Book Title: Namaskar Mantrodadhi Author(s): Abhaychandravijay Publisher: Saujanya Seva Sangh View full book textPage 8
________________ ( ७ ) आत्म रक्षा, अथवा कर्म क्षय निमित्तादि में यह मन्त्र अत्यन्त चमत्कारी है । मनो वाञ्छना पूर्ण करने वाला व सर्व प्रकार को ऋिद्धि सिद्धि को देने वाला है। ॥ वशीकरण मन्त्र (१) ।। ॥ ॐ ह्रीं नमो अरिहन्ताणं ।। ॥ ॐ ह्रीं नमो सिद्धाणं ॥ ।। ॐ ह्रीं नमो आयरियाणं ॥ ।। ॐ ह्रीं नमो उवझायाणं ॥ ॥ ॐ ह्रीं नवो लोए सव्व साहूणं ।। ॥ ॐ ह्रीं नमो गाणस्स ।। ॥ ॐ ह्रीं नमो दंसरणस्स ॥ ॥ अमुकंमम वशीकुरुकुरु स्वाहा ।।१६।। इस मन्त्र को साध्य करने के बाद जिसको आधीन करना हो "अमुकं" के बजाय नाम लेकर जाप्य किया जाय सवालक्ष जाप्य पूर्ण होने पश्चात् इक्कीस बार जाप्य करे और प्रति जाप्य वस्त्रे या पघडी के पल्ले ग्रन्थी(गांठ) देते जांय तो कार्य की सिद्धि होती है। ॥ वशीकरण मन्त्र (२) ।। ॥ ॐ नमो अरिहन्तारणं ॥ ॥ ॐ नमो सिद्धारणं ॥ ॥ ॐ नमो आयरियारणं ।। ॥ ॐ नमो उवज्झायारणं ।। ॥ ॐ नमो लोए सव्व साहूणं ।। Scanned by CamScannerPage Navigation
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