Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत सूत्रांक
यहा
नं.अ.आ.
४ .
सूत्रायनक्रमः
देखीए
३ ५ ४ ३
४५०
द.पि.उ.
३
दीप
७
क्रमांक के लिए देखीए
पंचासीई पण्णत्तरी अ |पंचिंदिआण पाणाणं पंचिंदिएहिं गुत्तो पंचिंदिएहिं जा सा पंचिंदियकायमगओ पंचिंदियतिरिक्खा उ
पंचिंदिया उजे जीवा कापंचिंदिवाण दवे
पंचिंदिवाणि कोई पंचेव अद्धपंचम पंचेव आणुपुवी पंचेव य खीराई पंचेव य सिप्पाई पंडगअप्पडिसेवी
४०६ पंतं असहू करित्ता २९८* पंतं सयणासणं भइत्ता २८१ पंताणि चेव सेविजा १२९३ पंथन्भासे य ठिओ ३०२२ पर्थ किर देसित्ता
पंयं च मासवासं १५२८७
पंथं तु वञ्चमाणा १४४७३ २६३
पंथुच्चारे उदए
चार पंथेणेगो दो उप्पहेण ७८ पंसू अचिचरमो १७०२ पंसू अ मंसरुहिरे २०७ पाईणं पडिणं वादि ४७२ पाउग्गाईणमसई ६०१ पाउग्गायरियाईकह
३६+ पाउयदूरूढपडणं ४९७७ पाएण देह लोगे २१९ पाओकरणं दुविहं
२० पाओसि अडरते उत्तर० १४६ पाओसियअद्यरत्ते
७०+पागडपयासकरणे ३२६ पागारं कारइत्ताणं १४४. पाडलिपुत्त महागिरि २४८ पाडलिपुत्च हुयासण १४२९ पाडिच्छगसेहाणं नाऊणं १४२८ पाणवहमुसावाए २४२* पाणादिरेणुसारक्खण० २४६ पाणियातवनियमा २२९+ पाणिवहमुसावाए
१३८०
१३९६
४
१६३५
'सवृत्तिक आगम
५ ४
४
७२५
२९+ २४+
सुत्ताणि
४
~136~

Page Navigation
1 ... 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197