Book Title: Namaskar Mantrodadhi
Author(s): Abhaychandravijay
Publisher: Saujanya Seva Sangh

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Page 2
________________ 14. ME5272 श्री नवकार महामन्त्र ॐ नमः सिद्धभ्यः ॐ नमः पञ्च परमेष्टिभ्यो नमः श्री नवकार महामन्त्र कल्प लिख्यते । आत्म शुद्धि मन्त्र ॥ ॐ ह्रीं नमो अरिहन्ताणं ॥ ॥ ॐ ह्रीं नमो सिद्धाणं ॥ ॥ ॐ ह्रीं नमो आयरियाणं ॥ ॥ ॐ ह्रीं नमो उवझायारणं ॥ ॥ॐ ह्रीं नमो लोए साहूरणं ॥१॥ मन्त्र का जाप करने वाले को प्रथम आत्म शुद्धि के लिए उपर लिखे हए मंत्र का एक हजार आठ जाप कर लेना चाहिये बाद में प्रवेश करना । ॥ इन्द्राह्वानन मंत्र ॥ ॥ॐ ह्रीं वज्राधिपतये आँ हाँ ए हूँ ह्रौं श्रूह क्षः ॥२॥ इस मन्त्र का इक्कीस बार जाप्य करके प्राण प्रतिष्ठा करना ___ चाहिये और बाद में इसी मन्त्र द्वारा निज़ की चोटि (शिखा) Scanned by CamScanner

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