Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 45
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' मुनि दीपरत्नसागरेण एएसिं० गंधओ० एएसिं० चेव० विहाणाई एएसिं० चेव० संठाणा एएसिं० तं बवहारिअस्स एएसिं० तं सुहुमस्स अद्धा० एएसिं० वं सुहुमस्स खेत्त० एएसिं तु विवखासे एएसिं पाणं नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि [ ए-कार ] संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) एएसिं वन्नओ० संठाणा० एएसि० विद्वाणाई 1 ७ ७ २ २ २ ७ ७ एएसिं० भविन दसगुणिया २ एएसिं०रसफासभ० एएसिं०रसफासओ सहस्स० ७ एएसिं वनओ चैव ७ ७ ७ पुनः १४९८७ | एएसि विहाणाई सहस्ससो ७ १५६६* एएसि विहाणाई सहस्ससो ७ १५०८* एएसिं० संठाणादेसओ ७ ११३* एएसिं० संठाणा ० विहाणाई ७ ११०* ३ ३ ३ ४ ४ ७ ११४* ११०१* २१०७-१०८ एएस पढममिक्ला एएहिं अद्भभरहं एएहिं अहं लइओ एएहिं कारणेहि उ केह एएहिं कारणेहिं एएहिं कारमेहिं १०९* १५२७* १५४२* एहिं हहिं ठाणेहिं १४५६* एएहिं छहिं ठाणेहिं १६१९* एएहिं जो खज्जइ १५१७* एएहिं विद्विवाए ~ 45~ १४८९* एकाणियस्स दोसा १४७८० एकपव्वं पसंसंति १४६४* एकवीसाए सबलेहिं १५७५* एकस्स दोण्ड व संकि० ३२६ एक पाउमां गुरुणो ३६४ एमिवि पाणिवहंमि १२७८ एक व दो व तिथि व ६११ एकरस उ गणरा ३१३ एकारसवि गणहरा सब्बे १६२ एकासणं० अण्णत्थ० ३२५६+ एकिकोऽवि अ तिविहो ५८३ एकरस य पासंनि ४ ३ १२७७ ७६० १ एकेकं तं दुविहं एकेकाऽविय दुबिहा ४ ४ ३ ४ ४ ४ ४ ३ इ ४१३ ७३२ १७ १५८ ७१८ ५३ ५५८ २६९ ५९२ ‍ ५३ ४ ४८५ ४ ६ දි ५३६ २७९ ४२९

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