Book Title: Namaskar Mantrodadhi Author(s): Abhaychandravijay Publisher: Saujanya Seva Sangh View full book textPage 4
________________ ( ३ ) ।। मुख पवित्र कररण मंत्र ॥ ॐ नमो भगवते झीँ ह्रीं चन्द्रप्रभाय चन्द्र महिताय चन्द्र मूर्त्तये सर्व सुख प्रदायिन्यै स्वाहा ॥ ७ ॥ इस मन्त्र द्वारा निज के मुख कमल को पवित्र बनाना, गम्भीरता, सरलता, नम्रता आदि का भाव धारण करना । ॥ चक्षु पवित्र करण मंत्र ॥ ॐ ह्रीं क्षीं महामुद्र कपिलशिखे हां फट् स्वाहा ॥ ८ ॥ इस मन्त्र द्वारा निज के नेत्रों को पवित्र करना और नेत्रों में स्नेह भाव सरलता का प्रकाश हो इस प्रकार नेत्र शुद्धि करना ! || मस्तक शुद्धि मंत्र ॥ ॐ नमो भगवती ज्ञान मूत्तिः सप्त शत क्षुलकादि महाविधाधिपतिः विश्व रूपिणी ह्रीं ह्र क्षीं क्षाँ ॐ शिरस्त्रारण पवित्रों करणं ॐ गमो अरिहंताणं हृदयं रक्षरक्ष ह्र. फट् स्वाहा ॥ ६ ॥ इस मन्त्र द्वारा मस्तक निर्मल करना और शुद्ध हृदय से यथा साध्य आराधन करना जिससे मन्त्र तत्काल सिद्ध होता है । ।। मस्तक रक्षा मंत्र ॥ ॐ गमो सिद्धाणं हर हर विशिरो रक्ष रक्ष ह्रीं फट् स्वाहा ।। १० ।। इस मन्त्र द्वारा मस्तक रक्षा की भावना भायी जाय । || शिखा बन्धन ' मंत्र ॥ ॐ गमो प्रायरियागं शिखां रक्ष हौं फट् स्वाहा ।। ११ ।। Scanned by CamScannerPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 50