Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
६
२०६+
यहां
२
देखीए
३००*
FM
३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
परस्स तं देइ सए व गेहे परिअरसंघेण भई परिअरवंघेण भडं परिआओ पञ्चज्जा .. | परिक्खभासी सुसमाहि. परिगलमाणा हीरेज परिजाणिऊण जीवे परिजाणिऊण य जओ | परिजुग्नेहि वत्येहिं परिजूरइ० घाणवले परिजूरइ० चक्खुबले परिजूरइ ते सरीरवं परिजूरइ० फासबले परिजूरइरसणबले
४५४* .४६० ३४८
३ ३
SAWAAAEARSAX
३५२ परिजूरइ०साबले ८४० परिजूरिअपेरंतं ११६४ परिणिव्या गणहरा ४१२ परितंतो वायणाए ३२४* परिपिडियमुल्लाबो १७६+ परिभासणा उ पढमा ८७८ परिमंडल संठाणे ३३ प्र० परिमंडले य वट्टे
६० परिमिअमत्तगदाणे ३१२७ परियट्टणवाए णं भंते ! ३११* परियट्टिए अभिहडे ३१०* परियट्टियलावणं ३१४* परियटुंपि दुविहं ३१३७ परियाय परिस पुरिसे
७ .३१५% परियाय बंभचेरं
३ २ १२० परिवाडिएण चिडिजा .
६५८ परिवूदत्तिणं बूआ . . ५
१२० परिवेसणपंतीए ६ ४९५ परिवयंते अनिवत्तकामे ७
३ + परिसडियपंडुपत्तं ७ १४१५* परिसेयपियणहत्वाइ० ४ ७ ३८ परिसेयपियणहत्याइ. ६
१३८+ परिहीणं तं दवं . ४ . ३५ परीसहरिऊ दंता ५ ६ ९३ परीसहाणं पविभत्ती . ३०७ परीसहा दुव्विसहा अणेगे . ६ ३२३ परेसु गासमेसिजा. ३..११४० पलालं फासु तत्य .
666666
४९*
७७५%
'सवृत्तिक आगम
८४८%
सुत्ताणि
~133~

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