Book Title: Nandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 116
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ५५ ॥ नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि [ द-कार ] पुनः संकलिता नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) मुनि दीपरत्नसागरेण देवलोगसमाणो अ देवा चव्हा वुत्ता ५ देवाणं मणुआणं च देवाणुअत्ति भत्ती देवादीयं लोयं ३ ३ ७ ७ | देवा भविताण पुरे भवंमी ७ देवाभिभोगेण निओइएणं देवाय देवलोगम्मि देवासुरमणुपसुं अरिहा देविंदचकवट्टितणाइ देविंदवंदिएहिं ३ ३ देवी अ नागदत्ता देवी सुमंगलाए देवे णरए य गओ ५. ७ ३ ७ ३ ७ ४९१* देवे अणुट्टे दु १५७६* देवेहिं संपरिवुडो ३२७* देवो चुओ महिडीओ ५८३ देसियदंसियमग्गो २१७+ देसिय राइय पक्लिय ४४१* देसिय राइय पक्लिय ३७९* देसियं च अईयारं ४१२* देसूणगं च वरिसं ९२२ देहनसरीरेण व ।९ देहमइजसुद्धी ७७४ देहविवित्तं पेच्छ ३३८ देहि इमं मा सेसं ४X देहिंदियाइ रिसो देहिंदियाइरितो ३०३ ~ 116 ~ ३ ३ ३ ३ ३ ३ ७ ३ ४ ३ ६ ५ ५ ८२७ देहो सभोतिओ खलु ६५+ दो अञ्झयणा चूलिय ५१४ दोओणयं अहाजायं १५६९ दो चैव मत्तगाई १५९८ दो चैव य छट्टसए १६२६ दो चैव सागराई १०३०* दो चैव सुवणे मुं १९८९ दो मेव नमुकारे २५३+ 'दो छच सत्त अट्ठ व १५६९ दोणि उ दुद्धरिसतरा । ९२ दोणि तिहत्थायामा २३३ दोन्हं वरमहिलाणं १४+ दोनि उ साहु समत्था ३८+ दोन दिव ५ ५ ३ ३ ३ ७ ३ ३ ३ ४ ४ ३ ६ १५+ . २४ १२१४ . ७०५ ५३३ १५९४* १६५ १६९५ १६९४ २२०+ ३१९+ ६०+ ५१५ १३२८ सूत्राद्यनुक्रमः ।। ५५ ।।

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