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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
रावृत्तिक
आगम
सुत्ताणि'
नं. अ. आ. ओ.
द. पि. उ.
॥ ७१ ॥
मुनि दीपरत्नसागरेण
भावे पसत्थमियरं
भावे पसत्थमियरो
भावे पावमिणमो
भावेसणा उतिविहा
भावेसणा उ दुविहा
भावे सब्वोदइओदय० भावेसु जोगेहिं भासगपरित० भासंतमूढसंकिय इंदिय०
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि
[ भ-कार ]
संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य)
भासा असथमोसा
भासाइ दोसे अ
भासासमसेढीओ
भासासमसेडीओ
मिउडीविडंबिअभुहो
७
७
६
५
३
७
४
३
५
१
३
२
पुनः
१५४६ | मिक्खद्गसमारंभ
९ मिक्खविसोही तव ०
३८७ भिक्खरसवि य अवेला
७७ मिक्साइगओ रोगी
२४० मिखाई वर्णते
१८९ + भिक्खागाही एगत्थ
१२४४* मिक्खामित्ते अ विया०
१५ भिक्खामेचे अवियालणं
६५२ भिक्खायरियाइ सुज्झइ
११०६ भिक्खालसिए एगे
.३३३७ मिक्खियव्वं न केयब्वं
७९* भिक्खुस्स य निक्लेवो ६ भिक्खू जहन्नगंमी
७१* भिक्खूणं बहुसुएऽहंति
~ 148~
६
५.
४
६
६
६
६
४
३
७
७
५
६
३
३१९ भिक्खेण न मे क
२२ भिक्खे परिहार्यते
२१६+ भिजिन लिप्यमाणं
४५७ भिन्नविसयं निसिद्ध
४३०
भिसिणीपतेहि अरे
२८४ भिदंतो अजह खुई
५९७ मी दुअं उप्पच्छं
४७० भीमट्टहासहत्थी
१५२२ मीया व सा तहिं दहुं
१०५३* भुओरगपरिसप्पा
१३६७७ भुमि पढमकप्पे
३
३
५
२
३
७
७
४
३३४ मुत्तामुत्तसमुत्था
४
३५८ भुत्ता रसा भो ! जहाइ णे ७
+५८
भुत्ते वियारभूमी
४
४८१
४५+
४०६
१२३९
२००
३४५
४७
११२x
८१७*
१५५४*
५९२
२२९
४७२*
५०९
सूत्राधनुक्रमः
॥ ७१ ॥