Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आगम संबंधी साहित्य
नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक यहां देखीए
नं.अ.आ.
८७९
55%
खत्राबनुक्रमः
سه
.पि.उ.
و
॥६१॥
سه
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
पउमाभवासुपुज्जा ३ पउमुत्रे महाहरि पउमुप्पले अकुसलं |पउरन्नपाण पढमा पक्षणकुले वसंतो पक्खंदे जलियं जोई | पक्खे उस्सासाई पुरतो ४ पक्खेव डहणमोसहि ३ पगई मंदावि भवंति एगे ५ पगई एस गिहीणं पगई एस दुमाण ५ | पगइठिईअणुभार्ग . | पगडीण अण्णासुवि | पगये तु भावचरणे .
३७६ पगामं च निगामं च ४०० पथक्खाएण कया
पञ्चक्खाणमिणं १३२१ पञ्चक्खाणमिणं सेविऊण ११२४ पचक्याणस्स फलं ११* पञ्चक्खाणं उत्तरगुणेसु १५३+ पञ्चक्खाणं जाणइ ११४ पञ्चक्खाणं पञ्चक्खाओ ४०१ पञ्चक्खाणमि कए ११५ पच्चक्खाणं सब्वन्नुदेसि० १०९ पचक्याण सेयं ५३६ पञ्चक्खाणं सेवं
पञ्चक्खाणा विउस्सग्गे ५२१ पञ्चक्खाणेणं भंते ! .
६ ६४४ पञ्चक्खे दहणं जीवाजीवे ३ ३ १७०९ पचयओ य बहुविहो ३ २३७ पञ्चयणिक्खेवो खलु ३ १७१७/पञ्चयत्थं च लोगस्स ३ १७१६ पञ्चवाया वालाइसाबया ३ १६५९ पञ्चति तावसीओ
२५१+ पचुप्पण्णग्गाही ३. १६५२ पत्रुप्पन्नग्गाही उजुसुओ २ ३ १६९० परसिपरंमुह० । ३ २५०+ पच्छावि ते पयाया ३ १४४४ पच्छासंथवदोसा. ६
१७७ पच्छा०सिआ तत्थ व कप्पा ५ ३ १३७४ पज्जवकाओ पुण हुंति ३ . २७ पजं तु होइ तिविहं ५
'सवृत्तिक आगम
555555
१५४० १७४
सुत्ताणि
~128

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