Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 120
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' नं.अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ५७ ॥ मुनि दीपरत्नसागरेण नरिंदजाई अहमा नराणं न रूवलावण्णविलासहासं न बओ एत्थ पमाणं नवकम्माणायाणं नव काल बेल सेसे नव किर चाउम्मासे नवकोढिपरिसुद्धं नवगनिवेसे दूराउ नव चैव अट्ठारसगं नव चैवद्वारसगा नव चैव तहा चउरो नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि [ न-कार ] पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) नवणीओगाहिमए नवणीय मंथु तकं व नवमास कुच्छीइ धालिया ७ 19 ३ ३ ३ ५ ४ ६ ६ ७ ३ ६ ७ ४२३* नव वाससए वासाहिए ७ ११६९* न वा लमिज्जा निडणं सहायं ७ ७१५ नवि अत्थि नवि अ होहि ७ ३३ नवि अत्थि माणूसाणं २२८+ नवि ऊणा नवि रित्ता ५२८ नवि जाणसि वेयमुहं १० नचि तं सत्यं व विसं २९२ नवि पुरओ नवि मग्गओ ४०२ नवि मुंडिएण समणों २४५ नवि संखेषो व वित्वारू ४० न सम्ममालोइअं हुजा १६९८ न सयं गिहाई कुव्विज्जा २८२ न सा ममं वियाणार १३६ न सो परिग्गहो बुत्तो ~ 120 ~ ३ ४ ७ 8 ४ ७ ५ ७ ५ ४५० न हु पाणवहं अणुजाणे १९६०* नहु सुजाई ससल्लो ४ ३०९ नहे व कुंचा समझकर्मता. ७. ९८० नंदणे सो उ पासाए ७ १६६ + नंदी अ खुडिआ पूरिमा ९५८# नंदिअणुओगदारं ८०४ नंदी तूरं पुण्णरस ३९ नंदी तूरं पुण्यस्स ९७७* नाइउथे नाइनीए १०१८ नाइदूरे अणासणे १५०* नाड नियट्टणकाले १३६०* नाऊण निच्छियमई १०५५* नाऊण य सम्भावं २२९# नाऊण वेअणि ७. २ ‍ ४ ४ ७ ७ ३ 要 २१५* ७९९ ४७६* ६०३* -४१* १०२५ ८५+ १०९+ ३४* ३३* ५५५ ४१७ ११५४ ९५४ सूत्राधनुक्रमः ॥ ५७ ॥

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