ १५३८ अन्नोऽ अंकमि
उ ४ २९२ अपहुचे अणुओगो
+६५
ASGANGANAG
RECE
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~15
Page #16
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
द.पि. उ.
॥५॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
सूत्राचादि अप्पक्खरमसंदिद्धं अप्पक्खरं महत्वं अपगंथमहत्यं बत्तीसा
अप्पग्धे वा महग्घे वा अप्पडिलेहिअकंटा अप्पविलेहिअदोसा अप्पणट्ठा परट्ठा वा अप्पणट्टा० सिप्पाणि उ अप्पणावि अणाहोऽसि
अप्पत्तंमि य ठबियं
.
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
अप्पत्ता उ. चउत्थे अप्पत्तिअं जेण सिआ अप्पत्ते चिय वासे
आगमाङ्कः
३
४
३
३
४
४
५
५
७
६
६
५
४
पुनः
सूत्राच
८८६
११+
सूत्राचादि
अप्पत्तेचिय वासे
अप्पपाणे ऽपवीए वा
८८० अप्पभुभयगाईया
३२३+ अप्पसत्येहिं दारेहिं
१९६ अप्पहुसंविद्वे वा
१३० अप्पं च अहिक्खिवति
२२० अपि सुवमहीयं
आगमाः सूत्राच
सूत्राद्यादि अप्पा हि अणुन्नाओ
२६
३५* अप्पिया देवकामाणं
६
७ ४
~ 16~
७
४
७
३
४२८* अप्पा कत्ता विकत्ता य
७.
७१०* अप्पा खलु सवयं रक्खिअन्वो ५
२८९ अप्पाणमेव जुज्झाहि
७
५५१ अप्पा नई वेवरणी
३८२* अप्पा मूलगुणेसुं विरा०
३५१ अप्पामेव दमेयब्वो
یا
४
२४२+ अप्पुव्वं ०
६९३* अप्पुव्वनाणगहणे
४७१ अप्पुल्वं दणं अब्भुट्ठाणं
३३७* अप्पे सिआ भोभणजाए
.९९ अप्पोदगा य मग्गा ७३५* अप्पो मिड पन्हं च
आगमाङ्कः सूत्राच
४ ११
५१५* अप्फोवमंडवंमी
२६२* अफायकयकारिय०
७३४* अबले जह भारवाहए
२१४ अवंभचरिअं घोरं १५* अब्भत्यणाए मरुओ
७
३
३
४
५
४
४
७
५
१०९*
४५३
१८१
११३७
१३३*
१७२
३२२+
५५२
३+
३२२
२२४*
६८०
सूत्राधनुक्रमः
॥ ५ ॥
Page #17
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
२४२
दीप क्रमांक के लिए देखीए
CALCOLLE
सूत्राचादि . भागमाः सूत्राधकः । सूत्राचादि आगमाः सूत्रायकः । सूत्राचादि आगमाङ्गः सूत्रायः अभत्थं सव्वओ सव्वं ७ १६६४ अब्भुट्ठाणं अंजलि०५ ३१३ अभणियपुवनिउत्तं४ अब्भस्स निम्मलत्तं .२ ११७* अन्मुठ्ठाणं अंजलि० अभि० ५. ३२३ अभत्तट्टियाण दाउं |अभंगियसंवाहिय- ६ ४२३ अब्भुट्ठाणं अंज(णंज)लिकरणं . ११२९० अभयं तुज्झ नरवई ! . अभंतरमज्मवहिं
५४९ अब्भुट्ठाणं गुरुपूया . .. ९९८७ अभिईसवणधणिहा अब्भासवित्ति छंदा० ३१४ अझुट्ठाणं नवमा
९९५* अभिकंसंतेहि सुमा० ३ अन्भायंमि लोगमि ७ ४६१ अब्भुटाणे विणए ३. ८४८ अभिक्खण कोहीभवइ . अभितरपरिभोगं . ४ ३५४ अब्भुट्ठियं रायरिसिं ७ २३३* अभिक्खमकुमारेहिं ३ +६२ अभितरपरिभोगं ३० अब्भुवगर्ममि नजइ.
३ ६६९ अभिगम चउरो समाहिओ ५ ४५९४ अभितरबाहिरगं ४ १६८+ अब्भोजे गमणाइ य
६ १९० अभिर्णदणाउ सुमती ३ ५ (प्र.) अम्भितरमललित्तोवि ३ १५०७
२४ अभिपेयमणमिपेओ अभितरया खुभिया
३ ९४९ अभिभूभ कारण परी० अम्भितरलद्धीए ३ ६३ अभओ पत्थिवा! तुझं . ५५८* अभिलावे संजोगों अब्भुअतरमिह एत्तो २ ६९% अभणतस्स उ तस्सेव ४ ५९१ अभिवादण अब्भुट्टाणं ७ ८६०
%AR55553452-
5
७
१३२ अभए सिद्दिकुमारे
C
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
Rook
~17~
Page #18
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ६ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः
सूत्राचादि अभिवाहारो कालिअ० अभिसंभूआ सा सत्ति
अभू जिणा अस्थि जिणा
अमओ य होइ जीवो
अमज्जमंसासि अम० अमणुष्णाणं सदाइ अमणुनअन्नसंजो० अमरनररायमहिल अमरोवमं जाणिअ
अम्मताय! मए भोगा
अमुगंति पुणो रद्धं
अगं दिखा म
अमुंगाणंति वदिज
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
.
आगमाहः ३
३
७
"
५
३
४
३
५.
७
६
૩
६
सूत्राच
सूत्राचादि १८२ + अमोहं क्यणं कुब्जा
१०९२ अयककर भोई य
९२* अयगारकूरपरस्
५४+ अयणाईयदिणगणे ५०६* अयमवरो उ विकप्पो अयलपुराणिक्खते
।६
४२१ अयलपुरे जुवराया ५४० अयले विजए भद्दे
४९२* अयसिवणंव कुसुमिअं
६११७ अयसिहरिमन्यतिड०
२४१ अयसीपुप्फसंकासा
२४४+ अयं साहस्सिओ भीमो
२३५ अरइरइस पहीणसंथवे
~ 18~
आगमाङ्कः सूत्राच
सूत्राचादि ३६७* अरई पिट्ठओ किया
१८४* अरई अचेल इत्थी
१३ + अरईइ दुगुंछाए अरईगंडं विसूईया
२८३
७
७
आगमाङ्कः सूत्राच
५
७
५
४
६
४१५ अरमल्लिअंतरे दुण्णि
१
३२
अरसं विरसं वावि
७
९८
अरहंत चकवट्टी
३
४१+ अरहंतनमुकारो एवं
३. १०३+ अरहंतनमुकारो जीवं
५
२५५ अरहंताई निअमा ७. १२९७* अरहंताणं आसायणादि
८८६* अरहंतुवएसेणं सिद्धा
७७९ अहं वंदिता चउदस०
७
७
७
७
३
५
३
३
३
३
३
३
४
६.३*
७५
७६
३१६*
४२०
१५७
४९+
९२५
९२३
१०१९
+७१
१०२१
१
सूत्राधनुक्रमः
॥६॥
Page #19
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
२ नंया०
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
सूत्राचादि 'आगमाङ्कः अरिहत० धन्नाणं भवक्खयं ३ अरिहंतमग्गगामी
५
अरिहंत० सव्वपावप्पणासणी ३ अरिहंत सिद्धपवयण० अरिहंत सिद्धपवयण०
अरिहंताणं आसायणाए अरिहंत बंदणनमंसणाई अरिहो उनमुकारस्स अरूविणो जीवघणा अलसं घसिरं सुविरं अलसो चिरं न हिंडइ अलं पासायखंभाणं अलाभरोगतणफासा
३
३
३
३
३
の
४
४
५
३
पुनः
सूत्राच सूत्राचादि ९२४ अलियमुपायजणये १४७ अलोए पडिहया सिद्धा ९२६
अलोए पहिया सिद्धा
१७९ अलोलुप अकुहए
४५१ - अलोलुयं मुहाजीवि
१९
अलोले भिक्खू न रसेसु
९२१ अठोटो न रसे गिद्धो ९०८ अवउज्झिऊण माहणरूवं
१४३९* अवउन्झिय मित्रावंघवं
१३३ + अवणय गिव्ह य एत्तो
२२५+ अवणामा दुन्नऽहाजायं ३०४७ अवणेइ तवेण तमं
आगमाईः सूत्रार्थह
इ
८८१ ९५९
१४२९*
~ 19 ~
३
५
७
५
७
७
सूत्राचादि
अवत्तमपहू धेरे पंडे
अबदाली उत्तसओ
४४८*
अववास भाणभेदो अवयासभाण (घाव) अवरनुयस्स तत्तो ९७५* अवरद्विग विसबंधे
४७७* अवरद्धिगविसबंचे
१३६९७ अवरविदेद्दे ग्रामस्स
२८२* अवरविदेद्दे दो वणिया
३१९* अवरेण भवणवासी
७
२
३
६१* अवरोप्परसझिलगा
१२१५ अवसेसं भंडगं गिझा
५
३२० अवसो लोहरहे जुते
+ ३५ अवण्यवायं च परम्मुहस्स ५ ४४७५ अवसोहिय कंटगापहं
आगमाङ्कः सूत्रांचं
४६८
४९२
२४४+
५८१
१३४८
३४२
४
७
४
६
३
४
६
३
३
३
६
७
७
१४
१+
१५३
११८+
३२४
१०२६*
६५६*
३२१*
Page #20
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
नं.अ.आ. सूत्राधादि मागमाः सूत्राचा खूनाधादि भागमाः सूत्राचः। सूत्राचाहि
खत्रावनुः
क्रमः अवहाऽसंमोहविवेग० ३ ।९० अविसुद्धभावलेसा ७ ५४४ असइ वोसट्ठचत्तदेहे ५.४७३ द.पि.उ.
अवहेडियपिडिसउत्तमंगे . ३८७५ अविसेसिआ मई मइनाणं १ २५ असई तु मणुस्सेहि ॥ ७॥ अवि अजणो मरणभया ४ ५१ अविहरिअमसंदिहो ४ १०१+ असई मज्झिमथेरो
अविणासी खलु जीवो ५ ४+ अविहरिअविहरिओ ४ ९५+ असई य चिलिमिलीए ४ IM अवि नाम होज सुलभो ६ ४५१ अविहीपुच्छा अत्थित्य ४ ५ असई व नियत्तेसुं
अवि पावपरिक्खेवी ७ ३३४* अविहीपुच्छा उग्गाहि. १६८ असई लाभे पुण मत्तए 8 अवि भमरमहुयरिगणा ५ १२५ अव्वकालिअलेवं ४ ३७३ असञ्चमोसं सचंच अविय हु बत्तीसाए ६ ३७९ अव्वक्खिचाउत्तं
४ ५१६ असज्झाइयनिजुत्ती अवियारमत्यवंजण. ३ ।८० अब्बावाहं दुविहं दब्बे ३. १२३५ असज्झाइयनिजुत्ती कहि० ३ १५१३ अविरयमरणं बालं - २२२ अव्योच्छिना तसा पाणा ४ ३२३ असणं०तं च संघट्टिमा दए ५ १२०० | अविलाकरहीखीरं ६ १९४ असइ अपज्जत्ते वा ४ ५५+ असत्ति जुजंता चरण० ३ १५१४४ | अविसिट्ठमिवि जोगमि, ४ ५२ असइ गिहि नालियाए ४ ३७ असल्झायं तु दुविहं ३ अविसुद्धो परिणामो ६ ५३० असइ वसहीऍ वीसुं ४ ९८+ असणं० उद्गमि हुजं ५ १९८७
५
२८०*
SANSKHESARI535
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~ 20~
Page #21
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
सूत्राचादि
असणं पाणगं चैव
असणं पाणगं चैव
असणं पाणगं वावि
असणं पाणगं वावि असर्ण० पुप्फेसु हुन असर्ण० वणिमट्ठा असणं० समणड्डा पगडं असणाईण चढवि असमाणो परे भिक्खू असरीरा जीवपणा असद्दाइ सहायत
असंख० कायठिई आऊणं
असंख० कायठिई तेऊणं
३
आगमाङ्गः सूत्राच
३
५
५
५
५
५
६
७
३
३
७
पुनः
७
सूत्राचादि आगमाडा १६८३ असंख० कायठिई पुढवीणं ७ १६८७ असंखकालमुकोसं
७
१०६* असंख० कार्य तु अमुंचओ ७
१०८* असंखभागो पलियस्स
७
११६* असंखयं जीविय मा
११०* असंजयं न वंदिना
११२* असंथडा इमे अंबा
१७० असंसद्वेण हत्येण
६७४ असंसचं पलोइज्जा
९७७ असासए सरीरंमि
१०१३ असास बहु इमं बिहारं १४६२# असिअसिरओ सुनयणो १४८७* असिअसिरओ सुनयणो
~ 21~
७
११५* ३ १११७
५
५
५
७
७
३
सूत्राच सूजायादि १४५४* असिपत्ते धणु कुंभे १३८६* असिप्पीवो अगिहे अमित्ते ७ १४९६* असिवाईकारणिआ
४
१५६४* असिवाइकारणेहिं
३
३१०*
९४*
असिबे ओमोयरिए असिबे ओमोयरिए
असिवे ओमोवरिए
असिवे सदसं वत्थं असिवोमाघयणेसुं
८२* असीहिं अयसिवण्णेहिं
६१३* असुइकुणिमदुदंसण ०
४४७* असुइट्टाणे पडिया
७०+ असुइमलभरिय०
१९२ असुरसुरं अचवचवं
आगमाडा सूत्राच
+११
५०९७
७
३
३
४
४
४
३
७
२
३
२
४
१३४३
१२९७
८
११२
१८+
१४५६
६५५*
७४ *
११२३
७५ २८९+
Page #22
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
यहा
सूखाचर: ३२१
सूत्रानु
देखीए
ओ.
.
१५९४
११३
दीप
नं.अ.आ..
सूत्राचादि आगमाः सूनाचा सूत्राचादि आगमा: सूत्राचकः। सूत्राचादि भागमाः ४ि असुरा नागसुवण्णा ७. १५७८० अह अण्णया कयाई ३ ३५० अह ओषयारिओ पुण ५ द.पि.उ. अस्सकन्नी य बोद्धव्वा . १४७२* अह अनया कयाई
४१२ मह कालम्मि संपत्ते अस्संखिाणोसप्पिणीण. . १३२४* अह अहन्नया कयाई
४३२ अह कीस पुण गिहत्या ५ अस्संजएहिं भमरेहि ५ १२६ अह अन्नया कयाई
४३९ अह केसरमि उज्जाणे . अस्संजमजोगाणं ६ ४६० अह अनया कयाई
४६८ अह केसरंमि उज्जाणे ७ अस्संजमो य एको ३ ७४. अह अनया कयाई ७ ७६६* अह कुसुमसंभवे काले २ अस्संजयमणुएहिं जा ३ १३५३ अह आगओ तुरंतो ३ ५०१ अह कोई न इच्छिमा ५ | अस्सायमाझ्याओ जावि.३ ५७३ अह आगओ सपरिसो . २९२ अह को पुणाइ नियमो ४ अस्सावगपडिसेहो ३६५ अह आसगो राया
५५३* अह खंतिमहबजाव०३ अस्सा हत्थी मणुस्सा मे
३९७ अह चित्तसुद्धपक्खस्स अस्सिणिकित्तिय मियसिर १३३० अह ऊणअट्ठवासस्स ३ ७२+ अह चोरसहिं ठाणेहिं . अस्से अ इइ के वुत्ते
८८८० अह असिएण छत्तेण . ७९३ अह जग्गइ गेलनं ४ अह अट्ठहिँ ठाणेहिं
३३०* अह एगराइआए . ४७४ अह जे संखुडे मिक्खू .
SAMASC004
क्रमांक के लिए देखीए
३९५ ५५१% २९ १५५#
AAAAAACCAEXX
६१+
३३२
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
१५२१
~22~
Page #23
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
सूत्राचारः ४७६ ८६४%2
. .
देखीए
60
१६२५
दीप क्रमांक के लिए देखीए
ॐॐॐॐॐॐ
सूत्राचादि भागमाः अह तत्य अइचछतं अह तस्स पिमा पत्ति अह तं अम्मापिअरो अह तं पागबरूवं अह तायओ तत्व मुणीण अह तेणेव कालेणं अह तेणेव कालेणं अह ते तत्थ सीसाणं अह दिवसे बासीई अह देहइ रायसुओ अह पच्छा उइजति ७ अह पन्नरसहि ठाणेहिं ७. अह पंचहिं ठाणेहिं ७
समाचार | सूत्राचादि बागमायः सूत्राय | सूत्राचादि ६०५* अह पालियस्स घरणी - ७६२* अह भणई जयघोसं ४३७ अह पिच्छह रायपहे . ४१३ अह भवे पन्ना उ ७६+ अह पुण जुण्णा थेरा २६५ अह मंसंमि पहीणे ३५० अह पुण निव्वाधाओ ३ १४६२ अह मंसंमि पहीणे ४४८* अह पुंडरीअन्नायं - २९३ अहमवि भे खामेमी ८३६* अह भगवं भूवमहणो ३ ४३३ अहमासी महापाणे ९५१* अह भणइ जिणवरिंदो ३ ३६९ अह मीसओ य पिंडो ८४५* अह भणद जिणवरिंदो .. ३७३ अह मोणमस्सिओ सो
. ४८ अह भणइ णेगमेसि . ५१+ अह मोणेण सो भगवं ४१४ अह भणइ नरवरिंदो
४४४ अहयं च दसाराणं ८९* अह भणइ नरवरिन्दो ३ ३७२ अयं तुभं एवं ३३६ अह भणइ सन्निनाणी . ४४० अह राया तत्व संभंतो ३२९ अह भी अणगारो ४७८ अह रूविणीइ सहिओ
606
'सवृत्तिक आगम
३ ३ . .
४३२ ६७३ ५५४* ४३८
सुत्ताणि
~23~
Page #24
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं.अ.आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ९ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः
सूत्राचादि
अह छोउत्तरियं
अह बढइ सो भयवं
अहं बहु सो भयवं
अहव ण कुजाहारं अहव ण दोसीणं चिअ अहव ण सचितमीसो
अहवऽणुपुब्बीणाम
अव निमिलाईणं
अह वयपरियारहिं
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
आगमाहः सूत्राच
७७०
६९+
१९१
६६५
१४७
५४६
३३+
अहवा उबकमे छब्बि
अहवा उवणिहिआ दब्बा०
अहवा कम्मेण व
४
३
३
६
४
६
७
३
३
२
२
३
२९+
७१२
७०
९८
+ ६७
शायद अहवा गुणपडिवन्नस्स
अहवा चउण्ड नियमा
अहवा जाणयसरीर०
अहवा णाणाईणं
अहवा तइयपोरिसीए
अहवा न कुज आहारं
अवावि अकरणाए
अहवावि इमो हेऊ
अहवावि विणासेंतं अहवावि विभूसाए
अहवा सपरिकम्मा
आगमाहः सूत्राचः
९
५८
५०
६७६ अह सा भ्रमरसंनिभे
१११८* अह सारही तओ भणइ
अह सारही विचितेर
५८२ ३००+ अह सा रायवरकन्ना ८७ अह सा रायवरकन्ना ६७२ अह सा सत्थाहसुआ
२०२ + अह से तत्थ अणगारे
१११०* अह सो तत्थ निज्जंतो
६७४ अह सोऽवि रायपुत्ती
१७४ + अह सो सुगंधगंधिए
१
६
२
३
७
४
४
५
३
४
७
अहवा सयं करेंतं
३
अहवा संघाओ साडणं च ३
~ 24 ~
सूत्राचादि अह सचमंमि मासे
अह सम्बदब्वपरिणाम ०
अह सव्वदव्यपरिणाम ०
आगमाङ्गः सूत्राचडः
५९+
५९*
७७
८१२
३
१
३
७
७.
७
७
७
७
७
७
७
७
७९९*
१०५८*
८२२*
७८९*
४३४
९५२*
७९६*
८१८*
८०६०
सूत्राधनुक्रमः
॥९॥
Page #25
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
*
सूत्राक यहां देखीए
****
दीप क्रमांक के लिए देखीए
984545*
556565454545
सूत्राधादि आगमाङ्गः सूत्रायः | सूत्राचादि आगमाः सूत्रायकः । सूत्राधादि आगमारः सूत्रायः अहस्स सझे अणुवीइ०३ +३९ अहाह जणओ तीसे . ७९०* अहुणा गुणित्तिदारं .५ ५२+ अह होह भावपासेसणा४ ५४५ अहिगम्मति व अत्या५ ३० अद्वणुद्वियं व अणवि०६ ४१७ अह होइ लेवपिंडो
३७२ अहिगम्मति व अत्या . ७ अहुणुव्वासिअसकवाड ४ १०७ | अह होज निद्धमहुराणि ४ २८५+ अहिगरण भद्दपंता ६ ४१४ अहे वयइ कोहेणं
२८१४ अहं च भोगरायस्स ५ १३% अहिगारो पुवुत्तो५ ६३+ अहो जिणेहिं असावजा ५ १५१% अहं च भोगरायस्स ७ ८२५४ अहिज वेए परिविस्स विप्पे ७ ४४९% अहो ते अज्जवं साहू
२८४ अहंपि जाणामि जहेह. ७ ४३२* अहिमरअणिट्ठदरिसण. ४ २५+ अहो ते णिजिओ कोहो . २८३* अहाउयं पालयित्ता ७ ८६ अहियासियाई अंतो ३ १४६० अहो निश्चं तवोकर्म ५ अहावरे चउत्ये भंते!
अहियासिया उ अंतो४ ६३४ अहो वन्नो अहो रूवं अहावरे छठे भंते! अहिसरिया पाएहिं ३ ८७३ अंकारंतं धनं ।
२३%2 अहावरे तच्चे भंते!
अहिंस सर्वच
७७०* अंगदसभागभेए अहावरे दुचे भंते! अहीणपंचिंदियत्तंपि से . . ३०७* अंगपञ्चंगसंठाणं
५१३* अहावरे पंचमे भंते ! अहीवेगंतविडीए ७ ६३८% अंगपश्चंगसंठाणं
३९२*
२३१४
७०४
२
१५६
******
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~25~
Page #26
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ १० ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
सूत्राचादि
अंगप्पभवा जिणभासि ० अंगारतमपत्तं जलमाणं अंगारधूवियाई अंगुटुपएसिणिमज्झि० अंगुडमुट्टिगंठी
अंगुलमावलियाणं
अंगुलमावलिचाणं
अंगुलविहत्थिरयणी
अंगुलं सत्तर तेणं
अंगुलं सत्तर तेणं
अंगुलियाए चेप्पड़
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ अ कार + आ-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
अंडगमुज्झियकप्पे
अंतरपल्लीगहिअं
७
६
६
४
आगमाः सूत्राच
४
३
३
१
ગ્
남
U
३
३
४
पुनः
.
सूवाद्यादि
अंतरमेगं समयं अंतमुडुतंमि गए
६५६
५६०
अंतलिक्खति णं बूआ
३९१ अंतंतं भोक्खामित्ति
१६७४ अंतिम इंति उंतिअ
अंडरपवेसो वायनिमि ०
३२
५०* अंतो नियंसणी पुण
९५
अंतो वहिं च धो
२८५ अंतो बर्हिच भिन्नं
१००५# अंतोमुहुत्तकालं
२८७ अंवोमुडुत्तम
२२३+ अंतोमुडुतपरओ
२५४ अंतोमुहुत्तमेतं
आगमाङ्गः सूत्राचः
~ 26~
३
10
५
४
२
४
४
सूत्राचादि
१६६ + अंतोहिअयं संभूया
१३५१* अंधयारे तमोघोरे
३
३
२६ + अंगस्स य निंबस्स प
३१६+ अंबे अंबरिसी चैव
१४४९
१४५१ आइगरू दसाराणं
१५६० आइगरु०
७ १३३६० आइदुबे पडिसेदो
३ १४ ३।३
३
३३०* अंधिया पुत्तिया देव
५७२ अंबरलोहमहीणं कमसो
२०*
अंबरस य निवस्स य
आगमाङ्गः सूवाग्रह
आकार!
आइमोमाणविवणा आइपिसियमहिया
.
1
99
19
३
४
३
६
४
५
३
८७६०
९०६*
१५१९०
१९७
- ११२८
७७१
+१०
४२४
(४२७)
४८७
५०५*
१४९६
सूत्राद्यतुक्रमः
॥ १० ॥
Page #27
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[आ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
२०९
सूत्राचादि आगमाः सूत्रायः सूत्राचादि भागमा
सूत्राच्या सूत्राचादि आगमा सूचाङ्क: आइनमणाइन
६ ३२९ आउट्टियाऽवराह ३ १५०८ आगमणदायगस्स ४४७८ आइ मउआरभंता ४५ आउत्तया जस्स य
७३८* आगमतो उवउत्तो आइमकाउस्सग्गे ३ १५९९ उत्तपुब्वभणिए ४ ६४९ आगमसत्यग्गहणं . १ आइल्लाणं तिण्हं १६२+ उत्तपुष्यभणियं
१४७४ आगमसत्थग्गहणं आईमझवसाणे ५ २ आउरचिन्नाई एयाई
२४९ आगमसिद्धो सव्वंगपारओ आउकार्य न हिंसंति ५ २३८* आएसतिगं-बुब्बुअ० ३४६ आगम्म पडिकतो आउकार्य विहिंसंतो ५ २३९* आएसो पुण दुविहो ७ ४९ आगाढजोगवाही . ५४९ आउकाओ तिविहो आओवमाइ परदुक्खम० ३ १०४४ आगारंता माला
२ आंउकायमगओ ७ २९५, आमोसे संगारो
४ ९१+ आगारंतो राया ईगारंतो २ आउज्जनकुसळावि
आफैपिया निमित्तेणं ६ ४३६ आगारेऊण परं आउज्जोवणवणिए ४ ९०+ आगए कायवुस्सग्गे .१०३७* आगासस्स पएसा
१९९+ आउट्टिमडकिन्नं ५. १६९ भागम इरियावहिया ४ ६५५ आगासे गंगसोउम्ब
६३६** आउट्टिमूलकंदे पुप्फे .. ३ +२८ 'आगमउवएसणाणि ३ ६७ 'आयासे तस्स देसे य . १३७९५
१९५२
३
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~27~
Page #28
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[आ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
सूत्राधादि
यहां देखीए
सूत्राधनु: कमा
ओ.
|
११९
॥११॥
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
545454
आगमाः सूत्रायः सूत्राचादि मागमारः सूत्रायः । सूत्राचादि भागमाः सूत्रायः आघोसिए बहूहिं
६४६ आपुच्छण किइकमं४ ६४२ आभट्ठो य०सवण्णू सव्वद०३ ६१५ आघोसिए बहूहिँ ३ १४७१ मापुच्छण त्ति पढमा ४ २२८+ आभट्ठो य० सव्वदरिसीणं ३ आणयपाणयकप्पे
आपुच्छणा र कज्जे ३ ६९७ आभरणच्छायणावंसगाण ७
आपुच्छिा उम्गहि ४ आणत जगा कम्मुणा
१४६+ आभरणरयणवार्य आणंदसुपायं कासी . ५
१३* आभट्ठो य० गोत्तेण य ३ ३७३
६३५ आभरणवत्थगंधे
आभट्ठो य० जाइजरामरण०३ आणं सव्वजिणाणं
आमिणिबोहियनाणं
६०३ ६ १८४
आभिणिबोहियनाणे . आणाइणो य दोसा . आभट्ठा य० जाइजरा०३
आभोइत्ताण णीसेसं
१४८ आभट्ठो य० जिणेणं ३ ५९९ आणागिझो अत्यो १७१५
आभोएउं सको
१९९ आभट्ठो य० णामेण य ३ आणाऽनिदेसकरे०पडिणीए०७
६०७ ३*
आभोगमग्गणगवेसणा आभट्ठो य० नामेण य ३ ६११ आभोगमणाभोग |आणानिदेसयरे गुरूण० . २ आभट्ठो य० नामेण व गोत्तेण ३ ६२७ आभोगे जाणतो करेति . १०+ आणावलाभिओगो ३ ६७७ आभट्ठो य० नामेण य गोत्तेण ३ ६३१ आमंतणि आणवणी आपुच्छण किइकर्म ३ १४६८ आभट्ठो य०नामेण य गोत्तेण य३ ६३९ आमोसहि विप्पोसहि
+
'सवृत्तिक आगम
&
॥ ११
॥
२७८
सुत्ताणि
~28~
Page #29
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुल्तान
मुनि दीपरत्नसागरेण
सूत्राचादि
आमोसे लोमहारे य
आयकियं पुण दुविहं
आयपरसरीरगया
आयपरोभयदोसा आयपरोभयदोसा
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ आकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
आयरिअं अग्गिमिवाहि०
आयरिए आपुच्छा
आगमाङ्कः सूत्राचङ्कः
७
६
५
४
६
५
पुनः
सूत्राचादि
२५५* आयरिए आराहेइ
३०७ आयरिए नाराहेइ
२०१ आयरिए य गिलाणे
२४३ + आयरिए व गिलाणे
४
आयप्पवायपुब्वा
६
आययपि य दुविहं आयरणावरभावे आयरिअ० गच्छाणुकंपयाए ४ आयरिअपाया पुण अप्प० ५ आयरिअवयणदोसा
४
५ ४३९* आयरियउवज्झाए
४
२४१ आयरियउवज्झाए
५८५ आयरिए य गिलाणे
१६
आयरिए य गिलाणे
७८३ आयरिएहि वाहिंतो
२०३ आयरिओ तारिसओ
१२७+ आयरिभवहि ४०८* आयरिअणुट्ठाणे
१८९ आयरियअभावियपाण ०
~ 29~
आगमाङ्कः सूत्राच ५
५
३
४
४
४
७
७
४
४.
४
६
सूत्राचादि २०४* आयरियडवझाएहिं
१९९* आयरियउवज्झायाणं
३
१३६२ आयरियगिलाणट्ठा
४२७. आयरियगिलाणाण य
६०८ आयरियगिलाणाणं
आगमाङ्गः सूत्राच
७१७ आयरियणमोकारो एवं २०* आयरियणमोकारो जीवं०
४७५ आयरियसीसपुत्तो
१२०७ आयरियं कुवियं नचा
७
७
४
६
४
३
३
५८ आयरियणमोकारो धन्नाण० ३
८९+ आयरियणमोकारो सव्व ०
११२ + आयरियपरिचाई
५५७ आयरियमाइयंमि
३
७
७
७
७
५३०*
५३१*
५०२
२७
३५२
९९८
९९६
९९७
९९९
५४३*
११३०*
५७
४१ **
Page #30
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[आ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
आ.
सूत्रायनक्रमः
देखीए
द.
२८
दीप क्रमांक के लिए देखीए
SAMOSAMMOHDX
सूत्राचादि आगम: सूत्राचा । सूत्राधादि
आगमाङ्गः सूत्रायः। सूत्राधादि
भागमाः सूत्राचा आयरियाईणट्ठा
४१५+ आया चेव अहिंसा ४ ७५५ आयारो नाणाई तस्साय.. ९९५ आयवयं च परवयं ६ ४८६ आयाणपएणेयं .
५०६ आवारे ववहारे पन्नत्ती ५ आयवस्स निवारणं ७ ८३* आयाणं नरयं दिस्स
१६७* आयावणऽष्टमेणं
२३२+ आयसमुत्थमसझाइयं
१५८० आयाणे निक्खेवे ठाण. ४ ७११ आयावयाहि चय सोग० ५ आयके उवसग्गे ४ २९२+ आयाणे परिभोगे
२२५. आयावयंति गिम्हेसु |आवंके उवसग्गे ७ १०२५* आयापवयणसंजम०
१७८+ आयाहिण पुब्धमुहो३ ५५६ आर्यके०पाणिदयातवहे ६ ६६६ आयापवयणसंजम०४ १९२+ आया हु कारओ मे सामा० ३ आयंको जरमाई ६ ६६७ आयापवयसंजम
२४०+ आरभडा सम्मा आर्यको जरमाई राया २९३+ आयामगं चेव जवोदणं ५०६* धारभडा सम्मदा
१०१७ आयंबिलपारणए ६१६ आयारपन्नत्तिधरं
३८४* आरंभाओ अविरओ १३१५७ आयंबिलमणायंवि० १७०६ आयारप्पणिहिं लर्बु ३३५* आरंभे रसगिद्धी
२४८ आयंसघरपवेसो ४६६ आयारमट्ठा विणयं पहुंजे ५ ४४०%* आराहणाइ जुत्तो
८०९ आया खलु सामइयं . ३ ७९० आयारे निक्खेवो
४८७ आराहणी उ दवे
२७४
१०४७
'सवृत्तिक आगम
॥१२॥
सुत्ताणि
~30~
Page #31
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[आ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक यहां देखीए
CANA
३
११४आलबणेणं कालेणं
दीप क्रमांक के लिए देखीए
आरुग्ग बोहिलाभ ३ ११०५ आलंवणहीणो पुण . आरेण भरपंता ४ २१४+ आलंबणा वायण आरोढुं मुणिवणिया ३ ।६०. आलंबणाण लोगो आरोवणा य भयणा ३ ९०२ आलंबणेण केणइ आलइअमालमउडो
९५+ आलएणं न सको आलएणं विहारेणं ३ ११६० आलुकाइ अ पलुक्कइ आलओ थीजणाइनो ५२० आलोअचलं चक्खू आलभिआएं वासं कुंडागे ३ ४८८ आलोअणमालोवो आलमियाए हरिविज्जू ३ '५१५ आलोअणा य विणए
२१* आलोअणारिहाईयं । आलवंते लवंते वा०५ ४३५७ आलोअं बिग्गलं दारं आलस्स मोहऽवण्णा ...३ ८४१ आलोअंमि चिलमिणी आलस्स मोहऽवन्ना भा . १६० बालोइए विणीअस्स
३ १९८५/आलोइत्ता सव्वं ३ ।४२ आलोयणपडिकामणे । ३ १२८० आलोयणाए णं भंते !
३ ११८३ आलोयणा उ दुविहा १७ ९२४* आलोयणा निरवलावे
६ ६१६ आलोयणा वियडणा ३ १०६९ आलोवणमालुंचन० ३ १६११ आवजई एवमणेगरूवे ४ ५६+ आवण्णा दीहमद्धाणं ३ १७८+ आवत्ताइसु जुगवं ७ ११२८* आवरणिज्जाण दुण्हंपि ५ ७४* आवस्सएमु जह जह
३ १४९८ आवस्सग कयनियमा ३ १८०+ आवस्सग सोहे
७९१ १३७१ ७९२
१२५७ . १२५८+
१७२*
१२३८ ७ १२८६
'सवृत्तिक आगम
१२२६ १७५
नद्या
४
२१७+
सुत्ताणि
~31~
Page #32
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[आ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
नं.अ.आ.
र
सूत्राधनुक्रमा
देखीए
द.पि.उ.
दीप क्रमांक के लिए देखीए
आवस्सगस्स णं इमे अत्या०२ ५८ मावासगं तु कार्ड
१४६६/आसंदिपीढमंचक० आवस्सगस्स इसकालि०.३ ८४ आवासयं करिते पवंचए ४ २२१ आसंदीपलिकेसु आवस्सयस्स एसो - २ ७७ आवासियं च बूढ से ३ १४५५ आसं विसज्जइत्ता गं आवस्सयं अवस्सं
२०आवीचि ओहि अंतिय . २१२ आसाढबहुलपक्खे आवस्सयंमि जुत्तो ३ १२२+ आसणगओ ण पुच्छिज्जा . २२७ आसाढबहुलपक्खे आवस्सिअमासनं ४ २३१ आसग्गीचे तारय ३ ४२+ आसाढी इंदमहो३ आवस्सियं च णितो ३. ६९१ आसणं सयणं जाणं
३०६* आसाढे मासे दुपया . आवस्सियं० वजणमेयं ६९२ आसणं सयणं जाणं .. १८५* आसाढे मासे दो पया आवस्सियं० सेज्जा णिसी० ३ १२०+ आसणे उवचिहिज्जा - ३०* आसायणावि णेवं आवस्सिया उ आवस्सपहिं ३ ६९४ आसन्नाड नियत्ते ४४१७ आसा हत्थी गावो आवाय चिलिमिणीए
२०० आसमपए विहारे . १११४० आसिमो भायरा दोऽवि आवायदोस तइए ४ ३०९ आसमपयंमि पासो . २३१ आसी अ इक्नुभोई आवासग अहिकरणे ४ २२० आसवदारावाए तह ३. 1८८ आसी अ कंदहारा आवासगं तु काउं ४ ६३९ आसवदाग संसारहेयवो ३ ९५ 'आसी अ पाणिधंसी
६ ३६१ ५ २६२% ७ ५५५% ४. २८६ .
१००६७
१४३५ . १००४* ४ ३ ७१४
'सवृत्तिक आगम
३
॥ १३ ॥
सुत्ताणि
~32~
Page #33
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[आ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
२४८ ३९
देखीए
६२१
+४१ ४६
दीप क्रमांक के लिए देखीए
आसीविसो उग्गतवो महेसी ७ ३८५* आहाकम्मग्गहणे आसीविसो वाचि पर सुरुठ्ठो ५ ४०३* आहाकम्महारं भणिय० आसुकारगिलाणे
३ १३१६ माहाकम्मनिमंतण . आसुं खुहं समेई ३. ११८४ आहाकम्मपरिणओ६ आसूयमाइएहिं ६ ४०५ आहाकम्मपरिणओ० सु०६ आहच चंडालियं कट्ठ ७ ११% आहाकम्मतरिया अस०६ आहब सवर्ण लढुं ७ १०३* आहाकम्मं भुंजइ न आह जह जीवधाए ३ १६७७ आहाकम्माईणं होइ आहणणाई दिते
आहाकम्मियनामा आहरणं तहेसे चउहा
७३ आहाकम्मियभायण आहरती सिआ तत्व
आहाकम्मुद्देसिय० आहा अहे य कम्मे
९५ आहाकम्मुद्देसिय० आहा अहे य कम्मे
१२९ आहाकम्मेण अहे करति ६ आहाकडभोईहिं
१२६ आहाकम्मे य तहा लोह० ३
१८१ आहा. वह बाबरा य २१८ आहाय जं तु कीरब १८२ आहारजबहिसेजा। १०७ आहारउवहिसेजा २०७ आहारओ उजीवो १३४ आहारगुत्ते अविभूसियापा ३
आहारतेयलंमो आहारपदक्खाणेणं
आहारमिच्छे मियमेसनिनं ७ २६३
आहारंति तवस्सी ९२ आहारंमि उ जा सा ३ ३९३ आहारे संघाओ परिसाडो १३६ आहारे सिप्प कम्मे अ १३६० आहारोवहिमाई
९४
'सवृत्तिक आगम
mmm
सुत्ताणि
~33~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[इ-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
सत्रायनक्रमः
देखीए
४८१
दीप क्रमांक के लिए देखीए
इविक तिन्नि वारे' इस सव्वकालतिता
३ ९८६ इकेण तोसियतरो इअ सिद्धाणं सुक्खं ३ ९८४ इको उ असम्भावे इइ एएसु जो भिक्खु ७ ११५५* इकोऽवि नमुक्कारो इइ इत्तरियंमि आउ० . २९२७ इक्खागकुले जाओ। इइ एस धम्मे अक्खाए २२७* इक्खागभूमि उज्झा इइ चरिं दिया एए ७ १५२२* इक्खागरायवसहो इइ जीवमजीवे य . १६२१* इक्खागवंस भरहो इइ पाउकरे बुद्धे ७ ५७१* इक्खागेसु मरीई इक्कवीसाए सबलेखें ७ ११४९० इचे छज्जीवणिों५ इकस्स दोण व संकियंमि ३. १४८३ इइयम्मि दुवालसंगे इका य पुषकोडी . १५४८ इथेए थावरा तिविहा
इक्कारसवि गणहरे . ३ ८२ इचयाई पंच महल्वयाई Bइकासीइ बावत्तरी अ ३ २३७ इवेवमाइ सव्वं
३ २२९+ इथेव संपस्सिा बुद्धिमं५ ४९९५ ३ १४२६ इञ्चेसि छण्हं जीव०५ २
+ इच्छाइ साममेसुं। १६* इच्छा पसत्यमपसत्थिगा ५ १६५ १४९ इच्छामि० अणुजाणह मे ३ २ ३८२ इच्छामि० इरियावहियाए ३ .
५८६* इच्छामि० उवडिओमि ३ ३४ ६ ४७९ इच्छामि० कयाइं च
इच्छामि खमा० पियं च ३ ५९* इच्छामि समासमणो! ३
५८ इच्छा मिच्छा तहकारो २ १ ४७९० इच्छा मिच्छा नहकारो . ५ १ इच्छा मिच्छा तहाकारो ३ ६६६ ३ ३१२ इच्छामि० जो मे देवसिओ ३६
'सवृत्तिक आगम
॥१४॥
सुत्ताणि
~34~
Page #35
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
इच्छामिठाइ काउस्सगं इच्छामि० पगामसिज्जाए इच्छामि० पुवि चेइ०
इच्छा व अणुनवणा इच्छिल न इच्छिल व
इट्टगछमि परिपिंडियाण
इट्टगपागाईणं
इट्टगपागाईणं
इद्वाणं विसयाईण इडीए निक्खंतो
इडीगारविए एगे इड्डी जुत्ती जसो बन्नो
हड्डी वित्तं च मित्ते य इणमण्णं तु पमाणं
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ इकार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
.
३
३
३
३
४
६
४
६
३
७
19
७
४
पुनः
२६
८
इणमेव निर्मायं पाव
इति पाठकरे बुद्धे
इति बेइंदिया एए
३३
१२३० इत्तरियमरणकाला य
५२६ इत्तरियंपि न कप्पइ
४६६ इत्तरियाइविभासा
३५९ इतो उत्तरकरणं
३६
इत्थ य पओअणमिणं
। ८
इत्थं पुण अहिगारो ४२१ इत्यं पुण अहिगारो १०५२* इत्थं पुण अहिगारो
२०४* इत्यं पुण चउभंगो
६८७ इत्थं पुण समणोवासग०
६८२ इत्थि पुरिसं वावि
~ 35~
३
७
७
७
३
३
३
३
५
-३
३
你
२२
इत्यिकह भत्तकहा १६४०* इत्यीगहणे धम्मं
१५०३* इत्यीण कहित्य वट्टइ
११० ६* इत्थीपरिग्गदाओ
७२१ इत्थी पुरिससिद्धा य
७१९ इत्थीरयणपुरोहियभिखाण
१९३ इत्थी वा पुरिसो वा
२०२२
इत्यी विचाऽभिहिया इत्यीबिसयगिद्धे य
इमस्स ता नेरइअस्स
इमं च एरिसं तं च
७९
२३१
२३५
१७१२
५०
१८८० इमं सरीरं अणिचं
इमं च मे अत्थि इमं च मे
इमं च मे अत्थि पभूयमनं
५
४
10
५.
७
७
19 ३५४
१११९
९३१
१८३७
७
५
७
७
७
२०९
४२२
३२७
19
३४२
१४२२*
४९६
१२१
४५५*
३९३
६१२*
Page #36
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[इ- कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
नं.अ.आ.
४२६ २०११
सूत्राधनु
भाम:
देखीए
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
ASARASWARA
इमा हु अन्नावि अणाहया . ७३६*श्य सव्वगुणाधाणं ३ ।१०५ इह जीविए राय! असास.. इमे य बद्धा फंदति . १८५७ इरिों नऽवि सोहेई ६ ६६४ इह जीवियं अनियमिता . इय अविहीपरिहरणा .६ २०१ इरिभावहमाईआ ४ ५५ इहपरलोयादाणमकम्हा इय आलोइय पवित्र ४ ५६० इरिएसणभासाए . ३६०० इहभवभिन्नागारो इय करणकारणाणुमइ ३ ।२३ इरियं नवि सोहे ४. २११+ हमेयो उ मन्नति
इय दुलहलंभ माणुस० ३ ८३६ इरियाइ पडिकंतो . ६२+ इहलोइ अत्यकामा Mइय नाणचरणहीणो ३ २४(प्र०) इरियामासेसणाऽऽदाणे . ९२२० इहलोइमा पक्तिी
इयरहवि ता न जुज्जा ३ १५५० इरियावहिया हत्यंतरेऽवि ३ १५८० इहलोए फलमेयं इयरेयरसंजोगो . ३५ इरियासमिई भासेसणा३ १३१२ इहलोगपारत्तिों इयरेसु पोरिसितिगं ४ २९४ हरियासमिए सया जए ३ +२८ इहलोगम्मि तिदंडी इयरोऽवि गुणसमिद्धो ७५८* इस्साअमरिसअतवो .१३१४ इहलोगम्मि सुभदा इयरोऽवि गुरुसगास ५२४ इह कामानियट्टस्स
२०२० हंसि उत्तमो भंते ! इयरोऽवि य पंतावे
३२६ इह कामानियट्टस्स . २०३० हेवऽधम्मो अयसो इय लिंगनाणसहिओ ३ ११५७ इह खलु भो | पबहएणं ५ २१ इंगालं अगणिं अचिं
'सवृत्तिक आगम
॥१५
सुत्ताणि
~36~
Page #37
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[इ-कार + ई-कार + उ-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहा
देखीए
२५८
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
इंगालं छारियं रासि इंदगोवसमाईया इंदत्यं जह सहा इंदपुर इंददत्ते | इंदपुरे रुहपुरे इंदियग्गामनिग्गाही इंदियत्थे विवजित्ता इंदियमाउत्ताणं हति इंवियमाउत्तीर्ण हर्णति इंदियलद्धीनिव्वक्षणा इंदियविसयकसाए इंदियविसयकसाया इंदियविसयनिरोहो इंदियाणि उ भिक्खुस्स
५ ६६% इंधणमाई मोत्तुं ६ ७१५१२७ इंधनअगणीअवयव ६ ६ १३५ इंधनघूमे गंधे १३८८ इंधनधूमे गंचे अवय०
ईकार: ९४९ ईसत्यं धणुवेओ . ९२८७ ईसरतलवरमाविमाण . १ १४८५ ईसीपम्भाराए. जोअणमि ३ . ६६० ईसीपब्भाराए सीआए ३ २० प्र० ईहा अपोह वीमंसा ३ ९१९ ईहा अग्रोहा वीमंसा
उकार: ४ १६७+ उतवद्धधुवण बाउस - १३५७* उउबद्धधुवण बाउस
२६७ उच्छिष वेकच्छी ४ २५९ उक्का विज्जू य बोव्वा . १४८३० १५७ उकुट्टि सीहणायं कल० ३
उक्कोस तिसामासे
उकोसदब्बखेत्तं च ४ २३७+ १७+ उक्कोसमज्झिमजहन्नग ३१५ (उकोसयहितीए पडि०, ३ ९६५ उकोसेण दुवालस
१४३९ ९६०.
उकोसेणं चेयं अद्धा ८०* उकोसो अहविहो उकोसो उ नियंठो
२३९ उक्कोसोगाहणाए उ ३४९ उकोसोंगाहणाए य .१४२३१ २४ उकोसो मणुएK
. १४२६२
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~37~
Page #38
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ १६ ॥
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ उ-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः
उक्खित्तणाए संघाडे उक्तिऽपचवाए उक्तं निक्खिप्पर
उक्खेवे निक्लेवे
उक्लेवे निक्खेवे उग्गओ खीणसंसारो उग्गओ विमलो भाणू उम्गकुलभोगखत्तिअ० उमाम० अप्पदुट्टो अमुच्छिलो ४ उग्गम० उग्गोवणमग्गणा
३
६
४
३
8
६
४.
६
७.
७
उग्गमउपायणएसणा उग्गमउप्पायणासुद्धं
४
उग्गम० उबहिं धारए भिक्खू ४ उग्गमएसणकणं
४
+ १६ उम्मगमकोडी अवयव ०
६
४७४ उम्मगमकोडीअवयव
६
३४० उग्गम० जोगाणं साहणद्वया ४
४८५ उग्गमदोसाइजढं
४
५७०
उग्गमदोसाईं
९०९
उग्गमदोसा सोलस
९०७
५०+
४
६
उग्गम० सदा अज्झत्यसोहीए ४
उग्गम० साधारणं बियाणंतो ४
उग्गम० साहू कुणइ तेणिअं
४
उम्गम० साहू पावइ निबरं
४
७४५
८५
५०३ उग्गमं से अ पुच्छिना
५६८ उमामुप्पायणं पढने
७४३ ५३+
उग्गह इकं समर्थ
उग्गह इकं समयं
~38~
५
७
१
३
२४७ उमाह ईदाऽवाओ
३९४ उग्गह हाऽवाओ य
७४४ उमाहकाईयव
२९५ उगह गंगपट्टो
९५
उद्देइकलमइए
५२२ उम्मं तवं चरिचाणं
७४७
५६९
५७०
उम्गाइकुलेसु वि
उग्गाणं भोगाणं
उग्गा भोगा रायण्ण०
५७१ उग्धायमणुग्धायं आरु०
११५* उच्चचा दाणं दुखभ०
उचारं कुब्बंतो छायं
उचारं पासवर्ण
उच्चारं पासवर्ण
९३२
७७*
४
३
४
४.
१
특
३
३
३
६
३
७
५
气学
R
. ४१९
६७७
३५
८३०*
४४१
२२५
२०२
+४८
३२२
१३६८
९३५७
३५२*
सूत्रायतु
क्रमः
॥ १६ ॥
Page #39
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
उचारे पासवणे खेले
उच्चारे पासवणे लाउय ०
उच्चारे पासवणे सिणाण उचालियंमि पाए
उच्चावयाहिं सिनाहिं उचिणइ व विद्वाओ
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ उ-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
उद्योअए महुकके य उच्छुक्खीराईयं विगारि उच्छू बोलिंति वई
उज्जममाणस्स गुणा
उज्जाण पुरिमताले उज्जाणं संपत्तो
उज्जाणे संपत्तो उर्जितसेउसिहरे
४.
४
७
४
७
६.
४
३
३
३
७
पुनः
१२६३ उज्जेणि अट्टणे खलु ११६+ उज्जुप्पन्नो अणुव्विग्गो ४६७ उज्जेणि देवलासुब ७४९ उज्जेणिऽवंतिवद्धण ० उणी अंबरिसी
७०
२९६ + उज्बेणीए जो जंभगेहि उज्जेणीए घणवसु ४१८* २८० उज्जेणी कालखमणा
१७१ उबेणी धणमित्तो
११८० उणी हत्थमित्तो
३४२ उडाणणामगहणे
१०६ + उट्ठाणाई दोसा उ
८०५ उडुबद्धे रयहरणं १७* उड्डाह कायपडणं
~39~
५
३
३
३
३
३
७
७
७
३
५
४
६
१३७६ | उनिसीयतुयट्टण
१४९ उब्रुमद्दे तिरियंपि य
१४०६ उमुद्दो कहरत्तो
१३८४ उगइति अणा
१३९७ उ थिरं अतुरिअं
७६६ उ थिरं अतुरिअं
१३७८ पुप्फफलाई
११९ उडाई विरसम्मी
९०
उडुस्सासो अपरकमो
८९. उष्णियं उट्टियं वादि
१३१९ उहाभितत्तो संपतो
२७
१३४६ उहाहितत्तो मेहावी उत्तरकरणेण कथं उत्तरकुरु सोहम्मे
५८३
४
६
४
५
४
७
४
४
३
४
७
श्र
३
१५२+
३६३
१८८+
५३+
२६५
१०१५*
२७१+
१९६+
१३१०
७१०
६६० *
५७*
१८२
१ प्र०
Page #40
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
॥ १७ ॥
नं. अ. आ. उत्तरकुरुसोहम्मे विदेहि ओ. उत्तरायणाणेसो द.पि. उ. उत्तर पुव्वा पुज्जा उत्तरमन्दा रयणी उत्तरवाचालंतर ० उत्तरवायाला नागसेण० उत्तसई विमोहाई उत्ताणउब्व पासिडब्ब उति उवओोगकरणे
उत्ति उवओगकरणे उत्थरमाणो सब्वं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ उ-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
उदडलं अप्पणो कार्य
उदडलं बीअसतं
७
१७२ उदहीसरिनामाणं २७ उदिआ परीसहा सिं ३ ४ १८४ + उद्दिट्ठकथं भुंजइ
१२८५* नंदमाणहि अओ २३५ उप्पज्जयंति वयंति य * ३५९ उपज्ञानारयणे
२
४०* उद्देस समुदेसे वायण
३
५ १८३ + उप्पण्णं नाइहीलिजा ३ १६३१ उप्पण्णंमि अणंते
३ ४६७ उद्देस समुरेसे
३ ३४१
३
५
2000
४६८ उद्देसिअं की अगढं १५३* उद्देसियं कीयगढं ९६७ उद्देसियं कीयगडं २००२ उद्देसियं समुद्देसियं च १००३ उद्देसे निद्देसे अ
११४* उप्पण्णंमि अनंते नहंमि १८* उप्पत्तिआ वेणइया ७४५* उप्पत्तित्रा वेणइया ६ २२९ उप्पत्ती निक्खेवो पयं R १३३* उप्पन्नविगयमीसग ० ३ १४० उप्पमाणुष्पन्नं कयाकयं उप्पन्नाणुप्पन्नो ८०८ उप्पलं० अन्नं वा
१२७४ उद्देसे निदे से य ५ ३४१* उद्देसो गुरुवयणं
७
८६
२३३* उद्धरिय० भसपरिण्णाए
४
उदही० वीसई कोडिकोडिओो ७ १२८९* उद्धरियसव्वसतो
४
८०७ उप्पलं पढमं वावि
.
३
पुनः
३
३
३
~40~
७
४११ ७९३
३५+ १५८७
३ ५३९
१ ६१
सूत्राधनुक्रमः
३ ९३८
३
८८७ ५ २७७ ३ १७५+
३
५
८८८ १७५* १७३*
॥ १७ ॥
Page #41
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
उप्पायमिंगाइपा उप्पारणाएँ दोसे उप्फालगदुबाई य उब्भट्ठपरिन्नायं
उब्भामिगा य महिला
उन्भिज पिज कंगू उभिने छाया दाणे
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ उ-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
उभभी नहसंठाणा उभओ निद्धम्मेसु
उभओ सीससंघाणं
उभयं अणाइनिद्दणं
उभयाइरित्तमहवा
उभयेऽवि य पच्छन्ना उम्मग्गदेसणाए चरण
4
६
७
६
५
६
६
४
४
७
३
६
६
३
पुनः
। ७७ | उम्मायं च उभेजा ५१४ उम्मुकबालभावो
१३१७* उम्मुकमणुम्मुके उम्मुंच०
२८१ उन्हासेसोवि सिही
८८
उयहीसरिसनामाणं
६२४ उरकंठसिरविसुद्धं
३४८
उरगगिरिजलणसागर ० उरगगिरिजलणसागर ०
२९
३८ + उरभाणामगोयं
८४१७ उलो सुको य दो छूढा
१७३ + उबएस अणुवएसा ४+
उवएस अणुवपसा
४३२ उपभोगविद्वसारा ११५४ उपभोगविद्वसारा
~41~
३
粤
३
३
७
२
२
५
७
७
४
४
१.
'
१५११ ओग पडतोमु० ७८ + डवओोगलक्खणमणाइ ०
८२९ उपभोगं च अभिक्खे
१५८१ उवओगंमि य लाभं
१२८७७ उबओगा नाभावो
५
४९* उवखं भोयण मादणाणं ७
१३१* डवगरणवत्थपाए
वगरणाईयाणं
१५९
२४६
९८८
उबगरणं अइरेगं
उबगरणंमि उ जा सा
अवगरणं वामे उरुगंमि
उबजीवि अणुवजीवी
३
३
११९
१२८
६९* उवज्झायनमुकारो एवं
९४६ उवज्झायनमुकारो धन्नाणं
४
६
४
४
४
३
४
४
३
३
८९४
। ५५
४००
११६
१६+
३६९*
१५८+
१५७+
१७२+
१३६५
३१८
५४८
९९१
१००५
Page #42
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[3-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
आ.
५७६*
५
सूत्राधनुक्रमः
देखीए
द.पि. उ.| ॥१८॥
. ११४५०
दीप
SANSARSSESSMSMS
उवण्झायनमुकारो सव्व० ३ १००७/उववज्जिऊण पुव्वं
२८८ उबहिमि अमुच्छिए उवझायनमोकारो जीवं. १००४ उववाओ सब्बढ़े. ३ १८५ उवही उवग्गहे संगहे उवट्ठिया मे आयरिया ७२०० उवसमेण हणे कोई ५ ३७३७ उवासगाणं पडिमासु उवणयणं तु कलाणं ३ २३+ वसय बाहि ठाण
४१+ उवेहमाणो उ परिब्वइज्जा उवणिजई जीवियमप्पमाय०७४३१० लवसंपन्नो जं कारणं
७२० उव्वणिऽसंसत्तेण उवभोगपरिभोगवए ४३ उवसंपया ये काले
३ ६६७ उम्बट्टिया पओसं उवमा खलु एस कया ६ १२७ उपसंपया य काळे
उव्वत्तणनिल्लेवण उवमारूवगदोसा ३ ८८४ उवसंपया य तिविहा ३ ६९८. उव्वत्तणमप्पत्तं च उवरिमा उवरिमा चेव ७ १५८७७ उवसंहारविसुद्धी
१३२ उसभजिणसमुहाणं उवरि आयरियाण३ १३३७ उवसंहारो देवा ।
उसमपुरं रायगिहं उबरि गंतुं छिज्जति कसा ७ ३०+ उवसंहारो भमरा
१३० उसभमजिअं च वंदे उवरिं हेहा ये पमजि०४ २६४+ उबसामं उवणीआ ३ ११८ उसमस्स उ पारणए उवलम्भम्मि मिगाव ५ ७६ उवयमइविण्णाणो ३५०६ उसभस्स कुमारतं | उवलेबो होइ भोगेसु ७ ९८७० उवहिपचक्खाणेणं भंते ! - ४८ सभस्स पुरिमवाले
2060mm
क्रमांक के लिए देखीए
४८६
00000006
॥१८॥
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~42~
Page #43
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ उ-कार + ऊ-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
m.
दीप क्रमांक के लिए देखीए
३२७
AAAAAAAA
उसभस्स पुव्वलक्खं उसंभस्स पुब्बलक्खं उसमस्स भरहपिठणो | उसमे भरहो अजिए उसभं अजियं संभव० उसमे भरहो अजिए | उसमे सुमित्त विजए
उसभो अ विणीआए उसभो वरवसभगई | उसमो वरवसभगई उसभो सिद्धत्यवर्णमि उस्ससि नीससि उसिउस्सिओ तह १० सिणपरितावेणं
orrm mmm
३ २७२ सिणस्स छहणे देतओ ६ ६२८ उस्सिअनिसनग ३ १५५८
उसिणोदगमणुव्वत्ते ४ ३४५ उस्सीस भायणाइं४ २३३ २८८ उसिणोदगमणुज्वत्ते
१८ उस्सेहो जस्स जो होइ ७१४३७* .४१६ उसिणोद्गपि घेप्पड़
कार: १८* उसुआइएहिं मंडेहि ४२४ ऊणगसयभागेणं
१९३० ३ ४१६ उसुधारनामगोए .
३६१ ऊणगसयभागेणं ३९९ उसुआरपुरे नवरे
३६६ ऊणहिय दुव्बलं वा ३ २२९ उसुआरे निक्खेवो ७. ३५९ ऊरुसु उसमलंछण ३ ३ २ (प्र.) उस्सग विउस्सरणु ३ १५४८ ऊसव मंडणवग्गा
उस्सग्गेण विसुभाइ ३ १५२४ ऊससि नीससि ३ २३० उस्सग्गे निक्खेबो । ३ ३१ प्र. ऊससियरोमकूवो
८१७ उस्सन्नकयाहारो अहवा.३ १२८१ ऊसासगणीसासग ३ ८१४ ३ १५५६ उस्सारियेंधणभरो
१४+ . ५६% उस्सास न निरंभइ३ १६०७ |
35%8*35***
०९१
२०
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
नंद्या.
३१६०० हाए पण्णत्वं ।
१+
~43~
Page #44
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ए-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
१३॥
नं.अ.आ. द.पि.उ.
सूत्राघनुक्रमः
देखीए
९४
५ ५ ५ ५ २
दीप
९८०३
क्रमांक के लिए देखीए
एकार: एचट्ठमन्नं वा एवं च दोसं दद्गुणं एवं च दोस दट्टणं एआर ण नेगम० अट्ठ. पाएणं नेगम० भैग एआए णं संगहस्स भट्ट. एारिसे महादोसे एए उ आणाएसा एए उन बीसामे एए कर्वजलिउडा एए खरपुडवीए एए खलु पडिसत्तू |पए चउदस सुमिणे
एए चेव उ मारे २८१ एए येव दुवास २०८* एए चेव य दोसा २३४७ एए चेव विमागा
एए चेव हवेजा एए चोइस तिसल्या एए चोइस सुमिणे
एए श्चिय पुवाणं पुब्व० २० एएणऽन्मेण अद्वेषं १.+ एएण मक्ष भावो ३३० एए ते जेसिमो रखो ११५० एए के पावाही चत्तारि ४३+ एए देवनिकाया ४+एए देवनिकाया
. १०७९० एए नरिंदवसमा ४ ६७१ एए नव कब्बरसा ६ ३२० एए परीसहा सव्वे
३०२ एए पंच वयंसा
१४२ एए पाकरे बुद्धे ३ ५७+ एए य संगा समइकमित्ता ७ ११७३% ३. ५५+ एए समणा वुत्ता ३ । एएसामन्नयरे
१४९९ . २९०* एएसामन्नयरे ४५३ एएसि जाणणदा
४ २८०+ १६५ एएसिणं भंते ! णेगम० २ ८९ ३ १२७६ एएसि दायगाणं ३ ८+ एएसिमसंखिया . २१५ एपसिं० गंधो० संठाणा०७ १५५१%*
६
१५०४
॥१९॥
५७४
'सवृत्तिक आगम
5755
३ ३
सुत्ताणि
~44~
Page #45
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
एएसिं० गंधओ०
एएसिं० चेव० विहाणाई
एएसिं० चेव० संठाणा एएसिं० तं बवहारिअस्स
एएसिं० तं सुहुमस्स अद्धा० एएसिं० वं सुहुमस्स खेत्त० एएसिं तु विवखासे
एएसिं पाणं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ ए-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
एएसिं वन्नओ० संठाणा०
एएसि० विद्वाणाई
1
७
७
२
२
२
७
७
एएसिं० भविन दसगुणिया २ एएसिं०रसफासभ० एएसिं०रसफासओ सहस्स० ७ एएसिं वनओ चैव
७
७
७
पुनः
१४९८७ | एएसि विहाणाई सहस्ससो ७ १५६६* एएसि विहाणाई सहस्ससो ७
१५०८* एएसिं० संठाणादेसओ
७
११३* एएसिं० संठाणा ० विहाणाई
७
११०*
३
३
३
४
४
७
११४* ११०१*
२१०७-१०८
एएस पढममिक्ला
एएहिं अद्भभरहं
एएहिं अहं लइओ
एएहिं कारणेहि उ केह
एएहिं कारणेहिं एएहिं कारमेहिं
१०९* १५२७*
१५४२* एहिं हहिं ठाणेहिं १४५६* एएहिं छहिं ठाणेहिं
१६१९* एएहिं जो खज्जइ
१५१७* एएहिं विद्विवाए
~ 45~
१४८९* एकाणियस्स दोसा
१४७८० एकपव्वं पसंसंति
१४६४* एकवीसाए सबलेहिं
१५७५* एकस्स दोण्ड व संकि०
३२६ एक पाउमां गुरुणो
३६४ एमिवि पाणिवहंमि
१२७८
एक व दो व तिथि व
६११
एकरस उ गणरा
३१३ एकारसवि गणहरा सब्बे १६२ एकासणं० अण्णत्थ० ३२५६+ एकिकोऽवि अ तिविहो ५८३ एकरस य पासंनि
४
३ १२७७ ७६०
१
एकेकं तं दुविहं
एकेकाऽविय दुबिहा
४
४
३
४
४
४
४
३
इ
४१३
७३२
१७
१५८
७१८
५३
५५८
२६९
५९२
५३
४ ४८५
४
६
දි
५३६
२७९
४२९
Page #46
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ए-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
६७७७मत्रावनु
क्रमः
देखीए
द.पि.उ.
॥२०॥
दीप क्रमांक के लिए देखीए
एकेकीय रिसाए एकेके चउभंगो एकेको य सयविहो
एक्केण कयमकर्ज |एको घरेइ भाणं |एको व जहनेणं एक्को व दो व तिन्निव एग एव परे लाढे एगो विरई कुजा एगओ संवसिचाणं एगाजपवन्नाणं एगकजपवन्नाणं एगखुरा दुखुरा चेव एगग्गमणसंनिभंते!
mur.00.00
५६१ एगग्गस्स पसंतस्स ५६८ एगच्छत्तं पसाहित्ता ७५९ एगट्ठा एयवंजण १८५ एगढियाणि तिण्णि उ
एगत्तं च पुहुत्तं च ४०१ एगत्ते जह मुडिं ४. ६१७ एगत्तेण साइया ७ ६६* एगस्थ होइ भत्तं . ११३६* एगद्गतिगचउक . ४६६* एगनिक्खमणं चेव
८५५* एगपएसोगाढं . ८६१* एगपणअद्धमासं . १५५३* एगप्पो अजिए सत्तू . ३९ एगबहूसमणुण्णाण
SCSCCCCCCC
३ ६९३ एगम्भूजओ अरने वा
५८९० एगमुगुंवा तूरं एग ६ १३० एगया अचेलए होई ३ १२९ एगया खत्तिओ होइ १०७३७ एगया देवलोएसु.
१०४८ एगरस एगवणे ७ १४३८* एगविहमणाणता ४ २५२ एगविहमनाणता
३१६ एगविहं दुविहेणं १२१६ एगविहाइ वसविहो ४४ एगस्स खीरभोअण. १६६ एगस्स माणजुत्तन ८६९* एर्ग किर छम्मासं दो ८१ एग डसह पुच्छंमि
RASAIRCRACCOR
१४५९०
.
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
.
१०४७*
~ 46~
Page #47
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ए-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
८६७% ०८२%
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
|एगंत० अचित्तं पडिलेहिमा ५ १४५*। एगते. आलोए तिणि एगंतपसत्था तिणि ७ २३४ एगतेण निसेहो जोगेसु एगंतमणावाए अचित्ते ३ १३६१ एगते य विवित्ते एगतमणावाए
४ ६९६ एगं पडुच हिट्ठा तहेव एगंतमणा० दुण्णि ४ ५९७ एग पायं जिणकप्पियाण एगतमणा० अचित्ते ४ ६०५ एगागि गिलाणमि एगंतमणावाए ७ ११२५० एगागिसमुसिगा एगतमवकमणं
६ २११ पगा जोअणकोडी एगतमवकमित्ता ५ १४०० एगा य होइ रयणी एगतरत्ते रुइरंसि ७ ११९४० एगासणं... एगतरत्तो गधे ७ १२०७० एगा हिरण्ण एगंतरत्तो रुइरसि
. ११८१० एगा हिरण्णकोडी एगतरमायाम
१६२५७ एगुणतीस आवस्सग० एगंतसिणिद्धंमी पोरिसिमेगं ६ १३+ | एगूणवन्नऽहोरत्ता
३ १३६३ |एगे जिए जिया पंच ४ ५६ एगेण अणेगाई
५४२ एगेण वावि एर्सि
८९९ एगेव मीसपसु ४ ६८० एगेंदियनोएगेंदिय० ४ ७३ एगो अ सत्तमाए ४ १०३+ एगो काओ दुहा जाओ ३ ९६२ एगो देवस्स भागो ३ . ९७३ एगो पडइ पासेणं
५३ एगो भगवं वीरो ३ ८२+ एगो भयवं वीरो ३ २१७ एगो मूलंपि हारिता
२५ एगो व अणेगो वा ७ १५१४* एताइ अकुव्वतो
9.
umr.m...mm.
१५४१
4%AAAAAKIRACT
६५३
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
३
११४१
~ 47~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ए-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
४
६३१ ३ ३७ प्र०
सूत्राधनुक्रमः
देखीए
द.पि.उ.
३
११०
॥२१॥
२८८
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
एते अकारणासंजयस्स एते उ अणाएसा एतेसिं निज्जुत्ति एतेहऽदीसमाणे - एतेहि कारणेहिं लभ्रूण एत्तो किणाइहीणं ६ एत्तो परिठ्ठवणविहिं एत्तो ससुद्धरणे पत्थ उ जिणवयणाओ एत्य उ तइयचउत्था पत्य पढमो चरिते ३
एस्थ व बलकरणे विमाणिमो ३ भएत्व व भणिज कोई ५ जाएत्थं०पमाणकालेण ३
१२१ एत्थं पुण संजोगा २७१ एमेए समणा मुत्ता • ८६ एमेव अरजिणिदस्स - २५४+ एमेव अहाच्छंदे ८४२ एमेव उझियंमिति ६४३ एमेव उ ओमम्मि ३०३+ एमेव ओहिमरणं ७९३ एमेव कमो नियमा ७२७ एमेव कसायम्मिवि ३५४ एमेव कागमाई १६२३ एमेव कामविणो १३५० एमेव गंधमि
९९ एमेव चउविगप्पो ७३३ एमेव देसणमिवि
२२ एमेव पूइयमिवि
३* एमेव वलसमग्गो . २९४ एमेव भावकूडे
११ एमेव भावसुद्धी १९६ एमेव मज्झिमाए २३+ एमेव मीसएसुवि
६ एमेव य उक्कोसे ३३६ एमेव य कम्ममिऽवि
१४+ एमेव य कुंथुस्सवि ४५४ एमेच य जंतंमिवि
३१५ एमेच व जोगाणं १२१४० एमेव व निदेसे
३१ एमेव य पासवणे बारस १५+ एमेव व पासवणे
SACANCHORG
AM.mam.c
पणामा
'सवृत्तिक आगम
. ५ .
१४६१
सुत्ताणि
~48~
Page #49
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ए-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
GRESS
एमेव य भंगतिभ- ६७३ एयम९०णमि रायरिसिं एमेव य समणीणं ३ १५०३ एयमढणमि रायरिसिं एमेव रूबंमि गओ पोस ७ ११८८ एयमढुं०णमि रायरिसि एमेव वाइखमए ६. ३१५ एयमहणमि रायरिसिं एमेव विसकर्यमिवि ४ ६०३ एयमढ णमि रायरिसिं एमेव समि० ७ १२०१* एयम९०णमि रायरिसि एमेव सेसएसुवि ६ ७६ एयम णमी रायरिसी एमेव सेसयाणवि एमेव सेसियामुऽवि
४२१
एयमहणमी रायरिसी एमेवऽहाछंदकुसीलरूवे ७ ७४८% एवमढणमी रापरिसी एमेव होइ पुरिसो ४ ४९४ एयमझुणमी राबरिसी एवदोसविमुकं ४ १३४+ एवमढ०णमी रायरिसी एयहोसविमुकं ४ ५१८ एवमटुं०णमी राबरिसी एयरोसविमुकं घेत्तुं
३८९ एवमटुं०णमी राबरिसी
७
२२० एयम१०णमी रामरिसी २५६० एवमहं०णमी रायरिसी
२६० एवम१०णमी राबरिसी ७ २६८४ एवमट्ठ० निसामित्ता . २७४* एवमटुं निसामित्ता
२४०* स्यम९ सपेहाए
२४६० एवं अकाममरणं ७
२५०* एवं किइकम्मविहि २५२० एवं घासेसणविहिं।
२५४७ एवं चव्विहं राग० . २५८* एवं पपउम्विई रागदोस०३ . २६४ एवं चेव पमाणं
२६६* एवं चेव पमाणं
३०२+
२४
'सवृत्तिक आगम
५८१
CM
१८४
सुत्ताणि
~49~
Page #50
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
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सूत्रांक
६४८
देखीए
औ.
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
नं.अ.आ.४ एयं जहन्नमुकोसयं ३ १६४+ एयाई तीसे वयणाई सुचा ७ ३८२० एयासि लेसाणं
एवं पहाणं एवं विलेव० ७ १४७ एयाई तु सुहाई जे खलु ३७८ परिसयं चिय दुक्खं एयं तवं तु दुविहं
११३४* एयाई परूवेड ५ ६ परिसे संपयग्गमि ॥२२॥ एवं तु अणाइन्नं ६ ३४३ एयाई पाबाई जे खलु ३९० एलग दारगं सार्ण एये पञ्चक्खाणं
१६६८ एयाओ अट्ठासमिईओ ९२३* एलावञ्चसगोतं एवं पढिलेहणविहिं
३३० एयाओ पंच समिईओ .. ९३९% एवण्हं थोऊणं. एवं पंचविहं नाणं ७ १०६५* एयाओ पंच समिईओ ७ ९४६* एवमणुचिंतयंतस्स एवं पुण्णपयं सुच्चा ७ ५८१४ एयाओ मूलपयडीओ ७ १२८२७ एवमणुचिंतयंतस्स एवं ससलमरणं
२२० एया चेव कहाओ -- २१० एवमहं आलोइय एवं सामायारिं झुंजंता ३ ७२३ एया पवयणमाया ७ ९४७* एवमाइ उ जा भासा एवं सामायारिं झुंजता ४
एयारिस मर्म सत्तं ४ ५४४ एवमाणाय मेहावी एवं सिणाणं कुसलेण दिटुं७ ४०५* एयारिसं ममं सत्तं
६३३ एवमावट्टजोणीK एयाई अट्ठ ठाणाई ७ ९३०* एयारिसीइ इडीए
७९५७ एवमिणं उवगरणे एयाई चिय तिग्निवि ६ ६२२ एयारिसे पंचकुसीलसंबुडे ७ ५४६एवमेआणि जाणिज्जा
९
*
२८४.
'सवृत्तिक आगम
५०
९९% ४७६३
॥२२॥
सुत्ताणि
३५०
~50~
Page #51
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
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प्रत
सूत्राक
यहां
१०+
४
देखीए
..
५३८
दीप क्रमांक के लिए देखीए
एवमेव वयं मूढा एव य कालगयंमी एवं अट्ठावीसइविहस्स एवं०अणगारस्स निक्खंतो एवं अदीणवं मिक्खु एवं अमिथुगंतो राय एवं अमिथुब्वतो . एवं उग्गमदोसा एवं उदउल्ले ससिणिद्धे एवं उस्सकिया एवं एए कहिया एवं एकेकदिणं एवं एगस्स विही एवं ककारलंभो
. ४८३ एवं करति संबुद्धा
१६% एवं चरणमि ठिओ ३ १३१७ एवं करंति संबुद्धा
६९६० एवं चिय वयजोगे । ३६ एवं करिति संबुद्धा
२८९७ एवं जाणतेणवि ९९०* एवं करेंति संबुद्धा ७ ८३१९ एवं जिवं सपेहाए १९९० एवं खलु आयवणं
७८६ एवं तवोगुणरओ २८६* एवं खु अहं सुद्धो
११५ एवं वा कारणिओ ८८+ एवं खु सीलमंतो
७८ एवं तु अगुणप्पेही २५० एवं बु सीलवंतो
३ ११३२ एवं तु अण्णसंभोइयाण ९२ एवं गच्छसमुई
११८ एवं तु अवयवाणं ५ १२२७ एवं गुणसमाउत्ता । ९८१९ एवं तु इहं आया ३ ७८४ एवं गेलमट्ठा बाधाओ४ ८५ एवं तु गविहस्सा ६ ६१७ एवं चक्खिदियनिग्गहेणं ७ ७७ एवं तु पुवालिचे ४ ५५३ एवं च चिंतइत्ताणं ७७३१* एवं तु सगुणप्पेही ३ १०४१ एवं च पुणो ठविए .. ४. १३२+ एवं तु संजयस्सावि
ॐॐॐॐॐॐ
२००
४
'सवृत्तिक आगम
११०३
सुत्ताणि
~51
Page #52
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ए-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
यहा
.
१९६ ६१३*
सूत्राधनुक्रमः
देखीए
दीप
एवं तु संसए छिमे ओ. एवं तु संसए चिन्ने द.पि.उ.
| एवं ते कमसो बुद्धा ॥२३ | एवं ते रामकेसवा
एवं थुणिताण स एवं धेरेहिं इमा अपाब. एवं धम्मस्स विणओ एवं धम्म अकाऊणं
एवं धम्म विसम्म MM धम्मपि काऊ
एवं नाणे चरणे सामिले एवं नाणेण चरण एवं पडिलेहता - एवं पडुपन्ने पविसओ
क्रमांक के लिए देखीए
+15++DARA
५
९१७ एवं० परिणामो साहिबह १ ९८२७ एवंपि अपरिचसा ४९१७ एपि भाणभेओ ८०९* एवं पीइविवुड्डी ७५६* एवं बमबई १४+ एवं भमराहरणे ४१७* एवं भवसंसारे ६१९ एवं मर अमिथुभा १४२० एवं माणविजएणं भंते! . ६२१० एवं माणुस्सगा कामा ५९ एवं मीसजाय चरणप्पं ६९४५ एवं सहए पंडित २७९ एवं लग्गति दुम्मेहा . २६२+ एवं लिङ्गेण भाषण ६
६ एवं वग्गहणं १४९+ एवं छोर पलि समि १९९+ एवं विनिचि मिग्गयस्स ४ १३९+ एवं विजाजोए १०३६ एवं विणयजुत्तस्स ९८ एवंविदा गिरा मे ३०४० एवं बुत्तो नरिंदो सो
एवं सर जीवस्सवि
एवं सउ जीप परिणा० ८९* एवं सहकुलाई
४. २७५ एवं सदेवमणुभासुराएँ १५३ एवं समुडिय भिक्खू ९८९० एवं सब्बंमिऽवि चन्निमि ३ १५३ एवं ससिणिद्वाए
१२५+
'सवृत्तिक आगम
•
॥२३॥
६८२* १८५+ +२६
सुत्ताणि
४
~52~
Page #53
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ए-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
S
यहां
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
REALSARASWATE
एवं ससंकप्पविकपणासुं . १२६२* एसपमजेसणं वा एवं सामायारी कहिया ३ ७२२ एसणमणेसणिज
णिज एवं सिक्खासमावमो १५१० एसणासमिओ लत एवं से उयाहु अणुत्तरनाणी ७ १७७एस धम्मे धुवे नियए एवं से विजयघोसे
९९०* एस पइनासुद्धी एवं सो अम्मापियरं
७ ६८६% एसा अजीवविभत्ती एवं सो रुइअमई ३ ३५९ एसा अणुमाहत्या एवं होउवधामो ४ २०१+ एसा उ विही सव्वा एविदियत्या व मणस . १२५५# एसा उ हए कईं। एदुग्गदंतेऽवि महातवो ७५१७ एसा खलु लेसाणं एस अग्गी अ वाओ अ ७ २३९* एसा गवसणविही एस गमो पंचण्हवि ४ ३९+ एसा गहणेसणविही एस चरितुस्सम्गो . ३१६२० एसा तिरियनराणं एसणगवेसणामम्गणा ६ ७३ एसा नेरदयाणं
४ ४४८ एसा पडिलेहणविही ४ ३२९ . . एसा परिवणविही
१.५ एसा सामा० एतो उबहि.४ १६६ ५२६* एसा सामायारी कहिया ८१.
१+ एसा सामायारी ७ १०४ १४२०० एसा हेउविसुद्धी ४ ८१२ एसो आहारविही ३ १३५१ एसो त असमाओ ७ १४९ एसोउ विही भणिओ . १३३१% एसो खलु सम्मत्त० ४ ४५८ एसो दिसाविभागो ४ ५३९ एसो दुविहो पणिही ५ १०४ ७ १३३८७ एसो बाहिरगतवो ७ ११२६*
१३३५* एसो भे परिकहिओ
'सवृत्तिक आगम
ARAN
सुत्ताणि
~53~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ए-कार + ओ-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
सूत्रायन
देखीए
Cam
दीप
.
६
E-
क्रमांक के लिए देखीए
एसोऽवि न दिक्खिज्जा ३१३१३ ओदइ ओबसमिए एसो सो जस्स गुणा ६ ४९१ ओदइए ओवसमिए एसो सोलसभेओ ६ ३९२ भोवइय ओवसमिए एसो हु सो उग्गतवो .. ३८० ओदणवंजणपाणग० एहिमपारत्तगुणा
१३ ओमंऽपाहारता एहि ता भुजिमो भोगे "८२०* ओमे संगमरा है एतं महिड्डियं
५६२ ओमे सीसपवासं ओकारः
ओमोअरणं पंचहा ओगाहइत्ता चलइत्ता
९०%23
ओयणमंडगसत्तुग० ओगाहणाइ सिद्धा
९७४
ओयणवंजणपाणग० ओगाहिमायणंतर
६४८ ओयणसमिइमसत्तुग ओच्छाहिओ परेण व
४६५ ओवरति पमाणे ओणमओ पवडेजा ४ २७२+ ओयरत पर्व दुटुं ओणयपमज्जमाणं पहुं ४ २२४ ओयरतं पर्य दई
G४८ओरन्भेष कागिणी
३ २०२+ ओरालविउब्वाहार. ७ ५६ ओरालग्गहणेणं ४ ३६० ओरालसरीरं वा ३ ७ ओसलसरीराणं ६ ४०+ ओराला वसा जे उ. ३ ११९० ओरालिअवेनवि० ७ ११११ ओरालियवेठब्विय ६ ६२३ ओरालियवेउब्विय०
आरालियं च दिव्वं ६ २०२ ओरालियाइआई.
३८+ ओवसमिए य खइए
४६२ ओवायं विसमं खाणु ६ ५१९ भोसप्पिणी इमीसे
Smrur
NSGMMMMM
॥२४॥
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~54~
Page #55
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ओ-कार + क-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
FACCIA
३१+
४४२
दीप क्रमांक के लिए देखीए
मोसहमेसवाणि म लाओसीरहरिबेरायं
बोहाषणं परेसिं
मोहावंता दुविहा दि ओहाविधकामोऽविय
ओहासिअधुबळंभो ओहासियपडिसिद्धो मोहिनाणसुए बुद्धे * ओहिं च आइअंतिम |ओहीखिचपरिमाणे
ओही भवपचहओ ओहे उवग्गहमि य. ओहेण उ निजुत्ति जोवेण विभागेण य
४ १५० ओदे पिंड समासे ५ + कणकुंडगं जहिताण . १४६ ओहों जं सामने ५ २७ कणगरययाइयाणं . ११९३ ओहोवहोकगहियं . . ९३३कणगा हणंति कालं ४. १२७ ओहो सुओवउत्तो ६ ५२४ कणगा हर्णति कालं ५
१२२ कइओणयं कइसिरं ३ १११५ कत्तचि दारमहुणा १६० कइविहाणं भंते! दब्बा पण्णत्ता २ १४१ कत्तरि पओअणावेक्ख० ६ ४२८ काविहाणं भंते ! सरीरा प० २ १४२ कर्त्ततीए धूलं विक्खिण. ४ ८३४* कइहि समएहिं ३ १. कत्तिा बहुले पंचमी ३ । २२९ कक्कडिय अंबगा वा
१६९ कत्ति सुद्धे तइयाः । २७ कक्खडखेत्तचुओ वा
९३ कत्ति कर्ड मे पावं. १ ५६% कढे पुत्थे चित्ते
३ १३५ कति कर्ड मे पार्व ४ ६६८ कडए ते कुंडले य ते .. . १३८ कचो कस्स व दब्बे ४ २ कढपयरच्छेएणं ४ २८८+ कचो मे वण्णेउं ३ ६ २१९ 'कडिपट्टए य लिहली ३ १२९८ 'कचो मे वश्णेऊ. . ३
२४२ २४५
'सवृत्तिक आगम
५ नंगा-
सुत्ताणि
~55~
Page #56
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं.अ.आ. ओ. ब. पि. उ.
॥ २५ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
कत्थइ पंचावयवं
कत्थइ पुच्छर सीसो
कन्नसुक्खेहिं सहिं
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि
[ क-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
कप्पट्ठगरूवस्स उ कप्पट्टिगअप्पाहण कप्परस य निति
कप्पं न इच्छिण सहाय ० कप्पासिऽद्विमिंजा य कप्पा आयपमाणा कप्पाश्या उ जे देवा कप्पाकप्पे परिणिद्वियस्स
कप्पेऊणं पाए
कप्पोवगा बारसहा कब्बट्टिग अप्पाहण
५.
५
३
४
३
७
७
४
७
३
४
99
पुनः
५० कमउत्तरेण पग ३८ कमभिण्ण वयणभिण्णं ३६०* कम्मओ णं समणोवा ०
१३५४ कम्मगसरीरकरणं २४१+ कम्मप्पयडीलेसा ८५ कम्मप्पवायचे सत्त० १२५९* कम्ममवजं जं गरिहि ० १५११* कम्मरयजलोहविणिग्ग● ७०६ कम्मविवेगो असरीरका
१५८४* कम्मसंगेहिं संमूढा ६८८ कम्म सिप्प सिलोए
३१२ कम्मं किसिवाणिजाइ
१५८२* कम्मं जमणायरिओवएस० ५७९ कम्मंमि अ निक्लेवो
~56~
७
३
10
७
२
३
19
७
३ १०५० ७*
१
३
३
कम्माण जेण भावेण ८८२ कम्माणं तु पहाणाए
३
७
४४ कम्मा नियाणप्पगडा
२०५ कम्मासंकाऍ पहं मोतु
१७ कम्मियकद्दममिस्सा
६९ कम्मुणा बंभणो होइ कम्मुदेसि अचरिमतिग
कम्मे सिप्पे अ विना व
७४७ कम्मोवरिं धुवेयर १००* कय उस्सग्गामंतण
- ९२* कयकितिकम्मो छंदेण
१२ + कयपचक्खाणोऽविय
९२८
५३०
कयपंचनमुकारो करेइ
कयराई अट्ठ सुहुमाई
६
99
19
६
६
७
६६
१०१*
५
४१३*
२००
-२५३
९७९
२४४
३
९२७
३
४०
४ १२२+
४
३८१
३
१६८१
३ १०२६
५
३४८*
सूत्रापतुक्रमः
।। २५ ।।
Page #57
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
कयरी दिसा पसत्या
कयरे आगच्छई वित्तरुवे कयरे खलु धेरेहिं
कयरे तुमं इय अदंसणिजे कयलि समागम भोयण
कथाकथं केण कथं करकंदुकलिंगाणं
करकंडु कलिंगेसु
करकंद्र कलिंगेसु करच्छिन्न असुईचरणे
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि
[ क-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
करडुय भत्तमल
करणतिए जोअतिए
करणसच्चे णं. भंते!
करणे भए अ अंते
४
७
१४० करपाय भमुहि सीस० ३६४* करेमि भंते! सामाइयं ३ कलमोतणो उ पयसा
७
३६५* कलहकरो डमरकरो
३
४८३ कलड्डमरवन्नए
३ २०३९ कलुसदवे असई य
.
५९२# कलं सब्बिड्डीए
२०९ + कवि माडलिंगंच
२६४ कविळाणामगोयं
३
७
४
६
५
पुनः
ค
२४५+ कविलो निश्चियपरिवेसि०
४६४ कसायकुसीलो उबरिं
३४९ कसायपञ्चकखाणं भंते!
६५ कसाया अग्गिणो बुत्ता
३ १०२८ कसिणं केवलकप्पं
~57 ~
४
३
४
३०७ + करसइ बुद्धी एसा
३ १०८५ कस्स घर पुच्छिणं
७
३३९ कस्सति पुच्छिमी
४
३
५
७
७
७
७
२६९+ | कसिपि जो इमं खोयं
१ कस्स (अ) द्वा इमे पाणा
७
३
६
३
४
४
३
कहूं चरे भिक्खु ! वयं जयामो१७
कहं चरे कहूं चिट्ठे
५०
कहं धीरे अद्देऊहिं ८८४* कहूं धीरो अद्देऊहिं १०९० क नु कुजा सामण्णं
३०८ कस्स न होही बेसो
३३५ कहणाइ अवक्खित्ते
१८२* कहणाईव क्खित्ते
७
५
४
२५२ कह सामाइअलंभो
२५४
२८ +
५
७
५
२२३#
७९८*
१०५
४६९
१३७
१३७
२६८+
२६७+
१०४०
३९८*
३८*
६००*
५९८*
६
Page #58
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[क-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
यहा
अ.आ.
६९४
३ ३
स्त्रायन
देखीए
६४९ काउत्सम्ग मुक्खपह. १२९* काउस्सग्गे जह सुट्टियस्स २९८ काउं पडिग्गहं करयलंमि ३९४ कार्ड हिभए दोसे
१६४८ २७३+ १९९७
दीप
४०. काऊण पगडतं
क्रमांक के लिए देखीए
कहिऊण ससमय तो ५ - १९८ कंदतो कंदुकुंभीसु कहिं पडिहया सिद्धा ३ ९५८ कंद मूलं पलंब वा कहिं पडिहया सिद्धा . १४२८० कंदाई सञ्चित्तो कंचुयपदज्जुणमि अ हत्थो ७ ३५८ कपिल्लपुरवरंमि | कंटगतेणा वाला १ ७४+ कंपिल्लपुराहिवई कंटगथाणुगवालाविलंमि ४ १९७ कपिल्लम्भि य नयरे कंटगमाई य.अहे । ४ २५०+ कंपिल्लं गिरितडगं कंडियतिगुणुण्डा ६ १७१ कपिल्ले नयरे राया कंअभत्तच्छंदो
८४ कंपिल्ले मलयवई तामि ताव पेलं. ६ ३५+ कंपिल्ले संभूओ कतारे दुभिक्खे ३ २५४+ कंसेसु कंसपाएसु कतारे तुभिक्खे ५.११२ काउसग्गेणं भंते! कंदप्पकोकुईया -. १६३५* काउस्सग्गंमि ठिओ कंदप्पमामिभोमं ७ १६२८* काउस्सगंमि ठिओपिते
७ . ७
७ ३ ३
४०४ ४४२ १०९+
८३९
४०८० काऊण तवचरण ३४२ काऊण तवचरणं बहूणि ५४८० काऊण नमोकार ३४० काऊणमणेगाई जम्म० १०७ काऊग य अभिसेमें २५९० काऊण समणरूवं २६ काऊण य सामनं ३२प्र० काए उस्सर्गमि य ५१३ काएऽवि व अज्झप्प
६६+ ३६७
५
'सवृत्तिक आगम
॥२६॥
२३२+
३ ४
सुत्ताणि
~58~
Page #59
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[क-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
१४९१
१४८४
६५९ ८८३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
काए सरीर देहे . ३ १५४३ काथठिई सहयराण . १५६५* कालचउर्फ नकोसएण काओ कस्सइ नाम ३ १५२८ कावठिई थलपराणं . १५५९* कालचउके णाणत्तमं ३ कागसियालक्खाइयं ४ ५९३ काथठिई मणुयाणं . १५७४* कालचउके नाणत्तयं ४ कामं उभवाभावो
११४६ कायवइमणो तिमि .. २६+ कालजतिच्छविदोसा . कामं चरणं भावो ३ ११५२ कायसमाधारणयाए णं भंते . २ काळपडिलेहणाए णं भंते! . कामं तु देवीहिं विभूसि.. ११७१ कायसा वयसा मत्ते . १३७* कालपुरिसे व आसज ४ कामं देहावयवा ३ १५०६ कायस्स उ निक्लेवो ३ १५२६ काळमकाले सण्णा कामं भविय सुसु ३ १५३५ कायस्स फासं गहणं . १२२९० कालमणतं च मुए कामं सर्य न कुन्वा६ १११ कार्य वायं च मणं च ५ १३६ कालं छंदोवयारं च ५ कामं ओवभोगो ३ १४३६ कायाण छक्कजोगाण. ३ +४५ कालाएँ सुण्णगारे कामाण उ णिक्खेवो . २०८ कारणअविभागाओ ५. ४५+ कालियसुय अणुओगस्स १ कामाणुगिद्धिप्पभवं खु दुक्खं . ११७४* कारणकजविभागो३ ११६८ कालियसुर्य च इसिभासियाई ३ कामो चवीसविहो५ २६१ कारणविभागकारण. ५ २२७ कालीपवंगसंकासे कायगुत्तयाए ण मंते! ६९ कारणिअइद्वपेसे ४ ७६ काले चउण्ड वुड्डी १
BCCCCCCCCCCCC
४३५१ ४७६
%95%2564564542
'सवृत्तिक आगम
१२४x ५१* १४*
सुत्ताणि
~59~
Page #60
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[क-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
| सूत्राधनु
क्रमः
देखीए
नं.अ.आ.
ओ. द.पि. उ. ॥२७॥
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
काले पाउण्ह बुढी ३ ३६ कालो संझा य तहा३ १४७३ किइकम्माइबिहिनू३ १७११ ४ |कालेण असंखेणवि ३, ५७५ कावालिए सरक्खे ३ १३०२ किगंतो कइओ होइ ७ १३६६% कालेण को कालो ३ ७२९ कावोयनीलकाला ३ ।१४ किण्हचउद्दसिरति
२०० कालेण कालविही रनरिडे ७ ७७२* कावोयनीलकाला ३ ।२५ किण्हाइया उ लेसा ६ ३०+ कालेण णिक्खमे भिक्खू . ३१* कावोया जा इमा वित्ती ७ ६३३० किण्हा नीला य काऊ य . १२९४७ कालेण निक्खमे मिक्खू ५ १६३० कासखुअजंभिए मा हु ३ १६०८ किण्हा नीला काऊ७ १३४७* काले तिपोरिसिऽड व ३ १४४८ कासवगुत्ता सब्बे ३ .३९४ किण्हा नीला य रुहिरा य ७ १४४५* काले य पहुप्पंते ४ ५१९ काही उ कहेइ कह ४ २२४+ कित्तिभरोहिणिमिगसिर० २ ८६* | काले विणए बहुमाणे ५ १८६ काहुउवि नेगम०
कित्तिय दियमहिआ ३ ६* कालेऽवि नत्थि करणं ३ १०३० किइकम्मस्स विसोही ३ २५२+ कित्तेमि कित्तणिजे ३ १०८८ कालो अ नालिवाइहिं . ५६२ किइकम्मं च पसंसा३ १२०४ किमिणो सोमुंगला घेव । कालो जो जावइओ . . १९७ किइकमजे जे विरईठाणा ३ १२०६ किरियं अकिरियं विणयं . ५७०* | कालोऽवि सोधिय जहिं ३ ।३८ किइकम्मपि करितो ३ १२१७ किरियं च रोयए धीरो ५८०* कालो सम्झा य तहा ६४७ किइकम्मंपि०बत्तीसामन० ३ १२२४ किरियासु भूयगामेसु . ११४६*
'सवृत्तिक आगम
॥२७॥
सुत्ताणि
~60~
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[क-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
४३१* ।६२ ६०४ ६४० ६२४ ६००
दीप क्रमांक के लिए देखीए
किलिन्नगाए पैकेणं . किवणेसु दुम्मणेसु य किं०अस्थित्तिसंसभो तुक ३ किं०अस्थि न अस्थित्ति ३ कि अद्विइत्ति पुच्छा ६ किं० इहभवंमि सो तारिसो ३ किं कइविहं कस्स कहिं २ कि कइविहं कस्स कहिं ३ कि कय किं वा सेसं कि कारणं चमढणा ४ कि कीरउ ? जं जाणसि ४ किं च दुमा पुष्फंति किंचिञ्च भरहकाले किंची सकायसत्थं
८४ किं? जीवो तप्परिणओ ३ ८९२ किं पुण जे सुभग्गाही ५ ४४९ किं तवं पडिवजामि? ७१०४१० किंबहुणा ? सव्व चिय ३ ६२० किं तं आहाकम्मति' ६ १६० कि मणि अस्थि कम्म ३ ६३२ किंतु(ति)ह खद्धा मिक्खा ६ ५२६ कि मण्णे निव्वाणं ३ ५१० किं दुक्खिं जायइ ? ५ १०२ किं मन्नसि संति देवा. ३ ६१६ किं देमित्तिनरबई ४ ३८६ किं मन्नि अस्थि जीवो ३ १३४* किं न ठविजइ पुत्तो ६ ५०९ किं माहणा! जोइ समारभंवा १४१ किंनामे किंगुत्ते कस्सट्टाए ७ ५६८* किं मे परो पासइ. ५ २६३ किंनु गिही रंधती ५ ११० कि. याणसी तेसिमो अत्यो ३ २३८ किं नु भो अज्ज मिहिलाए ७ २३४* कि लोइअकरणीओ ३७+ किं १०परलोगो अस्थि ३ ६३६ किं वा कहिज्ज छारा ६ १०४ किं०पंच भूया अस्थि६ ६१२ कीयगडंपि य दुविहं ३०+ किं पिच्छसि साहूर्ण ३ १०११ कुइयं रुइ गीयं २३३ किं पुण जयणाकरणुज. ४ ४९+ 'कुइयं रुइगीय
___५१२०
ॐॐॐॐॐॐ
६२८ ७३
'सवृत्तिक आगम
५१४* ५२१*
सुत्ताणि
~61~
Page #62
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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
ब. पि. उ.
॥ २८ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
कुकुड-रह-तिलप
कुकुढिअंडं अहवा कुकुडिअंडगमित्तं
कुकुडे सिंगिरीडी य
कुट्टगं नाम उज्जाणं
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि
[ क-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
कुइस्स कुणइ छिड्
कुणओ व पसत्यार्लय० कुप्पचयणपाखंडी कुप्पहा बहवे लोए कुमारए नई लेणे
कुरुमंदर आवासा
कुलए उन्भायरस कुलागबहुलपायस कुसग्गमित्ता इमे कामा
8
४
७
D
६
३
७
10
७
२
६
३
७
पुनः
३५७ कुसग्गे जह ओसबिंदुए
७
२८६ + कुसमुट्टी एगाए अब्बोच्छि० ३
७
२७९+ कुंसं च जूवं तणकट्टमरिंग
१५२०* कुसीललिंग इह धारइत्ता
८३९* कुसुमाणि पंचवण्णाणि
३०३ कुसुमे सहावफुले
| १२ कुहाडपरमाहिं
८९४* कुंथुपिवलिडसा
८९९* कुंथुं अरं च महि
कूडउवमाइ केई
८७
१४०
७
~62~
३
५
७
19
३
६
४
कूर्यते अन्भत्यण
४
कूवंतो कोलसुणए हिं
७
४७४ के इत्थ खत्ता उवजोइया वा ७ २०१# केई एकनिसिं ४
२९१* |केई एकेकनिसिं संवा०
१३३५ केई तेणेव भवेण
३९७* केई भणति पहिए
७४१* केई भणति पु
केण अम्मादओ छोमो
१००+
१२९ केणति नत्वि आया
१०९
केलासभवणा एए
२१+ केवलणाणित्ति अहं
६५४* केवलणाणेणऽस्ये
६
३
६
४
५
६६६*
के ते जोई के व ते जोइ०
७
१५१०* के ते हरए के य ते संतितिस्थे ७
४* केरिसो वा इमो
३७६* केवलनावडता जाणती ३५५ केवलनाणेणइत्ये
७
७
६
३
३
३
१
३१
३३४
१९३
१३९
४६२
७९
४०१*
४०३*
८४२
४५२
७५०
७८
९७८
६०
सूत्राचतु
क्रमः
।। २८ ।
Page #63
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
केवलिणो तिउण जिणं केवलिपरिसं तत्तो
केसाईडवरयणं
केसि एवं बुवाणं तु
केसिंथि हुंति अमोहा
केसी कुमारसमणे
केसी कुमारसमणे
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि
[ क-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
केसी कुमारसमणे केसी गायइ महुरं केसीगोअमभो नियं कोऊद्दल आगमण को कारओ करंतो कोडग सभा व पुवि कोर्डिपि देमि अति
७
३
७
३
७
७
७
२
७
४
४
७
पुनः
५५९ कोडीकरणं दुबिहं
३०१ कोडीकरणं दुविहं
१६१+ फोडीवरिस चिलाए
८६२* कोडीसएहिं नवहि उ
१४३३ कोडीसहियमायामं
८४०* कोत्यगारिअघरगं
८४९* कोवरालगगामे
८४६* कोलाइलग भूतं
५४* कोल्लइरे वत्थव्यो दत्तो
९१९७ कोडवरे वस्थव्यो
१९० को वा से ओसहं देह ?
१०४६ कोवो वडवागभं
२०१ कोसंविए सयाणीओ २५७ कोसंविवऽजियसेणे
~63~
६
३
३
७
४
६
19
६
७
७
६
३
३
६२ + कोसंबीए सिट्ठी आसी ४०१ कोसंबी कासवजसा १४०७ कोसंबी चंदसूरोवरणं ८ (प्र.) कोसंबीजण्णदत्तो.
७
७
३
४२७ कोहं माणं मायं लोहं च
१०६ कोमि उ निम्गहिए
६७९* कोही वा जइ वा हासा
४३ + कोहे माणे माया
५२०
कोहे माणे मायालोमे
१३८३ कोहे माणे य माया व
७
१६२७* कोसंबीनाम नयरी
२९३ को विजएणं भंते!
७
१६२ कोई च माणं च तद्देब मायं ७
२३२# कोई माणं च मायं च ५
५
T
७
७
५
२
७
९९
२५३
५१७
१०८
७१६*
१२५७*
३७१*
३०१
१०७८
९७१*
२७६
१२४*
९२९*
Page #64
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ क-कार + ख-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
आ.
७ १०५१* ७ १०४६%
स्त्रिाधनुक्रमः
देखीए
॥२९॥
५
२७६*
दीप क्रमांक के लिए देखीए
७ ९९१% ७ १०९६*
कोहो अमाणो अ ५ कोहो पिई पणासेइ ५ कोहो माणो माया लोभे . कोहो यमाणो य वहो य जेसिं.७ कोंकपारूवविउठवण ४
. खकारः खइयंमि वट्टमाणस्स ३ खजूरमुद्दियरसो ७
खड्डयाहिं चवेडाहिं ७ | खणमवि न खमं काउं खणमवि न खमं गंतुं खणमाणी आरभए खणमित्तसुक्खा बहुकालदुक्खा खपि मे महाराय !
HAREKARE
३७४* खत्तिकुंडग्गामे
३,५२+ खलुका जारिसा जुजा ३७२* खत्तियगणउग्गरायपुत्ता ७ ५.२% खलुंके जो उ जोएइ २४१ खद्धादाणिअगामे
८७+ खबगे अमञ्चपुत्ते ३७२७ खद्धे निद्धे य सया ६ १८८ खकति अप्पाणममोह. २३३+ खमए अमचपुत्ते
७३* खवित्वा पुवकम्माई खमगाइकालकज्जा०
३७१ खविता पुवकम्माई ७३५ खमगाइ कालकजाइएसु ६ ५२ खवित्ता पुब्बकम्माई १३०६-खमणे य असज्झाए ३ १३४७ खंडंमि मम्गिअंमि अ ३८७ खमावणयाए णं भंते ! ७ ३१ खंडियविरहियाण ११३३ खरअयसिकुसुंभसरिसव० ४ ४०७ खंती अमहवज्जव ७६८ खरकम्मिअवणियगा ४ २१९ खंती महवऽजवं ५९. खरकरुसाइचेयण.
१५४७ खंती ए णं भंते! ४५३ खरवाय कलंकलिया
५०४ खंती य महवज्जवमुत्ती ७२८* खरिया तिरिक्खजोणी ४ ७६७ खंधकरणी य चउहत्य
545453
'सवृत्तिक आगम
॥२९॥
सुत्ताणि
४
~64~
Page #65
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ख-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
८०४ २१७
देखीए
१२०+
२४२
दीप क्रमांक के लिए देखीए
६४२
| खंधा य खंधदेसा य ७ १३८३* खीरदहिमाइयाण खंधेसु अ दुपएसाइएसु ७ १८७ खीरदहिसप्पिमाई खाइचा पाणिय पाउं ७ ६८१* खीरदहिसूवकट्टरलंभे खामेमि सब्बजीवे ३ ८*खीरदहीवियडाणं
खिइवलयदीवसागर० ३ १५४ खीरदुमहेट्टपंथे द खिति चणय उसभ कुसगं ३ १३८१ खीरदुमहेढपंथे
खित्तस्स नत्थि करणं ३ १०२९ खीरमिव जहा हंसा खित्तमि जमि खित्ते ३ १०८४ खीराहारो रोवर |खित्तं वत्थु हिरणं च ७ १११खीरे य मजणे मंडणे |खित्तं वत्थु हिरणं च ७ ६१६* खुडूलविगढतेणा खित्तस्स अवहाणं ३ ५७ खुट्टलियाए असई खिचाणि अम्हं विइयाणि लोए ७ ३७१* खुरेहिं तिक्खधाराहिं |खिप्पं न स सकेइ विवेगमे १२४* खुह पिवासं दुस्सिर्ज खीर दहि जा उ कट्टर ६ ६२५ 'खुहापिवासासीउण्हं
४ १४५+ खेत्तदिसाकालगइ ७ ११२३* खेत्तं कालं पुरिसं ६ ६३७ खेत्तं तिहा करेत्ता ३ १७०४ खेत्तमि अपुबमी ४ ३४० खेत्तमि अवकमणं ६ १२ खेत्तं वत्थू धणधन्नसंचओ .
४५* खेत्ते काले जम्मे ३ ४१२ खेत्ते काले य तहा
४१. खेत्ते समाणदेसी कालंमी ६ ४ २१३ खेमेण आगए चंपं ४ २३४ खेमेणं संपत्तो सो ७ ६६२* खेयविणोओ सीसगुण. ३ ५ ३६१४ खेल्लगमल्लगलेच्छा० ३ +३४ खोडयमाणवेलाउ ४
४७
१४०
७६३
'सवृत्तिक आगम
५८८ २१० २७०
सुत्ताणि
~65~
Page #66
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
ब. पि. उ.
113011
मुनि दीपरत्नसागरेण
खोमं कुंडलजुअलं
गइआणुपुब्बी दो
गइदिए व काए गइ नेरइयाईया
गकार
गइलक्खणो उ धम्मो
गइ सिद्धा भविआया गइ सिद्धा भवियाया
गच्छरस परीमाणं गच्छंमि एस कप्पो गच्छंमि केइ पुरिसा
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ ख-कार + ग कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
गच्छेज को णु सव्वे
गळं पजं गेयं चुण्णं
गण काए अ निकाए
३
३
३
३
७
३
३.
४
४
४
४
५
२
पुनः
६७+ | गणहर आहार अणुत्तरा गणियाधरम्मि इको गणिसद्दमाइमहिओ
गतं भूसणमिच
गब्भगए जं जणणी
गव्भगए० सुधम्मत्ति तेण
गव्भवकंतिया जे उ
१२२
१४
६८
१०६९* १९८+
६६२ गब्र्भमि पुब्वकोढ़ी गमण मणुण्णे इयरे १०२+ | १२३ + गमणं च दायगस्सा
४४९ गमणागमणविहारे
३२ + गमणागमणुक्खे वे
१७२ गमणागमणे गहणे
५*
गमणे आवस्सियं कुजा
~66~
३
७
R
७
३
३
७
२
४
४
३
६
४
७
५७० |गमणे पमाण उवगरण
१०२ गम्मपदेसरजे
१५१० गयउरसिसिक्खु०
५२२* गय०
१०९४ गय०
१०९८ गयवसहसीह भिसेअ०
१५६८* गयसीसगणं ओमे
११२# गरबिस अद्वियकंटय
३०४ गरहावि तहा जाई
४७६ गरिहणाए णं भंते!
१६३० गलेहिं मगरजालेहिं
२२७ गवासं मणिकुंडलं
१९४+ गवसणगहण कुरंग
९९६ गवेसणाए गहणे य
४
५
३
३
३
७१
४२
३
३२२
५४+
५६+
४६+
३
११९६
४
४८१
३ १०६१
७
२१
७
६६४*
७
१६४*
४
२३६+
७ ९३१*
सूत्राद्यतु
क्रमः
॥ ३० ॥
Page #67
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
चंद्या०
मुनि दीपरत्नसागरेण
गणं वप्पढमतया
गहणं नईकु
गहणे पक्खेवंमिय गहणेसु न चिट्ठिया
गहियंमि अडरते
गंगाए दोकिरिया
गंगाओ दोकिरिया
गंडी गली मराठी
दुचकमूलं
गंतुं विखामंतण
गंतूण आवणं सो
गंतूण गुरुसकासं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ ग-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
गंतूण गुरुसमीवं गंतूण जोअणं जोअणं
३.
७.
४.
३
७.
३
ॐ
४
६०
६.
४.
पुनः
७०२ गंध ने भवे दुम्भी
३४८ गंधमो जे भवे सुम्भी २८७+ गंधओ परिणया जे य ३-४५* गंधव्वदिसाविज्जुग जिए १४९३ गंधब्वनागदत्तो इच्छ
१६६ गंधस्स घाणं ग्रहणं ७८० गंधगमोसगं
गंधाइगुणसमिद्धं
६४
३८५ गंधाणु०
४९६ गंधाणुवाए०
१९९ गंधारे गीतजुतिण्णा
७९८ गंधे अति
४
१५८ गंधे विरतो०
३ ९६४ गंधेसु जोगेहिं
~67~
१४०१* | गंभीरविजया एए
७
१४००* गाढालंयणगं १३९०* गाम० खायंतियरे ३. १४३१ गामदुवारब्भासे गामवभासे बयरी १२६६ १२०४* गामागविहेलगजक्ख
७
७
७
७
छ
७
७.
२
७.
19
७.
१४४ गामाण दोह बेरं
२४४ गामाणुगामं रीयंत
१२०८ गामाद्वारा विसया
१२१३* गामे गंतुं पुच्छे
३४* गामे नगरे वह राय ०
१२१०* गामे परितलिअगमाइ
१२१५७ गामे व कालभाणे
१२०५ गारवपंकनिबुडा
५
३
४
8
४
T
६
७
४
७
४
४
७
२६४
१५८०
१४३+
६७
१४२+
४८६
४३३
६२*
२३३
२४९
१११३*
८९
५०६
२१९
Page #68
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ग-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
४९०. १०६६
सूत्राद्यनु'कमः
देखीए
द.पि.उ.
दीप क्रमांक के लिए देखीए
गारविए काहीए गारवेसु कसाएसु
गारत्थियभासाओ लगावी महिसी उट्ठी
गाहासोलसएहिं गिण्हइ णाम एगस्स गिण्हइ य काइएणं गिण्हणकडणववहार गिण्हते य अदिण्णं गिद्धाइभक्खणं गिद्धपिट्ठ. | गिद्धोवमे य नचाणं | गिम्हासु तिण्णि पडला गिम्हासु पंच पडला गिम्हामु हुंति चतरो
क
४ ४१४ गिरिं नहेहिं खणह . ३८४* गुणसंथवेण पुचि ६ . ६९१% गिरि रेवययं जंती ७ ८१५* गुणाणं आसवो दव्वं ७ २७०+ गिहवासं परिषजा
१३५४% गुणाहिए वंदणयं . ५ २५९ हिवासे अट्ठारस
२८८ गुणिउनुगइत्ते ७ ११४७* गिहिणो जे पव्वइएण ७ ५०३* गुणेहि साहू अगुणेहिऽसाहू ५ ३ १३४४ गिहिणोऽवि सयारंभग० ५ ३३८ गुम्मिन भेसण समणा । ४ ३ ७ गिहिणो बेआवडियं५ २२ गुरु गुरुणा गुरु लहुणा . ६ ६ ३८१ गिहिणो वेआवडिन ५ ५०८० गुरुद्वेण व पिहिनं ४ ३ +२५ गीयस्थपरिग्गाहिब ४ ३८३ गुरुपचक्खाणगिलाण०४ ७ २२४ गीयत्यो य विहारो ४ १२२ गुरुपचक्खाणिगिलाण ६ ७ ४८७* गीयस्स का हवइ जोणी? २ ४३* गुरुपरिओसगएण ३ ४ ६९९ गुणनिप्फनं गोणं
१+ गुरुमिह सवयं पडिभरिअ ५ ४ ७०१ गुणभवणगणक १ ४* गुरुमूलेवि वसंता अनुकूला ३ ४ ७०० गुणसंथवेण पच्छा ६ ४९२ गुरुसाहम्मियसुस्सूसणयाए ७
४४९* २०२ ५६२ २५९+
.३३
॥३१॥
४५३
'सवृत्तिक आगम
१८
सुत्ताणि
~68~
Page #69
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ग-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
७ १४४८ ७.४५३ ३ ७४५
५३१
गुम्विणि गमे संपट्टणा छ ४ . २४६+ गोठेंगणस्स मज्झे गुम्विणिगम्भे संघट्टणा ६ ५८६ गोट्ठिनिउत्तो धम्मी गुत्रिणीए उवण्णत्वं ५ ९८* गोणाइ कालभूमीइ गूढायारा न करेंति . २०६ गोणादि कालभूमी' गेम्हासु तिन्नि पडला
गोणीचंदणकथा गेरुअ-वनिअ-सेटिभ ९३*- गोणीहरण सभूमी गेलनकजतुरिओ
४२८ गोणे महिसे आसे गेलन नियमगहणं
६१४ गोण्णसमयाइरितं.गेललाइ अबाहा पुच्छिय
गोण्णं समयकयं वा. गोअमकेसीओ अ
४५४
गोण्णं समयकर्य गोअमो पडिरूवत्रु
८४६७ गोवासिङ महुराए गोअरग्गनिसिज्जा जस्स ५ २६५* गोमं नामं ति विहं गोअरगपविट्ठो अ ५ ७८गोभूमिवजलाढे गोअरग्गपविट्ठो
अ ५ १६७* गोमहिसिअयाखीर
दीप क्रमांक के लिए देखीए
२१२+ गोमहिसुट्टिपसूर्ण ६ २४५ गोमिजए य रुयगे ३ २८५० गोयमनामागोयं.
६४४ गोवममाई सामाइयं १३६ गोयरगपविट्ठस्स
गोयरमभिग्गहजुयं
गोयं कर्म दुविहं ४
गोरी गायति महुरं
गोवपओ अच्छेत्तुं ३ ४४६ गोबनिमित्तं सकस्स ३ १६९९ गोवालए य भयए ३ ४९१ गोवालो भंडवालो वा ६ १३२ गोसमुहगतगाई .
४६४
१२८०**
५+
35A4%25A5%20-%2525
५५% ३६८ ४३१
'सवृत्तिक आगम
८२७*
. ३
सुत्ताणि
~69~
Page #70
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[घ-कार + च-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
ने.अ.आ.
ओ.
देखीए
सूत्रावनुक्रमः
द.पि.उ.
५८३*
दीप
॥३२॥
ISRO
क्रमांक के लिए देखीए
घकार:
घासेसणा य एसा कहिया ५ ३०१+ चइत्ता चकवट्ठी महिवी . ५८५# घाइतलिअदंडग ५ ९९ चित्तुं च सुहं सुहगुणण. ३ ९१ चइत्ता० चिच्चा य उत्तमे . घडगाइपलोडणया ४ २७५ चित्तूण पुंडरीअं
२९५ चइचा भारदं वासं घडपडरहमाईणि उ ३ १००९ चित्तूण० वामगहत्थेण ७४. चइत्ता विपुलं रज घणउदहिषणवलया ६ १७ चित्तूर्ण संकलं सो
७२ चउकारणपरिसुद्धं पण उदही घणवलया ४ ३४४ घुटुं च अहोदाणं ३ ३२१ चउकोण भाणकणं घणवद्धमाणपव्वा ४ ७३९ घेत्तब्धमलेवकर्ड
६१३ चउ चरणपइटाणा पणं मूले धिरं मझे .७०८ घेत्तुं थिरं अतुरिअं
४ १६०+ चउण्हं खलु भासाणं ५ घयसत्तुयदिढतो
घेप्पइ अकुंचियागंमि ६ ३५६ चउत्थीए पोरिसीए७ घरकोइलसंचारा
घोडगलयाइखंभे ३ १६४३ चउदसपुवी जिणकप्पिएसु ३. १६६९ घंसेऊणं तिम्मण
घोरासमं चइत्ता णं ७. २६९७ चउस य सहरलाई ३ २५९ घाणस्स गंधं गणं ७ १२०३७
चकार:
चउद्दस सागराई ७ १५९९** पाणिदियनिग्गदेणं भंते! ७ ७८ चइऊण देवलोगा३ १४८ चपणं पण्णारस ३. २७४ । हापासेसणा उ भावे ६. ६३५ चइऊण देवलोगाओ७ २२८* चउपण्या अयरामं ३ १२५०
-NCREACOCKROACTICAL
'सवृत्तिक आगम
R
॥३२॥
सुत्ताणि
~70~
Page #71
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
चटप्पया य परिसप्पा
भाग बसेसाए
रंगं दुखभं मचा चउरंगिणीए सेणाए
चटरंगुलपइडाणा
चतरं गुलमप्पत्तं जाणु ०. चडरंगुलमुहपत्ती चउरंगुलमुहपती
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ च-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
चडरंगुलं विइत्थी चउरासी बिसरि चउरासीई बाबत्तरी
चउरासीई बावतरी
चउरासीई बिसत्तरि चरिंदिकायमगओ
1
४
७
४
४.
३
४
४
३
३
३
३
19
पुनः
१५५२#| चरिंदिया उ जे जीवा ७
६३३ चरिंदियाण मक्खिय०
봉
११४* चरिंदियाण मच्छियपरिहारो ६
७९४* चलोय दुवे
७३४ चउरो अश्वामवइकमा
२६६+ चउरो य हुंति भंगा
१६४२ चरोऽवि तिविजोगे
५११ चरोऽवि तिबिद्दवेदे
चउरो साहसीओ
७१२
३०३
३९५
३०४
४०५
३०१
पडवीसइत्थयस्स उ
चवी सत्थएणं भंते !
चवीस सागराई
चडवीसंति व संखा
चडवीसा चडवीसा
~71~
19
६
३
३
३
३
३
७
३
५
१५१८ | चव्विा० आधारसमाही
१५
३६८ चडव्विहा तबसमाही 44
४९ चडव्विहा० विजयसवादी
५
१४२७* चव्विद्दा खलु सुअसमाही ५.
१७९ चडब्बिद्देऽवि आहारे
७
१७०८ चमुवि गई
८२० चसुवि गती नियमा
८१८
चा खलु आहरणं होइ
३१५
चउहि समएहिं छोभो
१०६७
चऋपुरं रायपुरं
२३
चक्कयरंमि भमाडो
१६०७ चकवट्टी महिडीओ
१०८९ चकिदुगं हरिपणगं
२५३ चक्के धूमे प्रति
३
あ
५
८१२
५४
११
३२५ ४८३-१०७+
३
३
२०
१९
१७
१८
७.
३
४
६३०*
३०प्र०
४०९#
४२१
१२०
Page #72
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[च-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
सूत्राघ
देखीए
द.पि.उ.
॥३३॥
11575%
दीप क्रमांक के लिए देखीए
--2
चक्खुमचक्खूओहिस्स . १२७२* चत्तारि परमंगाणि . . ९५* चरमे नाणावरणं चक्खुम जसमं च
१५८ चत्तारि मंगलं अरिहंता । ३ चरंत विरयं लूह चक्खुसा पडिलेहिचा
७ १४२५७ चरिअं च कपि वा चक्खुस्स रुवं गहणं . ११७७* चत्तारि लोगुत्तमा . ३ ४ चरित्तमायारगुणन्निए . . ७५०* चत्तपुत्तकलत्तस्स .. २४२७ चत्तारि वमे सया कसाए ५ ४६६ चरित्तमोहणं कम्म . १२७६ चत्वारि अट्ठ दस दो ३ १८*चत्तारि सरणं पवजामि ३ ५ चरित्तसंपन्नयाए णं भंते ! चत्तारि अतीसाई३ २६१ चत्ता होति गिलाणा ४१२९+ चरिमसरीरो साहू
२९.. चत्वारि अ रयणीओ -३
३६९ चरिमाए संविट्ठो . ४ चत्तारि उ अणुओगा चरणे ४ +
चम्मट्टिदतनहरोम
६. चरिमे परिताविय० चत्वारि उबन्नासे ५ ८४ चरगमरुगाइआणं ५ ३३३ चरियं च कप्पियं वा ६ ६३० चचारि गाउयाई ३ ४७ चरणकरणालसमि य ६ चत्तारि दुबालस अट्ठ १ ८४७चरणपडिवत्तिहेर्ड
+ चरिया य विचित्ता ..... चत्तारि दो दुवालस . १६२८ चरणविहिं पवक्खामि . १.१३५* चरे पयाई परिसंकमाणो . चत्तारि पडिकमणे, ३.१२१३ चरणे छको ढवे . ३८३ चलकुडपडणकंटगविलस्स ४
515511511ॐॐ45
३
९७२
३१+
28--2
२९८
'सवृत्तिक आगम
॥३३॥
सुत्ताणि
~72~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[च-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
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सूत्राक
यहां
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
ॐॐॐॐॐॐ5545
चलचवलभूसणधरा चलणाहण आमंडे चलणाहय आमंडे चलनं कम्मगई खलु चलमाणमणक्वते सभए चवेडमुढिमाईहिं |चंदजस चंदकंता
चंदजसा रायगिहे चंदणगेरुयहंसगम्भ |चंदप्पभा य सीआ | चंदाइच्चगहाणं पहा | चंदा सूरा य नक्खचा |चंदिमसूरुवरागे | चंदेसु निम्मलयरा ,
३ ९९+ चंदोदयं च सूरोदयं
७४* चंपाइ पुण्णभईमि ९५१ चंपाए कोसियो
१२२ चंपाए पालिए नाम ४ ३३ चपाए मित्तपमे धण.
६६७% चंपाए सत्यवाहो
१५९ चंपाएँ सुनंदो नाम । ३ १४०० चपाए सुमणुभहो . • १४४९* चंपा छणंमि घिच्छामि ३ ९२+ चंपावासावास जक्खि ३ १११३ चाउजामो अ जो धम्मो ७ १५८०७ चाउचामो अ जो धम्मो ३ १४३४ चाउम्मासियवरिसे ३ चाउम्मासियबरिसे
२१२ चाउलोदगंपि से देहि ६ १६७ २८६ चाउलोयगमाईहिं जल० ३ १३१७ १३९० चाणक्यपुच्छइट्टाल.. ६ ४६+ ७५९* चारणआसीविस० १३९९ चालिजइ वीभेइ य ३ । ९१ ४३१ चिक्खिल्लवालसावय ४ :४९
११७ चिच्चाण धर्ण च भारिय ३१८ . ९३ चिचा दुपयं च चउप्पयं च ७ ४२९# ६ ४८२ चिच्चा रहूंपव्याइओ ३ २३ चिण्डा उवगरणं दोसा ३ १३४० . ८४३* चित्तबहुलट्ठमीए ३१८७-३१४ ७.८५४%* चित्तभित्ति न निज्झाए ५ ३ २३६+ चित्तमंतमचित्तं वा ५ २२२* ३ . २३७+ चित्तमंतमचित्तं वा
७
५५७
'सवृत्तिक आगम
१७२
सुत्ताणि
~73~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[च-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
१००+
x
७ ४
सूत्राधनुकमा
देखीए
२११२ १९९१ १९९२ ६६१
दीप
60602
आ. चित्तलवत्थासेवी बलामिजोगेण.
चित्तस्स सुद्धतइआ द.पि. उ.
चित्तं वेयण सन्ना विचित्तं तिकालविसर्य
चित्तं बालाईणं चित्ताभावे विसया चित्ते अ विजुमाळा चित्ते बहुलचउत्थी चित्ते संभूमि अ निक्खयो . चित्तेसंभूआउं वेतो . चित्ते सुद्धिकारसि चित्तो पुण जाओं चित्तोऽवि कामेहिं विरत्तकामो. चिरसंसह चिरपरिचिों .
क्रमांक के लिए देखीए
२१+ चिरपि से मुंडई २४९ चिंता लोहागरिए २२६ चीराजिणं निगिणिणं १९+ चीवराणि विसारंती ५६२ चुन्ने अंतद्धाणे चाणके ।
चुलसीइ पंचनउई
चुलसीई च सहस्सा २५२
चुलसीईमप्पइडे ३२८ चुलग पासग घने ३३० चुलतिदारमहुणा २४३ चुली अक्चुल्लो वा ४०७ चुलक्खलिया ढोए ४४०४ चुल्लुक्खा कम्माई ३.३ चूलिभं तु पवक्खामि
३ ३
७३९ चेइअवंदनिमंतण :
+ चेइदुमपेढछंदय : १४८* चेयकुलगणसंधे ८१६* चेइयकुलगासंघे
५०० चेइयपूया किं वयरसामिणा ३ २६६ चेयणमचेयणस्स व २५६ चेयणमचेवणं वा । ४४८ चोभग इंधणमाईहिं १५९ चोअगमाणुसऽणिवे ३८३ चोअगवयणं आणा ३४+ चोएइ पुणो लेवं. २५० चोएति जइहु.जिट्ठो २५२ चोदयवयर्ण गंतूण ५०० चोदगवयणं छट्ठी
४२+
mamme
२००+
'सवृत्तिक आगम
१९८+IC
५
सुत्ताणि
~74~
Page #75
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[च-कार + छ-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
m.93ur
MA00 C0m
Emm
दीप क्रमांक के लिए देखीए
ARRANGESESE
चोदसपुव्वधरावो . २०+ छतमत्थप्परीयागं ३ ६५३ छहि हिहिममझिम. चोइस वासाणि तया ३ १२५x छउमत्थप्परिआओ ३ ३३९ छट्टेणं मत्तेणं चोदस सोलस वासा ३ ७८२ छउमस्थमरण केवलि ७ २१३ छण्डमन्नयरे ठाणे चोइसहिं भूयगामेहिं ३ १६ छउमत्थाणुवलंभा
४१+ छत्तीसगुणसमन्नागरण चोदा दो वाससया ३ १२९+ छउमत्थोघुदेसं
२२२ छत्तीसा सोळसगं चोयग इंधणमाईहिं
२६१ छउमत्वो सुयनाणी ६ ५२३ छद्दोसे अट्टगुणे चोयगपुच्छा दोसा
१८७ छकायदयावंतोऽवि ४ ४४२ छप्पुवसयसहस्सा चोयगवयणं अप्पाणुकंपिओ ४ १४८+ छकायरक्खणडा. ४ ६९२ छब्यगवारगमाई चोयगवयणं दीहं
छक्कायवग्गहत्था ६५७५-५९१ छम्माणि गोव कढसल. चोरा मंडव भोज ४८१ छञ्चेव य मासाऊ
७ १५२४* छम्मासम्भंतरओ चोलोवणयविवाहे
३ २०६ छज्जीवकाए अ समारभंता ७ ३९९४ छम्मासे अणुषद्धं चोल्लग पासग धणे
छज्जीवकायसंजमु ३ १९५+ छम्मासे छउमत्थो छकार:
छज्जीवणियाए खलु ५ २१९ छलया व सेसएणं छउमथकालमिचो ३ ३०२ छट्ठाणा तिगठाणा ४ ७९. छव्वाससयाई नबुत्तराई
MMAR
८३२
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~75~
Page #76
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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
नं. अ. आ. छब्बीस सागराई ओ. छब्बीसाए सहस्से हिं द.पि. उ.
।। ३५ ।।
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ छ कार + ज कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
७ १६०९ छिंदित्तु जालं अवलं व ११५० छिन्नमच्छिन्नं दुबिहं
७ ४७५* जइअन्भासे गमणं
३
६
छहिं कारणेहिं साधू ६ ६६१ छिन्नमछिनो दुबिहो
२३१ जइ असणमेव सव्वं ६ ३८४ जइआ चेव उ खेतं ३९१ जइ आवस्सगस्स
५ ३७२ छिन्नंमि तओ कट्टियंमि ६
19 ९९७* छिन्नं सरं भोमं अंतलिक्खं ७ ५०० जई उक्कालिअस्स अणुओोगो २ ५
छहिं मासेहिं अहि छंदणा दव्वजाएणं छंदणा नामं इच्छाकारो छंदणिरोहेण उवेति मुक्खं छंद्रेणऽणुजाणामि
७
९९४* छिनाले छिंई सिलिं
७
१०५०* जड़ उबसंतकसाओ
COM
७
१२२# छिन्नावासु पंथेसु
७
५३* जइ एगमां चित्तं
३
१२३६ छिनो दिट्टमदिट्ठो
६ ३८५ जइ एवं संस
४
३१७+ श तण्हा य सीट
६३१* जइणो वीसाऽभिग्गह ३ २८+ जइणो सावगनिण्हव
६
१७२
लावणमुबिहाइ
३ २५८
जकार:
३ ६१७ जइ अणंगपविट्ठस्स ६०५, ६२१, ६४१, ६२९, ६३७,६१३ जइ अस्थि कायभावो
२ + ३
जइ तरुणो निरुवहओ ४ जइ तं काहिसि भावं २३४+ जइ तं काहिसि भावं ६६८ जइ ता पासत्थोसण्ण०
६०१, ६३३, ६०९, ६२५,
जर अम्भत्येन परं
छापड़- अणुकमइ
छायंपि विवज्चंती
छावहिं चरसहि
छिण्णंमि संसयंमि
~76~
یا
४.
३
४
२
१८२ - १६८६
१७०
६
११९
३ ३
१५६८
४ १५०+
१५६
६
१५७
४
६०९ १४*
५
७ ८२६* ४
४८+
सूत्राचतुक्रमः
।। ३५ ।।
Page #77
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
८२३*
यहां
देखीए
ACCOCCASTECCORCE
६१८ ६७०
दीप क्रमांक के लिए देखीए
जइ तिन्नि सम्बगमणं ४ १५७ जइ फुल्ला कणियारया३ जइ ते चित्तं झाणं. ३ १५८४ जइ फुसइ तहिं तुंडं जह ते लिंग पमाणं
११३५ जइ मञ्झ कारणा एए जइत्ता विउले जन्ने ७ २६५% जइ य पडिकमियध्वं जइ दोह एग मिक्खा
जइ रित्तो तो दवमत्तगंमि ४ जइ पगई कीस पुणो १०८ जइ लिंगमप्पमाणं
६ ६१४ जइ लुद्धो राइणिओ ४ जइ पुण खद्धपणीए .४ १५२ जइ वासुदेवु पढमो ३ जइ पुण गच्छताणं .३५0जनियर
१४६९ जइविय ता पजत्ता ६ जइ पुण निव्वापाए ३ १६१५ जइविय पडिमाउ ३ जइ पुण निव्वाघाओ ४ ६३६ जइवि वयमाइएहिं ... ३ जइ पुण पासवर्ण से ४ २६५+ जइवि सुओ मे होही ६ जइ पुण वचंताणं ४.६४३ जइ संका दोसकरी ६ जइ पुण वियाल पत्ता ४ १९९ जइऽसि भोगे पइ असत्तो ७
१२५५|जइऽसि रूपेण पेसमणो ७ २२५+ जइ सुद्धा संवासो ४ ८०१ जइ सुयनाणस्स उद्देसो २ ६८३ जइ से न जोगहाणी ६ २५३ जइ हुन तस्स अणलो ३ ११३६ जउघरपासायंमि.. . ५६३ जक्खो तहिं तिंदुरुक्खवासी ७ ४३१ जगनिस्सिएहिं भूएहिं ४६७ जश्चजणधाउसमप्पहाण १ १९४७ जच्चिय देहावत्था ७१३ जड्ढे महिसे चारी ५११ जड्डा जंवा तं वा सुकुमारं ४ ५२९ जणणी सव्वत्य विणिच्छएमु ३ ४३७* 'जणलावो परगामे ४
३६६%* २१७* ३१* । ३९ २३९
'सवृत्तिक आगम
१०९३ १४०+
सुत्ताणि
~77~
Page #78
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
ओ.
६
सूत्राबनुक्रमः
देखीए
७५ ३२४ २१+
द.पि.उ..
॥३६॥
११७९
१२२९
दीप क्रमांक के लिए देखीए
जणवयसम्मयठवणा जणसावगाण खिसण जणेण सद्धि होक्खामि जण्णूसवसमवाए जत्तासाहणहेक जत्थ अपुब्बोसरणं जस्थ उ तइओ भंगो जत्थ० उत्तरगुणपडिसेवी जस्थ उ थोवे थोवं जत्थ उ सचित्तमीसे |जस्थ पुणा पडिग्यागो
जत्थ पुष्फाई बीआई | जत्थऽम्हे वच्चामो जस्थ य एगो सिद्धो.
५ २७५ । जत्थ यजं जाणेज्जा २ ६ ५०४ जत्थ य नस्थि तणाई ३ ७ १३४ जत्थ राया सयं चोरो ७ ३ २०५ जत्थ लिंगवेसपढिच्छन्ना ४ ४ ५७८ जत्थ साहम्मिया बहवे ४ ३५४४-५६८ जत्थ० सीलमवा बहुस्सुया ४ ६ १५९ जत्थेव पासे कइ. ५ ४ ७८१ जवि पढमं न तरेजा
५६९ जमचेयणचि पुरिस० ५४५ जमदग्गिजहा हरेणुभ ७ ६७४ जमहं दिया य राओ य ७
* जम्मण विणीअ उज्झा ३ ४ ३०५ जम्मणे नामवुड्डी.अ ३ ९७५ जम्मदुक्खं जरादुक्ख ७
१ * जम्मं एसइ एगो सुयस्स १३३८ जम्मं मयंगतीरे १३३ जम्हा चित्ताईया ७८२ जम्हा सणनाणा ७८० जम्हा विणयह कर्म ७८४ जयइ जगजीवजोणी ५१३* जयह सुआणं पभवो ६२२ जयघोसा अणगारा २१९+ जयणमजयणं च गिही १४५ जयमाणा विहरवा . १२६ जयं घरे जयं चिढे. ३९७ जया अकुकुडुम्बस्स
जया अ थेरओ होइ ६१५ जया अ पूइमो होर ..
PCRACCSACSCG
'सवृत्तिक आगम
४८८* ४८७ ४८५%2
सुत्ताणि
५
~78~
Page #79
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक यहां देखीए
५
৩৮৩
दीप
.
४९
.
क्रमांक के लिए देखीए
| जया अ माणिमो होइ
जया अचंदिमो होइ |जया ओहाविओ होइ जया कम खवित्ताणं जया गई बहुविहं जया चयइ संजोगं जया जीवमजीवे अ जया जोगे निमित्ता जया ते पेइए रजे जया धुणइ कम्मरयं जया निबिदए मोगे जया पुण्णं च पावं च
जया मिगस्स आर्यको जिया मुंडे भविताणं ७ नंद्या
४८६* जया व चबई धम्म ४८४* जया व पूइमो होइ ४८३* जया ब से सुही होइ ५६* जया रजं च टुं च ४६* जया लोगमलोग च
जया सव्वत्तगं नाणं ४५* जया सव्वं परिचव ५५* जया सव्वं परिषत्र
जया संवरमुषि ५२ अरमरणवेगेणं ४८* जय जाब न पीडेई
जरामरषकंतारे ६७८० जलधननिस्सिया जीवा ५० जसभर तुंगियं
+
४८२% जसभरे सिरिकता ४८५* जस्स अणुमाए ६८०* जस्स आउयं खलु २७६ जस्स खलु दुप्पणिहिआणि ५ ५४* जस्स जहा पडिलेहा ५३* जस्सऽस्थि मधुणा सक्खं | २७८ जस्स पुण पिंडवाबट्ठया ५५९* जस्स य इच्छाकारो
५१% जस्स य जोगमकाऊण ८९९* जस्सवि अ दुप्पणिहिआ ५
३००* जस्त सामाणिओ अप्पा ७ ६४६* जस्स सामाणिओ अप्पा ३ . १३६३* जस्संतीए धम्मपयाई १ २४* जस्सेरिसा जोग.
.
.
२७७
.
.
'सवृत्तिक आगम
३०२ १२७* ७९७ ४१०% ५१४*
सुत्ताणि
.
~79~
Page #80
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सुत्राक
आ..
देखीए
क्रमः
द.पि.उ. ॥३७॥
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
KARASAKASSASPAKKAKE
जस्सेवमप्पा उ हविन ५ ४९८ |जह गहि तह नीयं ४ २९८+ जह तरुणवयरसो ७ १३०३* जह अभंगणलेवा ४ ५४७ जह गोमडस्स गंधो . . १३०७* जह० तह चेव उ साहरणे १५६४ जह अंतरिक्समुदप ४ ४१ जह चिरसंचियमिधणमनलो ३ ।१०१ जह तिकडुयस्स परसो १३०२७ जह इत्थ चेव इरियाइएयु ५ १३१ जह चेव उ निक्खित्ते ६ ५५९ जह तिक्खाईवि नरो ३ २३प्र० जह एसो सहेसुं
२९९ जह चेव पुव्वलित्ते ६ ३५१ जह तिपएसो खंधो. जह उल्ला साडीआ ३ ९५६ जह चेव य संजोगा६ ६०६ जह तुम्भे तह अम्हे २ १२१* जह कबुयतुषयरसो. . १३०१ जह छतमत्थस्स मणो ३ ।८४ जह तुम्भे तह अम्हे जह कम्मं तु अंकप्प ६ १८९ जह डेयलद्धनिजामओऽवि३ ९५ जह ते दसणकंखी जह करगओ निकिता ३ २४१+ जह जश्ववाहलाणं .
६७८ जह दारुकम्मगारो
३३७ जह फरगयस्स फासो . १३०९ जह जह पएसिणी ६ ४९८ जह दीवा दीवसय २ जह कायमणनिरोहे ३ १५७२ जह जह सुज्झइ सलिलं ११६७ जह दीवा दीवसय ६ जह कारणमणुवहयं ६ ७१ जह जिणसासणनिरया .५ ९४ जह दीवा दीवसर्य जह कारणं तु तंतू ६. ७० जहणं सुत्तरं खलु . २ जह दुमगणा उ तह जह किंपागफलाणं ५ ६१७* जह तमिह सत्यवाई ३ ९०७ जह दूओ रायाणं
३०८
१२६%
AT॥३७॥
'सवृत्तिक आगम
१२८ १९४१
सुत्ताणि
~80 ~
Page #81
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
यहां
७९६ १३०८ ६३९४
देखीए
15645-15-15145%
दीप क्रमांक के लिए देखीए
जह धाऊ कणगाई ७ ३४ जह मम न पियं दुक्खं ५ १५६ ।जह सुकुसलोऽवि विज्जो ४ जह नरवाणो भाणं. ४ ४५+ जह रण्णो विसएK ४ ८+ जह सुरहिकुसुमगंधो . जह नाणेणं न विणा चरणं ३ ११६५ जह रोगासयसमणं, ३ ।१०० जहा अग्गिसिहा दित्ता ७ जह नाम आउरस्सिह ५ ३६६ जह यस्साओ हत्यिं गामा ५ ६४ जहाऽऽइन्नसमारूढे जह नाम कोइ मिच्छो
३. ९८३ जह वंतं तु अभोज ६ १९१ जहा इहं अगणी उण्हो । जह नाम महुरसलिलं ३ ११३१ जह वा घणसंघाया खणेण ३ ।१०२ जहा इहं इमं सीयं जह नाम महुरसलिलं ४ ७७७ जह वारिमझछूढोब्व .३ ८३७ जहा उ पावगं कम्म ७. जहन्नेण चोलपट्टो ४ ४२६ जह वेलंबगलिंग , ३ १९४९ जहाऽऽरसं समुद्दिस जह परिणयंवगरसो
७. १३०४४ जह समिला पन्भट्ठा ३ ८३४ जहा करेणुपरिकिण्णे जह वालो जंपतो ४. ८०२ जह सव्वकामगुणिों ३ ९८५ जहा कागिणीए हेलं जह बूरस्सवि फासो ७. १३१०% जह सब्बसरीरायं मंतेण ३ ।७१ जहा कुकुडपोअस्स
जह भमरोत्ति य एथं ५ ९७ |जह सागरंमि मीणा ४ ११७ जहा कुसग्गे उदयं Mजह मन्ने एअमटुं ७. ३०४ जह सावजा किरिया ३ ११४५ जहा खरो चंदणभारवाही ३
|जह मम ण पिलं दुक्खं २. १२९ जह सा हिरण्णमाईसु. ४ ५०१ जहा खलु से ओरम्भे
६४७* ६४८* १०९८*
3%25546435453
'सवृत्तिक आगम
2ऊर
सुत्ताणि
~81~
Page #82
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
सूत्रानुक्रमः
देखीए
३४२
॥३८॥
३४८* ३४५६ ३४५
दीप क्रमांक के लिए देखीए
जहा गेहे पलितमि ७ ६२२४ अहा य अंढप्पभका बलागा ७ ११६१० जहा से उडुबई रे . जहा चंदं गहाईया ७ ९६४ जहा य किंपागफला ७ ११७५४ जहा से कंबोया जहा जस्ताइ कढ़ाई ३ १४०९ जहा य तिण्णि बणिया ७ १९१० जहा से चाउरते जहा तुचाए तोळे ७ ६४१० जहा य भोई ! वणुयं भुयंगे - ४४४* जहा से तिक्सदाढे जहा दवग्गी परिंधणे वणे ७ ११६६* जहा लाभो वहा लोभो . २२४ जहा से तिक्खसिंगे जहा दुक्खं भरे जे . ६४०* जहा लाहो तहा डोहो . २५६ जहा से तिमिरविद्धंसे |जहा दुमस्स पुप्फेसु ५ २७ जहा वयं धम्ममजाणमाणा ७ ४६० जहा से नगाण पवरे जहा निसंते तवणचिमाली ५ ४१२* जहा ससी कोमुइजोगजुत्तो ५ ४१३४ जहा से वासुदेवे जहा पोम्म जले जायं ७ ९७४ जहा संखमि पयं निहियं . ३४९९ जहा से सर्वभूरमणे | जहा विरालायसहस्स मूले ७ ११६८० जहा सागडिओ जाणं १४१ जहा से सहस्सक्खे जहा भुयाहिं नरिवं . ६४२* जहा सा दुमाण पषरा . ३५३* जहा से सामााणं जहा महातलागस्स ७ ११०२० जहा सा नईण पवरा . ३५४* जहाहिजगी जलयं नमसे . जहा मिए एगअणेगचारी . ६८३४ जहा सुणी पुईकाणी
४* जहिज्य सर्मथ बहा. . जहावभग्गी अरणीउऽसतो . ४५८७ जदा सूई ससुचा . १०९७* जहियं तु मासकर्ष ३
SA%AA%ak
३४
३४९०
३५२०
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~82~
Page #83
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
. ३
६८४
६८५ १.१०%2
Jam
२४७
दीप क्रमांक के लिए देखीए
जहेव कुंभाइसु पुब्बालित्ते ६ जदेव सीहो 4 मियं गहाय . कारण णिसमणं
३ जं किर दवं खुवं जं किंचाहारपाणगं विविहं जं किंचि कयमकर्ज जं कुणइ भावसलं ४ जं केसवस्स उबलं ३ जंघद्धा संघट्टो नाभी जंघापरिजिय सङ्की जंघाबाह तरी इव जले जंघाहीणा ओमे जं चण्ण एवमादी ४ जं च तवे उजुत्ता ५
३५४ जंच महाकापसुर्य ४२७ जं च मे पुच्छसी को ५९५ अंचेच आउयं ४९३ जं अस्स आउयं १०५* जं जहब कयं दाई ८०१ ज जे जे भावे ८०५ जं जं निजीवाणं कीइ ७५ जाणेज चिराधोयं ३४+ जं जुलाइ उपकरणे ५०७ जंतु पुरक्खडभावं ३३१ ज तेहिं दायव्यं ४४+ जं थिरमज्झवसाणं ७३० जं व्वं उदगाइसु ढमद्दे १३७ जं दिसि विकटियं
३ ५
५४७
mmen
७७७ जं दुफळतिमिच्छा तं भुजो । ५७९० जं दु० चेव १६२ जं नेइ जया रत्रिं
. १६३ जं पप्प नेगमनओ
जंपि वत्वं व पार्य वा ७९४ जंपि बत्थं व पायं या १५७+जं पुण अचित्तव्य १३५४ जं पुण उदिसमाणा ७४२ जं पुण गुरुस्स सेसं २३३+ जं पुष्प सपमाणाओ ११०७ जं पुण मुणिपर्कपं ।२ जंबुद्दीचे लवणे ९८ जंबू अ चास मउरे १३४९ जंबू अ चास मऊरे
५७५ ७२८
***CALCALCkc
1७९
३ ३ ३ ६ ३
'सवृत्तिक आगम
०८+
८४+
सुत्ताणि
~83~
Page #84
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं.अ.आ. ओ.
द.पि. उ.
॥ ३९ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि
[ ज-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
जं भणसि नत्थि भावा
५.
जं भत्तपाणडवगरण०
५.
जं भवे० न मे कप्पइ तारिसं ५
जं० भावे परिणमइ
के
जं मिक्स मत्तवित्ती
भियगामे नाणस्स जंभिय बहि उजुवालिय
जंमि निसेविते
जं मे बुद्धाऽणुसासंति
जं बर्फ वयमाणस्स
जं वाइद्धं वचामेलियं
जं विवित्तमणाइनं
जं बेलं कालगओ
जं संठाणं तु इदं भवं
વ
३.
३
४.
७
५.
३
३
२
पुनः
७१
जं संमरामि जं च
जा अ सथा अवत्तब्बा
जाइमयं पडियद्धा
2+
१०३
७९५ जाइमरणाओ मुबइ ३४६ जाइमंता इमे रुक्खा
५२४ जाइ सद्धाइ निक्खंतो
५२६ जाइस्सरो अ भयवं
५७
जाई चत्तारि भुजाई
जाई सरितु भववं
जाईइ पगासनिवेयणं
२७
२९०
२०. जाईकुलगणकम्मे
५१०# जाईकुले विभासा
१३२५ जाई जरामबुभयाभिभूया
९६९ जाईजरामरणसोगपणासणस्स
~84~
२
५
७
५
५
५
३
५
७
७
६
६
७.
२४
| जाईपराजिओ खलु, २७९* जाईसरो अ भयवं ३६३४ जाईसरणे समुप्पन्ने
४६०* जाड अस्साविणी नावा
३०८३ जाए दिसाए उ गया
३९५ जाए दिसाऍ गामो तत्तो
१९३ जाऍ दिसाऍ गिलाणो
२५५ जा किण्हाइ ठिई खलु
२२९७ जा चेव उ आउटिई
३५३ जा चेव उ आंडठिई
४०६*
७१+
६०.८
९०२*
२४७ १३३९ ८४
४
७ १३४०*
७ १५४०*
७. १६१७*
東 ६७१
४
७६०
४६४*
४६५*
७.
४
४३७ जा जयमाणस्स भवे
४३८ जा जयमाणस्स भवे
४४४* जा जा वचइ रयणी
१२* जा जा वचइ रयणी० धम्मं तु ७
सूत्राधनु
क्रमः
॥ ३९ ॥
Page #85
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
५०८
दीप क्रमांक के लिए देखीए
555ॐॐॐॐ545453
जा जेण होइ वशेण ६ जाण अझप्पस्साणवणं . ५ जाण. जाण० अट्ठविहकम्ममुको जाण अंडयबोंडयवालय जाण आचरणे आचरणं जाण. कम्मे नोकम्मे या ५ जाणग० जाणग० गणिपिडर्ग होइ जाणग० जीवाणमजीवाण. जाणग० निहाविकहकसाया . जाणग० परिणामो अ (अ) जीव७ जाणग०परिणामो जीववस्स५ |जाणगपुच्छ पुच्छइ
४१९ जाणगभवियसरीरा . ५४७ जाणग० भावे सम्मट्ठिी
जाणग० सन्ना कडकरणाई ३ .५०० जाणगसरीर० ५
जाणगसरीर० ५
जाणगसरीरभविए. ५३१ जाणगसरीरभविए तव्व० .
जाणगसरीरभविए ४५९ जाणगसरीरभविए ५५७ जाणगसरीरभविए ५२३ जाणगसरीरभविए . ५५५ जाणग० हुति दुविहा उ ७ ५५३ जाण० तवसंजमेसु . ३०५ जाण० भावविही पुण दुविहा.
66.66666
२८१ जाण० भावंमि असमिइओ. ४६१ ५५० जाण० भावंमि दसविहं . ४८४ १५३+ जाण भावमि दसविहाए १ ४८८ ३९२ जाण० भावंमि नाणदसण ५ ५०२ ४४४ जाण० भावमि होइ दुविहो . ५१४ २५१ जाण. भावे अन्नाणअसंव.. २३८ जाण. भावे पंचविहा खलु.
जाणभावे पंचविहा खलु । ४२४ जाणयमविय०
४ ०६ २४५ जाणय भवे य भावे य ७ ४५२ ४९१ जाणयसरीरभविए ५३८ जाणयसरीरभविए०जो भिंदेह ३७४ ४६४ जाण०सा पुणो दुविहान ५३४ ५२० जाणं आहम्मिए जोए + ५७
३१९
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~85
Page #86
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
अ.आ.
५ ३
देखीए
सूत्रायनक्रमः
१८०%*
1595%25%8--0-2
॥४०॥
६
दीप क्रमांक के लिए देखीए
FTORISSAGAR
जाणतठिऍ वाए उ
१८१ जायते न इच्छंति जाणंतु अजाणतो ६ ३१+ जायतेएण बहुजणं जाणंतु ता इमे समणा ५ १९३* जायरूवं जहा महँ जाणतोऽविय तरिउं
११५८ जायसु न एरिसोऽहं जाणावरणपहरणे
८४३ जाया य वत्थपाए जाणावरणपहरणे जुद्धे १५३ जारिसए चिय लद्धा जाणाहि संभूय ! महाणुभाग - ४१६० जारिसया लोअगुरू जा तेऊ ठिई खलु
१३४५% जारिसा मम सीसा उ जा व्बकम्मलेसा
५४२ जारिसा माणुसे लोए जा देवसिभं दुगुणं ३ १६१८ जावइआ तिसमयाहार० जा नीलाई ठिई खलु ७ १३४१४ जावइयं उवउजइ जा पम्हाइ ठिई खलु . १३४६* जावइया किर दुक्ला जामाइपुत्तपइमारणं च ६ ४३४ जावया विसमयाव जायणपरीसह मि
. ११४ जाव गुरूण य तुण्झ
२४१* जावजीवमविस्सामो +५९ जावदवधारणमि ९६८ जावन एजति आपसो . ४७२ जाव न बहुप्पसन्नं ता६. २६३० जाव य कुंडग्गामो ५२८ जाय बुच्छं सुहं बुच्छं . ३८+ आवंतहा सिद्धं बेयं १०५९ जावंत देवदत्ता ६७३ जावंतऽविजापुरिसा ४८* जावंति अज्जवरा ६०७ जावंतिए विसोही १६५० जावंतियमुरेसं ३. जावंति लोप पाणा १५४ जा ससमएण पुचि
९१+ १३१ २७२ १४२
६
३ ७
७ १ ४
३ ३
४
१६००
७६३ ३९०
६
३०
'सवृत्तिक आगम
२१८*G
॥४०
१००
सुत्ताणि
~86~
Page #87
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
जा ससमया खलु जा सा अणसणा करणे. जाई व उन्नाई
जाऽवि य परितंता
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ ज-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
जा होइ पाइस जिह्वामूले आसाढ सावणे जिह्वासाढेसु मासे जिद्वासुदंसण जमालि जिणचकिंदसाराणं जिणदेसियाइ लक्खण० जिणपवयण उप्पपत्ती
जिण वयणपट्ठेऽवि जिणक्यणबाहिरा जिणवयणरए अर्तितिणे
4
·
४
३
१
११८८ जिणवरमणुण्णवित्ता
४६.* जिणवसहसंभवाओं
19 १००७* जिणसाहू गुणकित्तण
.
पुनः
७ १२९ जिणाणं णंतणाणीणं जिणा बारसरुवाई
१६७
३ ३६८ जिणे पासिद्धि बामेणं ३- १५२
जिभाए रसं
१२८ जिविंभदिनिम्गणं भंते । १४१ जिसको हमाणमाया
१२७५ जिवसत्तु देवि चित्तसभ ४५८# जियसत्तुदेविचिचसभप०
३
५
१९९ जिणक्वणनि परिणए
११०९ जिणवयणं सिद्धं चैव
४९१ जिणवयणे अणुरता
३
५
~87~
५.
५
9
३
३
३
३
४
७
७ ७.
*
६
४
२६३ जीमूतनिद्धसंका
४९ जीवकरणं तु दुविहं
१६३२७ जीवसंमि अधिगए
१०७+ जीवदयासुंदरकंदर ०
४ प्र.
जीवनिकाया गावो
華
जीवप्पओोगकरणं दुविहं
३
। ६८ + ५५
जीवमजीवे० अजीवकरणं ३
६७२ जीवमजीवे पाओगिअं
७९
८३२* जीवमजीवे रूवमवी १२१५ जीवस्स उ निक्लेको जीवस्स उ परिमाणं १०८७ जीवस्स एस धम्मो जीवा चैव अजीवा य ४५१ जीवाजीवविभर्ति मे
८०
9
७ २०३
售 ६१०
१ १४*
९१६
844+
१०३१
१५६+
१९७+
२२२
५६+
२४+
३
३
५
१२९५७
५
10
१२७५*
१३७४*
*******
Page #88
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ४१ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
जीवाजीवाभिगमो जीवाजीवा व बंधो य जीवाजीवाहिगमो जीवाणऽणंतभागो पडि० जीवाणमजीवाण य जीवामु कवि ओमे जीवाहारो भण्णइ जीवियं चैव रूवं च
जीवितं तु संपत्ते
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि
[ ज-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
जीवे कम्मे तजीव भूय जीवो अणाइनिहणो जीवो उ पडिकमओ
५
७
५
३
७
4
19
७
3
8
जीवो० खिप्पं सो भाविजइ ३ जीवो गुणपढिवन्नो
३
पुनः
२३५ जीवो पमायबहुलो १०७४* जीवोवलंभसुयलंभे
२१८ जुगपि समुत्पन्नं
९०१ जुज्जइ अकालपढिया०
५३९ जुज्जइ गणस्स खेतं
२२०
जुष्णमएहिं बिहूणं
4+ जुण्णसुरा जुण्णगुलो
५६०* जुत्ती उ पत्थराई
* ७९७* जुचीसुवण्णगं पुण ५९६ जुवं गवित्ति णं बूया ७७६ जुंजणकरणं विविहं १२४४ जे अ चंडे मिए बद्धे ११२७ जे अायणे भणिआ ७९२ जे अने एवमादी
~88~
३
३
३
३
६
४
२
४
५
५
३
५
५
४
८०२. जे अन्ने भगवंते
२१० जे अ मग्गेण गच्छति
११६६ जे आययसंठाणे
१६३२ जे आयरिअउवज्झायाणं
14
4
a
१६३ जे आलंबण तिव्वसङ्काणं ३ १३७ जे आवि चंडे मइइडिगारवे 4 २४* जे आवि नागं उहरंति नचा ५ ४०४ जे आवि मंदित्ति गुरुं वित्ता ५
R
Na
३५६ जे इंदियाणं विसया मणुण्णा ७
३०२* जे किर गुरुपडिणीआ 29
७
(७
19
AD
१०३७ जे किर चउदसपुब्बी
४१८* जे किर भवसिद्धीया
३५७ जे केइ उ पव्वइए
७६९ जे केइ उ पव्वइए नियंठे
४३ *
८९२*
१४१९*
४२७*
१२०२
४३७*
४०२*
800*
१९७६*
४९३
३१७
५६०
५२९*
५२७*
सूत्रापतुक्रमः
॥ ४१ ॥
Page #89
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
१६६१ ११२१
देखीए
****
३३२
.४५१७/
दीप क्रमांक के लिए देखीए
**
जे केइ पत्थिवा तुभं . २५९४ जेण जीवंति सत्ताणि
१३० जे पावकम्मेहि धर्ण मणुस्सा ७ जे फेड सरीरे सत्ता . १७१* जेण पुणो जहाइ जीवियं ४९९ जे बंभचेरभट्ठा जे गिद्धे कामभोगेसु ७ १३२ जेण भिक्खं बलिं देमि . १२३ जे भावा अकरणिज्जा. जे चेव अंधयारे
२७८+ जेण य धरह भवगओ५ ८+ जे भावा दसवेमालिअम्मि ५ * जे चेव पडिच्छण ९४ जेण रोहंति बीयाणि
१२५ जे माणिया सययं जे जत्तिआ अ हेऊ
५४ जेण व जंव पडुच्चा ५ १३ जे व कंते पिए भोए जे जत्थ जया जइया ३ १२०१ जेणं बंधं वहं घोरं ५ ४२९* जे य वेयविऊ विप्पा जे जस्थ जया भग्गा . ३ ११८६ जेणुद्धरिया विजा३ ७६९ जे यावि दोसं जे जहि दुगुछिया खलु ४ ४४३ जेणुवगहिओ वचन ३ १५३२ जे यावि दोसं समुवेद जे जंमि उमि य कया ४ १८०+ जेणेविस्सरियं णीए ८३ +६३ जे यावि दोसं समुवेइ ७ जहा कित्तिय साई.३ ६४६ जे ते देवेहिं कया
३ ५५७ जे यावि होइ निबिजे जेवामूले आसाढ सावणे ४ २८७ जे न वंदे न से कुप्पे ५ १८९* जे लक्खणं च सुविणं च ७
जेट्ठामूलो आसाढ सावणे . १००७* जे निआगं ममायंति५ -२५७* जे बज्ज एए उ सदा हैजेट्ठा सुदंसण जमालि०३ १२६४ जे पव्वइत्ताण महत्वयाई ७३७जे विजमतदोसा :
3000mm
ACARECHESCALC6545CHAR
****
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~89~
Page #90
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
द.पि. उ.
॥ ४२ ॥
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि
[ ज-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
जेसिन बावती
श्र
जेवि परिवेसंती
६
जे सदरुवंरसगंधफासप
最
के समत्या० एयं मे संसयं ७
जे समस्था समुद्धत्
जे समस्या समुद्रत्तुं ते
Qu
७
जे संखया तुच्छपरप्पवादी ७. जेसि इमो अणुभगो जेसिं तु पमाए
१
जेसिं तु विउला सिक्खा
जे सुत्तगुणा बुत्ता जैसिपि अस्थि आया
जेहिं सविया न दीसइ
जे हुंति भभवसिद्धा
当
ॐ
७
*
५.
ॐ
७
पुनः
७५४ जोअणसहस्स गाडया० २.
१२० जोअणस्स उ जो तत्य
+४२ जो अस्थिकायधम्मं
९६२# जोइपइवे कुइ व ९५५* जोइसतणो सहीणं
९५९* जोइसियभवणवंतर०
१२३७. जो इंदकेडं सम ंशिवं तु }
५२८ जोए करणे सन्ना
4
१९८* जो कन्नाइ घणेण य
૩.
१३०१ जो कोंचगावराई पाणिदया ३
७
६९८
५६१
जो खलु तीसइवरिसो
जो गच्छंतंनि विही
जोगतिगं पुव्वभणिअं
७
६
~90~
६
३
३
७
*
३
४
१०१* जोगपाचकखाणं भंते! 10. १४३६* जोगसणं भंते!
१०८७* जोगं च समणधम्मंमि
३०४ जोगंमि उ अविरइया
८७
जो गुण्झएहिं वालो
११७+ जोगुवओगकसाए
२१४+ जोगे जोगे जिणसासणंमि
२७२.
जोगो जोगो जिणसासणंमि
जोग्गा अजिण मारुय
जो चिंतेइ सरीरे
५
८६९
२३९+ जो चूअरुक्खं तु मणाभि० ७
१४७९ जो चूयरुक्खं तु
१७३ + जो चैव अ सयणविद्दी
१७९
७६८
W ३७.७
४
६०१
७६५
19
४२६
२७८
२७७
४
४
६
५.१.
蛋
ર
४
८९
२३+
२७५
२.१६+
६६५
सूत्राधनु
क्रमः
॥ ४२ ॥
Page #91
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
जो चैव य दरिएसुं
जो ( तो ) जत्थ समाहाणं
जो जस्स उ आहारो
जो जह व तह व ल
जो जहवार्य न कुणइ
जो जहियं सो तत्तो
जो जाहे आपनो साहू
जो जिणदिट्ठे भावे जो जीवेवि न वाणेइ
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ ज-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
जो जीवेऽवि वियाणेइ
जो णवि वट्टइ रागे
जो तिहि पएहि सम्मं
जो तेसु धम्मसदो
जो देवाणवि देवो
४
३
७
४
६
३
३
७
५
५
३
३
५
३
पुनः
२०८ + | जो न सज्ज आगंतु । ३७ जो निश्चसिद्धजत्तो
१११२* जो पव्वयं सिरसा मित्तुमिच्छे ५ ४४७ जो पावगं जलिअमवकमिजा ५
१८६ जो पुण करणे जड़ो
१३४५
जो पुण मूले जीवो
१२५९ जो पुण बीसामिलाइ
१०७८* जो पुण हवेज खमभ
४३* जो पुण हिंसाययणेसु
४४७ जो पुव्वरत्तावररत्तकाले
८०३ जो पुबि उद्दिट्ठो
८७२ जो पुवि उद्दिट्ठों आयारो ५
९६ जो भिक्खू गुणरहिओ
१५*
जो मागहओ पत्थो
५ ४
~91~
.
३
५
६
४
8
५
३
९६७ जोयणसहस्स छग्गाडआई २ ९३६ जो य तबो अणुचिष्णो ४०६* | जय पओगं जुंजइ ४०४* जो य पमत्तो पुरिसो १३१५ जो लक्खणं सुविण०
४ ४
५९+ जो लोए बंभणो बुत्तो
२९
जो वचतंमि विही
५६५ जो सन्निवाइओ खलु ५९ जो सन्निवाइओ ०पन्नरस०
५११* जो समो सम्बभूएस २४७ जो समो सब्बभूपसु २९५ जो सव्वसिप्पकुसलो जो
३५८* जो सव्वकम्मकुसलो
७१४ जो सहइ हु गामकंटए
१०२
५२७
७५६
७५३
७ ७४३*
७ ९६६*
३
५
४ ६५३
७
५१
७ ५३
२ १२८*
३
७९८
९३०
९२९
४७१*
* +966569
Page #92
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ज-कार + झ-कार + ठ-कार + ड-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
अ.आ.
ओ. द.पि. उ.
बजाय क्रमा
देखीए
१४८९
दीप
२६४
क्रमांक के लिए देखीए
354545455453
जो सहस्सं सहस्साणं
२६७* माणस्स भावणाजो देसं३ ।२८ ठाणा वीरासणाईया . ११२४७ जो सहस्सं सहस्साणं संगी० २६१० झाणोवरमेऽवि मुणी ३ ।६५ ठाणासइ बिंदूमु . जो संजओ पमतो
ठकार: ठाणासति बिंदूसु
६६२ जो सुत्तमहिज्जतो . १०८१ ठवणकुल संखडीए
१३ ठाणे अ इइ के वुत्ते? ७ जो सो अरिहनेमी
७२+ ठाणे उवगरणे या ४ जो सो इत्तरियतवो . ११०७ ठवणाकम्मं एक
६७ ठाणे निसीयणे चेव , जो सो नमितित्थयरो . २६८ ठवणा मिलक्खु नेई जो हज उ असमत्यो
४४९ ठाणे य दायए चेव ३
. ४ १६१७ ठाणदिसिपगासणया जो हुज उ असमत्यो
१४६४ ठाणदिसिपगासणा जो होइ निसिद्धप्पा १२१+ ठाणनिसियणतुयट्टणं
२५ डको जेण मणूसो जो होज उ असमत्थो ४ ६३८ ठाणनिसीयतुयट्टण.
१५१+डको जेण मणूसो
१२७० झकार:
ठाणनिसीय तुयट्टण १३४३डको०तं सव्वविससमुदयं ३ १२७५ झाइजा निरव
ठाणं पमजिऊणं
७०४ डहरग गाममए वा न ३ २२७+ झाणप्पडिवत्तिकमो ३ ।४४ 'ठाणाइ जत्थ चेए
१७१+ डहरे मिक्खग्गामे
१७९
mese
na 06.06.
४६२
५६४
२६८
॥४३॥
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~92~
Page #93
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
ढकारः
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि - गाथा अकारादि
[ डकार + ण-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
ढरसर छुनमुहो
गइ खेड जणवडल्लुग
उईए कोडीहिं
उईय सहस्से हिं ण कोवए आयरियं णक्खत्तदेवयकुले णचा उप्पइयं दुक्खं
णचा णमइ मेहावी
ण तेण भिक्खू गच्छिना णत्थि णएहिं बिहूणं
णत्थि णूणं परे छोए
णत्थि य सि कोइ बेसो
णकारः
३
३
69
२
19
७
५
३
७
३
पुनः
| णत्थि य से कोइ वेसो
४२५ ण पक्खओ ण पुरजो
ण पडिनविज्जा सयणासणा० ५ णमिव्वल दुमपत्तयं च णमी णमेइ अप्पार्ण
७
१३४+
९ (प्र०)
६ (प्र०) णमुकारेण पारित्ता
४० ण मे णीवारणं अस्थि
८५
णयरमहाद्वारा इव णयरं च सिंगवण
८०*
४५* यरं सुदंसणपुरं
१२५* ण या उभेजा निउर्ण
७६१ ण लविज पुट्ठो साव
९२* णव धणुसया य
८६८ णवमो अ महापठमो
२
७
~ 93 ~
७
५
1
२
३
३
७
३
३
१३०* णवि अत्थि णविभ होही १८७ ण विणा आगासेणं
५०७ णवि ताव जणो जाणइ
२
७
३
१४ ण संतसे ण वारिया ७ २८८* ण सेणिओ आसि बहुस्सुओ ३
१५२* णहु जिणे अज्ज दीसइ 6
५५* णाणस्स सव्वस्त पगासणाए ७
१४३* णाणं पयासगं सोहओ
१४१४ णाणादी उपजीवति
१३९५ णाणायट्ठा विक्खा
५०९* णाणावरणे वेए
२५७ णाणे जोगुवओगे
१५६ णाणे चिन्भासो
३७५ णाणे दंसणचरणे लिंग
३
७
३
७
३
३
१२२
१९६
३१ x
५९*
११७०
३२०*
११५७*
१०३
१३+
१३०७
७३
८०५
। ३१
६+
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ण-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
यहां देखीए
५ २
१६२ १७० ३७+
सूत्राधनुक्रमः
250-254
दीप
१४०* १५०
५२
क्रमांक के लिए देखीए
नं.अ.आ. णागे दंसणचरणे ७ १२+ णामं ठवण सरीरे ५
ओ. णादंसणिस्त नाणं ७ १०९०%णामं ठवणा दविए३ द.पि. उ.
शणापुट्ठो वागरे किंचि ७ १४* " " " ॥४४॥ णामकरो ठवणकरो
१०८१ णामं ठवणा दविए . ७ णामदुमो ठवणदुमो
३४ णाम ठवणा दविए णामपर्य ठवणपर्य ५ १६८ णाम ठवणा दविए माउय०७ णाम० अणुगह भावे
१२४८ णामंठवणाधम्मो राणाम०एसो उ उग्गहस्सा ३ १२३३ णामं ठवणा भिक्खू ५ भणाम०एसो उ वारणाए ३ १२४९ णाम ठवणा सुद्धी प्रणाम०एसो खलु इच्छाए ३ १२३१ णाम०व्यंमि होइ तिविहा ६
णाम०एसो खलु निदाए ३ १२५१ णामं०दसगस्स उ छव्विहो ५
णाम०एसो पडिकमणस्सा ३ १२४६ णाम०पज्जवभावे य 81णाम०एसो पडियरणाए ३ १२४७ णाम०पज्जवभावे
य ५ दणामंगं ठवणगं
. १४३ 'णाम०पञ्जवलोगे अ ३
२३० णाम०पन्नवगपुव्ववस्थू १३२ णामाणि जाणि काणिवि ६२९ णामे छब्विहणामे १४१ णायंमि० अएसो सो नओ १४२ णायंमि गिहिअब्बे ३७९ णायमि गिहियव्वे
३९ णावि अ पारिवज्ज ३३५ णासो परीसहाणं २८५ णिक्खेवो उ विहीए ४०४ णिक्खेबो कारणमी
णिग्गंथ सुहुमरागे सुक्का ८ णिग्गयो य सिणातो २२० णियो अणिवियत्ता १०६८ णिचोत्ति दारमहुणा
4-7-258
0660
५+
'सवृत्तिक आगम
AGRAM
Muggu
सुत्ताणि
~94~
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ण-कार + त-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
१५६
यहां
देखीए
२२+
दीप क्रमांक के लिए देखीए
णिज्जुचा ते अत्था जं ३ [णिदाए भावओऽचिय ____३ णिहाविगहापरि० ३ णिफेडियाणि दोण्णिवि ३ णियमा मणुयगतीए ३ णिब्वियतियं पञ्चक्खाति ३ |णिब्वेढणमुब्वट्टे ३ |णिसंते सिया अमुहरी ७ |णिसायसरमंता उ णीअदुवारं तमसं णीई हकाराई .३ णीयदुवारुवओगे ४ णीसबमाणो जीवो णेगम०आणुअंतर कालो २
SCALENDAR
८८ णेगम०आणुकतरमि भावे २ ८१६ णेगम आणु कालओ० २ ७०७ णेगम०आणु०सेसव्वाणं २ ८७० णेगमसंगहववहार० ३ ७४४ गावि होति दुविहा . ४
५४ णेगेहिं माणेहिं .२ ८०६ णेगेहिं माणेहिं मिणइ तो ३
८* इअदेवमणुआ ३ ३८* गैरइयदेवतित्थंकरा य ३ ७९*णेरड्या णं भंते! केवइयं २ १६+ णोआहारंमि जा सा ३ २५२+ णोएगिदिएहिं जा सा३ ८२८ णोकम्ममि य तिविहो. . ८६. णोतसपाणेहिं जा सा ३
८८ णोमणुएहिं जा सा ८५ णो य विवक्खापुव्वो .५ ८७ णो सरसि कहं छेत्ता ३ ७५४ पहाणाईमु चिरइयं ४ १२४ पहायकसायकुसीले १३६%
तकार: ७५५ तइअमवच्चं भज्जा ३ २०१+ तइए आयारकहा ५ ६६ तइए निसाइवारं ३ १३९ तइएवि अविहिगहिरं ४ १३६४ तइएवि य जयणाए ४ १२९० तईयकसायाणुदए ३
६७ तइयंमि कर छोढुं . ६ १३५८ तहयाए पोरिसीए ७
१९२४
'सवृत्तिक आगम
६२१ ११० ३९९ १०२२*
सुत्ताणि
~95
Page #96
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं.अ.आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ४५ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
तझ्या करणंमि कया
तओ आउपरिक्खीणे तभी ओरालियं कम्माई
तओ कल्ले पभायंमि
तभी कारणमुप्पण्णे तओ काले अभिप्पेए तओ केसिं बुवंतं तु तभी तेणऽजिए दब्बे तभी दंडं समारभति
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ त-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
तभी पुट्ठो आयंकेण
तभी पुट्ठो पिवासाए तभी वहूणि वासाणि
तओ स पुढे परिब्बूढे
तत्र संवच्छर तु
२
७
७
५
७
99
یا
७
७
७
७
७
पुनः
६०* तत्र सि जायंति पमोजणाई ७
१८७* तभी से मरणंतम्मि
८७ तओऽह एवमाहंसु
७३२* तकोयणाण गणे
१६२* तगराइ अरिहमित्तो
१९८* तथाबाई चंपा दहिवाहण
८५६* तज्जयजुत्तिलेवो
५६३* तजय परिहवणा
१३५* तीवतस्सरीरंति
१३८* तणकट्ठहारगाणं
५२ * तणगहणानलसेवा १६२२* तणछेयंगुलिकम्मार
९७९* तणरुक्खं न छिंदिजा १६२६* तणुओ अतिक्खतुंडो
~96 ~
७
७
४
७
३
४
३
३
४
४
३
५
३
१२६०* तई पबमझेसुं
१४३* तहाकितो धावतो
"
४
७
४
७.
७२९* ताकितं
९१ तहान्छुहाकितं
९२ तहाभिभूयस्स
७
५२१ तहाभिभूयस्स
७
४०३ तण्ाभिभूयस्स अदत्तहारिणो ७
२०७+ वहावोच्छेदेण य
६०८ ततो कम्मगुरू जंतू
४९८ ततो जिए सई होइ
७०७ तत्साई संबलोहाई
४६५ तत्तो इत्थिनपुंसा तिविहा
३४४* ततो गुरु परिन्ना
१५१७ तत्तो चरिचधम्मो
३
७
७
७.
४
४
७३८
६५९*
२३४+
३३२
११९८*
१२११*
११८५*
१६९१
१८६*
१९५**
६६८*
३२२
६३०
१६९२
सूत्रापनु
क्रमः
।। ४५ ।।
Page #97
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
तत्तो ऽणुप्पेहाओ लेस्सा
ततो वुनि दुगुकं
ततो व अप्पमत्तो
तत्तो व अहक्वायं
ततो य चुभा संता ततो य णंगलाए
तो व पुरिमताले
तत्तो य रायपिंडं फीयं
तत्तो य वगवग्गो
तत्तो य समं देणं ततोऽवि य उबट्टित्ता ततोऽवि से चचाणं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ त-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
तत्तो सुमंगलाए सणंकु०
ततो हिमवन्तमहंत ०
७
३
२
३
३
७
३
७
५
३
१
पुनः
। २९ तत्थ असंपत्ती अत्थो ३३३ तत्थ आलंबणं नाणं +९ तत्थ भणिज कोई १९५ तत्थ किल सोमिललो ३६४ तत्थ चत्तारि नाणाई ४८० तत्थऽज्झयणं पढमं
४९० तत्थ ठिचा जहाठाणं
+ २२ तत्थ णं जा सा उवणिहिआ
११०८* तत्थ नियंठपुलातो
५५१ तत्थ पढमा विभत्ती २२२* तत्थ परिचायंमि अ
२०७* तत्थ पंचविहं नाणं
५२२ तत्थ पुरिसस्स अंता ३४* तत्थ पुलातो दुविहो
~97~
२६२ तत्थ भवे आसंका
९२५* तत्थ मरीई नामा १५६४ तत्थ य तिरयणदिणि०
५४१
२
२८ तत्थवि णाणे
११०* तत्थ विभागुद्देसियमेवं
११०० १०५ तत्थवि य कालियसुप
G
३+ तत्थवि सो इच्छं से
३
9
५९* तत्थ समणा तबस्सी ६४* तत्थ समणोवासओ मिच्छ० २
१०६४* तत्थ सिद्धा महाभागा
७
५
१९ तत्थ से चिमाणस्स ५+ तत्थ से चिमाणस्स
७
३
२
10
७
२
R
७
R
の
तत्थ य दो आइला
तत्थ य मइदोच्चलेणं
५
३
३
१
19
६
७
१४८
४२२
६९
१५६१
॥ ४७
३९+
३२+
४१+
६७५
११६
३३६
१४३६
८६*
६९
Page #98
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ४६ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
तत्थ से भुंजमाणस्स
तत्थ सो पासए साहू तत्थाणता उ चरित्तपजवा
तत्थावार्य दुविहं सत्थाहरणं दुविहं
तत्थिमं पढमं ठाणं
तत्थिमं पढमं ठाणं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ त-कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
तत्थेव अंतरा वा तत्थेव पडिलेहिना तत्थोववाइयं ठाणं तदविरयदेसविरया तदुभय सुत्तं पढिलेहणा तद्दिवसभोइआई
तद्दिवसं पडिलेहा
५
७
६
४
५
५
७
४
५
७
४
8
१४३* तद्दशेसगुब्विणीचालवच्छ० ४
७०२* तप्पागारे पड़ग
३
३
५
२८+ तप्पुब्विया अरहया
२९८ तमइकमित्तु न पविसे
५१ वमतिमिरपडल ०
२१७* तमंतमेणेव उसे
१३१* तम्मूलं संसारो
११३ तम्मेव य नक्खचे
८४* तम्हा असणपाणाई
१४०* तम्हा० आउकायसमारंभ
१८ तम्हा आयारपरकमेणं १७६ तन्हा आवस्यं १४४३ तुम्हा उ अप्पसत्यं २११ + तम्हा उ निम्ममेणं
~98~
३
७
३
७
५
५
५
२
५
३
तम्हा उ सुरनराणं
४६९ ५५
तम्हा एएसि कम्माणं
५६७ वन्हा एर्भ विआणित्ता
१७०* तम्हा एवासि लेसाणं
११* तदा खलुप्पमा
७४४* तहा खलु भावं
४३९ तन्हा गच्छामो वक्खामो
१०११* तम्हा जइ एस गुणो
२५८* तुम्हा जिणपन्नते
२४०* तम्हा ण बनाकरणं
५०३* तन्हा०तसकायसमारंभ
७
तम्हा० तेउकायसमारंभ ३१० तम्हा तेण न गच्छिजा १६५९ तम्हा ते न सिणायंति
५
१४९
७
- १२९१* ५७०-२३७ १३५२*
५२८
७
७
७
५
8
10
५
५
५
४९८
२८३*
५३२
५६२
११५३
२५४*
२४४*
६५*
२७१*
सूत्राधनुक्रमः
॥ ४६ ॥
Page #99
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[त-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
२९४+ ६६८ २०१* ३९६*
दीप क्रमांक के लिए देखीए
| तम्हा तेहि होइ सो -५ ३६० तरुणगं वा पवालं
१७८% तवहेज चउत्थाई
४ तम्हा दयाइगुणमुहिपहिं ५ १३३ तरुणदिवायरनयणो
१२६७ तवहेउ चउत्थाई तम्हा दुचकवणा -४ ३८७ तरुणा वाहिरभावं ४ १३६ तवं कुब्बइ मेहावी ५ सम्हा धम्मे रइकारगाणि ५ ५
९ ताणिवावा,
३६९ तरुणिों वा छिवाडि ५ १७९* तवं चिमं संजमजोगयं च ५ तम्हा न एस दोसो ६ १७६ तरुणित्थि एकभागे . ४ ४९२ तवेणं भंते ! तम्हा पडिलेहि ४. १११+ तरुणो बलवं तरुणो . १६३९ तवो अ दुविहो वुत्तो | तम्हा पमाणजुत्ता ४ २२७ तरुणोऽसि अज्जो ! पव्वइओ . ७०६ तवोगुणपहाणस्स..५ तम्हा पुच्वं पंडिलेहिऊण ४ १३१ तबतेणे वयतेणे ५ २०५७ तबो जोई जीवो जोइठाणं . तरहा०वणस्सइसमारंभ ५ २५१४ तवनारायजुत्तेणं
२४९० तवोबहाणमायाय तम्हा०बाउकायसमारंभ ५ २४८ तवनियमनाणरुक्खं ३ ८९ तव्वत्थुयंमि पुरिसो तम्हा विणयमेसिज्जा ७. * तवसंजमगुणधारी ५ २१२ तब्बयणं सोऊणं तम्हा सया विसुद्धं ४ ६० तवसंजममयलंछण १ ९ तसकायं न हिंसंति ५ तम्हा सुयमहिढेज्जा ७ ३५८७ तवसंजमो अणुमओ ३७८९ वस्कायं विहिंसंतो तरियब्वा य पइण्णिया ३ १२५६ [तवस्सियं किस दंतं] - ९६९ तसपाणेहिं जा सा
१०९४*
५८* ४०२
ANDARD CONTARX
करवाकर
८५
'सवृत्तिक आगम
-२५२% २५३*
सुत्ताणि
~99~
Page #100
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
द.पि. उ.
॥ ४७ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
तसाणं भावराणं च
तसे पाणे न हिंसिज्जा
तसे पाणे वियाणित्ता
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ त-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
तस्स अणुओगदारा
तस्स असंचेअयओ
तस्स कडनिट्ठियंमी तस्स कसाया चत्तारि तस्स कंदणसोयणपरि० तस्सऽक्खेवपमुक्खं च तस्स णं अयमट्टे एव०
तस्स णं इमे एगडिआ
v
५
9
19
४
६
३
३
७
19
१
तस्स णं इमे एगद्विआ आव ० २
तस्स णं इमे एगट्टिया गणकाए२
तस्स णं इमे एगडिआ० सुअ० २
पुनः
१३६१* | तस्स परसह कलार्ण
३४६* तस्स पंडियमाणिस्स
९७०* तस्स पाए उ वंदित्ता
३१+ तस्स भज्जा दुवे आसि
७५२ तस्स भज्जा सिवा नाम १७८ तस्स० भयवं गोयमे नाम
१५५४ तरस मे अप्पडिकंतस्स
। १५ तस्स व पायच्छितं ९६०* तस्स य बेसमणस्सा १४ तस्स व सकम्मजणियं
३१
२८
५७
४३
तस्स व संतरणसई
तस्स रूववई भ
तस्स रूवं तु पासिता
तस्स लोगपईवस्स
~ 100~
१
४
७
७
७
19
७
४
10
३
३
७
७
७
२०२ | तस्सास धूलीए
२७+ तस्मुत्तरी करणेणं
७०५* तस्सेव य सेलेसिगयस्स ३ । ८२
७८४* तस्सेवं वेरग्गुग्गमेण
७८६* तस्सेस मग्गो गुरुविद्धसेवा ७
९० ११५८*
+६९
८३७* तह उवदंसनिमंतण
३
४३४* तह चैव दीवण चरण ४
८०३ तह जिणवराण आणं
४
२९४
तह तिब्वको लोहाउलस्स ३
५६
तह तिहुयणतणुविसयं
।५८ तह नाणलद्ध निजामओऽवि
७६५* तह वारस वासाई
७०३* तह रेवइत्ति एए पन्नरस
८३७* तहवि य अठायमाणो
३
३
३६
२७
국
३
७९ ४६+ २१
। ७२
९६
२४०
१३३१
१५२१
सूत्राधनुक्रमः
॥ ४७ ॥
Page #101
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[त-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
१
३१३*
दीप क्रमांक के लिए देखीए
ACCASS+CESARIESCRY
वह विसइंधणहीणो३ ।७४ तद्देव गंतुमुजाणं ५ तह सूलसीसरोगाइ
। तहेब गंतुमुज्जाणं ५ वह सो ज्झाइ समत्था ३ ।९८ तद्देव गाओ दुग्झाओ तह कोलमणुस्सिन्न
१८०% वहेव चाउलं पिटुं ५ |तहा नईओ पुण्णाओ ५ ३१५% तहेव डहरं च महल्लग वा ५ तहा फलाई पकाई ५ ३०९४ तहेवदेवजक्खा अ गुज्झगा ५ तहा य पयणुवाई य . १३२१* तहेव फरुसा भासा ५ वहियं गंधोदयपुष्फवासं . ३९४७ तहेव फलमंथूणि वहियाणं तु भावाणं ७ १०७५* तहेव भत्तपाणेसु तहेव अविणीअप्पा उव०५ ४२०* तहेव माणुसं पसु ५ तहेव असणं पाछेदिन ५ ४६९ तहेव मेहं व नई व माणवं ५ तहेव असणंहोही अड्डो ५ ४६८० तहेव०लोगमि नरनारिओ ५ तहेव काणं काणत्ति ५ २८९४ वहेब लोगसि नरनारिओ ५ तहेब कासिरायावि ७ ५९५७ वहेव विजओ राया .
३०३% तहेव सत्तुचुन्नाई ५ ०७ तहेव संखडिं नया ३०१७ तहेव सावजणुमोअणिगिरा ५ १८१* तहेव सावज जोगं ४५०* तहेव सुविणीअप्पा ४२५* वहेव सुविणी देवा जक्सा अ५ २८८४ तदेव हिंसं अलियं १८३ तहेव होले गोलिति १३६२* तहेवासंजयं धीरो २९१ तहेचुग्गं तवं किच्चा ३२९४ तहेवुचावयं पाणं ४२२६० तहेवुधावया पाणा .. ४२४* तहेवोसहिओ पकाओ ५९६ तं अन्नमन्नपार्य
* * CAM WW'.
* *
* OMMANOHAR
* *
* *
09~utv9mur
पाणसु
'सवृत्तिक आगम
४७१
सुत्ताणि
~101~
Page #102
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[त-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
सूत्राब क्रमः
देखीए
॥४८॥
दीप
४
क्रमांक के लिए देखीए
ROSSESSMSAGAR
तं अप्पणा न गिहंति ५ २२३* तं ठाणं सासयं वार्स ७ तं इक्कगं तुच्छसरीरंग से ७ ४३०* तंडुलजलआयाणे ६ तं उक्खिवित्तु न निक्खिवे ५ १४४* तं तह दुल्लहलंभ ३ त कसिणगुणोवेनं
३५५ तंतिसमं तालसमं त केसु कीरई तत्थ ३ १७६+ तं दद्द्ण पवत्तो |तं च अचंबिलं पूर्य ५ १३८* तं दाएइ जिणिदो तं च उभिदिआ दिज्जा ५ १०५* तं दिव्व देवघोसं ३ तं च कई
३ ४५५ तदिति पडिआइक्खे ५ तं च कहं वेइज्जइ ? ३१८३-७४३ तदितिरं पडिआइक्खे ५ तं च दुविहं उप्पज्जा
१८ तं दुविहं सुअनोसुअ०३ तं चऽसि वालग्गाही ३ १२७२ तं देहवासं असुई ५ तं च होज अकामेण ५ १३९४ तं धम्मंसद्दहामि ३ तं जह उ हत्थकम्म ३ +२१ तं न भवइ जेण दुमा ५ तंजहा सामाइ चाउवीसत्यओर ५९ तं पब्वइयं सोउं ३
९१५* ते पासिऊण इढि७ ३८९ तं पासिऊण मिजं जं ८४० तं पासिऊण संविगो १७५ तं पिय सुफे सुकं २२+ तं पुण गुरुस्स सेसं ४२३ तं पुण णाम तिविहं ५९१ तं पुख्खनेहेण कयाणुरागं १०२ तं पेहई मियापुत्ते १११७ तंवाए नंदिसेणो २४५+ तं वितऽम्मापियरो ४८१० तं वितऽम्मापियरो
२३ तं वितऽम्मापियरो १०६ तं बुद्धिमएण पडेण ६०२ तं भवे०अकप्पिों
६२४
666
॥४८॥
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~102~
Page #103
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[त-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
७१९०
३
ACACAKAC
२३९ २५७
६४९
दीप क्रमांक के लिए देखीए
तं भवेदितिभन्न मे० ५ तं भवेन मे कप्पइ वारिसं ५ तं भवे भत्तपाणं
तु ५ तं भवे भत्तपाणं०संजयाणं ५ 8 तं भवे भत्त०संजयाण ५
तं भवे०संजयाण अकप्पि ५ तं लयं सव्वसो छित्ता ५ वं वयणं सोऊणं ३ तं वयर्ण सोऊणं
३ तं वयणं सोऊग नगराओ ७ तं समासओ०ब्बओ खित्तओ? तं समासओव्व्वओ खिचओर तं समासओ०पञ्चक्षं च १ |तं०संजयाण अकपि । ५
१२१% तं०संजयाण न मे कप्पड ५ ११९* तंसि नाहो अणाहाणं १००० तं सोऊण कुमारो ७ १२३७ तं होइ सइंगालं ६ ११७* ताणि ठाणाई गच्छंति ७ ११३७ तापो सोसो भेओ जोगाणं ८७७ तायंमि पूइए खलु ३
७४+ तारिसं भत्तपाणं तु ५ ४२५ वारेहि जयणकरणे ३६९ तालणा तज्जणा चेव १६ तालपिसायं दो कोइला ३७ तालिअंटेण पत्तेण . २ तालिअंटेण पत्तेण ५ १०९ ताहे य दुरालोइय:
१७४ विर्भ मे अंतरिछप ७५४* विगदुगमिकग ३४५ तिणि अ अड्डाइजा ६५५ तिणि विणे पाहुन्नं १५५* तिण्णि य गोयमगोत्ता।
९९ तिण्णि विहत्थी चउरंगुलं ३४३ तिण्णि सए दिवसाणं १०७* तिष्णि सल्ला महाराय!
४१+ तिणि सहस्सा सत्त य ६३२० तिण्णुदही पलिओवम०. ११३x तिण्णेव उत्तराई पुणव्वसू २४६* तिण्णेव य कोडिसवा ३४३* तिण्णेव य कोडिसया २७४+ तिण्णेष य लक्खाई
४ ३ ४
५३५ ६२४
१०६*
१३३३*
'सवृत्तिक आगम
८५*
. ३ ३ ३ ३
A NCE
२२०
सुत्ताणि
~103~
Page #104
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[त-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
३
सूत्राधनु
९९६ ९७१
देखीए
नं.अ.आ. ., ओ. द.पि. उ. ॥४९ ॥
४
१४८६* ६७३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
तिण्णेव य वाससया .३ २९८ तित्वगर सिडकुलाण तिण्णो हुऽसि अण्णवं मई ७ ३२३* तित्वगराणं चोयग! तिण्हमन्त्रयरामस्स
२६८० तित्थपणाम कार्ड तिण्ड् सहस्सपुहुर्त
८५७ तित्थयरपोक्लीणं तिण्ह सहस्समसंखा
८५८ तित्थयरगुणा पडिमासु तिण्हं अणगाराणं
१०१ तित्थयराणं पढमो तिण्हं एक्केण समं
९९+ तित्ययरा रायाणो साहू तिण्हपि णेगमणो
७. विस्थयरे भगवंते * तित्तगं व कडु व कसायं ५ १५६* तित्थवरो किं कारण तित्तीस अट्ठवीसा
२६८ तित्थं गणो गणहरो वित्तीससागराऊ
७ १५३९* तित्थं चाउवष्णो तित्तीससागराऊ ७ १६१५* तित्याइसेससंजय तित्तीससागरोवमा ७ १२८८ तिन्नि उ पएस समया तित्वगरवयणकरणे
४७+ तिन्नि य पागारवरे
३२७ तिन्नि सया तित्तीसा
४३+ तिन्नि सया तिचीसा. ५६६ तिने ताई दविए ३१६ तिन्ने ताई दबिए ११४२ तिन्नेब अहोरत्ता ३३८ तिन्नेव य पच्छागा २६२ विन्नेव य पच्छागा
८० तिन्नेव य पच्छागा०एसो ७४२ तिन्नेव सहस्साई
तिन्नेव सागराऊ २६५ तिबलागमुहा मुक्को
तिबलागमुहुन्मुक्को ५५ तिय सीयं समणाणं ५४८ तिरिएसु अणुब्बट्टे
४ ७
६७० १४९५* १५३४*
५४३
४९॥
'सवृत्तिक आगम
६ ३
सुत्ताणि
~104 ~
Page #105
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
तिरियं उडूमहे ऽविय
तिरिवायय उज्जुगरण
तिलं तेगिच्छंसुओ
तिमि
दिव
तिविहंमि सरीरंगी
तिविद्दा उ दुव्वसुद्धी
तिवा
तिविहा बेइंदिया तिविद्देणंति न जुत्तं तिविहो उ दुव्वपिंडो
तिबिहो उ होइ उल्लो
तिविहो तेउकाओ
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ त-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
तिविहो पुढविकाओ
तिविहो य दव्वपिंडो
४
६
३
३
५
३
४
४
६
४
४
पुनः
२५७+ तिविहो य होइ कालो
३६५ तिविदो य होइ जड़ो १७४ तिविहोवधायमेयं
४०+ तिविहो वणस्सई खलु
८ तिविहो व नवविहो वा
२८६ तिबिहो सरीरजड़ो पंथे
१६४६ तिविहो होइ पत्थो
४३ तिब्बचंडप्पंगाढाओ
१०५८ तिब्बो रागो अ दोसो अ ८ तिसमयहीणं खु
३३ + तिसमुद्दखाकित्ति
३५ तिसु तिणि तारगाड
२३ तिसु विन्नि तारगाओ
३३६ तिहिंकरणंमि पसत्थे
~105~
४
३
४
४
19
३
४
७
३
३
१
४
३
४
४८४ तिहि नाणेहि समग्गो
१३०५ तिहिरिक्खमि पसत्ये
४५० तिहिं नाणेहिं समग्गा
४२ तिहुयणविसयं कमसो
१२११* हिंदुयं नाम उज्जाणं
१३०८ तीयमणागयभावं
४१० तीसं तु सागराई
*६७२* तीसा बारस दुसगं
३
२०३+
१६५+
२७* तीसे सो वयणं सोचा
३
३
३
७
३
७
३
तीसे अ जाईइ उ पावियाए ७ तीसे सो ववणं सुषा
७
५
३९२+ तुझाए कयमिणं
५
१४८८ तुझ पिया मह पिउणो ८०+ तुझं सुद्धं खु मणुस्सजम्मं ७
६
५८+
७९+
११०+
|७०
८३५*
१५३४
१६१३*
६५२
४२४*
८२८
१५
२०५
८६
७५३*
Page #106
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ५० ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
तुट्ठाओ देवीओ
तुडे व विजयघोसे
तुट्ठो अ सेणिजो राया
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ त-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
तु पिया सुरा सीहू तुंगीवसन्निवेसे
७
७
सुम्भस्थ भो ! भारहरा निरागं७ तुम्भे जइया जन्नाणं
७
तुम्भे ० तमणुग्गहं
७
तुम एव य अम्म ! हे लवे ७ तुमए समगं आमंतिο
तुलिआण बालभावं तुलिया विसेसमायाय तुल्लेऽवि अभिप्पा तुहप्पियाई साई
३
७
७
६
७
७
पुनः
६३ + तुंबवणसंनिवेसाओ
९८३* तुरंतो अण पेहे
७५२ ते ० अयलभाया आगच्छइ ३७३* तेआकम्माणं पुण ९८४* ते आभासाव्वाण ९८५७ ते दियकाय मइगओ
१३५ तेइंदिया व जे जीवा
१३०४ ते कायमगओ
२०७* ते उपन्नविभत्ती
१५७* ते उ पडिसेबणाए
३
४
~ 106~
३
७
७
७
५
४
७
६+ तेऊ पहा सुका
६६९* तेवाविहूणा
४
७
६७०* तेऊ याऊ व बोद्धव्या ६४५ ते कामभोगे असूञ्जमाणा ७
७६४ तेगिच्छं नाभिनंदिजा
७१+ ते घोररूषा ठिम अंतलिक्खे ७ ६३० तेण परं आवार्य
४
४
१७२+ वेण परं पासत्वाइएस
३८ तेज परं पुरिसाणं
३०० तेण परं बुच्छामी
१५०९* तेण वि पडिच्छि यच्वं
२९६ लेण समं पव्वइया
वेणासगिठाणे
१३८
५९४
१३४८
४६
तेणावि जं कथं कम्म
तेणा सावय मसगा
तेणियं पडिणियं चैव
४
७
१४८०
४४६* तेथेहि पहे गहिओ
६
४
49
४
३
तेणे जहा संधिमुहं गहीए ७
८१*
३८३६
३२१
१०९
३२०
१३४२*
१२३७
४८०
१४७+
५६४*
१३३
१२२१
११७*
४८५
सूत्राद्यनुक्रमः
।। ५० ।।
Page #107
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
तेणेचि मण्णमाणो
तेणो व संजयट्ठा
ते ० तइओ आगच्छई
तेत्तीसइमे कम्मं
तेत्तीसाए आसायणा० ते पव्वइ० वच्चामि ण
वे
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ त-कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
पव्बइए०
०वंदामि वंदित्ता
ते पासिया खंडिय कटुभूए
ते पासे सब्बसो छिन्ता
वे
४
६
३
19
३
३
३
७
७
पुण ससूरिए चिय
३
ते मे तिगिच्छं कुब्वंति
७
ते० मेयजो आगच्छई
३
ते० मोरिओ आगच्छई
३
ते य बिसेसेण सुभासवादओ ३
२२६ |तेयाकम्मसरीरे
३७४ तेरसमे अनियाणं
६०६ तेलदहिसमाओगा
२६ तेल्लोकं असमत्थंति
१८ ते ० वच्चामि ण वंदामी
६३८ ते बंदिऊण सिरसा
६२६ तेव्वंदित्ता पशुवासामि
.
३८८ तेऽवि तं गुरुं पूअंति
८७२* तेवीसई सुगडे
१६१४ तेवीससागराई
७२१* तेवीसं च सहस्सा
६३४ तेवीसाए नाणं ६६२ तेसि पडिच्छण पुच्छण
। ९४ तेसिमेव य णाणीणं
~ 107~
10
६
३
३
३
७
३
३
४
३
४३ तेसिं अच्छणजीएण
२१ तेसिं उत्तरणकरणं
६४९ तेर्सि गुरुणमुदपण
५०० तेसिं गुरूणं गुणसायराणं
तेसिं दुहवि पुत्तो
६१०
तेसिं
तेसिं
पुता चउरो तेसिं पुत्ते बलसिरी ४३०* सुधा सपुचाणं ११५०* तेर्सि सो निहुओ दंतो १६०६* तेसुवि य धम्मसदो २७५ ते०सुडुमो आगच्छाई
८३
६१८
२५३ तेहि अ पव्वइअन्वं
३५+
+५६
तो उद्धरंति गारवरहिता
तो उबगारिक्षणओ
کا
५ ४५२*
19
४१०
७
४४७
५
३३७
१९१ १०२
७
४
६०२*
१५६*
२१२
९५
६१४
३६८.
८०६
९१७
Page #108
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं.अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ५१ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
तो देसकालचेद्वानियमो
तो नाणदंसणसमग्गो
तोयमिव नालियाए
तो बंदिऊण पाए
तो समणो जइ सुमणो
तो समणो जइ सुमणो तो समणो जइ सुमणो तोसलिकुसीसरूवं तोसिआ परिसा सब्वां
तो सो पहसिओ राया
तोऽहं नाहो जाओ
थके थकावडियं
थणगं पिज्जेमाणी
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ त कार + थ कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
थकारः
३ | ४१ थद्धा निरोवयारा
७
३
७
२
३
५
३
७
७
७
पुनः
६
५
४
२१०* थयथुइमंगलेणं भंते!
७
। ७५ थलेसु बीयाई वयंति कासया ७
२८७* थंडिलवाघाएणं अहवावि
१३३* थंडिल पुव्वभणियं
८६७ थंडिल्लास चीरं
१५८
थंभा कोहा अणाभोगा
५०९ थंभा व कोहा व ९२०* थावरं जंगमं चेक ७०८* चिबुवायारजहणो ७३३* बिरकयजोगाणं पुण थुइ थुणण वंदण
१६६ थुइ मंगलमामंतण
१०१* धुडीऍ वियडपाओ
~ 108 ~
३
४
४
३
५
७
३
३
३
४
११३ + धूणा
समित्तो
२८ धूणाऍ वहिं पूसो
३७०* धूम सयभावगाणं
१३३४ थूलग असादाणं
६१९ थूलग पाणाइवायं
६३ + थूलग मुसावायं
२५७
थूहं रयणविचितं
३९९# थेर पहु थरथरते
१६५* थेरी दुब्बलखीरा ५४
थेरें गणहरे गग्गे
। ३६ थेरो गवळालो
१९०३ थेरो पहं न याणक
१३८ धोबमासायणठ्ठाट ४२६ थोपि पमायक
'
'
३
३.
३
3
३
६
R
४४१
४७२
५
४५x
३९
४१८
19
१०४४*
६
५८०
४ १८
३७
३८
१०९९
५९८
१३७*
२०४
सूत्राद्यतु
क्रमः
॥ ५१ ॥
Page #109
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
योवं मुंजइ बहुअं थोवावसेसपोरिसि धोवावसेसियाए धोवावसेसियाए संझाए धोवाहारो थोवभणिभ
धोबे थोवं छूटं
दकारः
दइएण वरियणा वा
दइएण बत्थिणा घा
दक्खचणयं पुरिसस्स
दक्खिण्णे पत्तो
दगतीरे ता चिट्टे
दुर्गबीए संघट्टण
द्गमदिअ आबाणे
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ थ कार + द कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
३
३
४
有
५
७
8
每
पुनः
५९+ दगवारेण पिहि
१४२३ दहुं कथं विवाहं
६५१ दहुँ सिणेहकरणं
१४७६ दद्रूण कीरमाणि
१२८२ दण चेढिमरणं
५७१ दद्रूण तस्स रूवं
दहूण तहिं समणे
दहूण व अणगारं
हूण रहनेमिं तं
३६३
४२
१९३
२५५
३६ दत्तीहि उ कवलेहि व
५८८ दत्तेण पुच्छिओ जो
८५* दद्दर सिलसोवाणे
दृढभूमीए बहिआ
दत्तिव्य दाणमुसभं
~ 109~
५
३
૨
३
७
४
७
简
19
३
海
२
३
६
१०४* | दमयंते मेव कालय
२४ + दया य संजमे उजा
१५४
दरहिंडिए वं भाणं
३४७
दव अप्प कलुस
९५ दवग्गिणा जंहा रणे
२३८+ दवदवचार पमजिय
३७१ दवदवस्स चरई
२९३ दवदवस्स न गच्छेजा
८२१* दवमाइनिग्गर्य वा
४९७ दविअं कारणगहिअं
२५+ दविए चउरो भंगा
१६७२ दव्वओ खिचओ चेक ८७१ ३६४ दुव्यओ चक्सा पेद्दे
दव्बओ खित्तभ चैव
३
10
४
४
19
३
19
8
५
२
७
•
७
८६५
१५७
२५५
३०६
४८२
+१८
५३४*
७३*
२४३
५८
१८६+
९२६*
१३७६*
९२७*
Page #110
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________________
आगम
संबंधी
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[द-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
साहित्य
प्रत
सूत्राक
२५४
६ ३
सूत्रायनु
१०७
कमः
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
आ. दव्वकरणं तु दुविहं दिव्वक्खएण पंतो
दव्वगुण खित्तपजव ॥५२॥
दव्यर्थओ भावथओ दव्वनिमित्तं दब्वे
बप्पमाणगणणा ६ बमरणं कुसुंभाइएम
दव्वविउस्सग्गे खलु दव्वसुय पोंडयाइ दव्वं च अस्थिकायप्पयार० दव्य जेण व दुग्वेण दव्वंमि अत्तकम्म दव्बंमि० कुलालमिच्छति |दव्यंमि ठाणफलए
#. = MADARACCORRECCAN
१८४ दव्वमि०मिक्खाईणमदाणे ३ १२६+ ज्वमि लछुगाई ६ २०४+ दवं सत्यग्गिविसनेहं बिल० ५ १९४+ दब्बाइओ विवेगो २४३+ दब्वाईछिन्नपि हु जइ १३६+ दवाओ असंखिज्जे
२०९ दव्याण सव्वभावा ३ १०६२ दब्बाण सव्वभावा
३१२ दव्यादिएहिं निश्चो
४० दब्वाभिलावचिंचे ५ ३२९ व्याया खलु काया ६. १०६ दबावाए दोन्नि उ ५ ३ १०५९ दब्बासण्णं भवणाइयाण ४ ४ १०३ दब्बीए भायणेण व ३
१०५२ दवीछूढेति जं बुत्तं
८६ दबुनोउज्जोगो २३२ दबुझणा उ जं जेण ३९६ दब्वे अच्चित्तेणं भावंमि २३४ - दव्वे अद्धअहाउस ६४ दव्ये अद्ध अहास्य ३१७ दब्बे खित्ते काले १०८४ दब्वेण य भावेण य
५९ दचे तणडगलाई ७३६ दवे तं चिय दवं १०४ दव्वेत पुण उत्तरतं तं
५५ दवे तिविहा गहणे १८२+ दवे दुहा उ कम्मे +३० दब्बे निहाणमाई :
ACAKACANCE
२२१+
५
॥ ५२
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~110~
Page #111
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः
दब्वे नेरइयाईण भवे
दब्वे भावे घासेसणा उ
दव्वे भावे व च
दुब्बे भावे यदुद्दा सोही दुब्वे भावे य दुहा पथ० दव्वे भावेऽविभ मंगलाई दुब्वे भावे संजोभणा उ दुब्वे मणवयकाए जोगा
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ द-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
दब्वे रसे गुणे वा
दब्बे रुहाइपरा
दब्बे सबित्ताई दव्वेसणा उ तिविहा
दुब्वे सरीरभविओ
दस अटु य ठाणाई
२
४
४
३
५
६
३
३
४
५
५
५
५
१९० + दसउद्दीपलिओवम
५४० दस उसणकाला दसाण
२०५+ दसकालिअस्स एसो
१६०६ इसकालियंति नामं
१७१३ दस चैव वासाणुकोसिया
४४ दस चैव सागराई
७६६ दस दो य फिर महापा
३६२ दसपुरनगरुपरे
२३९ दसपुरनगरुच्छुघरे
३७० दंस य नपुंसए एसुं
२१६* दस बाससहस्साई
७
~ 111 ~
५
५
७
१२३४* | दस वाससहरसाई
+४३ दस वाससहस्साई वेऊइ
२५ दस ससिहागा सावग
७ दससागरोवमाऊ
६३६ दस चोदसअ [ अ ] द्वारसेव १
१०५१ दसणरज्जं मुइयं
७
१७०० दस दुगले कु
३
३. ५३२
७
१७५
३
१४२+ दंडकससत्थरज्जू
७.
७
७
७.
१४७५* दससु अ छको दब्बे १५९८* दसहा उ भवणवासी ८२* दसहि सहस्सेहि उसभो ३ ५९९* दसारसीदस् य सेणियस्सा ३ +२९ दहि घय तर्क पयमंदि
४
दंडए लट्ठिया चैत्र
दंड कवाडे मंतरे
१४२४* दंड धणू जुग नालिशा व
१३३२* दंडसत्थापरिज्जुना
७ ७
४
३
३
२
५
१३३९#
१३४४*
१४६ १५३६*
३८० १५७७*
३११
११७२
१९१+
७२९
९५५
७२५
९३*
४२३#
Page #112
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[द-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सत्राक
शास्त्रानु क्रमः
४
१२१+
देखीए
1545
७
१२८१%
२+
दीप क्रमांक के लिए देखीए
HAI दंडाणं गारवाणं च
मदतपुरदन्तचके सभवदी द.पि. उ. दंतसोहणमाइस्स
दंते विद्धि विगिचण
दंदे अ बहुब्वीही ४दसण एए उ वंदणिजा है दसणचरणे पढमो
दसणनाणचरिताण ४दसणनाणचरित्ताणि हैदसणनाणचरित्ते
दसणनाणचरित्ते दसणनाणचरित्चे दसणनाणचरिते दसणनाणचरिते .
. ११३८० दसनाणचरित्तेसु
१३७७ दुसणनाणप्पभवं चरणं ७ ६२७* दसणनाणे चरणे ३ १४५४ दसणपक्खो सावय २ ९१ ईसणमोहे ईसणपरीसहो ३ १२०५दसणवयसामाइय ६ १५४ दसणविणए आवस्सए ६ ६५ सण.
३०७ दसण०समिईसु करणजोए ७ १०८५४ सणसंपन्नवाए गं भंते! ३ १२०३ दंसमसगस्समाणा ५ २८९ दंसिअछंदिअगुरुसेसएमु ५ ३१६ दाउं सरयत्ताणं . १८३ दाऊण वितियकर्ष
. १०८० दाणे अभिगमसड्डे
९१ दाणे अभिगमसले ६ १४१ दाणे कयविकए का ३ १९७७ दाणेति दत्तगिण्हण . .७७ दाणे लाभे य भोगे य
___ +४ दाणन्न पंथ नयणं ३ १८० दाणं च माहणाणं ३ ४५२ दाणं न होइ अफळं ३. १३०६ दायव्वमदायव्वं च ७. -
७४ दार जा पहिलेदे
४ ७ ४९५ दाराणि य सुया चेव ४ ३९० दावद्दवे उदगणाए। ४ २१०+ दासा दसन्नये आसी ४ ५८७ दाहित्ति तेण भणिए
४५५ ६०७ २०८ ५६१* +१७
'सवृत्तिक आगम
॥५३॥
६.
४७०
सुत्ताणि
~112~
Page #113
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
दाहोसमं ताछेअ दिगिछापरिवावेण
दिवंते पढिसेहो
दिखाहि भाणपूरंति
दिट्ठ असंभमर्षिडो
विद्रुमदिदं च तहा
दिट्ठमदिट्ठा दुबिहा
दिहं खीरं खीरं
दितसुद्धि एसा
दिद्वतो अरहंता
दिहं मिर्ज असंदिद्धं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ द-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
दिट्ठा व समोसरणे
विडे सुपऽणुभूष
दिण्णे गुरूहिं तेसिं
३
10
६
४
४
३
५
पुनः
18
電
解
१०७७ | दित्ताऽदित्ता तिरिभा
५०
दिभाड ताड पंचचि
१२२२ दिवसरस पोरिसीगं ९६ दिव्यमाशुस्तेरच्छं ६ - १३१
४
दिव्वे च जे उसने
R
३११ दिने कोडिले या
६८५ दियराउऽपचवाएय०
५७+ दिवसस चउरो भागे
११७ दिल्लो मणूसघोसो
९१ दिसा अवरदक्खिमा
३८२ दिसिदाह छिन्नमूलो
९७ दिसिपवणगामसूरिय
८४४
५२५
दिसिवए तिविहे पद्मत्ते
दिसिब्बयग हियस्स
~113~
४
६
७
४
19
.
ND
晟
每
8
३
३०३ | दीवे अ इइ के बुले
२२३ दीसंति बहने लोए
२९६ दीइकालरचं जंतुकम्म ७५+ दीहं वा हासं वा जं १००२* दीहाउया दित्तिमंता १११७* दुकरं खलु भो ! किं
९७३ दुकराई करिताणं
११३९* दुक्खं दयं जस्स न होइ
१०८+ दुगतियचडरो पंच व
१३२० दुगमाई सामने
१४३२ दुगुणो चग्गुणो वा
३१७ दुग्गओ वा पोपणं
४२ दुग्गाइवोसियनियो
४७ दुग्गासे तं समइच्छि
19
10 ८७१*
૨ ९५३
८९८*
૩ ९७०
。 १५४*
10 ७६
"
10
R
६
३०*
११६३
१५४२
६१९
४ ७२२
५ ४३४*
A
१४२५
慕 ३३+
যে6456564615656592
Page #114
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ.
ओ.
द.पि. उ.
।। ५४ ।।
मुनि दीपरत्नसागरेण
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ द-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
दुज्जए कामभोगे य..
५
दुट्टपसुसाणसावय० दुहं तु भुंजमाणाणं दुहं०दोऽवि तत्थ निमंतए ५ दुद्धदही विगईओ
दुन्नि य रयणी माहिंद०
19
दुन्नि व तिन्निव चत्तारि पंच ७
दुन्निवि नमी विदेहा दुपय चउपयधणधंन० दुप्पणिहि अजोगी पुण दुष्परिचया इमे कामा
दुब्भासिएण इकेण
दुमपत्तए पंडुयए जहा दुमपत्तेणोवम्मं
४
७
७
५
५.
७
३
७
७
•
पुनः
५२३* दुमपुष्फिआ य आहारएसणा ५
७४० दुर्मपुस्फियनिज्जुती
५
९६* दुमपुष्फियाइया खलु ९७* दुमयाउनामगोयं
५४१* दुमा य पायवा रुक्खा १४८ दुरुहमाणी पवडिजा
२२७ दुल्हे खलु माणुसे भवे २६७ दुभदव्वं व सिआ
३४०
दुङभदब्बं व सिया
दुतभदब्बं व सिया
३०८
२१२
दुलहा उ मुहादाई
४३८
दुबिहतवो मग्गगई
२९०
दुविहतिविद्देण पढमो
२८३ दुविहविराण उसिने
~ 114~
५
७
५
५
W
४
४
४
५.
७
३
६
.
दुबिहं खवेऊण य
दुविहं च मक्खियं खलु
दुविहं च होइ गहणं
दुविहं च होइ भावे
३७
१५३
१९
२८२
३५ दुविहं पञगकरणं
१२७* दुबिपि णेगमणओ
२९३* दुविहं होइ प्रमाणं
६१५ दुविधा आउजीवा उ
७२०
दुविहा उ भावलेसा
२३० + दुबिहाऍ वेयणाए
१५९* दुविद्दा खलु पडिलेहा
५१६ दुबिहा जायमजाया
१६५५ दुविहा ते जीवा उ
५५६ दुविधा परुवगा छप्पया
.
६
३
३
७
३
४
७
७
૨
४
३
७
३.
७८२
५३१
१२८९
७३९
१८८
१४४ -
२१३+
१४५७*
५४३
८२४
२५७
१३६६
१४८१*
८९१
सूत्राघतुक्रमः
॥ ५४ ॥
Page #115
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
१० नंया
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ द-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
दुविहा पुढबिजीवा उ
दुविधा य चरितंमी दुविधा य हुंति जीवा
दुबिद्दा य होइ सोही
दुबिधा य होंति पाया दुबिहा वणस्सजीवा दुबिहा बाउजीवा य दुबिहावि ते भवे दुविदो उभावपिण्डो
दुविदो उ संथवो खलु दुविहो उ होइ कालो दुविहो कार्यमि क्णो
दुविहो खलु अभिभोगो
दुविदो खलु आलोको
७
३
५
४
४
७
७
६
३
३
४
હું
पुनः
१४४३ | दुबिहो खलु उज्जोओ
७१८ दुविहो पमाणकालो
९+ दुबिहो परमाणू ७९४ दुविहों व भावपिंडो ३७८ दुविहो य होइ कालो १४६५* दुबिहो य होइ गंथो १४९०* दुविहो य होइ दीवो १५४४* दुबिहो य होइ भावो ५९ दुविहो य होइ साहू ४८४ दुबिडो लोगुत्तरिओ १४६६ दुविशेवकर्म कालो
१५१६ दुब्बिअड्डा जहान य
५९८ दुहओ गती बालस्स ५५० दुश्भोऽणंसरभवियं
~ 115 ~
*
३
७
४
४
19
19
४
४
५
३
१
ف
३
१०७० दुहणंतररहिया
७३०
३६
४०९
६४०
२४०
२०६
४९५
५२३
४३
६६५
दुह दव्य भाववम्मो
दुह होइ भावधम्मो
दुइवंतगा पिडणो
दूरचं खु गरहिअं
दूरट्ठिअ खुकुलए
दूरा भोयग एगागि
दूरुडिअ खुडलए
दूरुट्टिभ खुलाए
देवग आणुपुब्बी
देवदाणवर्गधन्वा
४७* देवदाणवगंधव्या
१९४* देवमणुस्सपरिवुडो
१५३७ देवलोगचुओ संतो
३
३
३
३
४
४
३
७
७
१५३६
२०७४
१०७५
-४६२
४३१
२४५
४२+
९२
१८०
१२५
८५१*
५२५*
८०४*
२ प्र.
Page #116
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ५५ ॥
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ द-कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
देवलोगसमाणो अ
देवा चव्हा वुत्ता
५
देवाणं मणुआणं च देवाणुअत्ति भत्ती देवादीयं लोयं
३
३
७
७
| देवा भविताण पुरे भवंमी ७ देवाभिभोगेण निओइएणं देवाय देवलोगम्मि देवासुरमणुपसुं अरिहा देविंदचकवट्टितणाइ देविंदवंदिएहिं
३
३
देवी अ नागदत्ता
देवी सुमंगलाए
देवे णरए य गओ
५.
७
३
७
३
७
४९१* देवे अणुट्टे दु १५७६* देवेहिं संपरिवुडो ३२७* देवो चुओ महिडीओ ५८३ देसियदंसियमग्गो २१७+ देसिय राइय पक्लिय
४४१* देसिय राइय पक्लिय
३७९* देसियं च अईयारं
४१२* देसूणगं च वरिसं
९२२ देहनसरीरेण व
।९ देहमइजसुद्धी
७७४ देहविवित्तं पेच्छ
३३८
देहि इमं मा सेसं
४X
देहिंदियाइ रिसो देहिंदियाइरितो
३०३
~ 116 ~
३
३
३
३
३
३
७
३
४
३
६
५
५
८२७ देहो सभोतिओ खलु
६५+ दो अञ्झयणा चूलिय
५१४ दोओणयं अहाजायं
१५६९ दो चैव मत्तगाई
१५९८ दो चैव य छट्टसए
१६२६ दो चैव सागराई
१०३०* दो चैव सुवणे मुं
१९८९ दो मेव नमुकारे
२५३+ 'दो छच सत्त अट्ठ व
१५६९ दोणि उ दुद्धरिसतरा
। ९२ दोणि तिहत्थायामा
२३३ दोन्हं वरमहिलाणं
१४+ दोनि उ साहु समत्था
३८+ दोन दिव
५
५
३
३
३
७
३
३
३
४
४
३
६
१५+
. २४
१२१४
. ७०५
५३३
१५९४*
१६५
१६९५
१६९४
२२०+
३१९+
६०+
५१५
१३२८
सूत्राद्यनुक्रमः
।। ५५ ।।
Page #117
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
दोबि अ जमला भाउअ दोसगीवि जलतो
दोसाणं परिहारो दोसेण जस्स अयसो
दोसेण जेण दुई
दो. सोला बत्तीसा
नन्दी आदि सप्तसूत्राणि - गाथा अकारादि
[ द कार + ध-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
धकारः
७
६
४
४
४
३
धणदेवे वसुमित्ते धणधन्नपेसवरगेसु घणसत्यवाह घोसण ५
७
धणं पभूयं सह इत्वियाहिं धणुजुयकायभराणं
६
धणुं परमं किया
७
घणेण किं धम्मधुराहिगारै ७
७
७
पुनः
४६७ धन्नाई चव्वीसं
६५८ धन्नाणि रयण थावर
१९५+ धम्मक बाय खमणं
४४५ धम्मकहाअक्खित्ते
६०६ धम्मकहाअक्खित्ते
७३
धम्मकहाए णं भंते! धम्मका बोद्धव्वा
३३९ धम्मजिणाओ संती
६२९# धम्मज्जियं च ववहारं
१७१ धम्मत्थिकाए तदेसे
४५६* धम्मत्यिकाय धम्मो
९६ धम्मनियत्तमईया
२४८# धम्मरुइ अजवयरे ४५७* धम्मल मियं काले
.
~117~
५
५
६
३
७
५
३
७
७
३
४
२५४ धम्मसद्वा णं भंते !
२५२ धम्मस्स कुमारतं
३१२
धम्मं फलं मोक्खो
३६१
३१३
३७
१९५
१४ प्र.
धम्मं० नवि झायर
धम्मं० नवि य अट्टरुहाई
धम्मंपिडु सद्दहंतया
७
३
५
३
३
७
धम्मं सुकं च दुवै शाय
धम्मं सुकं च दुबे शायद
४२० धम्मं सुकं० जो निक्नो
१३७८ धम्मं सुकं० नवि झाय
४१ धम्माइपएसाणं पंचह
७
११६९ धम्माड भट्ट सिरिओ अवेयं ५
४५७ धम्माधम्मागांसा
५१७* | धम्माधम्मागासा एवं
३
३
३
७
७
१७
२९१
२६७
१५७७
१५९१
३०९*
१५७३
१५८७
१५९०
१५८८
४२
४९३
१३८१*
१८६
Page #118
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ध-कार + न-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
२६४
देखीए
ओ.
आ. द.पि. उ. ॥ ५६ ॥
६ ५ ६
क्रमः
१
+
नकारः
५
दीप क्रमांक के लिए देखीए
धम्माधम्मे य दोऽवेए. ७ १३८० धाई दूई निमित्ते. धम्मारामे चरे भिक्खू ७ ५२४* धारेइ तं तु दव्यं धम्मे हरए बंभे संतितित्थे ७ ४०४* धारेद धीयए वा धम्मो अत्थो कामो उप० ५ २०८ घिई मई य संवेगो धम्मो अत्यो कामो मिन्ने० ५ २६५ धिरत्यु तेऽजसोकामी धम्मो अधम्मो आगासं ७ १०६७ धिरत्थु तेऽजसोकामी! धम्मो इकिकमाहियं ७ १०६८* धीरस्स पस्स धीरत्तं धम्मो एसुवइहो ५ २५१ धीरो चिलायपुत्तो धम्मो गुणा अहिंसाइया ९. धुणणा तिण्ह परेणं धम्मोदएण रूवं
५७४ धुवणेत्ति वमणे य धम्मो बावीसविहो
२४८ धुवं च पडिले हिज्जा धम्मो मंगलमुकिहूँ ५ १धूमायंति दिसाओ धम्मो मंगलमुक्किद्रुति ५ , १३९ धूयदुए संदेसी धम्मोबाओ पवयण ३ २७० धूलीपिवीलिआओ
७ ३
४०८ धोयंपि निरावयवं. ६ ११८ धोयंमि निप्पगले ३ १५०१ ४११ धोवत्वं तिनि दिणे १३७३ १२ नइकण्हपिन् दीवे
५०३ ८२४* नइखेडजणवउझुग
१७१ २०६* न इमं सव्वेसु भिक्खूसुं ८७४ न उ इंदियाई उबलद्धिमंति ५ १६५+ नई असीड सत्तरि ३ ३७९
२५% न कर्ज मझ मिक्खेणं ७ ९८६* ३५१% न कसायसमुत्थेहि य ३ । १०३ ११८* न कामभोगा समयं उचिंति ७ १२५६ ४७६ न किलम्मइ जो तवसा ३ ९५२ ५०२ न कुणइ निमेसजुत्तं ३ १६१२
'सवृत्तिक आगम
२ ६ ३
॥५६॥
सुत्ताणि
~118~
Page #119
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[न-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
५९२*
Po
+
दीप क्रमांक के लिए देखीए
-+
नक्सत्तं सुमिणं जोग - ५ ३८५ॐन तुम जाणसिऽ(णे अ)नाहस्स७
२७३ नथि उपमाणजुत्ता- ४ दिन परेज वासे वासंते ५ ६७* नत्थि चरितं संमत्त०७ मन परेज वेससामंते ५ ६८* नत्यि छुहाए सरिसया वैयणा४
न चित्ता तायए भासा १७०* नत्थि छुहाए सरिसा ६ न जाइमत्ते न य रूवमचे ५ ४७९ नत्यि य सि कोई वेसो ५ नर्स्ट बलं चलं भासं ४ ५१७ नन्नत्य एरिसं वुत्तं ५ नहेहि गीपहि य वाइएहिं . ४१९* न पक्खओ न पुरओ - ५ नणु सुहूमपूइयस्सा ६ २६० न परं वइजासि अयं नऽण्णहँ पाणहेउं वा ९५७ न बाहिरं परिभवे - ५ न तरेजा जइ तिन्नि ४ '३९४ नमिआउनामगोयं ७ न तस्स दुक्खं विभयंति नायओ७ ४२८* नमिणो कुमारवासो ३ न त अरी कंठ छित्ता न तुज्झ भोगे चईऊण बुद्धी ७ ४३८* नमी नमेइ अप्पाणं . .
७१४४ नमी नमेइ अप्पाणं २३२ नमुकार चउवीसग १०८९४ नमुकार पोरिसीए २९०+ न मे चिरं दुक्खमिणं ६६३ नमो चउवीसाए १५७ न य उग्गमाइसुद्धं २१४* न य कत्थइ निम्माओ ३८०७ न य तस्स तन्निमित्तो ४७८* न य पावपरिक्खेवी ३६४* न य भोअणमि मिद्धो. २१२ नयरी य चंपनामा २९७ नवरी य पंडुमहुरा ३१७ न य बुग्गहिरं कह १५० न य हिंसामित्तेणं
७५०
३३८% ३५७*
Ce
'सवृत्तिक आगम
४७०
सुत्ताणि
७५९
~119~
Page #120
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं.अ. आ. ओ.
द.पि. उ.
॥ ५७ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
नरिंदजाई अहमा नराणं
न रूवलावण्णविलासहासं
न बओ एत्थ पमाणं नवकम्माणायाणं नव काल बेल सेसे
नव किर चाउम्मासे नवकोढिपरिसुद्धं
नवगनिवेसे दूराउ
नव चैव अट्ठारसगं
नव चैवद्वारसगा
नव चैव तहा चउरो
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ न-कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
नवणीओगाहिमए
नवणीय मंथु तकं व नवमास कुच्छीइ धालिया
७
19
३
३
३
५
४
६
६
७
३
६
७
४२३* नव वाससए वासाहिए
७
११६९* न वा लमिज्जा निडणं सहायं ७
७१५ नवि अत्थि नवि अ होहि
७
३३ नवि अत्थि माणूसाणं २२८+ नवि ऊणा नवि रित्ता
५२८ नवि जाणसि वेयमुहं १० नचि तं सत्यं व विसं
२९२ नवि पुरओ नवि मग्गओ
४०२ नवि मुंडिएण समणों
२४५ नवि संखेषो व वित्वारू
४० न सम्ममालोइअं हुजा
१६९८ न सयं गिहाई कुव्विज्जा २८२
न सा ममं वियाणार
१३६
न सो परिग्गहो बुत्तो
~ 120 ~
३
४
७
8
४
७
५
७
५
४५० न हु पाणवहं अणुजाणे १९६०* नहु सुजाई ससल्लो
४
३०९ नहे व कुंचा समझकर्मता. ७.
९८० नंदणे सो उ पासाए
७
१६६ + नंदी अ खुडिआ पूरिमा
९५८# नंदिअणुओगदारं
८०४
नंदी तूरं पुण्णरस
३९ नंदी तूरं पुण्यस्स
९७७* नाइउथे नाइनीए १०१८ नाइदूरे अणासणे १५०* नाड नियट्टणकाले १३६०* नाऊण निच्छियमई १०५५* नाऊण य सम्भावं २२९# नाऊण वेअणि
७.
२
४
४
७
७
३
要
२१५*
७९९
४७६*
६०३*
-४१*
१०२५
८५+
१०९+
३४*
३३*
५५५
४१७
११५४
९५४
सूत्राधनुक्रमः
॥ ५७ ॥
Page #121
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[न-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
6
4
दीप क्रमांक के लिए देखीए
नाऊण वेयणिजं ४२६० नाणं०एक सम्बेसुवि४ ५३० नाणावरणं पंचविहं . १२७०।
नागुरुष बंधणं छित्ता ४८८ नाणं एवं जीवस्स लक्षण ७ १०७१% नाणावरणिजस्स य । बानागो जह पंकजलावसष्णो ७ ४३५१ नाणं० एयं मम्गमणुप्पत्ता ७ १०६३ नाणाविहोवगरण । नाणचरित्ता एवं
१४८ नाणं च ईसणं चेव . १०६२* नाणी कम्मस्स खयमुडिओ४ ७५१ नाणदसणविभंगे . २८ नाणं ईसण तव संजमो ६ ६१ नाणेण जाणई भावे ७. १०९५* नाणदसणसंपन्न ५ २१०* नाणं पंचविहं पण्यातं १ १ नागेणं दसणेण य नाणदसणसंपनं . ६ ३२६* नाणं पंचविहं पण्णत २ १ नाणेणं दसणेणं च ७ ८०८* नाणमेगग्गचित्तो५ ४५६* नाणं भावुजोओ३ १०७१ नानिम्बिई लभ'
३७० नाणवररवणविप्पंत
१७* नाणंमि दसर्णमि १ २९* नामी जिअसत्तू आ नाणसंपन्नया एणं भंते! ७ ७३ नाणंमि वंसणमि अ इत्तों. ३ ९७९ नाभी विणीअभूमी ३ १७० नाणस केवलीणं . १६३७* नाणं सविसयनियवं
११५५ नामकर्म च गोयं च ७ १२६९ नाणस्स जइवि हेऊ ३ २२७० नाणं सिक्खइ नाणं
३१८ नामकम्मं दुविहं ७ १२७९* नाणस्स देसणस्सऽवि. ५ ३२ नाणादुमलयाइन्नं . ७.१नामढवणाओ . २ नाणसावरणिज्ज . १२६८* नाणा रुइं च छंद च ५७७* नामट्ठवणाणं को पइविखेसो १३
-
6
-
'सवृत्तिक आगम
४५
पर
सुत्ताणि
~ 121~
Page #122
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
ब. पि. उ.
॥ ५८ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ न-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
नामटवणाओ गयाओ
नामण धावण वासण०
५
५
५
नामधित्रेण णं बूया इत्यी ५ नामधिजेण० पुरिस० नामं० एएसि महंताणं नामं० एकेकंपि ज इत्तो नामं० एसो उ अणुण्णाए नामं० एसो उ छकगस्सा नामं० एसो खलु करणस्सा नामं० एसो खलु कामाणं नामं० एसो खलु गरिहाए
नामं० एसो खलु पिंडस्स
+
नामं० एसो खलु सुद्धीए
नामं० एसो य नियन्त्तीए
"
२
३
३
५
३
५
३
४
३
३
पुनः
नामं० एसो सत्थोवकमो
७२ १८२ नामं० ओह भवग्गहमि २९४* नामं० गइरागइ
२९७* नामं ० चडवीसइस्स
१८० नामं० चउब्विो आयरिभो
१०७६ नामं० चडव्विहो उवज्झामो
१२३२ नामं ठवण गयाओ
७
५
३
રૂ
~122~
३
३
५
७
७
५
२२१ नामं ठवणञ्झवणे
१५२ + नाम ठवण पमाओ
१६४ नामं ठवण सयारो
१२५२ नामं ठवण सरीरे
३३३ नामं ढवणा० एसो उस्सारसड ३ १२५३ नामं ठवणा० एसो खलु पिंडस्स ६ १२५० नामं ठवणा कामा
५
३२ + नामं ठवणा० तद्देव भावे अ ३ २२४ नामं ठवणा दविए
३
७५१ नामं ठवणा दबिए खित्तद्धा ७
१९२ + नामं ठवणा दविए० पथ ०
३
९९३ नामं ठवणा दविए० समास ३
१००० नामं ठपणा दविए
७
६+ नामं ठवणा दविए
७
५
नामं ठषणा दविए
१७९
नामं ठवणा दविए
३३० नामं ठवणा दविए
१५२७ नामं ठबणा दविए
१५४४ नामं ठवणा साहू
५
१६३
नामं० तह सव्वधत्तसव्वं नाम० दव्वथओ पुप्फाई
७
५
३
३
१४५
२९
३८५
२४२+
१४२
१
१८३
२३६
३१८
४२२
२३७
१००८
१०४९
१९३+
सूत्राधनु
क्रमः
॥ ५८ ॥
Page #123
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[न-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहा देखीए
26
२७५+
964
दीप क्रमांक के लिए देखीए
४. ५ ७
२८१+ ४६१%* १०७
-12-3-
04
नाम०दव्यंमि कुरंग गया ६ ७९ नायमि गिहिअव्वे ३ १०६५ निकारणिों चमढण नाम०हिरण्णाई ४ ४११ नायमि गिहियब्वे ३ १७१८ निकिंचणा य समणा नामन्दव्ये वानरजूई ४ ४५९ नारी पीवरगन्मा ४ ८३+ निकाई सविसेसं नामदब्वे भावे एकेकया ६
नारी पीवरगन्मा ४ १०६+ निक्खम पवेस मंडलि नामदसण नाण चरित्ते ६ १३८ नारीसु नो पगिझिज्जा ७ २२६* निक्खम पवेस मोत्तुं | नाम०भावे गहणेसणया ६ ५१६ नावा अ इइ का वुत्ता - ७ ९०३७ निक्खम्ममाणा इस नाममि अखिमि अ .. ५६ नावा (ए) उत्तरि ३ . ३६प्र० निक्खंतो गयउराओ नाममि सरिसनामो ६ १३९ नावानिमो उग्गहणंतगो ४ ३१३+ निक्खंतो इत्थिसीसा नाम०सत्तमिया भावदिसा ३ ८०९ नासंदीपलिकेसु
२६३७ निक्खिविउ किइकम्म नाम०संजमज़सकित्ती.. ३ १०५५ नासाए पंचमं बूआ २ २७* निक्खेवावसरो पुण नाम०संजम पग्गह जोहे. ७ ५२४ नासीले ण विसीले
३३१% निक्खेवु पवयणमि नामाइ चउम्भेयं ५ २८ नाहं रमे पक्खिणि पंजरे वा ७ ४८१० निक्खेवेगह निरुत्त. नामाई वण्णरसगंध० ७ १२९३७ निभमा मणुयगईए
४३६ निक्खेवेगह विहाण नायमुदाहरणंति अ ५ ५२ निकंपया य नवमे
२० निक्खवो अ (उ) चउक्के
CCCCC
-
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
५
~123.
Page #124
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
द. पि. उ.
।। ५९ ।।
मुनि दीपरत्नसागरेण
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ न-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
निक्खेवो अ (5) जीवंमि ७
निक्खेवो अपमाए
७
निक्खेवो अपमाए
७
निक्लेयो अ मिआए
निक्खेवो अ सुमि
निक्खेषो उम्मे
निक्खेवो उ गईए निक्खेवी उ तयंमि निक्लेवो दुमि निक्खेवो उनर्मिमि
निक्खेवो कविलंमी
निक्खेवो खलंकंमि
निक्खेवो गोअमंमी
निक्खेवो चरणंमि. (मी)
७
७
19
७
७
७ ७
पुनः
५५४
निक्खेवो जन्नंमि अ
५०७ निक्खेबो जीवंमि अ ५२२ निक्खेवो नियंठंमि
४०५ निक्लेवो नियंठमि चड० ५०९ निक्खेवों पयडीए
२४४ निक्खेवो मिक्लुमि चड०
५०३. निक्खेवो ममि (वि) ५१३ निक्लेवो मुक्खमि २८०
निक्खेवो विभत्तीए
२६० निक्लेवो संजइज्जमि २५० निक्लेवों सामंमि (य)
निगमण सुद्धी तित्यंतरावि
४९० ४५१ ५१७
निग्गम देउल दा
निग्गंथ सक तावस
~124~
.
७
७
७
ค
७
७
७
७
७
७
५.
६
६
•
४६३ निम्ये पावणे
५५२ निधो धितो
निकालऽपमतेण
निचं चिय जुवइपसू
५३३ निषं मीएण तत्येणं
३७३
५०१
४२३
२३७
४९९
५५६
निचुब्बिग्गो जहा तेणो
निच्छ्रयओ दुनेयं
निच्छयओ सवित्तो
निच्छयओ सवितो
+
३९१ निच्छवनयस्स चरणाय ०
४८३ निच्छयमवलंवंता
१३४ निच्छिन्नसम्बदुक्सा ३३८ निच्छोडिए करीसेण ४४५ निज्जवगगस्स सगासं
७ ७
.७
७
५.
૨
७६०
१०२४* ६२६*
- ३५
६७१*
१९८*
७१६
३३९
४.
६
११
६० १०५
६
४ ७६२
९८८ २७३
२८+
सूत्राघतुक्रमः
।। ५९ ।।
Page #125
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
निजवण भद्दगुत्ते निर्जतं मुत्तूणं परवयणे
निज्जामगरयणाणं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ न-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
निजायकारणमी निज्जूहिऊण आहार निद्वाणं रसनिज्जढं
३
३
३
७
५
निरं च न बहुमभिया
५
७
३
५
निदा तद्देव पयला निहामत्तो न सरह निदेसपसंसाए निदेसबित्ती पुण जे गुरूणं ५. निदेसे पढमा होइ निसमणसमााणसं ० निदोस सारवन्तं च
२
२
३
पुनः
७१६ निहोसं सारमंत
१४५७ निद्धमहुराणि पुष्यं
९१४ निद्धंघसपरिणामो
१६७९ निमगं च गामं
१३७२* निद्वेयरो य कालो
३५६* निभएऽगारित्यीणं
३७६० निमित्ते अत्थसत्वे अ
१२७१* निमित्ते अत्वसत्ये
१३२२ निम्मयं महुं पायडो
३३१ निम्ममो निरहंकारो ४३८* निम्ममो निरहंकारी ५७ निम्मलद्गरयवण्णा ८०* निम्मलगंधगुलिया
८८५ नियमाल्यामो समणं
~ 125 ~
२
४
1
३
६
४
१
३
३
७
₹
इ
३
५१* नियडुवहि पणिहीए
२८४ + नियमा विगाही
१३१३* नियमा चित्तं झार्ण
७२७ नियमा जिणेसु उ गुणा
१२ + नियमातिकालविसएऽवि
३५ नियमा मणुयाईए
६७* नियमूसियकणयसिलायल० १ ३
९४४ निययमहिभो व काओ
७२८ निरडुगं मि विरजो
६८९* निरत्यया नगगरुई उ तरस ७
8
५
R
*१३७३* निरवेक्खोवतो
९६९ निरामयामयभावा
३०८ निक्णुस्सिओ निवन्नो
३५ प्र० निवर्षिडो गयभतं
'
8
३
इ
+६०
२५१+
१५८५
१९४८
६. ४३५
३ १८४
१३*
१५३३
९०*
७४७*
१८९+
२२८
१५५७
३८७
Page #126
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ न-कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ६० ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
३ १३०३ | निसिभतकम्मनिवपिंड । ८१ निसीहिआ आस
३ +३२ | निंदणयाए णं भंते !
૨
३
निववलभबहुपक्खमि निव्वाणगमणकाले निव्वाणमंतकिरिआ निव्वाणसाहए जोए
५ २७प्र० नीअं सिखं गई ठाणं
३ ३०६ निसीहिया० अपमजिय ४ ६५४ नीओबिसी अचवले ३ १०१० निसीहिया नमुकारे ३ १४७५ नीयदुवारंमि घरे निव्वाणं खलु कर्ज ६ ६९ निसिहिया नमोकारो
निव्वाणं चिइगागिई निव्वाणंति अवाहंति
३ ४३५ निस्सम्गुवसरु ७ ९१४* निस्संकिअथूभाइसु निव्विसउति य पढमो ४ २४ + निस्संकिय निषंखिय
TEEL
निव्युपद्दसासणयं
१
२२* निस्संकिय नियंत्रिय
४ ६५० नीयदुवारंमि घरे मिक्लू १०७६* नीयदुवारुग्पाडण० ४ ६८ नीयं पद्देणगं मे ३ १६५८ नीयाइअपरिभुते १८४ नीयावास विहारं १०९१* नीरुयत्ताए अवलो ५ १२६* नीलासोगसंकासा ७ ५६२* नीसमनीसा व कदं ३२ निण्हाइ दव्य भावोवउतु ३ ८९० नीति मयं पुत्ता ११० निंदद्द य नियकयाई
निव्वेएणं भंते! जीवे किं
निस्संकिय निर्वाखिय
१६
७
निब्वेण व मालेण व 8 ५८+ निस्सेणि फलगं पीढं
४ ३५६ निहति मयं पुचा
३ । १६ नेगम० आणु० किं संखिजाई २ ८२
निब्बोद्गस्स्स गहणं निब्बोद्गरस गहणं निसि अतु यदृणजग्गण ४
~126~
२०
४३२#
७ १३१८*
६
२९४
२९६ ४७७
४
६
४
३४२ १०८
३
१९८७ ३ ७४८ ७ १२९६*
१४४ ५६२
सूत्राच क्रमः
॥ ६० ॥
Page #127
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ न-कार + प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक यहां देखीए
२२५
. .
दीप क्रमांक के लिए देखीए
UCAMA-SACROSSAR
नेगर्म० भाषुलो०कि संखेजइ०२ ८४ नो इत्थीणे कह कहिचानो रक्खसीम गिल्झेजा नेगम आणु लोगस्स किं । ८३ नो इत्थीहिं सद्धिं संनि. . ५ नो विभूसाणुवाई. नेगमक्वहाराणं आणु० २ ८१ नो इंदियऽग्गिज्य अमुत्त०७
४५९* नो सक्कियमिच्छई न पूर्व नेगमस्स णं एगो
नोउवगरणे जा सा १३६७ नो सहरूवरसगंध नगगिपरंपरपरिसाडि ४ ३२ नोकम्मदव्यकर्म
६३२ नोसन्नाकरणं पुण ६ नेच्छह तमिसंमि तओ६ ३०१ नोकम्मव्वलेसा पओग०७ ५४५ नोसुअकरणं दुविहं
नेमिओ पासजिणो ३ १७७० नोकम्मे दब्वाई। .. ५३५ नोसुअपञ्चक्खाणं नेदयतिरिक्सार
१३७८* नो कयपच्चक्खाणो ३ १६७८ नोसुयकरणं दुविहं दानेरइयतिरियमणुया ३ ६६४ नोधरंतरऽणेगविहं
३३४ पइखुट्टएण पगयं नेय देव तित्थंकरा य १ ५७ नो तिविहं तिविहेणं
१६७९ पठाणे नागवसू नेरइया सत्तविहा ७ १५२९ नो निग्गन्धे इत्थीणं
. पइण्णवाई दुहिले नेव पल्हत्वियं कुजा १९* नो निग्गथे पुन्वरयं
८ परिकमुवस्सर्व लढुं सूनो अइमायाए पाणभोवणं . १० नो पणीय आहार
९ पउमप्पहनामाओ मो इत्थीण इंदियाई . ६ नोमाउगंपि दुषिहं
१७१ पउमस्स कुमारचं.
२४६+ २०४
3.or
MNar
r
.
७१४
'सवृत्तिक आगम
७(प्र०) २८२
११ नद्या-
३
सुत्ताणि
~127
Page #128
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक यहां देखीए
नं.अ.आ.
८७९
55%
खत्राबनुक्रमः
سه
.पि.उ.
و
॥६१॥
سه
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
पउमाभवासुपुज्जा ३ पउमुत्रे महाहरि पउमुप्पले अकुसलं |पउरन्नपाण पढमा पक्षणकुले वसंतो पक्खंदे जलियं जोई | पक्खे उस्सासाई पुरतो ४ पक्खेव डहणमोसहि ३ पगई मंदावि भवंति एगे ५ पगई एस गिहीणं पगई एस दुमाण ५ | पगइठिईअणुभार्ग . | पगडीण अण्णासुवि | पगये तु भावचरणे .
३७६ पगामं च निगामं च ४०० पथक्खाएण कया
पञ्चक्खाणमिणं १३२१ पञ्चक्खाणमिणं सेविऊण ११२४ पचक्याणस्स फलं ११* पञ्चक्खाणं उत्तरगुणेसु १५३+ पञ्चक्खाणं जाणइ ११४ पञ्चक्खाणं पञ्चक्खाओ ४०१ पञ्चक्खाणमि कए ११५ पच्चक्खाणं सब्वन्नुदेसि० १०९ पचक्याण सेयं ५३६ पञ्चक्खाणं सेवं
पञ्चक्खाणा विउस्सग्गे ५२१ पञ्चक्खाणेणं भंते ! .
६ ६४४ पञ्चक्खे दहणं जीवाजीवे ३ ३ १७०९ पचयओ य बहुविहो ३ २३७ पञ्चयणिक्खेवो खलु ३ १७१७/पञ्चयत्थं च लोगस्स ३ १७१६ पञ्चवाया वालाइसाबया ३ १६५९ पञ्चति तावसीओ
२५१+ पचुप्पण्णग्गाही ३. १६५२ पत्रुप्पन्नग्गाही उजुसुओ २ ३ १६९० परसिपरंमुह० । ३ २५०+ पच्छावि ते पयाया ३ १४४४ पच्छासंथवदोसा. ६
१७७ पच्छा०सिआ तत्थ व कप्पा ५ ३ १३७४ पज्जवकाओ पुण हुंति ३ . २७ पजं तु होइ तिविहं ५
'सवृत्तिक आगम
555555
१५४० १७४
सुत्ताणि
~128
Page #129
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
१०४०* १६०*
देखीए
३ २ ४ ४ ३
४२४
5*
दीप क्रमांक के लिए देखीए
पज्जोसवणाइ तवं पज्झायकिलामिअयं पट्टग मत्तय सयमोग्गहो | पट्टोवि होइ एको | पट्टवणओ अ दिवसे पट्टविय वंदिए या पट्टविय वंदिए वा | पट्टवियंमि सिलोगे
पडलाइं रयवाणं |पडंति नरए घोरे
पडिओ खलु दह्रब्वो |पडिकमणं देसियराइयं
पडिकमणं पडिकमओ पडिकमणं पडियरणा३
१६६४ पडिकमणे सज्झाए ३ १९१२ पडिकमित्तु निस्सल्लो
७ ७९० पडिकुडकुलं न पविसे५ ७६* पडिग्गहं संलिहिताणं ५ ६३१ पडिकुटकुलाणं पुण ४ ४४० पडिजम्पियंमि पढमे ३१४+ पडिकुट्ठविणे वज्जिा ३ १८१+ पडिणीयगेहवजण १६६६ पडिकमणेणं भंते! ७ २५ परिणीयसरीराहणे ६५७ पडिकमामि एगविहे
११ पडिणीयं च बुद्धाणं । १४८२ पडिकमामि गोयरचरियाए ३ ९ पडिपुच्छणाए णं भंते ! ७ १४९७ पडिकमामि चाउकालं
१० परिभग्गस्स मयस्स व ४ ६७४ पडिकमामि छहिं जीव० ३ १५ पडिम पडिवजिआ मसाणे ५ ५७२* पडिक्कमामि तिहिं सल्लेहिं ३ १२ पढिमंत थंभणाई ४८० पडिकमामि पसिणाणं ७ ५७८ पडिमा भद्द महाभद्द ३ १२६१ पडिकमामि पंचहिं काम० ३ १४ पडियरणपओसेणं ६ १२४३ पडिकमामि पंचहिं किरियाहिं ३ १३ पडिरूवयाए णं भंते! ७ १२४५ पडिक्कमित्ताण निस्सल्लो - १०३२७ पडिरूवो खलु विणओ
१७* ३४ ५३४ ४७२
-2353434545453
*
४९९
*
'सवृत्तिक आगम
*
४९६ ३६९ ५६
३ ३
*
सुत्ताणि
~ 129~
Page #130
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
. १००९* ५
६
सूत्राधनुक्रमः
देखीए
२८४
नं.अ.आ.
ओ. द.पि.उ. ॥६२॥
दीप क्रमांक के लिए देखीए
पडिरूवो खलु विणओ५ ३२५ पडिविज यंभणाई ६ पडिलामिय वर्षता ६ ५०५ पडिसढियपंदुपत्तं ६ पडिलेहओ व पडिलेहणा ४ ६ पडिसिद्धाणं करणे पडिलेहगा उ दुविहा ४ ६२९ पडिसेवण पडिसुणणा पडिलेहण संधारग . ११५+ पडिसेवणमाईणं ६ पडिलेहण करतो ४ २७३ पडिसेवणाएँ तेणा ६ पडिलेहणं कुणतो ७ १०२० पडिसेवणा मइलणा४ पडिलेहणं च पिंड
३ पडिसेवणा य दुविहा पडिलेहणा दिसाणतए
१३१८ पडिसेहिए व दिने वा ५ पडिलेहणियाकाले ४ १७४+ पडिसेहेण संठाण. पदिलेहंतचित्र ४ ७९+ पच्छिखीर सतरं ४ पडिलेहेइ पमत्ते से
५३६७ पढमचरिमाड सिसिरे पडिलेहेड पमत्तो . ५३५० पढमायणं दुम० ५ पडिलोमे जह अभओ ५ ८२ पदमदिवसंमि कम्मं तिनि ६
४९७ पढमपोरिसि समझायं ५१७ पढमविइया चरिते १२८५ पढमविझ्या गिलाणे १२४ पढ़मंवितियाऐं गमणं ११३ पढमवियाए गमर्ण ११८ पढमबीयाणं पढमा ७८९ पढमस्स बारसंग ७८७ पढमं अहम्मजुत्तं १७२७ पढम जोगे जोगेसुवा +६६ पढमं विट्ठीजुद्ध
८८ पढमं नाणं तर दया ३९९ पढन पोरिसिं समझायं
२६ पढम पोरिसिं सझार्य २८ पडर्ममि अट्ठ मंगा
५ ३
'सवृत्तिक आगम
.
१०३४%8॥२॥
७१
सुत्ताणि
~130~
Page #131
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
C
१६२९
सूत्राक यहां देखीए
७ ४ ३
+C
दीप क्रमांक के लिए देखीए
पढममि सम्धजीवा पढमा आवस्सिया नामं पढमाए नस्थि पढमा पडमाणुओगसिद्धो पढमापढमा चरिमे० पढमा वियारजोगं पढमासइ अमणुन्नेय. पढमित्थ इंदभूई |पढमित्य इंदमूई पढमित्व वारणामो पदमित्व विमलवाहण.
पढमिल्लुअस्स उदए मापदमिल्लु पाण उदए द्र पढमे धम्मपसंसा
४
७९१ पढमे भंते ! महन्वए पाणाइ०५ ३ पणवीसमद्धतेरस ३ ९९३० पढमे वए महाराय! ७ ७१७७ पणवीस सहस्साई १५९ पढमे वासचउकमि . १६२४७ पणवीससागराऊ ७ १६०८* २६४ पढमे विणओ बीए
१८ पणवीसं तु सहस्सा १६+ पढमो अकालमचू
१९४ पणवीसा[आवस्सग]परिसुद्ध ३ १२१८ ७२ पढमो चउदसपुची ३ १७७ पणवीसा भावणाहिं ३१९ पढमो धणूणऽसीई ३ ४०३ पणिहाणजोगजुत्तो५ १८७ २०७ पढमो य कुमारते
पणीयं भत्तपाणं च ७ ५१६४ ५९३ पणतीसा तीसा पुण ३ ३९३ पण्णरस दस धणूणि य ३ ३८० १७६ पणपण्णगस्स हाणी ४ १६४ पण्गरस सयसहस्सा
२७९ १५५ पणयचउकं च तिगं ३ १६५७ पण्णरस सयसहस्सा १५७० पणया पर्चवनिवा ३ ११०१ पाणरसिमाहबहुले १०८ पणयाल सयसहस्सा - १४३१* पण्णवण वेय रागे २० पणयालीसा पारस . १ पणं पुव्वसहस्सा
३ ३
+
'सवृत्तिक आगम
३ ५
सुत्ताणि
~131~
Page #132
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
६
५५५
नं.अ.आ.
ओ. द.पि.उ.
सूत्राधनुक्रमः
३ ३ ४
देखीए
१०८
६ १
॥६३॥
दीप क्रमांक के लिए देखीए
AURANCCC
४
पण्णा छायालीसा पण्णासा लक्खेहिं पत्तट्ठवणं तह गुच्छओ पत्तलदुमसालगया पत्तस्स उ पडिलेहा पत्तं च मग्गमाणे पत्तं पत्ताबंधो पायठ्ठवणं पत्तं पत्ताबंधो पायट्ठवणं पत्तं पमजिऊणं पत्ताण खेत्त जयणा पत्ताबंधपमाण पत्ते य पउरलंभे पत्तेवबुद्धकरणे पत्तेयबुद्ध जिणकप्पिया
ecee
६५० पत्तेयबुद्ध निण्हव ६ १५८ पयसम दुगभन्भासे ३ प्र० पत्तेयमक्खराई ३ १७ परकम्मं अत्तकम्मीकरेइ ६९५ पत्तेयसरीरा उ ७ १४६७परतित्थियगहपहनास० २१४ पत्ते वसंतमासे ३ १४१२ परदारगमणं समणो० ४७९ पत्थेण व कुलएण व ५ ५७+ परपक्खेऽवि अ दुविहं ३२७ पनरस तीसइविहा ७ १५६९* परपक्खो उगिहत्या ६६९ पन्नान्नाणपरिसहा ७ ७४ परपञ्चइया छाया ६७५ पभूयरयणो राया
७००* परमत्वसंथवो वा २९५ पमाणे काले आवस्सए ४ ४१२ परमरहस्समिसीणं २३७ पयइठिइपएसाणुभावमिन्नं ३ ।५१ परमाणुपुग्गला खलु ६९४ पयणुकोहमाणो
य ७ १३२०० परमाणू तसरेणू ६४० पयत्तपक्कत्ति व पक्वमालवे ५ ३१९० परमोहि असंखिज्जा ११६३ पयलायइ पडिपुच्छह ३ १६४० परलोगु मुत्तिमग्गो १२६ पयलायंत सुसुत्तो , ३ १५७८/परवसणं अहिनंदद
६ १७७
१७३ ७ १०८८*
९९*
'सवृत्तिक आगम
६ ३ ४
सुत्ताणि
२७
~132~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
६
२०६+
यहां
२
देखीए
३००*
FM
३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
परस्स तं देइ सए व गेहे परिअरसंघेण भई परिअरवंघेण भडं परिआओ पञ्चज्जा .. | परिक्खभासी सुसमाहि. परिगलमाणा हीरेज परिजाणिऊण जीवे परिजाणिऊण य जओ | परिजुग्नेहि वत्येहिं परिजूरइ० घाणवले परिजूरइ० चक्खुबले परिजूरइ ते सरीरवं परिजूरइ० फासबले परिजूरइरसणबले
४५४* .४६० ३४८
३ ३
SAWAAAEARSAX
३५२ परिजूरइ०साबले ८४० परिजूरिअपेरंतं ११६४ परिणिव्या गणहरा ४१२ परितंतो वायणाए ३२४* परिपिडियमुल्लाबो १७६+ परिभासणा उ पढमा ८७८ परिमंडल संठाणे ३३ प्र० परिमंडले य वट्टे
६० परिमिअमत्तगदाणे ३१२७ परियट्टणवाए णं भंते ! ३११* परियट्टिए अभिहडे ३१०* परियट्टियलावणं ३१४* परियटुंपि दुविहं ३१३७ परियाय परिस पुरिसे
७ .३१५% परियाय बंभचेरं
३ २ १२० परिवाडिएण चिडिजा .
६५८ परिवूदत्तिणं बूआ . . ५
१२० परिवेसणपंतीए ६ ४९५ परिवयंते अनिवत्तकामे ७
३ + परिसडियपंडुपत्तं ७ १४१५* परिसेयपियणहत्वाइ० ४ ७ ३८ परिसेयपियणहत्याइ. ६
१३८+ परिहीणं तं दवं . ४ . ३५ परीसहरिऊ दंता ५ ६ ९३ परीसहाणं पविभत्ती . ३०७ परीसहा दुव्विसहा अणेगे . ६ ३२३ परेसु गासमेसिजा. ३..११४० पलालं फासु तत्य .
666666
४९*
७७५%
'सवृत्तिक आगम
८४८%
सुत्ताणि
~133~
Page #134
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
क्रमः
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
अ.आ.x
पलिअचउभारणं २- १५ प्र० पल्लोयाणुल्लया व
पलिआसंखिज्जइमे ३ ८९८ पवईते व से तत्य द.पि. उ. पलिओवम दसभाए ३ १६१ पवयणघाया अन्नेऽवि ४ ॥६॥
पलिओवममेगं तु ७ १५९२* पवयणमीहूयाणं ३ ३ पलिओवमस्स भागो ७ १५६३* पवयणमणपेहंतस्स पलिओवमं जहन्ना ७ १३४३७ पवयणमाया नव बंभ०६ पलिओवमाई०उकोसेण ७ १५७३* पविसणमग्गणठाणे ४ पलिओवमाई तिनि य ७ १५७२७ पविसंतनिमित्तमणेसणं ४
पलिओवमा उ तिनि उ ७ १५५७* पविसित्तु परागारं ५. द्र पलिओवमा र तिन्निर ७१५५८* पवेअए अजपर्य महामुणी ५
पलि०वासलक्खेण सहियं ७ १५९३* पव्वइए अणगारे ५ पल्लत्थिया अपत्या७ १० पव्वइए अणगारे ५ पल्लयगिरिसरिउवला ३ १०७ पव्वइयाण व चिई ३ पल्लीवहमि नट्ठा ६ १२५ पब्वजपुट्टिले सय ३
१५०२* पवन साधओ वा
१७५ सूत्राबन६४ पम्बजाए जुर्ग वापर १७९+|| १९+ पब्बनाए पढ़म विवसं ७८७ पञ्चज्जा गागिलिस्स य । ४४६ पवजानिक्लेवो चउन्विहो . २ ६२ पव्वाण किंचि अव्वाणमेव ४४० १९३ पसंते आसणत्थे य. ३ १२११ १०२ पसिढिलपलंघलोला ३५३* पसिढिलपलंबलोला
२५८ १८०० पसिढिलमपणं
१६४+ १६० पसुबंधा सब्बवेया . ९७६* ३४८. पहाय रागं च तहेव दोस . ७७७ ॥६ ॥ ३४५० पहावंतं निगिण्हामि . ८८७* ४५० बहीणपुत्तस्स हु नत्यि वासो. ४६९०
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~134~
Page #135
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
३९२ १४१+
७
दीप क्रमांक के लिए देखीए
ESSAGAR
|पंकामा धूमामा
७ १५३०* पंचमहव्वयं धर्म पंखाविहूणो व जहेब पक्खी . ४७०* पंचमा छंदणा नाम पंचग बारसगं खलु . ३९ पंचमिवाएँ असंखडि पंच चउरो अभिग्गहि ३ १६९७ पंचमी अ अवायाणे पंचण्हमणुवयाणं
३९ प्र० पंच य अणुब्वयाई पंचण्हं किइकम्म
१९१९ पंच य पुत्तसवाई पंचण्हं पंचसया ३. ५९७ पंच य महब्बयाई पंचण्हं वण्णाणं ३ ७३१ पंचऽरहते वदति पंचत्थिकायमइयं
।५३ पंचविहवसमायश्स पंचपव्वा उ जा लट्ठी
७३३ पंचविहविसयसोक्ख० पंचमसरमंता उ
३६* पंचविहं आयार पंचमहव्वयजुत्तो ३ १२०९ पंचविहे माणुस्से पंचमहव्ययजुचो ७ ४७३ पंचविहो अपमाओ पंचमहन्वयजुत्तो ७. ६८८*पंचसमिओ विगुत्तो
. ११८७ पंचसब अपंचम . ९९४७ पंचसया चुलसीया । ३ १३२२ पंचसया पुलसीया २ ५८ पंचसया चोयाला ५ २४९ पंचसया जंतेणं
४५ पंचहि समणसरहिं ३ १२१२ पंचहि लक्खेहिं तओ
४१९ पंचाणाई सहस्सा
१४५९ पंचाणउई सहस्सा ६ २२६ पंचालरायाऽविय बंभवतो . ३ ९९४ पंचासइआयामा
८०+ पंचासवपरिण्णाया . १८१ पंचासवप्पमचो - ११००* पंचासीइ सहस्सा
३
९३+
'सवृत्तिक आगम
२७* १३१२* ४०७
सुत्ताणि
~135
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
यहा
नं.अ.आ.
४ .
सूत्रायनक्रमः
देखीए
३ ५ ४ ३
४५०
द.पि.उ.
३
दीप
७
क्रमांक के लिए देखीए
पंचासीई पण्णत्तरी अ |पंचिंदिआण पाणाणं पंचिंदिएहिं गुत्तो पंचिंदिएहिं जा सा पंचिंदियकायमगओ पंचिंदियतिरिक्खा उ
पंचिंदिया उजे जीवा कापंचिंदिवाण दवे
पंचिंदिवाणि कोई पंचेव अद्धपंचम पंचेव आणुपुवी पंचेव य खीराई पंचेव य सिप्पाई पंडगअप्पडिसेवी
४०६ पंतं असहू करित्ता २९८* पंतं सयणासणं भइत्ता २८१ पंताणि चेव सेविजा १२९३ पंथन्भासे य ठिओ ३०२२ पर्थ किर देसित्ता
पंयं च मासवासं १५२८७
पंथं तु वञ्चमाणा १४४७३ २६३
पंथुच्चारे उदए
चार पंथेणेगो दो उप्पहेण ७८ पंसू अचिचरमो १७०२ पंसू अ मंसरुहिरे २०७ पाईणं पडिणं वादि ४७२ पाउग्गाईणमसई ६०१ पाउग्गायरियाईकह
३६+ पाउयदूरूढपडणं ४९७७ पाएण देह लोगे २१९ पाओकरणं दुविहं
२० पाओसि अडरते उत्तर० १४६ पाओसियअद्यरत्ते
७०+पागडपयासकरणे ३२६ पागारं कारइत्ताणं १४४. पाडलिपुत्त महागिरि २४८ पाडलिपुत्च हुयासण १४२९ पाडिच्छगसेहाणं नाऊणं १४२८ पाणवहमुसावाए २४२* पाणादिरेणुसारक्खण० २४६ पाणियातवनियमा २२९+ पाणिवहमुसावाए
१३८०
१३९६
४
१६३५
'सवृत्तिक आगम
५ ४
४
७२५
२९+ २४+
सुत्ताणि
४
~136~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
--
सूत्राक यहां देखीए
-
-
दीप क्रमांक के लिए देखीए
पाणिवहमुसावाया पाणिवहो तिसु गहणे पाणीपत्तं गिहिवंदणं पाणे य नाइवाइजा पाणेहि उ संसत्ता पाभाइयकालंमि उ पामिश्चंपिय दुविहं पायग्गहणमि देसिअंमि पायच्छित्तकरणेणं भंते! पायच्छित्तपरुवण पायच्छित्तं विणओ पायच्छित्तं विणओ पायपमज्जणनिसीहिआ पायपमज्जणपडिलेह
• १०९९४ पायपमनणहेडं ४ ६९७ पावं छिंदह जम्हा
२२१+ पायसमा ऊसासा ३ १६३६ पार्वति जहा पारं समं ४६३ पायस्स पडोवारं
३५३ पावंति निबुइपुरं २१६० पायस्स पडोयारे
२८ पावाण वज्जणा खलु २५८ पायस्स०पत्तगवजो य ६. ८+ पावाणं कम्माण
१४९५ पायस्स लक्खणमलक्ख. ४ ४ ६८६ पाबुग्घाई कीरह ६ ३१६ पारंपरप्पसिद्धी ..
१९७८ पावे छकं दब्वे सचित्ता० ४ ३७६ पारिद्वावणियविहिं ३ १२८६ पासडिओ य पुच्छेज ७ ३० पारियकाउस्सग्गो ७ १०३१७ पासस्थाई वंदमाणस्स ३ १४१७ पारियकाउस्सग्गो ७ १०३९० पासत्थो ओसन्नो होई
४८ पारिय०तवं संपडिवज्जित्ता ७ १०४२७ पासवणुचारभूमि च ७ ११२७* पालंति जहा गावो गोवा ३ ९१५ पासस्स कुमारत्तं ४ ५१० पावसमणिकं तह संज० ७ १५ पासंडियसमणाणं ४ ४३२ पावसुयपसंगेसु य . ११५३* पासंडीमुवि एवं
%25EWS
५
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~137~
Page #138
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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ६६ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
पासा अ इइ के बुत्ता
पासाए कारइता णं पासुत्तमसीमंडिअ ०. पासेहिं कूडजालेहिं
पासो अरिनेमी
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ प-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
पासोलित्त कडाई पासोलिस कडाहेऽन
पाहाणे महुसित्ये पाहुडिठवियगदोसा पाहुडिभचं सुंज
पाहुडियं च ठवंती पाहुडियाविहु दुबिहा पाहुण विसेसदाणे पिविप्पभोगबंध०
७.
२०
७
३
६
६.
४
६
६
६
४
२
पुनः
८७३ | पिज्ञदोसमिच्छादंस० २५१* पिट्टीचंपावा
७७ पिडि संघाए जम्हा
६६३४ पियए एमओ देणो
२३२ पियधम्मे दधम्मे
५५२ पियधम्मो धम्मो
५५४ पियधम्मो दृढधम्मो
३४
पियपुत्तगा व दुनिवि
पिया मे सब्बसारंपि
५९५
२९१ पिसाब भूगा जक्खा य
५७७ पिसुणा परोवतावी
२८५ पिसुणासभासम्भूय
१४१+ पिहिन्भिन्नकषा
७८* पिहुंडे वक्तस्स
~ 138 ~
३
५
4
७.
रु
४
७
७
७
२.
६
18
८५ पिंड बहुवा
४७८ पिंड निकाय समूहे २३८ पिंड निकाय समूहे
१९६७ पिंडविसोही समिई
१३१९ पिंडस्स उ निक्लेवो १४७२ पिंडस्स उ निक्लेवो
६४८ पिंड व एसणं वा
४४५४ पिंडं सिद्धं च वत्थं च
७२२# पिंडुग्गमपडिमासुं
१५७९० पिंडे उगम उप्पावणेस०
४९७ पिंडेण सुतकरणं
पिंडेसणसिखिरिया
२०
३४७ पिंडेसणा व सव्वा
७६.१० पिंडो अ एसणार
,
४.
४
४.
y
७
め
३
५
२+
४०८
२
३+
३३२
३३१
२५६*
११४३*
१
२३६
+86
२४२
२३६
सूत्राबनु
क्रमः
॥ ६६ ॥
Page #139
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
१२ नंदा०
मुनि दीपरत्नसागरेण
पिंडोलए व दुस्सीलो
पीढए चंगवेरे अ
पीसंती निष्पिट्ठे फा
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ प-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
खरवडे पुच्छ भंते! जहिच्छं ते पुच्छंताण कहेइ पुच्छाएकोणिओ खलु पुच्छाए तिणि तिआ
पुच्छा गिहिणो चिंता पुच्छामि ते महाभाग पुच्छिऊण मए तुभं पुच्छिना पंजलिउडो पुजा जस्स पसीयंति पुढं सुणेइ स
७
५
६
३
७
३
५
४
४
७
७
७
७
१
पुनः
१४९* पुढं सुणे स
३०५* पुट्ठो जहा अबद्धो
६०२ पुट्ठो जहा अवद्धो १०* पुट्ठो य दंसमसएहिं
८५३* पुढविकार्य पहिंसंति
४३७ पुढविकार्यं विहिंसंतो
७८
१५
पुढविकाओ तिविहो
पुढवितसे तसरहिए
२४० पुढविदए य पुढविए
८५२* पुढविग अगणिमारुअ० ७५५* पुढविद्गअगणिमारुअ० १००० पुढविदगअगणिमास्य ४६* पुढविद्गअगणिमाहव
७८* पुढविद्ग अगणिमारुय
~ 139~
७
५
५
४
४
४
४
५.
३
४
५
३
५ पुडवितसपाण समुट्ठिएहिं १४३ X पुढविं न खणे न खणावए ५
९७६ पुढवि मिति सिलं लेलुं
५
५८* पुढवी आउकाए
२३५* पुढवी आउकाए
२३६* पुढवी आउकाए
३३८ पुढवी आउकाए
४५ पुढवी आउकाए
४४ पुढवी आडकाए
१६९+ पुढवी आउकाओ ३३६* पुढवी आउजीवा व
+ १४ पुढवी आउवगरसइ
४६६
४६
पुढवीकाओ तिविहो
पुढची कायम गओ
३
४
४
४
६.
७
१३६९
४.६२
३३८
१२८८
२७४
२७६
३३७
५४१
१०२१*
७
१४४२ ६ ५३२ १०
६
७
२९४*
Page #140
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
द.पि. उ.
॥ ६७ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
पुढवी व सकरा वालुवा पुढवी साली जवा चैव पुणरवि अयं खुमिज्जा पुणरविअ समोसरणे
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ प-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
पुणरवि भद्दिअनगरे
पुण्णंमि मासकप्पे
पुण्णं रतं च अलंकियं पुण्णा व नई चउमासवा ० पुतदारपरी किष्णो पुत्तस्स विवाहदिणं
पुत्तो धणंजयस्सा
पुतो पयावइस्सा
पुत्तो मे भाय नाइति पुप्फफलोदयरयरेणु.
७
७
४
३
३
४
२
४
५
६
३
पुनः
१४४६* | पुप्फाणं पत्ताणं सरडु०
२७६* पुण्फाणि अ कुसुमाणि
७० पुप्फुत्तराव चवणं
७
३६७ पुमत्तमागम्म कुमार दोऽबि ७
४८७ पुरओ जुगमायाए
५
१२९ पुरओ पक्खासन्ने
४८* पुरओ मज्झे वह मग्गओ
५
N
~ 140 ~
३
४
६५+ पुरकम्मं उदउल्लं
४
४८९७ पुरकम्मं पच्छकम्मे
४
२८८ पुरतो जुगमायाए
४
४४९ पुरपच्छकम्म ससिणितू ० ६
४४७ पुरवरकवाडवच्छा ३९* पुरिमंतरंजि भुयगुद्द ७०३ पुरिमंतरंजि भुयगुह
रं ३
४५ पुरिमा उज्जुजडा उ
३६ पुरिमाणं दुब्बिसुज्झो २७० पुरिमेण ०
४४३* पुरिमेण पच्छिमेण य
६२* पुरिसज्जाएऽवि तहा
+ ६८ पुरिसावायं तिविहं
१७८ पुरिसुवहिविवचासो
४८६ पुरिसो इत्थिनपुंसग ५२० पुरेकम्मेण हत्येण
४३१ पुरोहियं तं कमसोऽणुर्णत
५३४ पुरोहियं तं समुयं सदारं
११९ पुलागकुसीला
१३६ + पुलाग बकुस कुसीला १७२ पुलाग बकुस कुसीला
19
ई
३
४
४
४
५
७
७
فا
७
८५७*
८५८*
४५४
१८२
६७९
३०१
२७२
१६
९१
४५१*
४७७*
२७+
४+
१८+
सूत्राद्यतुक्रमः
।। ६७ ।।
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
F%
पुलागस्स सहस्सारे .
४
यहां
देखीए
%%%
दीप क्रमांक के लिए देखीए
ॐॐॐॐ45
. २६+ पुवमुहा राइणिआ ७ ७४०* पुब्बसयसहस्साई ३ ३० पुवं अविट्ठमस्सुअ० ७ १५४९ पुच्वं च जं तदुत्तं ४ ३८० पुवं ठंति य गुरुणो ४ २०३+ पुर्वते होज जुगं ४ १५५ पुर्व दब्बालोयण पुचि ४ ६२८ पुवं बुद्धीइ पेहिता
८०८ पुबाईआसु महाविसासु
८५ पुथ्वाणुपुब्वि न कमो
१५२ पुव्वाभिग्गहवुड्डी ७ ३२१ पुव्वावरसंजुत्तं वेरग्ग० ७ ३६२ पुग्विल्लंमि चउभागे ३ ९३९ पुल्विल्लंमि चउभागे
पुब्बकयन्भासो भावणाहि पुन्वकोडीपुहुत्तं तु पुव्वण्हलेवदाणं पुव्वण्हलेवगणं पुत्वदितु इच्छइ पुब्वदिवो व विही पुज्वपडिवनगा पुण पुश्वप्पओगओचि (वि) य पुन्वभव जम्मनाम पुज्वभवे संखस्स उ पुब्वभवे संघडिशा पुब्वमविट्ठमस्मुअमवेइभ
३ १ ३ ३ ३ ३ ३ ५ ३ ३ ४ ३ ७
%
२८२+ पुल्लि उक्खित्ता माणुसेहिं ३ ९८+ २८३ पुखि कयाइ पहुणो ३ २१+ ६२७ पुचि च इहि च अणागर्य ७ ३९०* १५८२ पुचि पच्छा संथव विजा ६ ४ १६४१ पुल्विपि वीरसुणिआ ४१२४८३३ पुबुद्दिढे ठाणे ठाउं १३२३ पुबुदिहो उ विही २९४ पुस्से पुणव्वसू ८१० पुहवी य वारुणी
६४८ १०२० पुंडरीय किरियहाणं ३ +३६ २०+ पूअणट्ठा जसोकामी ५ १९४* १३०० पूईकम्मं दुविहं ६ २४३ ९९९४ पूयणि अलग्ग अगणी०४ ३७५ १०१२% पेडा य भजपेडा
१११६
MaraME
'सवृत्तिक आगम
54545
सुत्ताणि
~141~
Page #142
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार + फ़-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
ने.अ.आ.
ओ.
देखीए
सूत्राधनुक्रमः
द.पि.उ. ॥ ६८॥
...0mm
७ १४०८
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
SMSSSSSSSS
पेसिया पलिउंचंति
७ १०५६* पोलसिं पञ्चक्खाति पेहेइ हिआणुसासणं ५ ४५५* पोसस्स पुण्णिमाए पेहेत्ता संजमो वुत्तो ४ १७०+ पोसस्स सुद्धछट्ठी पोषण बारवइतिगं
४०८ पोसहोववासे चउबिहे पोग्गलाणं परीणाम
३९४*
फकार: पोराणयगयदप्पो
२१३+ फग्गुणबहुलिकारप्ति पोरिसि आपुच्छणया
फग्गुणबहुले एकारसीह पोरिसिकरणं अहवावि
९ फागुणबहुले छट्ठी पोरिसिलिगमश्चित्तो
१५+ फडा य असंखिना परिसि पमाणकालो
२८२ फवा व आणुगामी पोरिसीए पउत्थीए
२०३५४ फरिसेण जहा वाक पोरिसीए चडब्भाए . १०१३* फासओ सहए जे उ पोरिसीए चउन्माए १०२८* फासी कक्खडे जे उ पोरिसीए. बंदित्ताण ततो ७ १०३६* 'फासओ गुरुए जे उ
accnn.
५२ फासओ निखए जे उ .
१४१३ २४८ फासओ परिणया और १३९२%2 २४७ फासओ मउए जे उ ४८ फासो लहुए जे
१४१०७ फासी लुक्खए जे उ . २४१ फासो सीअए जे उ . ७ ११११*
फासस्स कार्य गहणं २४४ फासियं पालिय वेव
फार्सिदियनिग्रहेणं भंते ! . ६१ फायमि अणाबाहे ७ १३५९* ३३+ फासेसु जो गेहिमु.. . १९३९ १४१२* फिडिए भण्फोडण्यारण १४०७* फिठिए जा पविती ४ + १४०९* फिडिओ व परिरएणं . ४ २९+
३४०
m
-
६.
-
'सवृत्तिक आगम
॥६८॥
सुत्ताणि
~142~
Page #143
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[फ-कार + ब-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
यहां
३ ३
देखीए
५३७
२१५+
दीप क्रमांक के लिए देखीए
६९५%
फिलिमि अरसे कालं फुसइ अणते सिद्ध फेडेज ब सइकार्क
बकारः बकुसपडिसेवगाणं बज्झह य जेण कम्म बत्तीसदोसपरिसुद्धं बत्तीसं किर कवला बत्तीसंगुल दीहं बत्तीसाइ परेणं बत्तीसा सामन्ने ते कहि ६ रमबद्धं तु सुअं बलकुट्टे वलकोट्टो बलदेववासुदेवा
39urr
१४९२ वसं थाम पेहाए९७६ बला संडासतुरोहिं: ५२+
बलिपविसणसमकालं
वयं च बालवं चेव २४+ चहली अ ओणमा
६४ बहली अर्डवइस १२२५ बहवे इमे असाहू ६४२ बहिमा व णायसंडे ७०९ बहियोयरपो ६४५ बहिया अमावाय ३७८ वहुचट्ठिय पुग्गळं १.३२ बहुभागमविनाणा ३२५ बहुआणं सहयं सुचा ४०४ बहुगहणे अचियत
२६९ बहुजणस्स मेवारं ६५८* बहुमहादेसभागे ५८६ बहुमाई पमुहरी १९८ बहुयाण सहयं सोम ३३७ बहुयाणि ड वासाणि ३३६ बहुमतीयमइबहुं
३२५* बहुरय जमालिपभवा ३ १११+ बहुरय जमालिपभया
१४५० बहुरय पएस अव्वत्त०
१७३* बहुरय पएस अव्वत्त. ५ १३२* बहुवाहला अग्गहा ७ १६३४* बहुसालगसालको ७ २७४ बहुसुए पूजाए य ४ २६१+ बहुस्सुयं चित्तकहं .
७
१६५ ७७८
AAACHAARAK
me
४२
'सवृत्तिक आगम
३ ७ ३
.
१२४
सुत्ताणि
~143~
Page #144
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ब-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
नं.अ.आ.
सूत्राधनुनमः
ओ.
देखीए
द.पि.उ.
606
दीप क्रमांक के लिए देखीए
RAMAHARAS
बहुं खु मुणिणो भई बहुं परघरे अस्थि बहुं सुणेइ कन्नेहिं बंधइ अहे भवाऊ बंधणसाडुभयाणं बंभगुण पन्नवीसे
बंभणगामे नंदोवनंद & बभंमि (मी) उ चउकं
भंमि नायज्झयणेसु बादति भाणिऊणं |बाणउई चउहत्तरि बायर सुहुमं भावे बायरा जे उ पज्जचा बायरा जे उ पजत्ता
७ २४३० बायरा जे उ पज्जत्ता ५ १८६७ बायरा जे उ पजत्ता
३५४* बायरा जे उ पजत्ता १०१ बायालीसेसणसंकडंमि १७१+ बायालीसेसणसंकडंमि
२४ बारवइ अरहमित्ते ३ ४७५ बारवई वेयरणी ७ ३८१ बारस अंगुल दीहा ७ ११४८* वारस इकारसमे बार ३ ५३+ वारस चेव य वासा ३ ६५५ वारस वासे अहिए ६ २४९ बारसवासे अहिए। ७ १४४४* बारसविहम्मिवि तवें ७ १४५८* बारसविहे कसाए
७ १४६६* वारस सोलस अट्ठार . १४८२७ वारसहिं जोयणेहिं ७ १४९१७ बारसंगविऊ बुद्धे ४ ५४६ बारसंगो जिणक्खाओ ६ ६३४ बारसेव उ वासाई ३ १४०५ बारस्स पिट्टणंमि ३ १४०२ बालमरणाणि बहुसो
२८ बालस्स पस्स वालतं ८३ बालाई उवगरणं ५३७ वालाईणणुकंपा
बाला किडा मंदा बला ५२७ बालाणं अकामं तु १८८ बालामिरामेसु दुहावद्देसु ११३ वाले वुड्ढे मत्ते
५३४
'सवृत्तिक आगम
BABA
सुत्ताणि
~144~
Page #145
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ब-कार + भ-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
३
देखीए
५
७
दीप क्रमांक के लिए देखीए
३
06666
|बालेहि मूटेहि अयाणएहिं . ३८९० बाहुबलि कोवकरणं वालो अबालभावो ३ ७३+ विइयकसायाणुदए । बावत्तरि कलाओ अ ४३६ विइयदुयस्स विवक्खो बावत्तरी कलाओ अ
७६४० विदयपइन्ना जिणसास० बावीससहस्साई
७ १४५३० बिइयस्स पेसवर्ग बावीस सागराई
१६०५० बिइयंमि होति तिरिया बावीससागराऊ ७ १५३८७ बिइयं सुत्तग्गाही बावीसं तित्थयरा
३ १२६० विडमुब्भेइमं लोणं । बावीसं बायरसंपराए ७ ७९ वियतियचउरो पंचिदिया बाहाए अंगुलीय ४ ४३८ वियतिवचउरो पंचिंदिया बाहिरखितमि ठिओ ३ १२३४ बिंदू छीए [य] परिणय बाहिरगामे बुच्छा ४ १०४+ बीए जोणिब्भूए बाहिरलंभे भजो
६२ वीओदग संघट्टण बाहिं जइवि असुद्धा ४ १०१ बीओऽवि नमीराया
156-06-156454
३४९ बीओऽविज एसो १०९ बीओऽविय आएसो | १४२ बुद्धस्स निसम्म भासियं
९३ बुद्धाई उवयारे - ४९९ बुद्धे परिणिब्बुए चरे
बेइंदियकायमइगओ
बेइंदियपरिभोगो २२६* चेइंदियपरिभोगो ३६६ बेइंदिया उ जे जीवा
४७ बोडिय सिवभूईओ १४७७ बोडियसिवभूईओ २३४ बोहण अप्पडिबुद्धे २४७+
भकार: २६९ भइणीओ मे महाराय!
RAHASABHA
४
'सवृत्तिक आगम
५ ४ ७
सुत्ताणि
~145~
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--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ.
ओ.
द.पि. उ.
1100 11
मुनि दीपरत्नसागरेण
भगवं अदीणमणसो
भज्वंती व दलंती
भद्वेण परित्ताओ
भणइ अ आहिंडिजा
भणइ अ धारेअव्या
भणइ य नाहं वेजो भणगे झरगं
भणता अकरिता य
भणियं दसविहमेयं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ भ-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
भत्तट्टि आवरसग
भत्तट्टि उब्वरिअं भत्तट्ठिआ व खवगा भत्तट्टियावसेसो भत्तपचक्खाणं भंते !
३
६
३
३
३
६
१
७
३
४
४
४
४
७
पुनः
३१८ भतपरिण्णा इंगिणी
५७४ भतं वा पाणं वा भुचूर्ण
११७१ भत्तिविहवाणुरूवं
७७० भत्तीइ० परमाए खीण० भत्ती जिणवराणं
७७१
४५६
२८
भतुव्यरियं खलु संख०
भत्ते पाणे सयणासणे
१६९* भवे वा पाणे वा आव ०
१६७६ भहणेव होअव्वं
19
~ 146 ~
३
३
३
६
३
४
७
३.
३
१
२१२ भहसुभद्दा सुप्पभ
३०४ + भदं च महाभदं
११७+ भदं थिइवेलापरिगयस्स
५८५ भदं सब्बजगुजोयगरस
१
५४ भई सीपडागूसियस्स १
२२५ भद्दिलपुर सीहपुरं
११९७ भय जणणरूवसबंध०
५८२ भयवंपि थूलभदो
११०९ भरनित्य रणसमत्था
१९०८ भरनित्थर० तिवग्ग०
२३२ भरहम्मि अद्धमासो
२३८ + भरहम्मि अद्धमासो
१९० + भरहसिल पणिय
३२६ भरह सिद्ध पणिभ
भरह सिद्ध मिंड
भरद्द सिल मिंढ कुकुड
४१०
५३०
११*
३*
६*
भरहस्स रूवकम्मं
भरहेरवय० पूइयंमि भरद्देरवयविदेहे
३
२
७
१
१
३
१
३
१
३
३
४
४
३८३
७०*
१०४
६६*
९४३
५२
३४
६३
९४०
६४**
९४१
१४+
५२८
५२७
सूत्रायतु
क्रमः
॥ ७० ॥
Page #147
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[भ-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
३
SCOR+C+CR
देखीए
३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
भरहो पसमचंदो भरहो बाहुबलीवि भरुयच्छमि य विजए भरुयच्छे जिणदेवो भवणवइ वाणमंतर भवष्णबइ बाणमंतर भवणवइ प्राणमंतर मवणवइ बाणमंतर भवणवई जोइसिया भवणवणजोइवेमा० भवतण्हा लया बुत्ता भवसिद्धिओ उ जीवो भवसिद्धिया उ जीवा भंडगपासवळग्गा
११६२ भाइयपुणाणियाणं . ५८५ भावसुअ सहकरणे ३१०३८ ५३६ भाणू अ इति के वुत्ते ७ ९०८* भावसुधे पुण दुविई १४१३ भायरा मे महाराय !. ___७२४* भावस्स मणं गहणं । ७ १२४३॥ १४०१ भारिया मे महाराय! ७२६* भावस्सुबमारिता
२४१ ६४+ भारेण वेयणाए न १९१ भावगंपि य दुविहं
१५४ ९०+ भारे वैयग खमणगुण्ह०४ १५४+ भावमि विभत्ती .११५+ भावकरणं तु दुविहं. ७ २०१ भावाऽऽगरिसे कालं
४२७ ३४६ भावगई कम्मगई ५ १२० भावावयारमाहेशमप्पगे ६ ५६० भावचलं गंतुमणे
२०६+ भावासन्नो समण्णुन०४ ४१८ +३७ भावपर्यपि य दुविहं ५ १७० भावुग अभाबुगाणि ८७९% भावापमाय पगर्न ।
५२५ भाबुग अभावुम्मणि र भावबहुएण बहुगा . ३११ भावे उ वस्थिनिग्गहु
३८२ भावमभावा हेऊमहेउ १ ८५* भावे खओवसमिए ३१०४ १९+ 'भावसघेणं भंते !
६४ भावे पसत्य इयरी. ६ ४०७
Mar
४
'सवृत्तिक आगम
16
सुत्ताणि
~147~
Page #148
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
द. पि. उ.
॥ ७१ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
भावे पसत्थमियरं
भावे पसत्थमियरो
भावे पावमिणमो
भावेसणा उतिविहा
भावेसणा उ दुविहा
भावे सब्वोदइओदय० भावेसु जोगेहिं भासगपरित० भासंतमूढसंकिय इंदिय०
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ भ-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
भासा असथमोसा
भासाइ दोसे अ
भासासमसेढीओ
भासासमसेडीओ
मिउडीविडंबिअभुहो
७
७
६
५
३
७
४
३
५
१
३
२
पुनः
१५४६ | मिक्खद्गसमारंभ
९ मिक्खविसोही तव ०
३८७ भिक्खरसवि य अवेला
७७ मिक्साइगओ रोगी
२४० मिखाई वर्णते
१८९ + भिक्खागाही एगत्थ
१२४४* मिक्खामित्ते अ विया०
१५ भिक्खामेचे अवियालणं
६५२ भिक्खायरियाइ सुज्झइ
११०६ भिक्खालसिए एगे
.३३३७ मिक्खियव्वं न केयब्वं
७९* भिक्खुस्स य निक्लेवो ६ भिक्खू जहन्नगंमी
७१* भिक्खूणं बहुसुएऽहंति
~ 148~
६
५.
४
६
६
६
६
४
३
७
७
५
६
३
३१९ भिक्खेण न मे क
२२ भिक्खे परिहार्यते
२१६+ भिजिन लिप्यमाणं
४५७ भिन्नविसयं निसिद्ध
४३०
भिसिणीपतेहि अरे
२८४ भिदंतो अजह खुई
५९७ मी दुअं उप्पच्छं
४७० भीमट्टहासहत्थी
१५२२ मीया व सा तहिं दहुं
१०५३* भुओरगपरिसप्पा
१३६७७ भुमि पढमकप्पे
३
३
५
२
३
७
७
४
३३४ मुत्तामुत्तसमुत्था
४
३५८ भुत्ता रसा भो ! जहाइ णे ७
+५८
भुत्ते वियारभूमी
४
४८१
४५+
४०६
१२३९
२००
३४५
४७
११२x
८१७*
१५५४*
५९२
२२९
४७२*
५०९
सूत्राधनुक्रमः
॥ ७१ ॥
Page #149
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
भुंजण अजीर पुरिमड ०
भुंज न भुंजे भुंजसु
भुंज माणुस्सए भोए
भुंजह भुत्ता अम्हे
भुंजंती चित्तकम्मं
मुंजंती आयमणे
भुंजतो आहारं गुणोव०
भुंजित्तु भोगाई सम्झ ०
भूअत्थेणाहिगया भूआणमेसमाचाओ भूआपरिणयबिग०
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ भ-कार + म कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
भूमाइएस तं पुण
भूमीघरा य तरुगण
भूयहि अप्पगच्भे वंदेहं
६
७
४
६
६
४
५
७
५
३
६
५
१
पुनः
३३९ भेअओ भेअणं चैव
१२२ भेताऽऽगमोवउत्तो
६४३* भेत्ता य भेअणं वा
२१५ भोगफलं बाहुबलं
४४६ भोगसमत्वं नाडं
५८७ भोगंमि चकिमाई
५८४ भोगामिसदोसविस ०
४९५* भोगे भुवा वमित्ता य १०७७* भोचा माणुस्सए भोए
२४३*
मकारः १०३३ मइमं अरोगि दीहाउभ
५६६ मइल कुचेले अभंगिए
२५८
मइल कुचेले अम्भंगि०
३९
मइलिय फालिय
~ 149~
५
५
७
३
३
३
७
७ ७
६
४
५
६
३३६ मसु भगुतीसु
३४४ मक्खियकंटगट्टाईण
३७५ मगसिर सुद्धिकारसि
१७८ मगहा गोब्बरगामे
१९५ मगहा गोब्बरगामे
१९१+ मगहापुरनयराओ
२१२* मगहा रायगिहाइसु
३
४८४* मग्ग० अहिगारो भावमगे ७
११३* मग्गगईणं दुहवि
७
| मग्गसिरसुद्ध इकारसीइ मग्गी कोरविआ हरिया
४१३
१०५ + मग्गे अविप्पणासो ८२+
मग्गे० केसी गोयमब्ववी
३२१ मथुणाऽम्भाहओ छोओ
७
११४४*
४ २७७+
३
२५१
३
६४३
३
४९३
७
२८४
३
२
३
७
७
२३४
५५१
५१५
२५०
३९*
९०३
८९३*
४६३*
Page #150
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ७२ ॥
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ म-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
मच्छा व कच्छभा म छम्मा अंत मच्छुम्बतं मणसा मजणणिसेजभक्खा म विसय कसाया मज्जारखइयमंसा मज्जार मूसगाइय बारे हिपरभिक् मञ्झरथस्स उ मुणिणो मज्झिमनिद्धे दो पोरिसी मज्झिमसरमंता उ मज्झिमा मन्झिमा बेव
मध्यं मयरस देहो
मणगं पहुच सेभवेण
इ
६
४
j
३
६
२
७
३
५
पुनः
१५४५* | मणगुत्तयाए णं भंते!
३०२ मणगुती वयगुतो १२२० मणगुत्तो वयगुतो ७०३ मणपज्जवमाणं पुण
१८० मणपजवनाणं पुण
१९२ मणपजबोहिनाणी सुअ०
२२८
मणपरिणामो अ कम
मणपरिणामो अ कभी मणपल्दायजणणी मणसमाधारणयाए णं
१४+
३५# मणसहिएष कारण
१४८
। ११
१५८६* गुणसा वावारंतो
२६+ मणस्स भावं ग्रहणं
१५ मणिआई दोराइसु
~ 150 ~
७
१
३
७
३
७
७
७
३
३
७
३
६७ मणिकणगरयणचिते ३६१* मणिकणगरयण चित्ते
८२९* मणिरवणकुट्टिमतले
५८* मणिरयणमवादिय
७६ मणुए चमण्णवरं
२२३ मणुएहिं खलु जा सा
८९+ मणुया दुविहया उ
८०३७ मणोगयं वज्रगयं
५११* मणो साहस्सिओ भीमो
७० मणोदरं चित्तपरं
१५८३ मतं च गंधहथि च १५७५ मचेण जेण दाहि १२४२ मवयाए णं भंडे !
१५+ मयगणं आयरिओ
३
३
७
३
३
३
७
७
७
६
५४५
५४७
६०४*
५५०
५६५
१२९४
१५६७*
४३*
८८९*
१३५६*
७९२*
५६५
६३
१६१
सूत्रावह
क्रमः
॥ ७२ ॥
Page #151
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[म-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
१४२४
सूत्राक यहां देखीए
१७०५
.
6
१७३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
|मयमाइवच्छगंपिव ६ मयहरगागारेहिं
३ |मयहरपगए बहु
३ मरणविभत्तीपरूवण
मरणविभत्ती पुण पंच० ७ हमरणं च होइ दसमे ५
मरणंपि सपुण्णाणं SIमरणंमि इकमिके कइमा० .
मरणे अणतभागो ७ Xमरिहिसि रायं ! जया तया .
मरुदेवि विजयसेणा मलए पिसायरूवं ३ मल्लिजिणाओ मुणि ३ मलिरसवि वाससयं ३
४४४ महईए संखडीए. ६ २२८ महिया य मिन्नवासे १६७० महत्थरुवा वयणप्पभूया ७ ४१७॥ महुगारसमा बुद्धा १४४४ महप्पभाक्स्स महाजसस्स ७ ६९७* महुपुग्गलरसयाणं २१० महरिहसिज्जारुहणमि ३ १०९६ महुपुग्गलाई तिन्नि १९ महल्लेण देहि
मा४ २६०+ महुरपरिणाम सार्म २६३ महाउदगवेगेणं ७ ८९६* महुरविलास सललिअं १४५* महागरा आवरिया महेसी ५ ४१४७ महुरं हेउनिजुत्तं २११ महाजसो एस महाणुभागो . ३८१७ महुराइ इंददत्तो. २३१ महाजतेसु उच्छू वा ७ ६५३* महुराइ कालवेसिक ४८०* महादवग्गिसंकासे
६५०* महुराए जउणराया ३८५ महामहपसूकानी ७ ८८२% महुराए जिणदासो ५०८ महासुका सहस्सारा ७ १५८३% महुराए संखो खलु १६ प्र. महिआवासं तह अंतरि० ४ ३० महुसित्य मुद्दिअंके २९५ महिया उ गम्भमासे ३ २२०+ महुसित्व मुद्दिअंके
३ ७
१३७९ ४७० ३२२
'सवृत्तिक आगम
११ नया
३
सुत्ताणि
~151~
Page #152
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[म-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
१०२.
साधनु
यहां देखीए
क्रम
२८६
नं.अ.आ.
ओ. द.पि.उ. ॥७३॥
६ ६ ७ ३
दीप
१७७
.
क्रमांक के लिए देखीए
*5*15453434645
मंखलि मख सुभद्दा मंगलहे पुन्नया |मंडलपसूतिकुट्ठी० मंडलि अहराइणिआ मंडलिभायण भोयण
मंडिअ मोरियपुत्ते ल मंडिय मोरियपुत्ते
मंतं मूलं विविहं विज
मंताजोगं काउं & मंदा यं फासा बहुलोभ०
मंदिरे अग्गिभूई मंसवससोणियासव माई मुद्धेण पडई माउयपयंति नेयं
३ ४७३ मा एयं देहि इमं ६ २९० मा काईति अवणं . ६ ६०० मा गलियस्सेव कसं
२८३+ मागहमाई विजयो ४ ५३७ माणविजएणं भंते ! १ २१* माणं तु रयत्ताणे ३ ५९४ माणुम्माणपमाण. ७ ५०१७ माणुसत्तं भवे मूलं ७ १६३६७ माणुसत्तमि आयाओ ७ १२६* माणुसत्ते असारंमि ३ ४४२ माणुस्स खेत्त जाई ६ ५३९ माणुस्स खित्त जाई कुल ७ १०४९* माणुस्सयं चउद्धा ३ २३५+ माणुस्सं धम्मसुई सद्धा
२३७ माणुस्सं विग्गई लर्बु २३९ मा ताव शंख पुत्तय! १२* मा ते फंसेज कुलं ३४८ मा दिच्छिहिंति तो ८२ मा मे एजउ काउत्ति ७०४ मा मे चलउत्ति तणू ९६७ मा य चंडालियं कासी १९३* मायपिइ पुवसंधव १०५* मायमि उ निक्लेवो ६१४* मायरं पियरं वावि ८३१ मायाए उस्सग्ग १५८ मायागारवसहिओ १४५२ माया पिया पहुसा भाया १५५ माया पुतं जहा नटुं
॥७३॥
'सवृत्तिक आगम
७ ३ ७
१६२%
. २
सुत्ताणि
११५
~152~
Page #153
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[म-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए
54545454ॐॐॐ
मायाबुझ्यमेयं तु ७ माया (वि) मे महाराय! ७ माया य रुहसोमा माया य रुहसोमा पिया य . मायाविजएणं भंते । मायावी चडुयारी मारणया जीववहो मालमि कुडे मोयग ६ मालामिमुहं दहूण ६ मालोहडंपि दुविहं मा वेयणा उ तो उद्धरं० मासभंतरओ वा माइक मा ससिणिद्धोदउल्ले ४ मासं पाओवगया ३
५७३७ मासाई सत्तता पढमा० ३ +५ मिगावई उमा चेव ७२३ मासियपारणगऽहा६ २०९ मिच्छत्तकालियावाय० ७७५ मासे मासे अ तवो ३ १६६७ मिच्छत्तथिरीकरणं
४४७ ९६ मासे मासे उ जो बालो ७ २७१% मिच्छत्तपडिक्कमणं
१२६४ ८३ माहणकुलसंभूओ ९४८* मिच्छत्तमोहणिज्जा
११०४ ४८९ माहणकुंडग्गामे
४५७ मिच्छत्तं वेयन्तो जं १९+ मा हु तुम सोदरियाण संभरे७ ४७३० मिच्छट्टिी जीवा । ३६० माहेसरीउ सेसा ३ ७७२ मिच्छट्टिी तसथावराण ३५९ मिअाउनामगोयं . ४०७ मिच्छहिट्ठी सासायणे ३ +८ ३५७ मिउमद्दवसम्पन्ने
३६* मिच्छभयघोसणनिवे३ १४२१ १५१९ मिउमद्दवसंपन्ने ७ १०६०* मिच्छा० तेर्सि पुण दुद्दा ७ १६३१%* +२४ मिए छुमित्चा हयगओ . ५५० मिच्छादसणरत्ता ७ १६२९% २५८+ मिगचारियं चरिस्सामि . ६८४* मिच्छादिछी जीवो ६५९ मिगदेवीपुत्ताओ बलसिरि०७ ४०८ मिच्छाविट्ठीयाणं ३ ७८८
سه س
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~153~
Page #154
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ७४ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः
मिच्छा भवे उ सव्वत्था
मित्तवं नाइवं होइ
मिति मिउमद्दवत्ते
मिति मिउमद्दवत्ते
मितो इंदो निरई
मिहिलं सपुरजणवयं मिहिलाए चेइए वच्छे मिहिलाए लच्छिघरे मिहिलाए उच्छिघरे मिहिलावइस्स णमिणो मिहिला सोरिअनयरं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ म-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मीसज्जायं जावंतियं
मुकधुरा संपागढ ०
मुक्खमग्गगई त ( स्थं )
५
19
३
३
२
७
७
३
19
७
३
६
३
59
२८ + मुक्खमग्गं पवनेसु
११२* मुक्त्राभिकंखिस्सवि ६८६ मुक्खो मग्गो अ गई
१६०२ मुग्गरेहिं मुसुंदीहिं
९० मुणिचंद कुमाराए
२३१* मुणिसुव्वए नर्मिमि
२३६ मुणिसुब्बओ अ अरिहा
१३२x मुणिसुब्बयंतेवासी
१७० मुत्तद्विपसु जुज्जइ
२६६ मुत्तनिरोद्दे चक्लू
३८४ मुत्तपुरीसनिरोद्दे
२७१ मुतीए णं भंते !
१९३८ मुसले उक्खित्तंमि य
१०६१* मुसं परिहरे भिक्खू
N
~ 154~
७
७
19
३
३
३
७
६
४
३
99
४
७
२७९ मुसाबाओ उ लोगम्मि
१९७२ मुहणंतरण गोच्छं
५०५ मुहघोषण दंतवणं
६६१
४७७
४९८
३८१
५
४
४
७
मुहमूलंमि अ चारी
४
मुहुत्तदुक्खा उ हवंति कंटया ५
४४५
मुहुचद्धं० तित्तीसं सागरा
७
१३३०*
10
१३२५*#
७ १३२७*
१३२८*
१३२६*
मुहपतिं पडिलेहिता
२२१
२८९
४९८
१०१४*
७७+
११२
मुहुच तु जना
५६
मुहुत्तद्धं तु० तिष्णुदही
१९८
मुत्सद्धं तु० दोण्डुदही
७
७२६ मुहुत्तद्धं० दुसउद हिपलि०
७
६१ मुहुत्तद्धं० नवहिं वरिसेहिं ७
१३३७*
७
१३२९*
७ १२५*
२४८+मुहु० नायव्वा पन्ह० २४* मुहुं मुहुं मोहगुणे जयंत
सूत्राधनु
क्रमः
॥ ७४ ॥
Page #155
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
मूअं हुंकारं वा
मूर्भ हुंकारं वा मूइंगाईमकोडएहिं मूडनइयं सुयं कालियं
मूढो व दिसायणे मूढो व दिसिऽक्षयणे
सूर्य चढडूरं चैव
मूलए सिंगवेरे य
मूलगुणउत्तरगुणे
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ म-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मूढगुणाणं भ
मूलगुणा बक्खाया मूलगुणाविय दुविहा
मूलगुणेहिं असुद्ध मूलमेयमहम्मस्स
१
३
४
४
३
.३
५
इ
३.
9
३
४
५
पुनः
८९* मूला खन्धप्पभवो दुमस्स ५
२३ मूलुतरगुणरुवस्त
३
५५९ मूले कंदे संधे तया
७६२ मूसयरजउकेरे
३०९+ मूसवरयउकेरे
१४७८ मूसाइ महाकायं
१२२३ मेरुगिरितुंगमरिखो.
२३# मेरुगिरीसमभारे १७१० मोक्सडा नाणाई वणू
१११ मोर्ण परिस्तामि समिच ६१+ मोतुं अकम्मभूमगनर ०
३८५० मोतुं गिल्यणक
३०५ + मोतृणमेसिमिक
२२५* मोरागसणिवेसे
~ 155 ~
♥
४
४
४१६* | मोरिय नउलि बिराली
२९५० मोरी नवळि बिराली
३२ मोरीयसन्निवेसे
७०५ मोसल बुदिट्ठा
२९१ मोसलि संघिसु मागह
२२२+
१२६९
३
३
१ ३५१
8
७४१
9
♥
६
₹
| मोसरस पण्छा य
मोसरस पच्छा व परत्व
मोसरस पच्छा
मोह चिच्छिविगि
४९४*
२२१ १३१४ ७८५ मोटुब्भवो बलिए १९४० बोय ज्ञाण पवयण
मोदनियंपिय दुबिहं
मोहपयडी भयं अभिभ०
•
३
इ
४
७
७
७
४
७
३
४
३
१७४
१३८+
६४४
१६३+
५१०
११९९#
११८६*
१२१२*
५८९
१२७४*
१५५१
१६३
११४x
Page #156
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[र-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
B
सूत्रांक
सूत्राधनु
नं.अ.आ.
ओ.
देखीए
द.पि.उ.
॥७५॥
४४५
दीप क्रमांक के लिए देखीए
क+5555
रकार रनाइचाओऽवि य रज्जाणि उ अवहाया रणो गिहबईणं च रण्णो तणघरकरणं रणो तहिं कोसलियस्स रतिं न चेव कप्पड़ रतिपि चउरो भाए रतुण्डा उ इत्यी अट्ठ रत्तो वा दुट्ठो वा रमए पंडिए सासं रयणाणि चउब्वीसं रयण पईवे जोई रयणुप्पया य विजओ
रयताण भाण धरणा ३ २१३ रयमादिरक्खणड्डा
४७९ रयहरण पट्टमेत्ता ७५* रसओ अंबिले जे उ
४४+ रसओ कडुए जे उ ७ ३७८* रसओ कसाए जे उ ४ ९२+ रसओ तिचओ जे उ ७ १००८० रसओ परिणया जे ३ १४५३ रसओ महुरए जेउ
७५८ रस कक्कच पिंडगुला ७ ३७* रसमायणहे वा ५ २५६ रसवइ पविसण पासण ६ २९९ रसस्स जीहं गहणं ७ ३५२ रसहेर्ड पडिसिद्धो
१७५+|रसंतो कंदुकुंभीसु ४ ६९६ रसा पगामं न हु सेवियब्वा . ४ ७२६ रसेसु जो गेहि०(१३) ७ १२१८* ७ १४०५% रहकारपरसुमाई ७ १४०३* रहनेमिनामगो . . १४०४० रहनेमिस्स भगवओ
४४९ ७ १४०२ रहनेमी अहं भरे!
८१९ . १३९१% रहनेमीनिक्लेवो चढ०७ १४०६७ रहपडण उत्तिमंगाई
१९३+ २८३ रहवीरपुर नवरं
१४६४ ६ २३८ रहवीरपुर नयरं
१७८ ४ ५४+ राइणियं वजेत्ता
६७१ . १२१७* राईमई विचितेइ
८११२ ६४१ राईयं च अईयारं
३
5A5%
258
॥७५॥
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
३८
६
~156~
Page #157
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[र-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
४४१%*
यहां
देखीए
१४२२
३६५
१०
२११*
दीप क्रमांक के लिए देखीए
5455545555
राईसरिसवमित्ताणि' १३९ रागो दोसो मोहो य नेण ३ ।१३ रायणिएमु विणयं पउंजे | रागोवणीयसीहासणे ५८९ रागो दोसो मोहो . १०८०० राया आइषजसो । माराओवरयं परिज लाढे ७ ४९५० रागो य दोसोऽविय ७११६२० राया इह तिस्थयरो
रागग्गिसंपलित्तो ६ ६५७ रायकुलेसुऽवि जाया ३ २२२ राया उसुयारो या रागहोसकसाए य
३ ९१८ रायगिह मगहसुंदरि ३ १४११ गया करेद दंड रागहोसकसायासवादि ३ ।५० रायगिहमिहिलहत्यिण ३५१ रायाणिएसु विणयं रागहोसादओ तिव्वा ७ ८७४* रायगिहम्मि वयंसा
९१ रायाणो रायमचा य रागदोसा दंडा जोगा . ३७७ रायगिह विस्सनंदी
४४४ गया य तत्थ बंभो रागहोसे य दो पावे . ११३७ रायगिहविस्सभूई
४४५ राया य बंभदत्तो रागं च दोसं च तहेव मोहं ७ ११६४* रायगिहि मालगारो
११. रायारोहऽवराहे रागाई मिच्छाई रागाइ ५ २४६ रायगिहे गुणसिलए ३ १२८+ राया व रायमचो रागेण व दोसेण व ३ २५५+ रायगिहे गुणसिलए
१६८ राया विजमि मए रागेण व दोसेण व ३ १५०९ रायगिद्दे धम्मरुई ६ ४७४ राया सह देवीए . गगेण सइंगालं ६ ६५९ रायघरे य कयाई ६ ४७७ रिसहेण उ एसजं (पसेज)२
*PASANGATRICERCAXARA*
स
'सवृत्तिक आगम
४९३
सुत्ताणि
~157~
Page #158
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[र-कार + ल-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
यहा
आ.
७३१
सूत्रावनु
क्रमः
देखीए
द.पि. उ.
१११०
०६*
दीप क्रमांक के लिए देखीए
ईए ठंडिलवसही ४ १५३ रेवयसरमंता उ
३७ ही आयपमाणा५ रुप्प टंक विसमाहय०३ ११५० रोइअनायपवयणे ५ १६५% लवं पहेणगं में रूप्पं पत्तेयबुहा टंक ३ ११५१ रोगस्सामयसन्ना
४८+ उद्धिल्लियअन्नं वाई रूढा बहुसंभूआ ५ ३१२* रोगहरणं तिगिच्छा
१८+ डिल्लिभं च बोहिं रूववयवेसभासा .२ ७६ रोदा व सच वेयण
४३४ लध्धूर्ण य सम्मत्तं रुवस्स चक्खं गहणं . ११७८० रोहीडगं च नवरं
१४१५ लणऽवि आरियतणं रूवं वओ व वेसो दक्खत्तं ५ १९४ रोदेह वणं छठे
१५२० लणवि उत्तम सुई रूवाणुगासाणुगए य . ११८२*
लकार
बणवि देवसं रूवाणुरत्तस्स नरस्स एवं ११८७ लक्खणमियाणि दार ५ ११+ म्हणऽवि माणुसत्तणं रूवाणुवाएण परिग्गहेण ७ ११८३ लक्खं अट्ठ सथाणि अ ३ २६२ कर्मपि न गिण्हा रूविणो चेवरूवी य . १३७७* लक्खिज्जाइत्ति ना ५- १२+ व्या व इति का बुत्ता रूवे अतित्ते अ परिग्गहमि . ११८४७ लग्गुद्वियंमि बीए ३ १५१८ बंधणपक्षणसमायो रुवे विरत्तो मणुओ ७ ११८९७ लज्जाइ गारवेण य . २१८ काम पौडफळे रूवेसु जो गिडिमुवेइ ७ ११७९४ लना या संजम बंभ०५ ४११० लादेमु उक्सम्या
०००००
३०५० ४८१
'सवृत्तिक आगम
१२८
R
॥७६॥
२६७
सुत्ताणि
१८२
~158~
Page #159
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
लाभालाभे मुद्दे दुक्खे लामिय तो पुट्ठो
खाभेण जोजयंतो
लाभे सति संभाडो
लाहा हु ते सुद्धा
लितंति भाणिकणं
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ ल-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
लित्तंमि भावणंनि उ
लित्ते छगणिभछारो लिप्पगइत्थी इत्यित्ति लिंगपुलातो अनं
लिंग जिणपणचं
लिंगाई तस्स उस्सण्ण०
लिंगाईहिवि एवं
लिंगेण उ नाभिग्गह०
७
६
४
४
३
६
8
३
७
મ
३
६
६
पुनः
६९०* | लिंगे भाव लिंगे ३८० लिंगेण उ साहम्मी
५६५ ल्याइ चमढणा
६१३ लहविची सुसंतुट्टे
४२७ लेत्थारियाणि आणि उ
६१५ लेवालेवत्ति जं चं
२१२+ सायणं पवक्खामि
३९७ लेसाओ णाभावो
१५३० लेसा कसाययण
७+ साणं निक्लेवो
११४३ लेसासु छ कारसु
।२६
१५०
१५२
साहिं० चरमे समयंमि
साहिं सव्वाहिं
ई डिवीािणं
~ 159 ~
६
४
१
४
६
19
७
७
७
७
19
३
२३ + | छोइया वेश्या चैव १५९ लोदियमुंडा
१८७ + ढोए० कालविभागं
३५९* लोएगदेसे ते सव्वे
३९५ छोएगदेखे ते सन्वे
३८+ लोएगदेसे छोए अ
१२९२* लोएवि असुगंधा
१७+ छोए बेए समए
५२ छोए संचारम्मि ब
५३७ लोगस्स एगदेसंमि
११४२* लोगस्स एगदेसंमि
१३५०* कोगस्सुजोअगरा
१३४९* लोगस्सुजोयगरे
१३+ लोगे अच्छेज भेजो
of
1
७
७
.७
६
३
99
10
我
३
३०+
३५४
१५५५*
१४४०
१५४६*
१३८४*
२६५
१७०१
८५
-१५३१
१५८९*
२०७२
१*
३१+
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[ल-कार + व-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं .
सूत्रावनु क्रमः
देखीए
१५७
4
॥७७॥
3.
दीप
७६५
ESSAGARLS
can
क्रमांक के लिए देखीए
| लोगे वेए समए ५ ४४+ वइसाहसुद्धएकारसी ३ ७३४ वच्छो भएण नासह लोगोवयारविणओ ५ ३१२ वएसु इंदियत्थेसु । ७ ११४१* वजरिसहसंघयणा लोणं वग अगणि
५८९ वकं तु पुव्वभणिों ५ ३६५ वरिसहसंघयणो लोणागडोदए एवं १६८ व वयणं च गिरा
२७२ वजंतऽवजमीरू लोभविजएणं भंते ! ८४ वक्खाणसमत्तीए
७१० वज्जेत्तु अणायतणं लोभाणुं वेअंतो ३ ११७ वक्खित्तपराहुत्ते
१२१० वजेमित्ति परिणओ लोभातिरेगगहिरं ४ ३०६+ वक्खित्त पराहुत्ते
५१५ बढे समचउरंसं होई लोयविरलुत्तमंग ६ २९२ बग्घस्स मए भीएणं
१२७ वडपुरगबंभवलयं लोयाणुग्गहकारिसु ६ ४४८ बग्यो वा सप्पो वा ७ १०३ वद्दुर हायइ छाया हैलोलइ महीऍ धूलिए ६ ४२२ वह हिंडह न करेमि ५१२ वदुई सुंडिआ तस्स
लोहस्सेस अणुप्फासे ५ २२७* वचंती छक्काया पमहए २४९+ वडत वायगवंसो लोहि णीहू य थीह य ७१४७१७ वचंते जो उ कमो कले० ३ २०८+ बढ़ते परिणामे बकारः
वचतेण य विहं ४ ३८४ वढेई तप्पसंग वइयाइ मखमाई ६ ३०९ विच्छगगोणी खुजा ३ १३३ वणसंडोव्व कुसुमिओ
2009
३४६
POORDAROGRAMGAONLOAD
१
३०
॥७७॥
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
३
१०१+
~160~
Page #161
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ व कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः
वणस्सइकाओ तिविहो वणस्सइकायमइगओ वणस्सई न हिंसंति
वणस्सई विहिंसंतो वणहत्थी अ कुमारं वणीमगस्स वा तस्स
वणे रामे पुरे मिक्खे वण्णओ जे भवे किण्हे वण्णओ जे भवे नीले वण्णओ पीअए जे उ वण्णओ लोहिए जे उ वण्णओ सुकिले जे उ वण्णरसंगंधफासे वण्ण रसगंधफासे
६
७
५
५
७
५
७
७
७
७
७
७
५
७
४३ वण्ड जहा विहिणा २९८* वण्णेण वासुदेवा
२४९ वत्तणालक्खणो कालो
२५०* वत्तणा संधणा चैव
३४७ वत्थगंधमलंकारं
१७१* वत्युंमि हृत्य मेवं
८८ वत्थूओ संकमणं १३९५* वत्थूओ संकमणं होइ १३९६७ वत्ये अप्पाणमि अ १३९८ वत्थे काम अ १३९७* बन्नओ गंधओ चैव १३९९* वन्नओ परिणया जे उ
२८७ वन्नवलरूव
२०२ वन्नरसगंधसंठाण ०
~ 161 ~
७
३
५
२
२
४
४
७
19
४
३
४५+ बन्नाइजुयावि वली ४०२ वयगंडथुलतणु ० १०७०* वयगुत्तयाए णं भंते ! ६९९ वयछक्कामंदियाणं च ७* वयछणं कायछ
९४* वयणविभत्तिअकुसलो
१३* वयणविभत्तीकुसलस्स
७२८ वयणविभत्तीकुसलो
१६१+ वयणविभत्ती पुर्ण
१५९+ वयमिकगसंजोगा
६
७
३
५
५
५
५
५
३
१३८८* वयसमणधम्म संजम
४
१३८९* वयसमाहारणयाए णं भंते! ७
५०० वयं च वितिं लम्भामो
५
२०५ + वरकणगतवि अगोरा
१९५
४१६
६८
+४४
२७०
२९२
२९१
२९३
२३
४० प्र०
२+
७१
४*
३७७
Page #162
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ७८ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
वरकणगतवियचंपग बरपदह मेरिझरि
वरवरिआ ०
बरवरिआ घोसिज्ज वरवारुणी व रसो
वरसुरहिमहसवणंमि वरं मे अप्पा दंतो बरिसंतो दस मासस्स विलय पव्वया कुणा नवगयमोदा समणा ववहरमाणस्स तहिं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ व कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
ववहारे नीइजुड़े अ
ववहारोऽविष्ठु बळवं बसभे अ इंदकेक
१
३
३
३
७
३
७
३
७
३
७
३
७
पुनः
३७ वसभे व इंदकेऊ
१०४ + बसहि कह विसिजिदिय ८४+ वसहि० चैव ग्राम मोतव्यो
२१९ बसहि निवेसण साही १३०५* वसहिफलं धम्मकहा ११०० बसही समणुष्णेसु
१६* वसुभूई घणमिचे
+ ३१ बसे गुरुकुले नियं
१४६८* वहणं वसथावराण होइ
३५६ बजे वहमाणस्स
४३३ बँका कीडक्खया
२०४ बंके बंकसमायारे
१२३ + बंतासी पुरिसो रायं !
२६५ बंतुधारसरिच्छे
~ 162 ~
३
३
३
३
४
३
७
५
19
४
10
७
६
२१०+ | बंदणणं भंते !
+२ बंदण चिह्न किकम्म
१३४२ बंदामि महाभागं
१३४१ बंदिज्यमाणा न समुकसंति
११४+ वाइया संगहिया चैव
१०६ वाडकाओ तिविहो
६४७ बाउकायमगओ
३४०* वाउंमि वायमाणे
४६४# बाएण हीरमाणम्मि
१०४५* बाए पराजिओ सो
७३६ बाओ बुद्धं च सीउन्हं
१३१६* वाघाए अण्ण
४७८* वाघारण नियत्तो
१९७ बाधाए वइओ सिं दिजइ
३
३
७
69
४
9
३
५
४
६
२४ १११४
८१
८६६
१०५७*
३८
२९७
२०९+
२३७*
१४०+
३२८*
१८४
४७८
१४६७
सूत्राधनुक्रमः
॥ ७८ ॥
Page #163
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[व-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
१५०५*
SISC++
१७+ ३१९+ १४८७
वाघाते तइओ सिंह वाडेसु व स्थान वाणारसिनयरीए वाणास्सीइ बहिया वाणारसी क कोठे वाणारसी य णयले वाणियगामाऽऽयाषण वायण पडिसुणणार वायणा पुच्छणा या जायणाए णे अंतो! वायनिसरगुहोक वायं विविहं समिव
कायाइ नमोकारो १४ नंद्यावायाईधाअर्ण
दीप क्रमांक के लिए देखीए
१ ६४१ वारण सर्णकुमासे . १९१५* वारिमझेडवगाहित्ता . १६६ वारेयबु उवाएण जइ वा ७ ९५०* वालुयपंथे तेणा
१४०४ वालुयाकवले चेष ३ १४०४ वावित्ति बारमाहुणा ३ ४९५ वासइ तो कि विग्कं ३ २४९ वासइन तणस्स कए • ११३१४ वासगसो अतिण्हं
३३ वासत्ताणावरिया ३ १६०९ वाससहस्सं बारस ७ ५०८ वासस्स य आगमणे
११३९ वाससहस्सं उम्। १५६५ वासहरा अणुजत्ता
७ ३ ४ ४ ३ ४ ३ .
५१९ वालाई वारसेव ३ +५१ वासाण कुमारतं ५ ७० वासासु नरिथ अगणी ३ ५०७ वासासु व तिणि दिसा ७ ६३७* वासासु व तिमि दिसा ५ ५१+ वासासु उब्भिण्णा - ५ १०३ वासी चंदणकप्पो जो ५ १०० वासुदेवो अणं भणई
८३ वासुदेवो०संसारसागरं ३. १४२७ वासोदयस्स व जहा ३ २३८ वासोवम्गहिओ पुण
८१+ चाहिओ वा अरोगी वा ७ ५२६ विइयमेयं कुरंगाणं
८८ विश्यमेयं कुरंगाणं
१६४५ ८०७
५७७ ७२७
'सवृत्तिक आगम
४५३
६
सुत्ताणि
~163~
Page #164
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[व-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
४ ३
सूत्रानुक्रम:
देखीए
नं.अ.आ.
ओ. द.पि. उ. ॥७९॥
१२२७ १२२८ १६
SCR-Mecci
दीप
विइयमेयं गजकुलाणं
विइयमेयं गयकुलाणं X विउला विमला मुहुमा
विकहा हसिउग्गाइय विक्वायमाणं पसढं
विगलिंदिएहिं जा सा & विगहाकसायसन्नाणं
विगिंच कम्मुणो हे |विच्छिन्ने दूरमोगाढे है विच्छुय सप्पे मूसग
विच्छय सप्पे मूसंग | विजदंमि सए काए | विजहित्तु पुव्वसंजोगं विजसुअस्स य गेहे
क्रमांक के लिए देखीए
४१९*
६ ८४ विजाए होअगारी ४ ४५५ विजापरणनएK ३ ९३७ विजा चरणं च तवो ४ १.० विजाण चक्कवट्टी
१३१* विजातवप्पभावं ३ १२९२ विजामतपरूवण ७ ११४०* बिजासिप्पमुवाओ . १०७* विज्झाउत्ति न दीसह ७ ९३८* विज्झायमुम्मुरिंगालमेव ३ १३७+ विणएण पट्ठवित्ता ७ १७३ विणएणं पविसित्ता ७ १५६०* विणए सुए अ तवे ७.२०९* विणओणएहिं . ३ १७३ विणओ पुब्बुदिहो
५९९ विणओवयारगुज्मगुरु० २ १०६४ विणओवयार माणस्स १९७ विणओ सासणे मूलं ९३२ विणयनयपवरमुणिवर० १ ४१२ विणयसुर्य च परीसह ४९४ विणयस्स समाहीए १९१ विणयंपि जो उवाएणं ५
विणियट्टणयाए णं भंते! . ५४९ वितहकरणे च तुरिअं. ४ ५२२ वितईपि तहा मुचि १४७* वित्तासेज़ हसेज व ३ ४५४* वित्ती उ सुवण्णस्सा ३ १३८ वित्ते अचोइए निचं २९ वित्तेण ताणं न लभे पमत्ते ७
C
१६२+
५
'सवृत्तिक आगम
५
॥ ७९
१३२७ ५८०
४४** ११९*
सुत्ताणि
७
*
~164~
Page #165
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
वित्थिष्णा खुइलिआ
वित्थिण्णे दूरमोगाडे विदंसएहिं जालेहिं
विद्वत्थाविद्वत्था विभूसं परिवज्जिज्जा
विभूसा इत्थिसंसग्गी विभूसावत्तिअं अं विभूसावत्तियं भिक्खू
विमलजिणा उप्पण्णो मितबुद्धि जणी विमलमणंत धम्मो
विमलमणतय धम्मं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ व कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
विमलीक यऽम्ह चक् विन्द्रयकरो अपुब्वो
४
४
७
५
७
५.
५
५
३
३
३
१
६
२
+
+
पुनः
२१८ विययपक्खी य बोद्धव्वा
७
३१५ बियरिज्जइ खज्जइ भुजई व ७
६६५* वियाणिया दुक्खविवर्ण
७
५८ + विरई अवंभचेरस्स
५१८* विरमाणस्स य इंदियत्था
३९१* विरयाविरई संवुडमसंबुडे
२७५* विवती अविणीअस्स
२७४* विवत्ती बंभचेरस्स
१३ प्र० विवायं च उदीरेह १०९७ विविध कम्मणो देवं ३७१ विवित्सलयणाई भइन १९* विवित्तसयणासणयाए ४९३ विवित्तसिज्जा सणजंति ० ६८* विविता अ भवे सिजा
~ 165~
७
७
३
५
५
७
७
७
७
७
५
१५६१ | विविहगुणतवोरए
३६८* विसएस अरजंतो
६९८* विसएस मणुन्नेसु
६२८# बिसघाइय पिसियासी
_१२६१* विसघाइरसायण
८६३ विसतिणिसवायबंजुल ०
४३६* विसप्पे सव्वओधारे
.
२६६* विसम पलोट्टण आया
५३८* विसमंमि समारोहइ
१७४* विसमा जइ होज तणा
७८०* विसमेसु य पव्वेसुं
४५ विसयसुहनि अत्ताणं
११६७३ विसयसुहेसु पसतं
३८७ विसरिसदंसण जुत्ता
५
७
५
५
५
७
४
३
३
४
३
५
६
४५७
६०९*
३९३*
२७४
३५३
२ प्र०
१३६४७
१७९+
|४३
१३३६
७३७
१०१२
१६६
१४७
Page #166
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ.
॥ ८० ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
विसं तु पीयं जह
बिसालिसेहिं सीलेहिं
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ व कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
विहगगई चलणगई विमागासं भण्णई
७
७
५
५
४
३
विद्या पडत्थवइया विहिगहियं विहिभुतं (विहि० तह गुरुहिं पा० ) ३ विहिपुच्छाएँ पवेसो विहिपुच्छाए सण्णी विटिबंधण धरणे
४
वीयभय देवदत्ता बीयरागवाए णं भंते !
वीरवरस्स भगवओ
वीरं अरिनेमिं
8
म
७
७
३
७४२* वीरं सुकझाणग्गिदङ्क ०
१०८ वीरिव धम्म समाही
१२१ वीरिय भावे य तहा
११९ वीरियविव्यणिड्डि
२२२ + वीरियस जोगवाए
१७०७ वीरो अरिनेमी १७०७ वीरो सिंगारो अच्भुओ ८२ वीसज्जिऊण आसं
५०+ वीसमंतो इमं चिंते
२९६ वीसमिऊण नियंठो
९४ वीसरसह रुअंते
५९ वीससकरणमणाई
४७१ वीसं उक्कोसपए २२१ वीलं तु सागराई
~ 166 ~
३
३
५
३
३
२
७
५
३
३
३
७
७
११ वीसा दो वाससया
+१३ बुडि सिगेहमप्पणी
७५२ बुद्धिं च हाणि च ससीव
२०२ वुडी वा हाणी वा
१६१० वुड्डोऽणुकंप णिज्जो
२२६ वेज अधीआ न भवंति
६३
संपाओ जहन्नु०
३९८
१५३* वेएल निज्जरापेही
१२४ वेकच्छिया उ पट्टो
२३१+ वेजे मेंठे तह इंदणा०
उब्वि वाउडे वातिए
१५४+ वेणइयस्सा [य]पढमया
८२ बेमाणिया उ जे देवा
१६०३* वैमायाहिं सिक्खाहिं
३
७
७
३
४
७
३
४
७
४
३
५
७
७
१३१+
३१७*
२७३
५९
६९+
४५२*
१६७+
७२३
८५*
३१८+
८४६
२०६
१५८१*
१९७*
सूत्राद्यनु
क्रमः
॥ ८० ॥
Page #167
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[व-कार + स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
AUSHA
४४४* ४८
४९८
१९०
दीप क्रमांक के लिए देखीए
वेवण यायचे वेयण क्यावचे हरिय० वेवण देवावचे वेयणियंपितु (य) दुषिहं वेयाणं च मुहं बूहि वेयाक्चगरी वा वेयावर्ष निवयं करेह क्यावचे अन्मुठियस्स वेवाक्ये भंते ! वेवावचे निउत्तेणं वेविय परिसाउणया क्समणवयणसंचोइया वेसालि भूयणंदो वेसालीए पडिम
५८१ टट्ठाई सुरभि
६६२ बेंटल पुट्ठो न याणे . १०२३* बोग्गह दंढियमादी • १२७३% वोच्छिण्णे उ बउसो • १५१% वोयाणेणं भंते ! ४ ३२१+ वोळिता ते व अन्ने वा १ ५३३ बोलीणे अणुलोमै ४ ५३८ वोसिद्गुमागवाणं
सकार: . १००१७ सइकाले घरे मिक्खू
५८२ सउणि चप्पय नागं ६८+ सओक्संता अममा ११८ सकम्मसेसेण पुराकरणं ४९४ सकया पायया चेव
३ ५४६ सकारो सम्मायो ४ ४२५ सक्छा सहेर्ड आसाइ ३ १४४१ सकीसाणा पढम
२९+ सको अवस्समक्खं ____४२ सो अ देवराया सभा०
१६४ सको वंसट्ठवणे ४ ४० सक्खं खुदीसेइ कोविसेसो.
सखुङ्गविअत्ताणं ५
सगरोऽवि सागरतं १६५७ सम्बनिबुट एवं ३ ७ १९९ सम्गाम परग्गामे सदेस०६ ५ २७७७ सग्गाम० सा वा सो वा ६ . ४४२७ सग्गामेऽवि य दुविहं . २ ५३ सचरित्त पच्छयावो
३९५* २१५*
STRA
१४४० ३३० ४२८ ३३३
'सवृत्तिक आगम
३
१०६०
सुत्ताणि
~167~
Page #168
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
सूत्रापा
नं.अ.आ.
ओ.
देखीए
४ ६ ३
४९६ २७७ २६३ ४८३ २७०
॥८१॥
दीप क्रमांक के लिए देखीए
६ ४ ४
४७३
ॐॐॐॐॐ
सञ्चप्पवायपुख्वा ५ सच्चसोअप्पगडा ७ सच्चा तहेव मोसा य ७ सच्चा तहेव मोसा य मण ५ सञ्चित्तपुढविकाए . सच्चित्तपुढविलितं सच्चित्तमक्खियमी सञ्चित्तमीसएसु ६ सञ्चित्तसिलाकोले ३ सचित्ते अचित्ते
६ सचित्ते अचित्ते मीसग ६ सञ्चित्ते अचित्ते मीसग ६ सञ्चित्ते० आइतिए पडिसेहो ६ सच्चित्ते पञ्चावण
.१७ सश्चित्ते पब्वावण ४१४० सज्ज च अग्गजीहाए ९४२* सज्जं रवद मऊरो ९४०* सजं रखइ मुअंगो ५४२ सज्जेण लहई वित्ति ३४९ सज्जे रिसहे गंधारे ५३६ सझमसझं कर्ज ५४० सज्झाएणं भंते ! +३३ सझायझाणतवओस० ६२७ सम्झायमचिंतता ५५८ सज्झायमचिंतता कणगं ५६३ सज्झायसज्झाणरयस्स ६०५ सज्झायसंजमतवे ५१ सज्झायं काऊणं
४ ३७० सझिलगा दो वणिया २ २६* सट्ठाण परहाणे दुविहं २. २८० सहि पणपण्ण वणे २ ३०* सरत केसर भायण,
३२* सडस्स थेवदिवसेसु ___ २५* सढेसु चरिअकामो - ६ २६२ सट्टोव अन्नरंभण
३२ सर्णकुमारो मणुस्सिदो ३ १६०१ सण्णाणनाणोवगए ३ १४७० सति लाभे पुण दव्ये ४ ६४५ सत्तण्हं पयडीणं. ५ ३९७* सत्त पाणूणि से थोवे ५ .३६८ सत्तरस विहाणाई मरणे ४ ६६४ सत्तरस सागराइं
. ४
'सवृत्तिक आगम
२ १०५% ७ २१४ ७ १६००*
सुत्ताणि
~168~
Page #169
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
सत्तरससागराऊ
सत्तवहवेहवंधण ०. सत्तविभागेण करं
सत्त सरा तओ गामा
सच सरा नाभीओ
सत्तसहस्सानंतर ०
सतसु परिमियसत्ता
सत्तस्स अप्पमाणे
सत्तावद्दले पुव्वसंगई सतुत्तरं सवाई सत्तू अ इइ के बुत्ते
सवेगद्वाणस्स उ
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ स कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
सत्तेया विट्ठीओ
सत्तेब सहस्साई
७
३
४
२
२
३
३
६
४
३
७
३
३
७
पुनः
१५३७* सत्तेव सागराऊ
।१९ सत्यग्गहणं विसभक्खणं
४९० सत्यपरिण्णा लोगो ५६७ सत्यं जहा परमतिक्खं ४४* सत्थाहसुओ दक्खत्तणेण ३१० सत्थेण सुतिक्खेणवि २१८+ सदेवगंधव्यमणुस्स ०
५२५ सहरसरूवगंधा
२३९ + सहस्स सोयं गहणं
४२प्र० सहहण जाणणा खलु
८६८* सधवार उज्जोओ
१६९६ सहाइएस संगं
७८६ सद्दाइएस साहू
१४६१* सहाइविसयगिद्धो
~ 169 ~
७
७
३
७
५
२
७
५
ف
३
७
३
६
१५३५* | सहाइविसयसाहण०
१६३९* सहाणुगासाणु ०
+ ४६ सहाणुवारण परिग्गद्देण
७१८* सद्दाणुवारण ०
१९२ सहा विविहा भवंति छोए
१००* सहे अतिचे०
४८* सद्दे रुवे व गंधे य
१६४ सद्दे विरतो०
११९१* सद्देसु अरूबेसु अ
७५३ सद्देसु जो गेहिमुबेइ
१०७२* सद्धं णगरिं किया
१५२३ |सद्धाभंगोऽणुग्गाहियंमि २२४ सन्नागमण वियड ० ११७ सन्नातो आगतो चरम
.
७
७
७
७
७
७
|२२
११९५**
११९६*
१२००*
५०७*
११९७*
५१९*
७ १२०२
५
२९७
७
११९२*
७
४
७
४
२४७*
११९+
१०९
६२७
Page #170
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
ओ. | द.पि. उ.
सूत्राधनुक्रमः
देखीए
७ ६
३८८
॥८२॥
दीप क्रमांक के लिए देखीए
सन्नासिद्धिं पप्पा | सन्निहियाण वडारो सन्निहियाण बडारो सन्निहिं च न कुन्विज्जा सपडिकमणो धम्मो स पुज्जसत्थे सुविनीयसं० स पुष्वमेवं ण लभेज | सप्पं च तरुवरंमी सप्पं सवणे जणणी सप्पोऽवि अ कुललेणं सप्पोऽवि कुललवस० सम्भावनिश्विगार सब्भावपञ्चक्खाणेणं सभए वासत्तार्ण
५ १२३ समएवि संतई पप्प ३ १४८१ समकडगाओ अडवी ४ ६५६ समणकडाहाकम्म
१७५* समणऽणुकंपनिमित्त १२५८ समणपवेसि निसीहि
४७* समणस्स उ निक्खेवो ७ १२३७ समणं माहणं वावि
७५+ समणं वंदिज मेहावी ११०२ समणं समणि सावग० ४६९ समणं संजयं दंतं ४७० समणं संजय दंतं ८१% समणं संजयं दंतं ५५ समणाणं सउणाणं ३१ समणा तिदंडविरया
१३८२४ समणा मु एगे वदमाणा ३४३ समणुण्णेसु पवेसो २६९ समणे चउकनिक्खेव०७ १११ समणेण कहेयन्वा ।
७७ समणेणं सावएण य २ १५५ समणे माहणि किवणे ६ १६९* समणो अहं संजउ बंभयारी ७ १११८ समणो उ वणिव्य भगं. ३ ४३३ समणोऽसि संजओ असि ७
८६+ समभावंमि ठियप्पा ३ ११०+ समभूमेऽवि अइभरो ७५* समयाए समणो होइ १७३ समयावलिअमुहुत्ता ३५३ समयावलिअमुहुत्ता
५ ३ ४
३
३* ४४३ ३६७* १५०२ १४० १६०० २४०+ ९७८
'सवृत्तिक आगम
४ ७
॥८२n
४
३
सुत्ताणि
२००+
~170~
Page #171
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
३
७
८५६
दीप क्रमांक के लिए देखीए
*ON
समयावलिय मुहत्ता समया सम्मत्त पसरथ समया सव्वभूएसुं. समयो बेयालीयं समरेसु अगारेसु समवाइ असमबाई समवाओ गोहीणं समहिंदा कष्पसुग समं असमं चेवर समं च संपवं थीहिं समाइ पेहाइ परिव्ययंतो १ समागया बहू वस्थ समावग्णाण संसारे समावयंता क्यणाभि०
६६३ समाहीइ चउके वव्वं ७ ३८४ सम्मत्तचरणसहिया ३ १०४५ समिइओ जनाइजं
१६ सम्मत्त० सणसंजय ३ ६२५० समिईहिं मझ सुमाहि० ७ ३७५% सम्मत्तदेसविरया पडिवना ३ +१२ समिक्ख पंडिए तम्हा ७ १६१% सम्मत्तदेसविरया ३ २६ समुआणं चरे भिक्खू ५ १८४* सम्मत्त पलियस्स असंख० ३ ७१८ समुट्ठाण वायणालद्विओ ३ ८८९ सम्मत्तमप्पमाओ
२०+ समुद्दगंभीरसमा दुरासया ७ ३५७* सम्मत्तसुयं सव्वासु ११९+ समुरपालिमाऊ
. ४३० सम्मत्तस्स० सेसाण ५२ समुद्देण पालिअमि . ४२९ सम्मत्तं अचरित्तस्स ११२ समुयाणं उंछमेसिज्जा . १३६८* सम्मदसणवरवइर० १ ९ समुवट्टियं तहिं संतं ७ ९५३ सम्मईसणविट्ठो नाणेण ३ ८५०* समुसरण भत्त उग्गह ३ ३६२ सम्मईसणरत्ता
७ ९६० समोयारो खलु दुविहो
७२ सम्मदिहि अमोहो सोही ३ ५४६* समोसरणे केवइया ३ ५४३ सम्महिही उ सुमि ५
८४९ ११७४
१२* ९१० १६३०* ८६१. २८२
'सवृत्तिक आगम
७ • ५
सुत्ताणि
~ 171~
Page #172
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
७ ५
सत्राचनक्रमम
.
देखीए
4
॥८३॥
दीप
३ ३ ७
।
क्रमांक के लिए देखीए
= 545455
सम्मरिद्री जीवो सम्मदिही सया अमूढे सम्ममसम्मा किरिया सम्मसुआणं लंभो . सम्मसुयअगारीणं सम्मं धम्म वियाणित्ता सयणासण ठाणे वा सयणासयण्णपाणे सयणासणपाणभोयणं सयणासणवत्थं वा सयभिसया भरणीओ सयमेव उ उग्गह जायणे सयमेवष्णुपालणियं सयमेव विद्वपाढी
१६३ सयमेव य लुक्ख लो० ४६७* सयमेवालोएउं ४ ४४० सयमेवालोएवं ८०७ सयसाहस्सा गंथा ८५४ सयं गेहं परिचज ४९०* सयं च जइ मुंचिज्जा ११३३% सरागे वीयरागे वा १५९५ सरीरपचक्खाणेणं ५०४* सरीरमाहु नावत्ति १८७* सरीरे उपकरणे वा १३३२ सललिय विल्ललगई
+४० सह कामा विसं कामा: १६८० सवकसुद्धिं समुपेहिया ७५ सवलयघणतणुवाया
१३७ सवलयघणवणुवाया
४६१ सवियारमत्थर्वजण ६ ५१८ सविसयबलवत्तं पुण ३ ८७६ सवगयं सम्मत् सुए
५४४* सब्वगुणसंपन्नयाए णं ७ ७३०* सब्बग्गहोभयाणं ७ १३२३* सव्वजीवाण कम्मं तु
५२ सव्वजीवहिं सुर्य ९०४* सम्बट्ठसिद्धगा चेव
८+ सब्वत्थ अविसमत्तं
१२७१ सञ्चत्य संजमं संजमाउ ७ २८०* सव्वत्थुवहिणा बुद्धा ५ ३३२ सम्वन्नुवविद्वत्ता ४ ३६१ सम्बप्पमायरहिया
४
५ ३ ३ ३ ४
'सवृत्तिक आगम
॥ ८३॥
सुत्ताणि
~ 172~
Page #173
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
२३३ ७०६
३४+ २१९ ५७४*
११८+
दीप क्रमांक के लिए देखीए
सब्बबहुअगणिजीवा १ ४९ सब जग जइ तुई ७ ४७९ सब्वे एए दारा मरणविभत्तीइ ७ सब्बबहुअगणिजीवा ३ ३१ सव्वं तओ जाणइ पासई ७ १२६४* सब्बे काउस्सगं . ३ सब्वभवेसु असाया
६७४* सव्वति भाणिऊणं ३ २१% सव्वे जहकमेणं सम्वभिचार हेतुं
.६८ सव्वंति भाणिऊणं ३ ८०० सव्वे जीवावि इच्छंति ५ सम्वभूयप्पभूअस्स ४०* सव्वं पाणइवायं
१२८४ सव्वेते विइया मज्झं। सम्वमिणं चहऊणं ७ ४०२ सबंपि न घेत्तव्वं ४ ८३ सव्वे दुई उग्गाहिएण ४ | सब्वमेअं वहस्सामि ५ ३२१० सव्वं विलवियं गीर्य ७ ४२१७ सम्वे भवत्यजीवा मरति . सब्बमेयमणाइन्नं ५ २६० सर्व सुचिणं सफल नराणं ७ ४१५* सब्वे य माहणा जचा ३ सव्वलोए अरिहंतचेझ्याण ३ .२८ सव्वाउअपि सोया ३ ५७९ सब्वे वा हिंडता वसहिं ४ सव्वविहीसु अ कुसला ३ १०९५ सव्वाओऽवि गईओ ३ ११७३ सम्वेऽवि अ अइयारा ३ | सब्बसुरा जइ रूवं ३ ५६९ सव्वा ओसहजुत्ती
४४ सव्वेऽवि एगदूसेण सव्वं असणं सर्व
१६७३ सव्वावि अ सा दुविहा ५ २८० सम्वेऽपि एगवण्णा सव्वं गंथं कलहं च ७ २११७ सब्बासु वट्टमाणा मुणओ ३ ४० सव्वेऽवि गया मुक्खं ३ | सव्वं च देसविरति ३ ५६४ सब्बुक्कसं परग्धं वा ५ ३२० सम्वेऽवि दग्वजोगा ३
२२८ ६५७
ॐA4%92%+5-54-645464
%
%
'सवृत्तिक आगम
२२७ ३९१
%
सुत्ताणि
९३४
%
~ 173~
Page #174
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ स कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
मुनि दीपरत्नसागरेण
पुनः
नं. अ. आ. सब्बैवि पजामे ओ. सब्वेऽवि सर्वबुद्धा
३
४ ६६१ सन्बोऽविय आहारो ३ २१२ सब्बोसही व्हविभो
३
१६६१
द. पि. उ. सव्वेसि चैव कम्माणं 9 १२८३ ससरक्खपाओ सुअई
४ २०७
६
॥ ८४ ॥
५१२ ५ ३१४*
LEAT
सम्बेसिपि जिणाणं सम्बेसिपि नयाणं सब्वेसिंपि नयाणं सब्वैसिपि नवाणं सव्वैसिपि नयाणं सब्वेसुबि संठाणेसु सोहिंपि जिणेहिं
१६८५ कि मक्खिय निक्खित ६ ५२० ७ ७९१* संकेवं चैव अाए ७ ५४०* संकोए संडासं उत्तंते +२० संखडिकरणे काया ४ ४८८ संखडिं संखटिं बूया २ ३४४ संखमसंखमणता ६ २१५ संखंककुंदसंकासा ४ ८०० संखंककुंदसंकासा
4 ३३३ ससरक्खपाणिपाए १०६६ ससिणिर्द्धपि य सिविहं २ १४१* सह मरुदेवाइ निम्गओ २ १७१९ सहस पट्टा दिठ्ठा ५ १५२ सहसा अण्णाणेण व ८२१ सहसा कालगयंमी ३ ३३१ सहायपञ्चक्खाणेगं भंते !
७
३
सम्बेहि भूपहिं दयानुकंपी ७ ७७१* संकाइदोसरहिओ
३ ६
सम्बोबंग रणमाया ०
३ १३२४ संखाईआओ खलु ७ ५३ संखाईएऽवि भवे ३ ३२ संखाईयाणि उकंडगाणि ६ ५२१ संखिजकालमुकोसा ४. ६०२ संखिज० चढरिदियकाय० ७ १५२५* २५६ संखिल० तेईदियकाय ० ७ १५१५*
४
७
१५०६*
२२७+ संकाए चडभंगो ४ ३६४ संकाए स नियो
सो वsतकाओ सवोऽऽणतकाओ सचितो ६
६ ४४ संकामे कम्मं सिद्धं
~ 174 ~
२३० ७ १३००*
१४३४*
२५ ५९०
२९+
सूत्राधनुक्रमः
॥ ८४ ॥
Page #175
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
४
सूत्राक यहां देखीए
३ . १
-१५५+ १६३+
SECRECCASSACCAX
३२४ १८६+
५५७
दीप क्रमांक के लिए देखीए
संखिल्ज मणोदब्वे संखिजमसंखिजो संखिजमि उ काले संखिज्जमि उ काले | संखिजाऊ चउरो संखेजजोषणा खलु |संखेवपिंडियत्यो संखो लिणिसागुरुचंद संगमथेराबरिओ संगहकाओ गावि संगहिअपिंडिअत्थं संगहियपिंडियत्वं संगाणं च परिणोपाय० संगाम अस्थि भेओ
४२ संगार बीय वसही .६७ संगारो नाम रसो - ५३* संगारो रायणिए
३५ संगो एस मणुस्साणं ८१९ संघट्टइत्ता कारणं ५२ संघयणरूवसंठाण ७२ संघयणं संठागं २५७ संघाडएणऽगहणे १९८९ संघाङगरायणिओ १५३९ संघाडगसंजोगो १३७७ संघाडेगो ठबणाकुलेसु ७५३ संघायणपरिसाढणउभयं १३७५ संघायणपरिसाडो ५५ संघायणा य परिसाड०
१७७ संघायभेअतदुभय. ६६ संघायमेगसमयं २२+ संधुदिई सोउं ६४* संचरकुंधुदेहिअळ्या०४ ४३३* संचारगा चउदिसि | ५७१ संचारिमा य चुल्ली १६० संजओ अहमस्सीति २१९+ संजओ चइडं रज २२३+ संजओ नाम नामेणं २१७ संजमायविराहण १३७+ संजमओ छकाया १९२ संजमघाउववाए १६८+ संजमजंकिंचि १९४ संजमजोए अब्भुहियस्स ३
. ३
333 sur. urry 900,
T
१
. ७
६
'सवृत्तिक आगम
१४२० ६८२
१५नंग-
.
-
६८१
सुत्ताणि
~175~
Page #176
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
साहित्य
प्रत
सूत्राक
सूत्रावनु
क्रमः
A
देखीए
नं.अ.आ. द.पि.उ. ॥८५॥
३ ७ ६.
दीप क्रमांक के लिए देखीए
संजमजोएमु सया संजमजोगविसन्ना संजमठाणाणं कंडगाण संजमतवतुंबारयस्स संजमहेउं देहो
संजमहेउं लेवो * संजमेणं भंते!
संजमे सुद्विअप्पाणं
संजयगिहितदुभय * संजयनाम गोयं
संजयभदा तेणा | संजयमणुएहिं जा सा |संजयवेमाणित्थी संजलणकोहणो
093
११८२ संजाणतो भणई २१७ संजायलित्तभत्ते ९९ संजुत्तगसंजोगो ५* संजोगसिद्धीइ फलं ४८ संजोगाण दसहं ४०५ संजोगा विष्पमुक्कस्स ४. संजोगा विप्पमुक्छस्स १७* संजोगे निक्खेवो १७+ संजोयणा उ भावे ३९३ संज्ञासु दोसु सूरो ३७५ संठाणओ भवे तंसे १२९५ संठाणओ भवे वट्टे ११६+ संठाणओ य चउरसे +१९ संठाणपरिणया जे छ
- ४४० संठियंमि भवे लाभो ४ ६८८ ६ २४६ संडसपाणसबीओ ३ +२७ ७ ३१ संडास पमजिता
१५५+ १०२ संतई० अणाईया०ठिई १५६२*
४१५० संतई०अपज्जव०पडुन १५१३* ७ १% संतई० अपज्जव०पडुच्च ७ १५७१*
३२७* संतई०अपज्जवसियावि १४८५
३. संतई० अपज्जवसियावि ६ ६३९ संतई० अपज्जवसियावि० . १५२३* ३ १५३८ संतई० अपज्जवसियावि १५९०* ७ १४१७७ संतई०ठिई पडुच साईया . १४५२* ५ १४१६* संतई०ठिई०सपज्जव०७ १५४७* ७ १४१८* संतई०पडुच्च साईया . १५३२%* ७ १३९४* संतई पप्प०ठिई
१५०४%
१४६०%23
॥८५॥
'सवृत्तिक आगम
६ ३ ३ ३
सुत्ताणि
~176~
Page #177
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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
संतई पप्पऽणाईआ
संतई पप्प तेऽणाई
संतई० सपज्जवसियाचि
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ स कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
संतई० साइया० अपज्जव ० संतपय० जाव अप्पावर्ड
संतपय परूवणय० संतपय परूवणय० चेव संतपयपरूवणय ० नत्थि | संतपयपरूवणय ० नत्थि संतपयपरूवणया संतपयपरूवणया दुब्व० संतपय पडिवन्ने
संता तित्थवरगुणा
संति एगेहि भिक्खुहिं
७
७
७
७
२
२
२
२
२
३
३
३
३
७
१४७४* संतिमे य दुबे ठाणा १३८५* संतिमे सुहुमा पाणा १४९४ संतिमे सुडुमा पाणा
१५५६* संतिस्स कुमारतं
१५* संती कुंथू अ अरो
८* संती कुंथू अ अरो
१०* संते आउयकम्मे
९# संघरे सव्वमुज्झति
११* संथारगभूमितिगं
१३ संधारग्गहणाए
८९५ संधारपाय दंडग
८९६ संधारपाय दंडग खोमिय
११४४ संथारसिज्जासणभत्त०
१४७* संथारं फळगं पीढं
~177~
७
५
५
३
३
३
५
६
४
४
४
६
५
یا
१२९* | संथारुत्तरचोलग
२३२* संथारुत्तरपट्टो अड्डाइ०
२७०* संदिट्ठा संलिहिडं
२९२ संदिट्टो संदिट्ठस्स चैव
२२३
संदिस्त जो सुगइ
४१७ संदीणमसंदीणो संधि०
७+ संनाइपिंड जेमेइ
४००
२०३
संनिहिं च न कुब्बजा
संनिही गिहिमत्ते य
संपनलिया घोरा
२०४
३६५ संपत्ते भिक्खकारंमि
४६ संपयममुत्तदारं
६
४
४
३
७
७
५
५
७
५
S+
७२४
५८६
७००
२३६
२०७
५४५
३५८*
१९*
८८१*
६०*
४०+
५
४४३* संपाइमतसपाणा
४
७१६
५३३* संपातिमरयरेणूपमजण ४ ७१३
Page #178
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक यहां देखीए
७ ३
१४९२%3 १८८
सूत्राधनुक्रमः
दीप
१५* । ९६ १५६२
क्रमांक के लिए देखीए
नं.अ.आ.IN
संबंधणसंजोगे खिचा. ७ ६३ समुच्छिमपुव्वकोडी २ १११% संवगवाए य
संबंधणसंजोगो ७ ४६ समुच्छिमाण एसेब ___७ १५७०* संवमेह आर्यसगा पि.उ. संबंधणसंजोगो कसाय० ७ ६१ संयम सुय पडिसेवण
१७+ संवरकयनिच्छिदं संबंधणसंजोगो संसारा. ६२ संयोयणाए दोसो
६३८ संवरवरजलपगलिया 18 संयुद्धो सो तहिं भयवं ७६८* संरंभ० कार्य पबत्तमाणं ९४५* संवरविणिज्जराओ
संबुद्धो सो भववं ७ ४४१ सरंभ० वयं पवत्तमाण०७ ९४३% संवरियासवदारा . संबोहण परिचाए ३ २०९ सरंभ समारंभे
९४१* संवासो उ पसिद्धो संभावणेऽविसहो
४०+ संवच्छरवारसएण' ४ १५+ संविग्गअण्णसंभोश्याण संमिण्णं पासंतो १२७ संवच्छरमुकोसं
३ १५६५ संविग्गमणुण्णाए संभोगपश्चक्खाणं ४७ संबच्छरं वाऽवि पर
५१०* संविमामसंविग्गा संमत्तस्स सुयस्स य ३ ८११ संवच्छरेण धू
. ३४+ संविग्ग संनि भग संमचं चेव मिच्छत्तं ७ १२७* संवच्छरेण
८१+ संविग्गसंनिभग संमद्दमाणी पाणाणि ५ ८८७ संवच्छरेण भिक्खा ३ ३१९ संविग्गेसु पवेसो संमद्दमाणे पाणाणि ७ ५३२४ संवच्छरेण होही. ३ २१६ संवेगजणिअहासो
595-%ASS
३
२४८+ ९६+
'सवृत्तिक आगम
१०४
सुत्ताणि
~178~
Page #179
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
. ५ ४
६
देखीए
१२८
५८७*
*
६ ५
५३८ संसारपडिकमर्ण ९५ संसारपारगमणे
*
OCOCOCCCCCC
E
दीप क्रमांक के लिए देखीए
-56452%92%
१६११
**
संवेगेणं भंते ! जीवे किं ४ संवेगो निब्वेओ
संसज्जड धुवमेअं
संसज्जिमम्मि देसे ६ संसजिमेहिं वजं
संसट्टेण य हत्येण संसट्टेयरहत्यो संसत्तग्गणी पुण संसत्तभचपाणे मचग संसत्तभत्तपाणेसु संसत्तमसंसत्ता संसत्तं तत्तो चित्र संसत्तेण य व्वेण संसयं खलु सो कुणइ
१५ संसरिअ थावरो ३ ४४३ सा उ अविसेसियं ३५० संसारस्था०वसा यथावरा ७१४४१ सार्ड पजतं आवरेण २५९+ संसारत्था य सिद्धाय
१४२१७ साएए पुंडरीए ५९३ संसारत्था य सिद्धाय १६२० सागरतं जहित्वा गं
सागरा अउणतीसं तु
सागरा अडवीसंतु BRससारपारगमणे
सागरा अहवीस तु संसारमावन्न परस्स अट्ठा ७ ११८७ सागरा इकतीसंतु
संसारसागराओ३ २३१+
सागरा इकवीस तु संसाराअडवीए मिच्छत्त ३ ९०९ सागराणि य सत्तेव
संसाराभो आलोयणा उ ५ ४३+ सागरा सत्तवीस तु ५०५ संसोधण संसमणं ६ ४५९ सागय साहिया दुन्नि ५७६ संहिया य पदं चेवर १३५७ सागरा साहिया सत्त २५३४ सा इह पुब्वाणुपुव्वी . ३५+ सागरोवममेगं तु
१६१४
*
tee
66
*
१५९६*
*
'सवृत्तिक आगम
9.99
७ १५९५* ७ १५९७* ७ १५३३*
4515645
सुत्ताणि
~179~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
३
३
२०*
ओ."
वाचनक्रमः
देखीए
द.पि.उ. ॥ ८७॥
६ ३ ४
दीप क्रमांक के लिए देखीए
सागारमणागारा सागारं संवरणं सागारिअ पुच्छ गमणं सागारि मंख छंदण सागारियाइकणं सागारि वणिम सुणए सागेए चंडवहिंसयस्स सागेयम्मि महाबल सा चंडवायवीचीपणुल्लिया साणं सूइ गाविं साणा गोणा इयरे साणीपावारपिहि सादी सपज्जवसिओ साधारणं बहूर्ण
६५ सा नबहा दुह
५ ३८ सा पव्वइया संती १६७ सा पुण जायमजाया ३१० सा पुण सदहणा जाणणा १४४६ साफल्लदारमहुणा ४३७ साभाविय तिन्नि दिणा ३ ३३१ सामिग्गहा य निरमि० ३ १३९४ सामण्णपुश्वगस्स उ ५ ८३५ सामत्थणरायसुए
७१% सामन्नमणुचरंतस्स
४२३ सामं समं च सम्म ___७७* सामाइअमाईअं ३
७३२ सामाइअं करेमी ३ ५९४ सामाइ नाम सावज० ३
२४३ सामाइअंमि उ कए ८१४७ सामाइएणं भंते! . ५९५ सामाइय अणुकमओ १६८२ सामाइयऽत्थ पढमं ५५+ सामाइयनिजुत्त बुच्छं १४३० सामाइयमाईयं १६५४ सामाइयं च तिविहं १५४ सामाइयं च पढ़मं १२१ सामाइयंमि उ कए ३०३ सामाइयं समइयं १०४२ सामाइयाइया वा ३७+ सामाणिअदेविडि १०५७ सामायारिमगीए ४६ सामायारिं पवक्खामि
www.
00
'सवृत्तिक आगम
३ ६
सुत्ताणि
~180~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
४
देखीए
६
५ ४
दीप क्रमांक के लिए देखीए
सामायारी आहे सामिसं कुललं दिस्सा सामी चारभडा वा |साय सयं गोसऽद्धं सायं संमत्त पुमं हास सारक्खिया गिलाणा सारवणं साहल्लय सारस्सयमाइचा. सारस्सयमाइचा सारीर माणसा चेव सारीरमाणसे दुक्खे सारीरंपि य दुविहं सालवणो पडतो सालीओअणहत्वं
३
ॐॐACARS
१२+ सालीघयगुलगोरस ६ १८० सावत्थीइ कुमारो भद्दो ४८६ सालीमाई अबडे फलाइ ६ १६१ सावत्थी उसमपुरं ३७१ सालु वा विरालिअं ५ १७७* सावत्थी जियसत्तू १६२७ सावग जइ वीसऽभिग्गह ६ १५५ सावत्थी सिरिभद्दा १४४ सावगजणमहुअरि०
८ सावयगुम्मिअगहणा १३०+ सावगमज्जा सत्तवइए ३ १३४ सावय तेणा दुविहा
७४ सावज उवउत्तो जयमाणो ३ १४९x सावयधम्मस्स विहिं ८६ सावजगंधमुक्का ७४२८ सा सगडतित्तिरी २१४
२४२ सासणि विगयमोहाणं ६४५* सावजजोगपरिवजणट्ठा ३ ७९९ सा समा० जाणिआ ९११ सावजजोगविरई
६ साहहु निक्खिवित्ताणं १४४६ सावजजोगविरई २ १२३* साहम्मऽभिग्गहेणं नो पव. ६ १९८४ सावजमणायत्तर्ण ४ ७६४ साहम्मिअपुरिसासइ ४ १९८ सावज०सामाइअमाईए ३ १०६३ सा हवइ सव्वधत्ता ३
७
'सवृत्तिक आगम
३ ६
सुत्ताणि
~181~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक यहां देखीए
सूत्राधनुक्रमः
१०१६ १०१४ १०१५ ३४९ १४१* १९०*
दीप
नं.अ.आ.४ साहयो तो चिअत्रेणं ५ १५४ साहु गोयम ! पन्ना ते ८५९ साहूण नमोकारो एवं ३
ओ. साहति अपिअधम्मा से ४ १३५+ साहु छिन्नो अन्नोऽवि . ८८५* साहूण नमोकारो जीवं ३ द.पि. उ. साहारण ओसरणे ३ ५५४ साहु छिन्नो मे संसओ ७ ८६५* साहूण नमोकारो धनाण
साहारणमपज पा८८॥
३ १२३ साहु०तं मे कहसु गोयमा ७ ८७५७ साहू लूहे नहा ५ साहारणसरीराज . १४६९ साहु०पन्नातं मे ७ ९०५* सिआ अ गोयरग्गगओ साहारणासवत्ते तदुवओगे ३ ५७८ साहु०पन्ना ते छिन्ने मे .. ९१६* सिआ एगइओ लर्बु साहीपसव्वमंतो ९३३ साहु०संसओ इमो
८९५* सिआ य भिक्खू इच्छिज्जा ५ साही पुरोहडे वा ४ ६९३ साहु०संसओ०मझ
९१० सिआ य समणवाए ५ साहीयं सागरं इथं
१५९१७ साहु०संसओ ममं तं १००* सिआ० विविहं पाणभोअणं ५ साहु०अन्नोऽवि०
७ ८८० साहुस्स दरिसणे वस्स ६०७* सिआ हु सीसेण गिरिपि ५ साहु० अन्नोऽवि संसओ . ८७०* साहुं तिगिच्छिऊणं ३ १७५ सिआ हु से पाक्य नो डहिजा ५ साहुकारपुरोग
७४ साई संवासेइ अ ७ २८९ सिइअवणण पडिलाभण सामुगुणेसणकहणं २९७ साहू अकम्मधम्माउ ३ +५४ सिउंबर जंघाए
३ साहु गोयम ! तं मे कहसु. ८९०७ साहूण नमुकारो सम्ब० ३ १०१७ सिओ उसिणो साहारणो ६
-54500-5
क्रमांक के लिए देखीए
९९* १९२%* ४०७* ४.५*
'सवृत्तिक आगम
॥८८
१०८३
६५१
सुत्ताणि
~182~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
४ सिक्खगअसिक्खगाणं५ ५७ सिद्धत्यवणं च जहा ३ १०२+ सिद्धिगइमुवगयाण
सिक्खा दुषिहा गाहा ३ १९० सिद्धस्स सुहो रासी ३ ९८२ सिद्धिवसहिमुवगया सिक्खावए अ लिंगे अ . ४५४ सिद्धं जीवस्स अस्थित्तं ५ २५+ सिद्धी य देवलोगो सुकुलु. ५ | सिक्खिऊण मिक्खेसण.५ १०९ सिद्धाइ गुणजोगेसु - ११५४६ सिद्धे नमंसिऊणं संसारथा ३ सिग्षयरं आगमण ४ १४४+ सिद्धाणऽणतभागे . १२९०* सिद्धे भो पयओ णमो ३ सिजंसबंभवत्ते
३२७ सिद्धाण नमुकारो एवं ३ ९९१ सियविय पोलासाढे सिज्जा वढा पाउरणं च अस्थि ५२८% सिद्धाण नमुक्कारो धन्नाण ३ ९९० सिरिगुत्तेणऽवि सिजावरपिंडं च
२१७ सिद्धाण नमो किया ६९९* सिंगक्खोडे कलहो सिझंतस्सुक्यार
२५१ सिद्धाण नमोकारो जीवं ३ ९८९ सिंगाररसुत्तइया सिट्ठसि सहू पढिणीयनि० ४ ७८ सिद्धाण विइ होइ मंगलं ३ ९९२ सिंगी सिही विसाणी |सिणाणं अदुवा कर्क ५ २७२७ सिद्धाणमसिद्धाण
५५८ सिंघाडगतिगचउक सिणेहं पुप्फसुहुमं ५ ३४९ सिद्धाणं.
३ ३० सिंघाडय० सिद्धत्तिअ बुद्धत्ति अ ३ ९८७ सिद्धाण बुद्धाणं ३ १४* सिंहगिरि भडगुत्ते सिद्धत्यपुरे तेणेति ३ ५११ सिद्धाणं संथवं किच्चा ७ १०३३* सीअलजिणाउ भवन
दीप क्रमांक के लिए देखीए
CCCCC
3m
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
वर
~183~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
४१८ । ९७+
सूत्राबनक्रमः
देखीए
॥८९॥
दीप क्रमांक के लिए देखीए
15555
सीआइ मज्झयारे ३ सीआलं भंगसयं ३ सीआ साडी दीहंच १ सीआ साडी दीहं च तणं ३ सीउण्हखारखते ४ सीउण्हखारखत्ते सीउण्हखारखत्ते
६
६ सीए दवस्स एगो ६ सीओदगसमारम्भ सीओदगं न सेविजा सीओसिणा दंसमसग य . सीमंधरो व राया | सीयललुक्खाऽणुचियं ३
९४+ सीयले खुड्डए कण्हे १०५६ सीया उण्हा य निद्धा य ६८० सीयाणे जं दि8 तं तं ९४५ सीयायवाइएहि य । ३४१ सीवन्निसरिसमोदग० ३४७ सीवन्निसरिसमोयग० १३ सीसमुरोअर पिट्टी २२ सीसमुरोयर पिट्ठी ६५२ सीसं उरो य उदरं २६०* सीसावेढेण वेदिता ३४० सीसुकंपियमूई ७७६* सीसे जइ आमंतह ३७२ सीसेण एवं सरणं उवेह १९९८ सीसो पढमपवेसे
३ १११० सीहत्ता निक्खमिउं
७ ७ १३९३* सीहासणे निसण्णो ३ २२६+ सुअणोसुअ सुभ ३ ।१०४ सुअधम्मे पुण तिबिहा ५ ४ ४५२ सुअनाणमि अभत्ती ३
८१ सुअनाणमिवि जीवो ३ १६०+ सुअसुत्तगंथसिद्धत०२ ७ १८९ सुअस्स भगवओ करेमि ३ ७ १५२ सुअं०इह खलु सम्मत्चपर०७ ३ +५२ सुअं०चत्तारि विणयसमाह्० ५ ३ १६४४ सुझं मे०इह खलु०बंभ० ७ ४ १३५ सुअं वा जइ वा दिदं ५ ७ ३८६* सुआणि मे पंच महब्बयाणि ७ ३ १२४० सुइभद्दगदित्ताई
'सवृत्तिक आगम
२ ४
IN||८९॥ ३५५** ६१०
सुत्ताणि
~ 184 ~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
S
सूत्राक यहां देखीए
200urr"
११२२
४२* १३८७
३
७
१३५३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
४ सुई च लडुं सद्धं च ७ १०४* सुक्कोल्ल उल्लगमणे है सुकडंति सुपरति
३६* सुक्कोल्लपडिग्गहगे सुकडित्ति सुपकित्ति
३१८* सुक्कोल्लसरिसपाए सुकयं आणतिपिव ३ १६२१ सुग्गीवे दढरहे सुकुमालकोमलतले १ ४२* सुग्गीवे नयरंमि अ सुकमाणसुभाविय० ३ ।८७ सुग्गीवे नयरे रम्मे ७ सुकं झाणं झियाइज्जा ___१३७१ सुचिरंपि अच्छमाणो सुकंवरा य समणा- ३ ३५७ सुचिरपि अच्छमाणो ४ सुकाए.लेसाए दो ततियं ३ । ८९ सुचिरंपि०नलथंभो सुकीअं वा सुविकी ५ ३२२० सुचिरपि कडाई सुक्केणऽवि जं छिकं ६ ३७+ सुचिरंपि वंकुडाई ३ सुक्केण सरक्खेणं ६ ५३३ सुचिरंपि०वेरुलिओ ४ सुके सुकं पडियं ६ ३९८ सुच्चाण मेहावि सुभासियं . सुके सुकं पढमो ६ ५६७ सुच्चाण मेहावी सुभासि० ५
TRAGRACHCPN-964964
२४ सुजसा सुन्वया अइरा ५७६ सुहुतरं नासंती ३९७ सुद्दुत्तरमायामा सा ३८८ सुड वाइयं सुहु गाइयं ४०९ सुझुवि सम्मदिही ६०१* सुणियाऽभावं साणस्स ११२५ सुणेह मे एगमणा ७७२ सुणेहि मे महाराय ११२९ सुण्णपरासइ बाहिं ४९४ सुत्तत्थतदुभयविऊ १४१० सुत्तत्थऽकरण नासो ७७३ सुत्तत्यधिरीकरणं ७४९% सुत्तत्थबालवुड्ढे य ४१५* सुत्तत्थं अकरिता
.
Janar
'सवृत्तिक आगम
१
१४५
सुत्ताणि
~185~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
. ३
सत्रायनक्रमः
देखीए
१४०
४००
. ५
दीप क्रमांक के लिए देखीए
नं.अ.आ. सुत्तत्थो खल्लु पढमो
ओ. सुत्तत्थो खलु पढमो द.पि.उ.18सुचस्स अप्पमाणे ॥९ ॥
सुत्तं वित्ती वह वत्तियं सुन्तेसु आवी पडिबुडू० सुद्धपयचा सिद्धी सुद्धपुढवीं न निसीए | सुद्धेसणा व णवाणं 8 सुनिउणमणाइणिहर्ण
सुनघर देउले वा सुन्नं व असइ कालो सुपइहे कुसकुंडिं | सुप्पणिहिअजोगी पुण | सुबहुंपि सुयमहीयं
GRLS
९० सुमइस्स कुमारत्तं ३
२४ सुमई स्थ निच्चभत्तेण ३ ५२५ सुमंगला जसबई +५० सुमिणमवहारऽमिग्गह १२०%* सुमुणियनिचानिश्चं १
२७+ सुय अभिगम नाय विही ६ ३३९* सुयखंचे निक्खेवं २१८* सुयधम्मतित्थमग्गो ।४५ सुयनाणे अणुओगे० ५०४ सुयपडिवण्णा संपइ ३३५ सुयसम्मसत्तयं खलु ३४९ सुयस्स आराहणयाए णं . ३०९ सुर्य मे० इह खलु छज्जीव०५ ९८ सुर्य मे० इह खलु बावीसं०.
२८१ सुया मे णरए ठाणा २९८ सुरगणसुदं समत्तं ३९८ सुरपूडओत्ति हेऊ ४५८ सुरहिपुर सिद्धजत्तो .४०सुरही दोचंगट्ठा छोटूण ४ ३१७ सुरं वा मेरगं वावि ५ १२ सुवणे वीसुबपातो. १३० सुवण्णरूप्पस्स य पव्वया ७
३ सुविदियजगस्सभावो ८५२ सुविहिय दुधिहियं ३ ८५५ मुविहिं च पुप्फतं ३
सुसंमिया कामगुणा इमे ते . १ सुसंवुडा पंचहि सवरेहिं .
१ सुसाणे सुन्नगारे वा .
३ ४
२९७+ १९५* -९३+ २७५* । ३४ ११३४
३* ४७१* ४००% ६८*
॥९
॥
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
३
~186~
Page #187
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
106
१२८
२१
AACACAC
दीप क्रमांक के लिए देखीए
वअणुगमे
सुसाणे सुनगारे वा ७ १३५८*सुहोइभो तुम पुत्ता! . सुस्सूसइ पडिपुच्छह
८८* सुंदरजणसंसग्गी सुस्सूसइ पडिपुच्छह
२२ सूभगदुम्भग्गकरा जोगा ६ मुहदुक्खसंपओगो
६० सूरे उग्गए णमोकारसहितं ३ सुहम्मं अग्गिवेसाणं
२३
सूरे सुदंसणे कुंभे सुहसायगस्स समणस्स ट्र सुहं वसामो जीवामो
सूरोदय पच्छिमाए सुहसाएणं भंते ! जीवे ४३ सूरोदयं गच्छमहं पभाए ६ सहुमा०हत्तो कालविभागं ७ १४९३० सूवोदणस्स भरि सुहुमा०दो चेव वायराणं ५ १०+ से सुजायं सुविभत्तसिंगं . सुहुमा य सव्वलोगंमि १४५१० सेएण कक्षमाई सुहमा लोगदेसे य बायरा ५ १४८४*से कि तं अकसिणखंधे २ बहुमो अ होइ कालो
५५* से किं तं अक्खरसुअं १ सुष्टुमो य होइ कालो ३ ३७ से किं तं अचित्तबोवमे २
१३४* से कि त अचित्ते दव्वसंधे २
से किं तं अट्ठनामे २ से किं तं अणंतरसिद्धकेवळ०१ से किं तं अणाणुगामिनं १ से किं तं अणुगमे से किं तं अणुगमे २ से किं तं अणुगमे से किं तं अणुगमे से कि तं अणुत्तरोववाइअ० १
से कि त अणेगदवियखंधे २ ३११ से किं तं अत्याहिगारे २ ५२ से किं तं अत्युग्गहे १ ३९ से किं तं अपए उवकमे २ ६५ से किं तं अपडिवाइओहिनाणं १
गमे
२
'सवृत्तिक आगम
१६ नया
सुत्ताणि
~187~
Page #188
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
यहा
११२
सूत्राबut
देखीए
अ.आ.
ओ. द.पि.उ. ॥९१॥
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
कॐॐ45454545555
से किं तं अवाए १ मासे किं तं अंगपविलु लासे किंतं अंतगडदसायो १
से किं तं आगमओ दव्वसुअं२ से कितं आगमओ दवावस्सयंर से कि आगमओ भावखंघे २ से कितं आगमतो भावसु २ से किं तं आगमतो भावा. २ से किं तं आणुगामि ओहि०१ से किं तं आणुपुब्बी २ से किं तं आमिणिबोहि० १ से किं तं आयारे से किं तं आवस्सयं २ से किं तं इंदिअपचक्खं १
५ से किं ईहा ... ३१ से कितं. कालाणुपुथ्वी २ १५ से कितं उचिचणापुपुली १ ११५ से किं तं कालिओवरसेणं १ ५३ से किं तं उगहे १ २८ से किं तं कालोषकमे २ ३३ से किं तं सवकमे २ ० से किं तं कुप्पावयणिों द०२
से कि उवणिहिया काला०२ ११४ से कितं कुप्पावयणिवं भा०२ ५५ से कितं नवणिहिआ खेत्ता०२ १०३ से किं तं केवलनाणं. १
३९ से कि उवणिहिया वष्या०२ ९६ से किं तं खोवसमिअं १ . २३ से किं तं उवासगदसामो १ ५२ से किं तं खंधे
१० से किं तं एगणामे २ १२१ से किं तं खेत्तपमाणे . ५१ से कि ओवमिए
१३८ से किं तं खेत्तपलिओवमे २ २६ से किं तं ओहिनाण.१ ६ से किं तं खेत्ताणुपुब्बी ४६ से किं व कसिणखंधे २ ५१ से किं तं खेतोवशमे २
से कितं कालप्पमाणे २ १३४ से किं तं गणणाणुपुब्बी २ ४ से किं तं कालाणुपुथ्वी २ १०४ से कितं गमिअं
६
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~188~
Page #189
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
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सूत्राक
यहां
देखीए
Guru
१०६
200
दीप क्रमांक के लिए देखीए
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से किं तं गुणप्पमाणे
से कि तंगभंगस० २ १०८ से किं तं नवनामे २ से किं तं चउणामे
से किं तं गभगोव० २ १०९ से किं तं नामसुझं से कि तं चउप्पए उवक्रमे
से किं तं गम० अणोवणि०२ १०१ से किं तं नामावस्सयं २ से किं तं छण्णामे
से किं तं णेगम अणो०का २ से किं तं नायाधम्मकहाओ १ से किं तं जाणयसरीरदब्व०२ से किं तं तिनाम
से कितं निक्खेबे २ | से किं तं जाणय०३वन० २ से किं तं दब्बखंचे
से किं तं नेगम अट्ठपय० २ से किं तं जाणय०३दव्यसुअं२ से किं तं दवपमाणे २ से किं तं नेगमभंगसमु० २ से कितं जाणयसरीरव्वाव०२ . से किं तं दब्बसु
से कि त नेगमभंगोवईस.२ से किं तं ठवणावस्सयं
से किं तं दवावस्सयं
१२ से किं तं नेगमववहाराणमणो०२ से किं तं ठवणासु
से किं तं दसनामे
१३० से किं तं नोआगमओ दब्व०२ से कि वे ठाणे
से किं विहिवार १ ५७ से किं तं नोआगमओ व्वा०२ से किं तं गए
१५२ से किं तं दुनामे २ १२२ से किंवनोआगमओ भावखं०२ से किं तं णामे
१२० से कि तं दुपए उवकमे २ ६२ से कितनोआगमतो भावमु०२ से किं तं गम अपय० २१०७से कितं नयप्पमाणे २१४५ से कितनोबागमतो भावा०२
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'सवृत्तिक आगम
orrent
सुत्ताणि
~189~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
अ.आ.
२१
सूत्रावतुक्रमा
देखीए
ब
॥ ९२॥
दीप क्रमांक के लिए देखीए
से किं तं नोइंदिअपञ्चक्खं १
से किं तं धारणा FIसे किं तं पएसणिफण्णे २
से किं तं पच्चक्खं से किं तं पडिवाइओहि. से कि तं पण्डावागरणाई १ से किं तं पमाणे
२ से किं तं परम्परसिद्धकेव० १ से किं परुक्खनाणं .१ से किंतं पंचनामे २ से किं तं पुव्वाणुपुवी २ से किं तं भवपञ्चइअं १ से किं तं भविअसरीर० २ से किं तं भविअसरीर०दल्या०२
५ से किं तं भावखंधे
से किं तं भावप्पमाणे १३५ से किं तं भावसुझं
से किं तं भावाणुपुब्बी २ १४ से किं तं भावावस्सयं २ ५५ से किं तं भावोवकमे २. १३१. से किं तं मणपज्जवनाणं १ २२ से किं तं मिच्छासु १
से किं तं मीसए दव्वखंघे २
से किं तं मीसए दबोवक्कमे २ ९७ से किं तं लोइ दवा० २
से किं तं लोइ नोमा.२ ३६ से किं तं लोइयं भावा० २ १७ से किं तं लोउत्तरि नो० २
५४ से किं तं लोगुत्तरि दव्या०२ १४३ से किं तं लोगुत्तरि भा० २
से किं तं वड्डमाणयं १ से किं तं वत्तव्वया से किं तं वंजणुग्गहे १
से किं तं विभागनिष्फण्णे २ १७ से किं तं विवागसुझं ४२ से किं तं विवाहे
से किं तं सचित्ते वव्वखंधे०२
से किं तं सचित्ते व्वोव० २ १९ से किं तं सत्तनामे २ ४१ से किं तं समए २ २५ से किं तं समवाए ४२ से किं तं समोआरे
mRMA
'सवृत्तिक आगम
१३७ ४९
॥९
॥
सुत्ताणि
~190~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक यहां देखीए
AAKAA
१
दीप क्रमांक के लिए देखीए
से कि तं समोआरे २ से कि तं समोआरे से कि वं सम्मसु से कि त सं० अट्ठपयपरू० २. से कि तं सं०अणो०काला०२ से किं तं सं० अणो०खित्वा २ से किं तं सं० अणोदव्वा २. से किं तं संखप्पमाणे २ से किं तं संगहस्स अट्ठपय०२ से किं तं संगहस्स समो० २ से किं तं संठाणाणुपुब्वी २
से किं तं संणिसुर्य १ Xसे किं तं सं०भंगोवदसणया २
से किं तं साइ सपज्जव० १
4945444MAGENA
१४९ से किं तं सामायारीआणु० २ ७९ से किं तं सिद्धकेवलनाणं १ ४१ से किं तं सुअनिस्सिनं १
से किं तं सुतं ?,२ चउब्विहं २ ११२ से किं तं सुयनाणपरोक्खं १ १०२ से किं तं हीयमाणयं ओहि.१
९० से किं तं सूझगडे १ १४६ से गामे वा नगरे वा ५ ११३ से चुए बंभलोगाओ...
९४ से जाणमजाणं वा ११७ सेनं ठाणं च जदा ३ ४. सेनं ठाणं च जहिं ३ .९३ सेजंभवं गणधरं ५ ४३ सेज्जातरेऽणुभासह
११८ सेवा निसीहियाए २० सेणावई पसत्थारं २७ सेणाहिबई भोइय २९ से तं अंगपविट्ठ ३८ से तं केवलनाणं १३ से तारिसे दुक्खसहे ४७ से नूर्ण मए पुव्वं ६१% से मिक्खू०एगओ वा ५ ५७६७ से मिक्खू०कीडं वा पर्यग० ५ ३६५ से मिक्खु० दिआ वा०५ ६९६ से मिक्खू०संजयविरय० ५ ६९५ से भिक्खू० सुत्ते वा जागरे ५ .१४ से मिक्व०से बीएसु वा ५
+ सेयपुरं रिद्वपुरं
-११
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
~191~
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहा
सूत्राबन
देखीए
२३५+
दीप क्रमांक के लिए देखीए
नं.अ.आ. सेयवि पोलासाढे ३ १३०४|सेसेवि पुच्छिऊणं
मो. सेयंगुलि बगुडावे ६ ४७१ सेसेसु अवटुंतो द.पि.उ.४ सेयं सुजाय सुविभत्तसिंग ३ २११+ सेसेसु य पडिक्क्खो ६ ॥९३४ | सेलघणकुडग
१ ४४० सेसेहि उ दब्बेहिं सेलघणकुडगचालणि ३ १३९ सेसेहिं कापहिं तीहिवि ६ सेवामि सेलकाणण. ३ १२७९ सोअग्गिणा आयगुणिधर्ण णे . सेसं सुत्ताफास
६०+ सो आपुच्छि अणुभाओ ४ सेसा च जहासत्ति
१४६३ सो आलोइयभोई ४ सेसा उ जहासचि
३ १६१६ सोइंविअरस्सीहिर सेसा उ जहासत्ती ४ ६७ सोइंदियनिग्गहेणं भंते ! सेसा उ दंडनीई ३ .१६९ सो उज्जाणनिसनो | सेसाणं परिआओ ३ ३०१ सोउं उवट्ठियाए ३ सेसाणं मरणाणं नेओ ७ २३२ सो उस्सग्गो दुविहो ३ सेसा विसोहिकोडी ६ ३९५ सोऊण अणाउर्टि ३
३८२ |सोऊण कीरमाणी ३ २८. सोऊण कोंकणस्स य. ४ ६०४ सोऊण तस्स ववर्ण २६६ सोऊण तस्स सो धम्म . ५३५ सोऊण ते अरहओ . ४५० सोऊण तं भगवओ ४३० सोऊण तं भगवओ ५५२ सोऊण य सो धम्म २९८ सोऊण रायकन्ना
७६ सो एव जिप्पमाणो ४७५ सो एवं पडिसिद्धो १७१४ सो कुंडलाण जुयलं १५४९ सो पेव उ निगामणे विही ४ ८७७ सोचा जाणा कालाणं ५
४०३
-50-
___३३+
४७७
८०२
'सवृत्तिक आगम
॥ ९३॥
सुत्ताणि
७३+ ४२७
50
~192
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
सोचाणं फरसा भासा
७
सोचा दहूणं वा बाहिठि ४
सो जिणदेहाईणं
३
19
19
99
७
३
सो दाइ तवोकम्मं
३
सो दाणि सिं राय ! महाणु० ७
३
७
सो तत्थ एव पडिसिद्धो
सो तवो दुविहो बुचो
सो तस्त्र सव्वस्स दुहस्स
सो विह ओहे णामे
सो दाइ तवोकम्मं
नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि
[ स कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
सो देवपरिग्गहिओ
सो देवलोगसरिसे
सो नाम महावीरो
सो विंतऽम्मापियरो
९
10
७३* सोयरस सह गहणं
५१+ सोरिअ सुरंबरेऽवि अ
२७+ सोऽरिनेमिनामो अ
९५६* सोरियपुरंनि तस्सासि
११०४* सोरियपुरंमि नयरे
१२६५* सोरियपुरंमि० समुहविजये
४४+ सोरियसमुह विजए
१६६३ सो लद्धबोहिलाभो
१६६५ सोलस उग्गमदोसा
४२५* सोलस उग्गमदोसे
४६० सोलस चेव सहस्सा २३०* सोलस दक्खा भागा
६५* सोलस रायसहस्सा
६७६* सोलस वासाणि तथा
~ 193 ~
69
薯
69
७
७
७
३
19
६
६
T
10
इ
३
११९० | सोसविभेषणं
१३९१ सोलस सयाणि चउरुत्त०
७८७७ सोबकमो अ निश्वकम ०
४४६ सोबचले सिंघचे ढोणे
७८३* सोवागकुलसंभूजो
७८५* सो वाणरजूहवती
१३९२ सो वानरजूदवई
४१६ सोऽवि अंतरभासितो
६६९ सो विणण उवगओ
४०३ सो वीयरागो कयसव्व ०
४३ प्र० सोधीररायक्सभो
१५० सोवीरा गोरसासव
७१ सो समणो पव्वइभो
१२७४ सो समणो पक्इओ
७
१
10
५
10
३
३
७
३
७
७
1
१२७७*
१४२*
२२६
२४*
३५९४
८४७
१४०३
१०५४*
४२६
१२६२*
५९४*
५४ ४७२
४८२
Page #194
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________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार + ह-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
नं.अ.आ.
४
२७३
सूत्राबक्रमा
देखीए
द.पि.उ.
६
:॥१४॥
सो सोयइ मधुजरासमो सो हम्मई अमचो सोहम्मकप्पवासी देवो सोही उजुभूयस्स सोही चउकभावे सोही पञ्चक्खाणस्स सो होइ अभिगमरुई सो होइ विहगाही
दीप
४
४
क्रमांक के लिए देखीए
३ ८३८ हत्थसयमेग गंता . ३४४ हत्यसयमेग गंता ३ ४९९ हत्थसयं खलु देसो ७. १०६* हत्थसंजए पायसंजए ४ ५७७ हत्थं पायं च कार्य च ३ २४९४ हत्थं मत्तं च धुवे ५ १०८३* हत्थंमि मुहुत्तत्तो ४ २५६+ हत्थमि मुहुतंत्तो
हत्थागया इमे कामा ७ . ७४* हत्थायामं चउरस्स ३ १६७ हत्थिगइणमि गिम्हे. ३ १०४* हविग्गहणमि गिम्हे
४६१ हविणउरं अओझा ५ ३९० हत्यिणपुरमि चित्ता!
३६२ हत्विदुनियलबद्धे
४१ हत्थी छचित्थीओ. ३४४ हत्थी हत्थीणिआओ ४७५* हत्युत्तरजोएणं ३७९ हत्थुस्सेहो सीसप्पणामणं २५५+ हत्यो चित्ता साती ५१ हत्थोवधाय गंतूण ३३ हयमारूढो राया। १३३ हयं नाणं कियाहीणं १८१+ हयाणीए गयाणीए ४५४ हरिअच्छेयण छप्पइय
८३ हरिए बीए चले जुत्ते ३२३ हरिए बीएमु वहा अणक ४३३* हरिएसनामगोडं
३७७ ३९५
५४९%23
११.
हओ ण संजले मिक्खू दहकारे मकारे धिक्कारे
इहस्स अणवगलस्स हत्यकप्प गिरिफुल्लिय हत्थपायपलिच्छिन्नं
'सवृत्तिक आगम
३८८
४ ४
॥९॥
३
२०४+
३२०
सुत्ताणि
~194~
Page #195
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________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
मुनि दीपरत्नसागरेण
हरिएसा गोदत्ता
हरिएसा पंडाला
हरियाइअनंतरिया
हरियालभेयसंकासा हरियाले हिंगुलुए हरिसद सेयवियाए
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ ह-कार ]
पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
इले इलेति अभिि
हवाइ उ असक्षमोसा
७
३४१ हिअमिअअफरुसवाई
७
३२३ हिडिमाहिट्टिमा चैव
६
५५७ हिमतेणसावयभया
७ १२९९* हियरण संकिरणं
१४४७* हिययंमि समाहे
५१६ हियं विगयभया बुद्धा
७
३
५.
५
हवइ पयावर बंभो
३
हवइ पुर्ण सत्तमी सं
२
दसिअ उलिअ उवगूहिज ५
हंदि धम्मत्थकामार्ण हारियगुतं साइं
हासं खिङ्गं रई दुष्पं
५
१
७
हिरण्णं जायरूवं च
हिरण्णं सुवणं मणिमोत्तं
२९३* हियाहारा मियाद्दारा
२८३ हिवाहारा मियाहारा
४११
७
६२ २६४ हिरिली सिरिली सिस्सिरीली ७.
२१३* हिंगुलुयधाड़ संकासा
२६* हिंसत्यं जुजंतो
५१५* हिंसाए पडिवक्खो
५
७
४
६
~195~
६
७
४
६
10
३२४ हिंसालियचोरिके
१५८५* हिंसे बाले मुसाबाई
७.
१२ हिंसे वाले मुसाबाई ५२७ दीणा वा अहिया वा
२७+ हीलेज व खिंसेन व
२९ हुआसणे जमि
५७९ हुआ कहं सिद्धं वादि
६४८ हुंडे चरितभेदो
१३६५* हुंति उवंगा कण्णा
२७३# देउप्पमवो बंधो १४७०* ऊदाहरणासंभवे य
१२९८७ देद्वावणि कोसलगा
४
७५७ हेडिडाण चढत्यं
५ ४५ हे भो इलिति अनित्ति
४
19
6
२
४
७
५
४
७
७८८
१३६*
१८२*
९८*
६८+
६५७*
१२४*
६८९
१९०
४६+
1 ४८.
६१९
२९७
२९६*
Page #196
--------------------------------------------------------------------------
________________
आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप क्रमांक
के लिए
देखी
'सवृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ.
ओ.
द. पि. उ.
॥ ९५ ॥
४
*
४
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ह-कार ]
मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
हेरणिए करिसए
हेरन्निए करिसए
होइ पविति निवित्ती
होइ पसत्वं मोक्खरस
होइ भयंतो भयअंत० होम न व होऊ लंभो
१
३
३
३
३
४
७० ९४७
७४६ होमि नाहो भयंताणं
होन सिआ उद्धरिअं होमायवितहकरणे
७४१ होहिति वासुदेवा
१८४+ दोही अजिओ संभव
५३७ होही ते विणिवाओ
४
६
9
~ 196 ~
३
५८८ |होही पोसवणा ४३९ होही सगरो मघवं
७०९० होति कमविसुद्धाभो | होंति पहुप्पन्नविणास० ३९+ होति पुण अहियपुरिसा ३७० होति विछे दो दोसा १२७३ होति सुहासवसंवर०
॥ इति नन्द्यादिसूत्र सप्तकस्य गाथायनुक्रमः ॥
३
१६६२
३७४
६६ ६९
९७*
१८३+
। ९३
मुनिश्री दीपरत्नसागरेण पुनः संपादितः “उपांग- प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादि" परिसमाप्ताः
सूत्राद्यतुक्रमः
।। ९५ ।।
Page #197
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________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नम: पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च नन्द्यादिगाथाद्यकारादि (किंचित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: “नन्दी-आदि गाथादि-अकारादिः” नाम्ना परिसमाप्त: Remember it's a Net Publications of 'jain_e_library's' ~1974