Book Title: Namaskar Mantrodadhi
Author(s): Abhaychandravijay
Publisher: Saujanya Seva Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 21
________________ ( २० ) ॥ द्रव्य प्राप्ति मन्त्र ।। ॐ ह्रीं अरिहन्ताएं सिद्धाणं, सूरीणं आयरियाणं, उवज्झायारणं, साहूरणं मम ऋद्धि वृद्धि समिहितं कुरु कुरु स्वाहा ॥५१॥ इस मन्त्र को नित्यप्रति प्रातःकाल मध्यान्ह, और सायंकाल को प्रत्येक समय बत्तीस बार स्मरण करे तो सर्व प्रकार की सिद्धि और धन लाभ होता है, कल्याणकारी मन्त्र है। ॥ ग्राम प्रवेश मन्त्र ।। ॐनमो अरिहन्ताणं, नमो भगवइये चन्दाइये महाविझाए सत्तठाए गिरे गिरे हुलु हुलु चुलु चुलु मयूरवाहिनिए स्वाहा ॥५२॥ इस मन्त्र का जाप्य पोष वद दशमी के दिन उपवास करके करना चाहिये, कम से कम एक सौ बार तो अवश्य करे और उत्तर क्रिया कर सिद्ध कर लेवे, तत्पश्चात् ग्राम प्रवेश समय में सात बार जाप कर जिस तरफ का स्वर चलता हो वही पांव पहले उठा कर ग्राम प्रवेश करे तो लाभ प्राप्त होता है । साधू मुनिराज स्मरण करे तो अन्नादि का लाभ होता है और सत्कार पाते हैं । ॥ शुभाशुभं जानाति मन्त्र ।। ॐ नमो अरहि ॐ भगवउ बाहु बलीस्सय इह समरणस्स अमले विमले निम्मल नाण पयासिणि ॐ नमो सव्व भासइ अरिहा सव्व भासइ केवली एएणं सच्च वयोरणं सव्व होउ मे स्वाहा ॥५३॥ । इस मन्त्र का ध्यान कायोत्सर्ग में खड़े हुवे करे और ध्यान पूर्ण कर भूमि संथारे सो जावे तो स्वप्न में शुभाशुभ का भास होता है। Scanned by CamScanner

Loading...

Page Navigation
1 ... 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50